Rihai Manch Press Note-सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ आपातकाल की बरसी पर लखनऊ में विरोध प्रदर्शन करेगा रिहाई मंच
RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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सूबे में सुरक्षित नहीं महिलाएं - रिहाई मंच
सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ 25 जून शाम 4 बजे गांधी प्रतिमा,
जीपीओ हजरतगंज लखनऊ पर होगा धरना
लखनऊ 18 जून 2015। रिहाई मंच ने कहा है कि गोरखपुर में सपा विधायक राजमति
निषाद के बेटे द्वारा अवैध पंचायत लगाकर प्रेमी युगल के मुंह पर कालिख
पोतकर घुमाने, कुशीनगर में आगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा का दबंगों द्वारा
बाल काटने, महराजगंज के डिप्टी जेलर डीएन गुप्ता द्वारा विदेशी महिला के
साथ पिछले तीन महीने से बलात्कार, सपा नेता द्वारा सीतापुर में छात्रा के
साथ सामूहिक बलात्कार, वाराणसी के सामने घाट की 14 वर्षीय दलित लड़की को
पिछले एक महीने से मकान मालिक द्वारा अगवा करने के बावजूद स्थानीय
थानेदार द्वारा मुकदमा दर्ज न करने की घटनाएं साफ करती हैं कि प्रदेश में
महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। मंच सूबे में व्याप्त इस जंगल राज के खिलाफ
आपातकाल की बरसी पर 25 जून, गुरूवार को शाम 4 बजे से गांधी प्रतिमा,
जीपीओ हजरतगंज, लखनऊ पर धरना देगा।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की
सुरक्षा कम विज्ञापन ज्यादा कर रही है, ठीक मोदी की तरह। उन्होंने कहा कि
जिस तरह से महिलाओं के उत्पीड़न में सपा के विधायक, नेता और सपा के चहेते
नौकरशाह संलिप्त हैं, उसमें महिला हेल्प लाईन या फिर यूपी महिला सम्मान
प्रकोष्ठ सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार
जगेन्द्र के बयान और राज्य मंत्री पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद
गिरफ्तारी रोकने के लिए जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक
बलात्कार, हत्या, खनन और स्मैक तस्करी जैसे आरोपों से घिरे मंत्री के
पक्ष में उतर आए हों तो समझा जा सकता हैं कि सपा मंत्री, विधायक और सांसद
क्या-क्या कर रहे होंगे। ठीक इसी तरह खालिद मुजाहिद हत्याकांड में
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हत्यारोपी पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, पूर्व
एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल पर नामजद एफआईआर होने के बावजूद गिरफ्तारी
नहीं होने दी और फर्जी तरीके से पुलिस से फाइनल रिपोर्ट लगवाकर हत्यारों
को बचाने की कोशिश की।
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस तरीके से पिछले दिनों उन्नाव के
एक पत्रकार ने जगेन्द्र के इंसाफ के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की उससे
प्रदेश में इंसाफ के प्रति जनता में उपज रहे आक्रोश को समझा जा सकता है।
अखिलेश यादव की इसी तरह किसानों के प्रति अदूरदर्शी नीति के चलते
मार्च-अप्रैल महीने में 550 से अधिक किसानों की सूबे में आत्महत्या व दिल
का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। उन्होंने तमाम मानवाधिकार, पत्रकार,
सामाजिक संगठनों और आम जन से आपातकाल की बरसी पर 25 जून, गुरूवार को शाम
4 बजे गांधी प्रतिमा, जीपीओ हजरतगंज पर होने वाले धरने में शामिल होने की
अपील की।
द्वारा जारी
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता, रिहाई मंच
09415254919
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Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
facebook.com/rihaimanch - twitter.com/RihaiManch
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सूबे में सुरक्षित नहीं महिलाएं - रिहाई मंच
सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ 25 जून शाम 4 बजे गांधी प्रतिमा,
जीपीओ हजरतगंज लखनऊ पर होगा धरना
लखनऊ 18 जून 2015। रिहाई मंच ने कहा है कि गोरखपुर में सपा विधायक राजमति
निषाद के बेटे द्वारा अवैध पंचायत लगाकर प्रेमी युगल के मुंह पर कालिख
पोतकर घुमाने, कुशीनगर में आगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा का दबंगों द्वारा
बाल काटने, महराजगंज के डिप्टी जेलर डीएन गुप्ता द्वारा विदेशी महिला के
साथ पिछले तीन महीने से बलात्कार, सपा नेता द्वारा सीतापुर में छात्रा के
साथ सामूहिक बलात्कार, वाराणसी के सामने घाट की 14 वर्षीय दलित लड़की को
पिछले एक महीने से मकान मालिक द्वारा अगवा करने के बावजूद स्थानीय
थानेदार द्वारा मुकदमा दर्ज न करने की घटनाएं साफ करती हैं कि प्रदेश में
महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। मंच सूबे में व्याप्त इस जंगल राज के खिलाफ
आपातकाल की बरसी पर 25 जून, गुरूवार को शाम 4 बजे से गांधी प्रतिमा,
जीपीओ हजरतगंज, लखनऊ पर धरना देगा।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की
सुरक्षा कम विज्ञापन ज्यादा कर रही है, ठीक मोदी की तरह। उन्होंने कहा कि
जिस तरह से महिलाओं के उत्पीड़न में सपा के विधायक, नेता और सपा के चहेते
नौकरशाह संलिप्त हैं, उसमें महिला हेल्प लाईन या फिर यूपी महिला सम्मान
प्रकोष्ठ सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार
जगेन्द्र के बयान और राज्य मंत्री पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद
गिरफ्तारी रोकने के लिए जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक
बलात्कार, हत्या, खनन और स्मैक तस्करी जैसे आरोपों से घिरे मंत्री के
पक्ष में उतर आए हों तो समझा जा सकता हैं कि सपा मंत्री, विधायक और सांसद
क्या-क्या कर रहे होंगे। ठीक इसी तरह खालिद मुजाहिद हत्याकांड में
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हत्यारोपी पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, पूर्व
एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल पर नामजद एफआईआर होने के बावजूद गिरफ्तारी
नहीं होने दी और फर्जी तरीके से पुलिस से फाइनल रिपोर्ट लगवाकर हत्यारों
को बचाने की कोशिश की।
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस तरीके से पिछले दिनों उन्नाव के
एक पत्रकार ने जगेन्द्र के इंसाफ के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की उससे
प्रदेश में इंसाफ के प्रति जनता में उपज रहे आक्रोश को समझा जा सकता है।
अखिलेश यादव की इसी तरह किसानों के प्रति अदूरदर्शी नीति के चलते
मार्च-अप्रैल महीने में 550 से अधिक किसानों की सूबे में आत्महत्या व दिल
का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। उन्होंने तमाम मानवाधिकार, पत्रकार,
सामाजिक संगठनों और आम जन से आपातकाल की बरसी पर 25 जून, गुरूवार को शाम
4 बजे गांधी प्रतिमा, जीपीओ हजरतगंज पर होने वाले धरने में शामिल होने की
अपील की।
द्वारा जारी
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता, रिहाई मंच
09415254919
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