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Saturday, December 17, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/12/17
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


जॉब में निरंतरता बनाए रखने के लिए इन बातों पर गौर फरमाएं

Posted: 16 Dec 2011 08:30 AM PST

बेहतर जॉब पाना आसान काम नहीं है, पर उससे भी मुश्किल है जॉब में बने रहना और लगातार अच्छा प्रदर्शन करना। इसी के मद्देनजर किसी भी ऑफिस में शुरू के कुछ सप्ताह या महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने से ही बात बनेगी।

- नए जॉब के कारण स्वाभाविक रूप से आप उस संस्थान के माहौल से परिचित नहीं होते हैं। इसलिए सर्वप्रथम संस्थान की कार्यशैली को समझने की कोशिश करें। इसके अलावा आपके समकक्ष जो कर्मचारी हैं, उनके रुटीन को भी बारीकी से परखें। इससे काम के ढंग को समझना आपके लिए आसान हो जाएगा।

- ऑफिस में आपके काम का स्वरूप क्या है, इसको ठीक ढंग से समझें। एकाग्र होकर काम करें। कौन-सा काम कब करना है और कितने समय में करना है, इसका ध्यान रखें। गलतियां न हों, इसका ध्यान रखें। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को लेकर हमेशा सतर्क रहें और काम संबंधी ऑफिस में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।

- सीखने की ललक जरूरी है। ऑफिस की कार्यप्रणाली को जानने-समझने में यदि कोई परेशानी हो तो पूछने में हिचकें नहीं। प्रत्येक कर्मचारी से आपको कुछ ऐसी बातों का पता चल सकता है, जो आपके लिए उपयोगी होंगी।


- काम में तो आपको कुशल होना ही चाहिए, इसके अलावा आपका व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए। न सिर्फ अपने सीनियर्स, बल्कि जूनियर्स के साथ भी आपके व्यवहार में मैनर्स का पालन होना चाहिए। इससे दूसरे कर्मचारी भी आपसे बेहतर बर्ताव करेंगे और आपकी छवि एक अच्छे कर्मचारी की बनेगी।

- ऑफिस में भले ही आप दिन का एक-तिहाई से भी अधिक समय व्यतीत करते हों, फिर भी यह ध्यान रखें कि यह आपका घर नहीं है। इसलिए व्यक्तिगत कार्यों के लिए ऑफिस के टेलीफोन, कंप्यूटर, फोटोकॉपी मशीन, फैक्स आदि का इस्तेमाल न करें। मोबाइल पर घंटों बातें करने और काम छोड़कर इधर-उधर घूमने से आपकी छवि खराब हो सकती है।

- काम और व्यवहार के अलावा ऑफिस में अपने पहनावे पर भी काफी ध्यान दें। ऑफिस के ड्रेस कोड का पालन जरूर करें। यदि कोई ड्रेस कोड निर्धारित नहीं है, तो भी पहनावे में शालीनता बरतें। बेढंगी पोशाकें आपको एक स्मार्ट स्टाफ नहीं बनातीं।

- समय को लेकर भी पाबंद रहें। आने-जाने के लिए निर्धारित समय का पालन करें। यदि किसी काम से आपको ऑफिस से अनुपस्थित रहना हो, तो इसकी सूचना अपने वरिष्ठ को जरूर दें(दैनिक भास्कर,6.12.11)।

एसेसरीज डिजाइनिंगः चलें समय के साथ

Posted: 16 Dec 2011 07:30 AM PST

बदलती लाइफस्टाइल में फैशन सिर्फ पोशाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एसेसरीज का भी उसमें समावेश है। आज एसेसरीज के बगैर न सिर्फ फैशन अधूरा है, बल्कि स्टाइलिश लाइफस्टाइल के लिए भी इनकी जरूरत है। इसके अंतर्गत तमाम चीजें आती हैं, जैसे हैंडबैग, बेल्ट, क्लिप, ज्वेलरी, ग्लास प्रोडक्ट, घड़ियां, गिफ्ट आइटम, टेबलवेयर, वॉल हैंगिंग आदि।

कोर्स कैसे-कैसे

एसेसरीज डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन आदि कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। 12वीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी इससे संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। सभी पाठ्यक्रमों की रूपरेखा इस तरह बनाई जाती है, ताकि इस फील्ड की तमाम बारीकियां, जैसे निर्माण, ट्रेंड, मार्केटिंग आदि समझ में आ जाएं।

अवसर कहां-कहां


ट्रेंड प्रोफेशनल्स को विभिन्न एसेसरीज निर्माता कंपनियों में काम मिल सकता है। इस फील्ड में जॉब के साथ-साथ फ्रीलांसर के रूप में काम करने के भी मौके मिलते हैं। बड़े ब्रांड के अलावा उन कंपनियों में भी अवसर मिलते हैं, जो बड़े-बड़े फैशन हाउसेज अथवा रिटेल ऑउटलेट्स के लिए एसेसरीज बनाती हैं। अनुभव होने के बाद अपना लघु उद्योग शुरू किया जा सकता है या अपना शोरूम खोला जा सकता है।

मुख्य संस्थान

- निफ्ट, नई दिल्ली व अन्य शहरों में केंद्र

- आर्क एकेडमी ऑफ डिजाइन, जयपुर

- इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट, सूरत

- डीआईए, नोएडा

- जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई(दैनिक भास्कर,5.12.11)

रेलवे में बनाएं कॅरियर, देखें भर्ती प्रक्रिया

Posted: 16 Dec 2011 05:30 AM PST

भारतीय रेलवे को दुनिया में सबसे बड़े रेल तंत्र में से एक के रूप में जाना जाता है। इसमें लगभग 14 लाख कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। देश के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ने और रोजाना करोड़ों यात्रियों के अलावा भारी मात्रा में आवश्यक सामानों की ढुलाई करने का श्रेय भी रेलवे को जाता है।

दिलचस्प बात यह है कि 10 वीं से लेकर इंजीनियरिंग - मेडिकल डिग्रीधारकों तक के लिए विभिन्न प्रकार के पद रेलवे के विभिन्न विभागों में हैं। ये भर्तियां रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्डस (आरआरबी), यूपीएससी, आदि द्वारा समय - समय पर संचलित होने वाली परीक्षाओं - साक्षात्कारों के माध्यम से की जाती हैं। आरआरबी विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है। इसके तहत आने वाले पदों को दो वगोर्ं में विभाजित किया जाता है, टेक्निकल व नॉन टेक्निकल।

इसके अलावा रेलवे की सुरक्षा के लिए गठित रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के सब - इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के लिए भी भर्ती परीक्षाएं आयोजित होती हैं। इन सभी पदों की रिक्तियों के लिए समय-समय पर रोजगार समाचार और राष्ट्रीय व क्षेत्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं। रिक्तियां संबंधित रेलवे भर्ती बोडोर्ं की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती हैं। देश में कुल 19 रेलवे भर्ती बोर्ड हैं।

रेलवे में नियुक्ति


ग्रुप ए, बी और सी। ग्रुप ए अधिकारियों की नियुक्ति यूपीएससी के माध्यम से की जाती है। ग्रुप सी से सीधे प्रोन्नत कर ग्रुप बी अधिकारी बनाया जाता है। ग्रुप सी के तहत आने वाले पदों की नियुक्ति आरआरबी के माध्यम से की जाती है। इसके माध्यम से सभी रेलवे जोनों और रेलवे के अधीनस्थ उत्पादन इकाइयों के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जाती है।

टेक्निकल कैडर

इस कैडर के तहत कई तरह के पद आते हैं, जैसे लोको पायलट, मोटरमैन, सिग्नलमैन, आदि। इन सभी पदों पर भर्ती दो चरणों में की जाती है। प्रथम चरण में लिखित परीक्षा होती है जिसमें भाषा ज्ञान, सामान्य ज्ञान, सामान्य बुद्धिमता व अंकगणित से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके अलावा लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र में टेक्निकल कैडर से भी प्रश्न पूछे जाते हैं। 

लिखित परीक्षा का स्वरूप वस्तुनिष्ठ होता है। भाषा ज्ञान में अंग्रेजी और हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़े प्रश्न रहते हैं। सामान्य ज्ञान में स्कूली स्तर के पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न और सम-सामयिक घटनाओं पर आधारित सवाल होते हैं। सामान्य बुद्धिमता में तार्किक प्रश्न पूछे जाते हैं। अंकगणित में पूछे जाने वाले प्रश्न भी स्कूली पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं। 

दूसरे चरण में लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। कुछ पदों के लिए कौशल परीक्षण भी लिया जाता है। ऑपरेशनल सेफ्टी से जुड़े पदों के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाता है। उसके बाद अंतिम में मेडिकल परीक्षण में सफल अभ्यर्थी को नियुक्त कर लिया जाता है।

नॉन-टेक्निकल कैडर

नॉन-टेक्निकल कैडर में वे सभी पद आते हैं, जिसमें तकनीक विशेष से खास सरोकार नहीं है। इसके तहत आने वाले प्रमुख पद हैं - सहायक स्टेशन मास्टर (एएसएम), टिकट कलेक्टर, क्लर्क, गार्डस आदि। इसके लिए भी भर्ती दो चरणों में होती है - लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार/मनोवैज्ञानिक परीक्षण। लिखित परीक्षा में भाषा ज्ञान, सामान्य ज्ञान, सामान्य बुद्धिमता व अंकगणित से प्रश्न पूछे जाते हैं। 

इसके लिए भी लिखित परीक्षा का स्वरूप वस्तुनिष्ठ होता है। भाषा ज्ञान में अंग्रेजी व हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं, सामान्य ज्ञान में स्कूली पाठ्यक्रम व समसामयिक घटनाओं पर आधारित प्रश्न, सामान्य बुद्धिमता में तार्किक प्रश्न तथा अंकगणित में भी स्कूली पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। दोनों चरणों में सफल अभ्यर्थी को अंत में मेडिकल परीक्षण के बाद नियुक्त किया जाता है।

आरआरबी वेबसाइट्स

रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा निकाली जाने वाली रिक्तियों की सूचना उनकी वेबसाइट्स से हासिल की जा सकती है।

रेलवे भर्ती बोर्ड, अहमदाबाद

रेलवे भर्ती बोर्ड, अजमेर

रेलवे भर्ती बोर्ड, इलाहाबाद

रेलवे भर्ती बोर्ड, बेंगलुरु

रेलवे भर्ती बोर्ड, भोपाल

रेलवे भर्ती बोर्ड, भुवनेश्वर

रेलवे भर्ती बोर्ड, चंडीगढ़

रेलवे भर्ती बोर्ड, चेन्नई

रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर

रेलवे भर्ती बोर्ड, गुवाहाटी

रेलवे भर्ती बोर्ड, जम्मू-कश्मीर

रेलवे भर्ती बोर्ड, कोलकाता

रेलवे भर्ती बोर्ड, माल्दा

रेलवे भर्ती बोर्ड, मुंबई

रेलवे भर्ती बोर्ड, मुजफ्फरपुर

रेलवे भर्ती बोर्ड, पटना

रेलवे भर्ती बोर्ड, रांची

रेलवे भर्ती बोर्ड, सिकंदराबाद

रेलवे भर्ती बोर्ड,तिरुवनंतपुरम
www.rrbthiruvananthapuram.net(दैनिक भास्कर,13.12.11)

आईआईएम रायपुर का फैलोशिप और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम

Posted: 16 Dec 2011 03:30 AM PST

आईआईएम, रायपुर ने मैनेजमेंट में फेलो प्रोग्राम के लिए आवेदन मंगवाए हैं। यह प्रोग्राम जुलाई 2012 से शुरू होगा। पीएचडी लेवल के इस फुल टाइम कोर्स में स्पेशलाइजेशन के सब्जेक्ट्स हैं: इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस, फाइनेंस एंड अकॉउंटिंग, मार्केटिंग, ऑपरेशंस मैनेजमेंट, ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर एंड एचआरएम और बिजनेस पॉलिसी एंड स्ट्रेटजी।

विस्तृत जानकारी के लिए आईआईएम, रायपुर की वेबसाइट देखें। चयनित अभ्यर्थियों को कोर्स के दौरान पहले और दूसरे साल प्रति माह 20 हजार रुपए और तीसरे और चौथे साल 24 हजार रुपए दिए जाएंगे। भरे गए एप्लीकेशन एफपीएम ऑफिस, आईआईएम, रायपुर में 31 जनवरी 2012 तक स्पीड पोस्ट से पहुंच जाने चाहिए।

वेबसाइट: www.iimraipur.ac.in

एक्सएलआरआई, जमेशदपुर


एक्सएलआरआई, जमशेदपुर ने मैनेजमेंट में फुलटाइम फेलो प्रोग्राम के लिए एप्लीकेशन मंगवाए हैं। प्रोग्राम जुलाई, 2012 में शुरू होगा। पीएचडी लेवल के इस कोर्स में स्पेशलाइजेशन के सब्जेक्ट्स हैं: इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस, फाइनेंस एंड अकॉउंटिंग, मार्केटिंग, ऑपरेशंस मैनेजमेंट, ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर एंड एचआरएम और बिजनेस पॉलिसी एंड स्ट्रेटजी।
विस्तृत जानकारी के लिए एक्सएलआरआई, जमशेदपुर की वेबसाइट देखी जा सकती है। कांप्रिहेंसिव क्वालिफाइंग एग्जाम को सफलता पूर्वक पास करने तक चयनित अभ्यर्थियों को 20 हजार रुपए प्रति महीने और इसके बाद चौथे साल के अंत तक 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। एप्लीकेशन फॉर्म 31 दिसंबर तक एक्सएलआरआई के ऑफिस पहुंच जाने चाहिए।

वेबसाइट : http://acad.& lri.ac.in/admission


एक्युरेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी

एक्युरेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने मैनेजमेंट के दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस कोर्स के लिए आवेदन करने वाले छात्र का कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है। 

चयन कैट-मैट के स्कोर और इंटरव्यू-जीडी के आधार पर किया जाएगा। अनुभव को भी वरीयता दी जाएगी। फॉर्म और ब्रॉशर 1,150 रुपए का ड्राफ्ट द्वारा भुगतान कर प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा फॉर्म डाउनलोड भी किए जा सकते हैं।

वेबसाइट: www.accurate.in


ई - मेल: admissions@accurate.in(दैनिक भास्कर,रायपुर,12.12.11)

झारखंडःसचिवालय में काम ठप,मैदान में जुआ

Posted: 16 Dec 2011 03:05 AM PST

नेपाल हाउस डोरंडा सचिवालय में झारखंड सरकार के करीब डेढ़ दर्जन विभागों के दफ्तर हैं। सूबे के दोनों डिप्टी सीएम हेमंत सोरेन और सुदेश महतो का दफ्तर भी यहीं है। तीन चार मंत्री भी यहीं बैठते हैं। छोटे बड़े करीब तीन हजार कर्मचारी यहां काम करते हैं। इसके बावजूद नेपाल हाउस से महज 50 फीट की दूरी पर खुलेआम हर दिन जुआरियों की महफिल जमती है।


बिना किसी डर भय के नेपाल हाउस में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी लंच आवर में ताश के पत्तों में डूब कर जुआ खेलते नजर आते हैं। इनके चेहरे पर न पुलिस का डर दिखता है और न समाज का। स्थानीय लोग भी इसमें शामिल होते हैं। नेपाल हाउस सचिवालय के दफ्तर दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे तक खाली रहते हैं। लंच के नाम पर कर्मचारी निकलते हैं, तो साढ़े तीन बजे तक गायब रहते हैं। इस दौरान कुछ तो घर चले जाते हैं, जबकि ज्यादातर पास के ही मैदान में ताश व जुआ खेलते हैं।

दोपहर 1.00 से 3.30 बजे तक रहता है जुआरियों का जमावड़ा 
दोपहर एक बजते बजते जुआंरियों की भीड़ नेपाल हाउस के सामनेवाले मैदान में उमड़ने लगती है। देखते ही देखते मैदान जुआंरियों से भर जाता है। नेपाल हाउस में लंच का समय एक बजे से तीन बजे के बीच आधा घंटा के लिए हैं। इस बीच कोई भी कर्मचारी आधे घंटे का इस्तेमाल लंच के लिए कर सकता है। लेकिन अमूमन कर्मचारी दो से ढाई घंटे का पूरा समय लंच आवर में निकाल देते हैं। इतना ही नहीं नेपाल हाउस में कर्मचारी एक बजे से ही लंच के लिए कुर्सियां छोड़ने लगते हैं। साढ़े तीन बजे से पहले गिने चुने कर्मचारी ही वापस अपनी कुर्सियों में बैठे नजर आते हैं।

किसी का डर नहीं
जुआ खेल रहे इन सरकारी कर्मचारियों को किसी का डर नहीं है। क्योंकि प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है। 

इन विभागों के दफ्तर हैं यहां
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, स्वास्थ एवं चिकित्सा विभाग, गव्य विकास निदेशालय, उद्योग विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, योजना आयोग विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग।

होगी कार्रवाई
ड्यूटी के दौरान ऑफिस से गायब रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जुआ खेलने की जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसा है, तो यह गंभीर अनुशासनहीनता है।
अमरेंद्र प्रताप सिंह, उद्योग सचिव, झारखंड(आदिल हसन,दैनिक भास्कर,रांची,16.12.11)

महाराष्ट्रःऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन की तिथि एक साल बढ़ी

Posted: 16 Dec 2011 03:02 AM PST

विधानसभा अधिवेशन में गुरुवार को राज्य में ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2012 तक बढ़ाए जाने की जानकारी सामाजिक न्याय मंत्री शिवाजीराव मोघे ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि पिछड़ावर्ग छात्रों को छात्रवृत्ति के नियमित वितरण के लिये जनवरी 2010 व जुलाई 2010 को सरकार के निर्णय के अनुसार ई-स्कॉलरशिप योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति की रकम सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में और शैक्षणिक शुल्क की रकम सीधे महाविद्यालय के बैंक खाते में जमा की जाएगी। राज्य में बोगस विद्यार्थी खोजने के लिये ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना घोषित किये जाने के बारे में सदस्य नाना पटोले, एकनाथराव खड़से, देवेंद्र फडणवीस, डॉ. खुशाल बोपचे, पंकजा मुंडे, माधुरी मिसाल, सुधाकर भालेराव सहित तेरह सदस्यों ने श्री मोघे से जवाब मांगा।मानधन में वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन : एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सामाजिक न्याय मंत्री शिवाजीराव मोघे ने राज्य के अनुदानित वसतीगृह के आठ हजार से अधिक काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित वेतनश्रेणी की जगह मानधन में वृद्धि करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन होने की जानकारी दी। उन्होंने स्वीकार किया कि कर्मचारियों की वेतनश्रेणी का प्रस्ताव सरकार के पास होने से इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिये अध्यक्ष, राज्य अनुदानित वसतीगृह कर्मचारी संगठन द्वारा सरकार से बार-बार मांग करने के बाद भी इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने की बात सितंबर 2011 में ध्यान में आयी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी, यह सही नहीं है(दैनिक भास्कर,नागपुर,16.12.11)।

उप्र की प्रेस से लीक हुआ छत्तीसगढ़ सीजीपीएमटी का पर्चा, आरोपी पटना से गिरफ्तार

Posted: 16 Dec 2011 02:41 AM PST

पिछले साल छत्तीसगढ़ पीएमटी का पर्चा लीक करने वाले गिरोह के प्रमुख सदस्य शैलेंद्र उर्फ डब्बू उर्फ संजय पांडे को पुलिस ने गुरुवार को पटना में गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में साफ हो गया है कि पीएमटी का पर्चा उत्तरप्रदेश की प्रिंटिंग प्रेस से ही गिरोह ने हासिल किया। शैलेंद्र ने सीजीपीएमटी समेत कम से कम छह परीक्षाओं के पर्च लीक कर बेचने की बात कबूल की है। ये सारे पर्चे उप्र की प्रेस में ही छापे गए थे। गिरोह देशभर में पीएमटी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक करने का काम करता है। पर्चे 15 से 20 लाख रुपए में बेचे जाते हैं। शैलेंद्र ने देश के अलग-अलग राज्यों में गिरोह की वारदातों का खुलासा पुलिस टीम से किया।

शैलेंद्र ने पिछले साल सीजी पीएमटी का पर्चा लीक करने में अहम भूमिका निभायी थी। वह पीएमटी पर्चा लीक कांड में शामिल गिरोह के सरगना संतोष सिंह का दायां हाथ माना जाता है। पर्चा खरीदने और बेचने की प्लानिंग में भी उसकी अहम भूमिका रही है। शैलेंद्र ने संतोष सिंह के साथ मिलकर देशभर में आधा दर्जन से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक किए हैं। उनका गिरोह बेहद पेशेवर तरीके से काम करता है। पर्चा लीक करने के बाद उसे उम्मीदवारों को बेचने और पूरा काम तगड़ी प्लानिंग के साथ किया जाता है। उनकी ऊंची पहुंच के कारण ही अब तक वे बचे रहे। क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी अजातशत्रु बहादुर सिंह को उसके बारे में जासूसों के जरिये सुराग मिला था। तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद बिहार में उसके ठिकाने का पता चला।


एडिशनल एसपी ने सब इंस्पेक्टर कलीम खान के साथ प्रधान आरक्षक जयनारायण, अश्वनी कुर्रे, सुधीर, अमित और रवि पांडे को पटना रवाना किया। 15 दिनों तक टीम वहां डटी रही। दो दिन पहले शैलेंद्र घिर गया। उसे पकड़कर पटना न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड पर उसे यहां लाया गया है। वह पटना में हॉस्टल बना रहा था। ऐसी आशंका है कि पीएमटी के पर्चे बेचकर उसने लाखों कमाए हैं। यही पैसा वह हॉस्टल बनाने में खर्च कर रहा था। शैलेंद्र से पूछताछ में पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 

इन परीक्षाओं का पर्चा बेचा
-2008 में जयपुर में स्टेशन मास्टर पोस्ट के लिए आयोजित परीक्षा का पर्चा बेचा।
-2009 में हरियाणा रोहतक में स्नातकोत्तर परीक्षा के पर्चे बेचे।
-2010 में कोलकाता में रेलवे डी कोटे की परीक्षा का पर्चा बेचकर लाखों कमाए।
-2011 में सीजी पीएमटी परीक्षा का पर्चा बेचा।

क्या है पूरा मामला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा के पर्चे संतोष सिंह ने हासिल किए। पर्चो को शैलेंद्र व गिरोह के अन्य सदस्यों के माध्यम से राज्यभर में बेचा गया। बिलासपुर के तखतपुर इलाके के एक सामुदायिक भवन में विद्यार्थियों को बुलाकर वहीं उन्हें सौंपे गए। पर्चो को बेचने के पैसे भी वहीं लिए गए और सामुदायिक हॉल में ही पीएमटी के लीक किए गए पर्चो को हल करवाया जा रहा था।

डीबी स्टार की टीम की इसकी खबर मिली। उसने पुलिस के साथ मिलकर तखतपुर में छापा मारकर पूरी योजना पर पानी फेर दिया। हालांकि छापेमारी के दौरान गिरोह का मास्टर माइंड पुलिस के हाथ नहीं आया। उसके करीबी साथी शैलेंद्र, मनीष सिंह, रजनीश और रणधीर चौधरी भी घटनास्थल से फरार हो गए। पुलिस ने मौके से पर्चा हल कर रहे विद्यार्थियों के अलावा अखिलेश पांडे को पकड़ा था। उसी रात रायपुर में सत्यनारायण साहू व राजेश सचान धर लिए गए।

ऐसे फंसाते थे जाल में
पर्चा लीक करने के बाद संतोष और उसका गिरोह सीधा सौदा नहीं करता था। एजेंटों के माध्यम से ग्राहक फंसाए जाते थे। उसके बाद उन्हें किसी भी एक छोटी जगह में हल करने के लिए बुलाया जाता था। उन्होंने एक पर्चा किसी को बेचकर डीलिंग नहीं की।

यूपी की प्रिंटिंग प्रेस शक के दायरे में
संतोष सिंह और उसके गिरोह ने अभी तक जितनी भी परीक्षाओं के पर्चे लीक किए हैं, वे सभी पर्चे यूपी की प्रिंटिंग प्रेस में छपे हैं। पीएमटी का पर्चा भी यूपी की प्रिंटिंग प्रेस में छपा था। इस तथ्य के सामने आने के बाद यूपी की प्रिंटिंग प्रेस पुलिस के निशाने पर है। पुलिस अधिकारियों को जांच में कुछ चौंकाने वाली हकीकत पता चली है। पर्चा लीक कांड में यूपी के कुछ बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।

अब तक ये हुआ
डीबी स्टार की मदद से राजधानी की पुलिस ने बिलासपुर के तखतपुर इलाके में छापे मारकर पीएमटी के पर्चे लीक करने वाले गिरोह को पकड़ा था। छापेमारी के बाद पीएमटी के पर्चे को रद्द कर दिया गया। जांच में साफ हो गया था कि इसके पीछे बड़ा गिरोह है। गिरोह के कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पटना से पकड़ा गया शैलेंद्र उर्फ डब्बू उर्फ संजय पांडे गिरोह की प्रमुख कड़ी है। 

क्या पता लगाना चाहती है पुलिस
* सीजीपीएमटी 2011 के पर्चे कहां से और कैसे लीक किए गए ? 
* इसमें गिरोह का साथ किसने दिया, व्यापमं या राज्य का कोई दूसरा व्यक्ति तो इसमें शामिल नहीं था। 
* गिरोह को यह कैसे पता चला कि सीजीपीएमटी का पर्चा कब और कहां पर छपने गया? 
* गिरोह ने क्या इससे पहले भी पीएमटी के पर्चे लीक करवाए थे? 
* पीएमटी प्रवेश घोटाले में शामिल लोगों से तो इस गिरोह के संबंध नहीं हैं। 
* सीजीपीएमटी 2012 के लिए भी क्या गिरोह ने कुछ तैयारी कर रखी है?(दैनिक भास्कर,रायपुर,16.12.11)

राजस्थान में होगी 40 हजार शिक्षकों की भर्ती

Posted: 16 Dec 2011 02:38 AM PST

राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में 40 हजार शिक्षकों की भर्ती करेगी। इसके बाद काफी हद तक शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। यह जानकारी प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने दी।

कलेक्ट्रेट सभागार में सरकार के तीन साल पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने सीएम व चिकित्सा मंत्री से बात कर जिले के अस्पतालों में डाक्टरों के रिक्त पद भरवाने का भरोसा दिलाया।

बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन को प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि जिन सेकंडरी स्कूलों में कंप्यूटर नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था करवाएंगे। एक शिक्षक को ट्रेंड किया जाएगा ताकि बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा सुचारु दी जा सके। उन्होंने माना कि अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार के लिए लोन दिलाने का लक्ष्य इस साल कम था। 


अगले वित्तीय वर्ष में यह बढ़वाया जाएगा। उन्होंने गोपालगढ़ प्रकरण में सीबीआई जांच होने से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। श्रीमती नसीम ने बताया कि वे पंचायत समिति स्तर पर जाकर जन सुनवाई करेंगी(दैनिक भास्कर,भीलवाड़ा,16.12.11)।

डिप्लोमा इन वुड एंड पैनल प्रोडक्ट्स

Posted: 16 Dec 2011 02:28 AM PST

बात चाहे निर्माण उद्योग की हो अथवा इंटीरियर डेकोरेशन की लकड़ी, प्लाइवुड आदि की जरूरत इनमें अनिवार्य रूप से होती है। धातुओं के इस युग में भी इन पर हमारी निर्भरता काफी है।

ऐसे में इनकी क्वॉलिटी सुधारने से लेकर डिजाइनिंग में विविधता लाने के लिए बड़े स्तर पर शोधकार्यों की जरूरत पड़ती रहती है। इसी जरूरत के मद्देनजर भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा पीजी डिप्लोमा इन वुड एंड पैनल प्रोडक्ट्स टेक्नोलॉजी जैसे पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई है। वुड बेस्ड इंडस्ट्री में ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी मांग होती है।

पाठ्यक्रम की रूपरेखा

इस कोर्स के अंतर्गत लकड़ी, बांस आदि की वैरायटी व रख-रखाव, संबंधित उत्पादों की जानकारी, वुडन उत्पादों की मजबूती व आग से बचाव, पर्यावरण आदि विभिन्न बातों की चर्चा की जाती है।

आयु सीमा


जो अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनकी आयु अधिकतम 28 वर्ष होनी चाहिए। इस कोर्स के लिए आयु की गणना 1 नवंबर, 2011 से की जाएगी।
शैक्षणिक योग्यता

इस कोर्स के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए जरूरी है कि उनके पास बीएससी, बीई अथवा बीटेक की डिग्री हो।

चयन प्रक्रिया

अभ्यर्थियों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश निर्धारित मेरिट (अंक, ग्रेड आदि) के आधार पर मिलेगा।

कैसे करें आवेदन

डाक से आवेदन-पत्र मंगाने के लिए बेंगलुरु में देय 250 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट डायरेक्टर आईपीआईआरटीआई के नाम दिए गए पते पर भेजें। आवेदन वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। 

वेबसाइट : http://www.ipirti.gov.in(दैनिक भास्कर,7.12.11)

डीयू में छात्रों के लिए मोबाइल वैन

Posted: 16 Dec 2011 01:30 AM PST

दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द ही छात्रों के लिए मोबाइल वैन शुरू हो जाएगी। विश्वविद्यालय जल्द ही इस योजना को अमली जामा पहनाने जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर प्रो. दिनेश सिंह का कहना है कि छात्रों की सुविधा के लिहाज से दो मोबाइल वैन जल्द ही शुरू करने की योजना है।

उन्होंने बताया कि छात्रों को किफायती, स्वास्थवर्धक और लजीज खाना प्रदान करने के लिए इन मोबाइल वैन को चलाएगा।

अनुभव बांटिए, पुरस्कार जीतिए

दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों से कहा है कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कोई ऐसी घटना घटी हो जो उन्हें आज तलक याद हो, उसे वह कहानी के तौर डीयू को लिखकर भेज सकते हैं। यही नहीं छात्र अगर डीयू में किसी तरह का बदलाव चाहते हैं तो वह भी डीयू को लिखकर भेज सकते हैं। इसके अलावा अगर उनके मन में कोई नया विचार हो या डीयू की शैक्षिक योग्यता को बेहतर करने का कोई प्रस्ताव हो तो उसे भी वह लिख कर भेज सकते हैं। डीयू कुछ चुनिंदा श्रेष्ठ सामग्रियों को पुरस्कार भी देगा। पुरस्कार के तौर पर उन प्रविष्टियों को एक माह तक डीयू के फेसबुक पेज पर प्रकाशित किया जाएगा। 

ईसीए के लिए भी नई गाइडलाइंस, शुरू हो सकता है केंद्रीयकृत सिस्टम
दिल्ली विश्वविद्यालय में ईसीए (एक्स्ट्रा कुरीकलर एक्टिविटी) के माध्यम से होने वाले दाखिले के लिए भी नई गाइडलाइंस बनाई जाएगी। डीयू में दाखिला प्रक्रिया में बदलाव को लेकर बनाई गई समिति में इस बात पर चर्चा हुई। समिति का मानना था कि देखने में आता है कि वास्तविक तौर पर किसी विषय की कटऑफ अधिक होती है लेकिन ईसीए में उससे बीस से तीस प्रतिशत कम पर दाखिला हो जाता है। वहीं विश्वविद्यालय इस बार दाखिला प्रक्रिया के लिए केंद्रीयकृत सिस्टम को फिर से बहाल कर सकता है(हिंदुस्तान,दिल्ली,16.12.11)।

बीमार एचएमटी को बहाल करने की योजना

Posted: 16 Dec 2011 01:27 AM PST

सरकार ने आज बताया कि बीमार हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) को बहाल करने की योजना बनाई गई है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में भारी उद्योग मंत्री प्रफुल पटेल ने कहा, 'कंपनी को बहाल करने की योजना बनाई गई है और इस योजना में सभी शिकायतों को शामिल किया गया है।' इस योजना के तहत कंपनी के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन को लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में विभिन्न मजदूर संघों से ज्ञापन प्राप्त हुए हैं जिसमें वेतन में संशोधन और सेवानिवृति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करना शामिल है(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,16.12.11)।

छोटे बच्चों के दाखिले पर गांगुली समिति की रिपोर्ट मंजूर

Posted: 16 Dec 2011 01:25 AM PST

दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उसने प्राथमिक पूर्व और पहली कक्षा में छोटे बच्चों के दाखिले पर गांगुली समिति की रिपोर्ट की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं। शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक शशि कौशल ने एक हलफनामे में कहा, 'मंत्रिमंडल ने सात सितंबर, 2007 की अपनी बैठक में गांगुली समिति की सिफारिशों पर विचार किया और उसे स्वीकार कर लिया। मंत्रिमंडल ने इस बात को मान लिया कि प्राथमिक एवं पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र क्रमश: चार और पांच साल से अधिक होनी चाहिए।' कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीशए के सिकरी की अगुवाई वाली पीठ ने छोटे बच्चों के दाखिले पर एक जनहित याचिका की अंतिम सुनवाई के लिए 21 दिसंबर तारीख मुकर्रर की है(दैनिक ट्रिब्यून,16.12.11)।

काफी रोजगार मिलते हैं एसिस्टेंट ग्रेड एग्जाम्स से

Posted: 16 Dec 2011 12:49 AM PST

केंद्र सरकार से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, स्वायत्तशासी संस्थाओं तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में हर साल एसिस्टेंट ग्रेड के पदों पर काफी बड़ी संख्या में युवाओं की भर्तियां की जाती हैं। कमोबेश इसी प्रकार की नियुक्तियां अर्ध सैन्य बलों और पुलिस संगठनों में भी होती हैं। यह संख्या प्रति वर्ष हजारों में होती है लेकिन यह निश्चित नहीं होती है। इसकी चयन प्रक्रिया में २० से २५ वर्ष तक के ग्रेजुएट युवा शामिल हो सकते हैं। प्रमुख रूप से स्टाफ सलेक्शन कमीशन या कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस प्रकार की चयन परीक्षा का आयोजन केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रालयों और विभागों के लिए उपयुक्त प्रत्याशियों के चयन के लिए किया जाता है पर कई संस्थाएं और निकाय स्वयं भी ऐसी परीक्षाएं संचालित करते हैं। आइए बात करते हैं इस परीक्षा के स्वरूप और इसमें सफल होने संबंधित कुछ कारगर टिप्स की।

कर्मचारी चयन आयोग द्वारा प्रति वर्ष एसिस्टेंट ग्रेड एग्जाम का संचालन किया जाता है। इसके जरिए रेलवे बोर्ड सेक्रेटेरिएट सर्विस, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस, आर्म्ड फोर्सेस हेडक्वार्टर तथा भारत सरकार के अन्य विभागों में चयनित प्रत्याशियों को नियुक्त किया जाता है। परीक्षा के दो चरण प्रीलियम और मेन एग्जाम के तौर पर होते हैं। पहले चरण में ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों पर आधारित तीन घंटे की परीक्षा होती है इसमें चार विषयों की परीक्षा ली जाती है।

ये विषय हैं :- रीजनिंग एबिलिटी, जनरल अवेयरनेस अर्थमेटिक और लैंग्वेज (हिंदी या अंग्रेजी)। इनके ७५-७५ प्रश्न होते हैं। कुल ३०० अंकों के ये समस्त प्रश्नपत्र होते हैं। इसमें सफल उम्मीदवारों को ही मेन एग्जाम में शामिल होने की अनुमति मिल पाती है। प्रत्येक विषय के लिए अलग से टेस्ट पेपर दिया जाता है। प्रश्न अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में होते हैं। लैंग्वेज प्रश्न पत्र सिर्फ पास करने की जरूरत होती है। इसके अंक मेरिट बनाते समय जोड़े नहीं किए जाते हैं। बहुविकल्पी प्रश्न होते हैं जिनमें से एक उत्तर पर निशान लगाना होता है।

रीजनिंग एबिलिटी के प्रश्न पत्र में सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्न होते हैं। इसके लिए प्रैक्टिस गाइड्स, कंपीटिशन पर आधारित पत्रिकाओं तथा नेट पर उपलब्ध सामग्री का लाभ उठाया जा सकता है। जनरल अवेयरनेस के खंड में इतिहास, भूगोल, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मामलों, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा सामान्य विज्ञान पर प्रश्न पूछे जाते हैं। जनरल नॉलेज की कोई भी नामी पुस्तक इसमें उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

अर्थमेटिक्स के पेपर में बुनियादी गणित से संबंधित प्रश्नों पर ज्यादा जोर होता है। प्रमुख टॉपिक्स में अंकगणित, नंबर्स, स्टैटिस्टिक्स, ग्राफ तथा टाइम-डिस्टेंस आदि का नाम लिया जा सकता है। इस खंड में अपेक्षित सफलता पाने के लिए प्रैक्टिस ही एकमात्र विकल्प है।

भाषा (हिंदी/अंग्रेजी) के प्रश्न पत्र का स्तर क्वालीफाइंग टाइप का ही होता है। प्रत्याशी के भाषा के व्यावहारिक ज्ञान की परख करना मात्र ही इस प्रश्न पत्र का एकमात्र उद्देश्य होता है।

मुख्य परीक्षा

प्रीलियम परीक्षा में सफल प्रत्याशियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिल जाती है। इसमें प्रत्याशियों के भाषा ज्ञान के अतिरिक्त स्वयं को व्यक्त कर पाने की क्षमता की भी जांच की जाती है। उत्तर विस्तृत तरीके से लिखने की बाध्यता होती है। कमोबेश इसी प्रकार का टेस्ट अंकगणित का होता है जिसमें एसिस्टेंट के कार्यों के अनुरूप गणितीय कैलकुलेशन कर पाने की क्षमता को परखा जाता है। इसमें भाषा और गणित पर आधारित दो प्रश्न पत्र होते हैं। इस परीक्षा में २०० अंकों का अंग्रेजी और १०० अंकों का गणित आधारित प्रश्न पत्र होता है।


लैंग्वेज कॉम्प्रिहेंशन :- इसमें ५० अंकों का जनरल अंग्रेजी का एक खंड होता है जबकि शेष १५० अंकों के खंड में कम्युनिकेशन एवं लेखन कौशल पर आधारित प्रश्न शामिल किए जाते हैं। अंकगणित :- कुल सौ अंकों के इस दो घंटे की अवधि के प्रश्न पत्र में भी एलिमेंटरी मैथ्स और सामान्य इस्तेमाल में आने वाले गणितीय अवधारणाओं से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।


गुरुमंत्र
१. अंग्रेजी या हिंदी भाषा की तैयारी के लिए व्याकरण की तैयारी के अलावा रोजाना लिखने की आदत भी डालें।

२. जनरल अवेयरनेस के लिए अखबारों और करंट अफेयर्स पर आधारित पत्रिकाओं को पढ़ने से काफी लाभ मिलता है।

३. लॉजिकल रीजनिंग के लिए सैंपल टेस्ट पेपर्स जितने कर सकें उतना ही फायदा पेपर्स के समय मिलेगा।

४. गणित में आठवीं से दसवीं तक की एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक्स का अभ्यास करने से काफी बुनियादी जानकारी मिल जाएगी।

५. शब्दों के अर्थ के साथ उनके इस्तेमाल का ज्ञान भी होना चाहिए।

६. कैलकुलेशंस के शॉर्टकट फॉर्मूलों को याद करके जाए। इससे समय की काफी बचत होगी।

७. कम समय में अधिक प्रश्नों को करने की बाध्यता को देखते हुए अपने टाइम मैनेजमेंट को दुरुस्त रखें(अशोक सिंह,नई दुनिया,12.12.11)।

सीबीएसईःबोर्ड परीक्षाओं के लिए सैंपल पेपर जारी

Posted: 16 Dec 2011 12:20 AM PST

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अगले साल होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं के लिए सैंपल पेपर जारी कर दिए हैं। नौवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा की वर्ष २०१२ में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों के पेपर जारी किए गए हैं।

छात्र सीबीएसई की वेबसाइट www.cbse.nic.in से पेपर डाउनलोड कर सकते हैं। बारहवीं कक्षा के कुल ३२ पेपर जारी किए गए हैं। इनमें विज्ञान, गणित, बायोटेक इंजीनियरिंग, गे्रफिक्स, जीविज्ञान, रसायन, भौतिकी, बायोटेकनोलॉजी, मीडिया स्टडीज, मीडिया प्रोडक्शन, फूड सर्विज, इंजीनियरिंग ग्रेफिक्स, गृह विज्ञान, डांस, संगीत शामिल है। नौवीं कक्षा और दसवीं कक्षा के दूसरे सत्र की परीक्षाओं के लिए विषय फाउंडेशन ऑफ आई.टी, गृह विज्ञान, पंजाबी, जर्मन, रशियन, उर्दू, अरबी, संगीत, कन्ऩड़, ओडिया, चित्रकला समेत २८ पेपर वेबसाइट पर उपलब्ध है।


पेपर जारी करने से फिलहाल छात्रों को बाजार में मिलने वाले सैंपल पेपर्स पर पैसे खर्च नहीं करने प़ड़ेंगे। इसके अलावा सीबीएसई द्वारा जारी किए गए पेपर्स से तैयारी करने से छात्रों को परीक्षाओं में निश्चित तौर पर फायदा होगा। शिक्षकों के मुताबिक सीबीएसई के सैंपल पेपर्स करने से बच्चों की तैयारी तो अच्छी होगी ही, साथ ही छात्रों के पास अभी बहुत समय है इन पेपर्स को करने का। छात्र पेपर्स में मौजूद कठिन प्रश्नों को अपने शिक्षक से समझ भी सकते हैं(नई दुनिया,दिल्ली,16.12.11)।

पैरामिलेट्री फोर्स में १० फीसदी पूर्व सैनिक होंगे

Posted: 16 Dec 2011 12:16 AM PST

केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों में ग्रुप बी के १० प्रतिशत पदों पर पूर्व सैनिकों की भर्ती की जाएगी।


रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस आशय की घोषणा अपने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में गुरुवार को की। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी पूर्व सैनिकों की सेवाएं लेने के लिए तैयार किया जा रहा है। सेना से हर साल ३५ से ४० साल की उम्र के करीब ४० हजार जवान अवकाश ग्रहण करते हैं और उनके लिए जीवन की दूसरी पारी के अवसर तैयार करना सरकार के लिए वाकई चुनौती बन गया है। 

सलाहकार समिति के सदस्यों के सवालों के जवाब में श्री एंटनी ने कहा कि शहीद स्मारक स्थापित करने के बारे में विचार-विमर्श अग्रिम चरण में है। इस बारे में निकट भविष्य में फैसला हो जाएगा। "समान रैंक-समान पेंशन" के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह मामला अभी बंद नहीं हुआ, लेकिन इस दिशा में चरणबद्ध ढंग से बढ़ा जाएगा(नई दुनिया,दिल्ली,16.12.11)।
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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