देवादिदेव शिव के नाम पर बसे गांव का नाम अब स्नैपडील नगर है।हिंदुत्व और मुक्त बाजार के इस रसायन पर गौर जरुर करें।
पलाश विश्वास
देवादिदेव शिव के नाम पर बसे गांव का नाम अब स्नैपडील नगर है।हिंदुत्व और मुक्त बाजार के इस रसायन पर गौर जरुर करें।
यह कमाल उत्तर प्रदेश के दंगाग्रस्त जनपद में हो गया है और
अभी तक शत प्रतिशत हिंदुत्व के झंडेवरदार बजरंगियों ने इस लेकर कोई बवाल नहीं किया है।
भव्य राममंदिर के एजंडे को इस छोॉी सी घटना के जरिये बी समझने वाले समझ सकते हैं।
राममंदिर न बना है और न बनने जा रहा है और हर बच्चे को राम के नाम करके मारकाटमचाने वालोंं ने पूरे देश को मुक्त बाजार में तब्दील कर दिया है।
बनियों की पार्टी के राजकाज में लेकिन बनियों का काम तमाम है।
खुदरा बाजार का बंटाढार करने वाले अब स्ट्रटअप हैं और सेवाप्रदाता है।
ऐसी सेवाएं अब मूसलाधार हैं।
जैसी सेवायें पाते पाते रेलवे समेत तमाम तरह के सार्वजनिक उपक्रमों में अबाध विदेशी पूंजी का वर्चस्व को हम विकास मान रहे हैं।
वह दिन भी दूर नही कि हिंदुओं के सारे धर्मस्थल किसी न किसी कंपनी के नाम कर दिये जायेंगे।
महाजिन्न के राजकाज का आपातकाल दरअसल यही है।
बाकी आप समझ लें।
ज्यादा लिखने की आदत से बाज आकर बहुत कम लिखा है ,बाकी अखंड भारत है।
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