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Saturday, June 27, 2015

धर्मराष्ट्र का राजधर्म वही,जो अडाणी और अंबानी का बिजनेस बाकी सिर्फ मंकी बांतें!या फिर वही चौसठ आसन।

धर्मराष्ट्र का राजधर्म वही,जो अडाणी और अंबानी का बिजनेस बाकी सिर्फ मंकी बांतें!या फिर वही चौसठ आसन।
पलाश विश्वास 
धर्मराष्ट्र का राजधर्म वही,जो अडाणी और अंबानी का बिजनेस बाकी सिर्फ मंकी बांतें!या फिर वही चौसठ आसन।

महाजिन्न को बोतल से आजाद तो कर दिया।महाजिन्न के राज्याभिषेक में इंडिया इंक और बनिया बिरादरी ने तन मन धन न्योच्छावर तो कर दिया।
पण अच्छे दिन सिरफ अडाणी और अंबानी के।
हिंदुत्व की राजयन बाबी जिंदल के जिहाद से ग्लोबल है,बाकी मैगी मसाला है।
विदेश यात्राओं में अडाणी और अंबानी को  तमाम रेवड़ियां,बाकी इंडस्ट्री को बाबाजी का ठुल्लु।
महामंदी सिर पर है और निवेशकों की आस्था के साथ आम जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ खूब है।
इकोनामिक टाइ्म्स ने कल खबर दी थी कि कैसे आरएसऐश की सरकार का कारोबार गोमांस है,जबकि भारत में गोहत्या निषेध है।
विशुद्ध वैदिकी राजधर्म में चियारियों और चियारिनो का जलवा बरखा बहार है और मूसलाधार मानसून का कहर है।आपदाएं धुआंधार हैं।
एक भगोड़े की खींसे में है लोकतंत्र और आपातकाल को रोये हम हैं।
बाकी सारा देश बिकाउ है।
देश बेचो ब्रिगेड का कैसिनो है।
अब लीजिये ः

रांची : अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने झारखंड में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ एमओयू किया है. गुरुवार को उद्योग निदेशक के कक्ष में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये. 
 
एमओयू पर उद्योग निदेशक के रविकुमार और अडाणी की ओर से सीइओ राजेश झा ने हस्ताक्षर किये. फस्र्ट स्टेज का एमओयू किया गया है. जिसकी वैधता एक वर्ष के लिए है, इसके बाद कंपनी डीपीआर बना कर देगी, तब इसकी वैधता बढ़ाते हुए सेकेंड स्टेज का एमओयू किया जायेगा.
 
अडाणी के सीइओ राजेश झा ने बताया कि कंपनी द्वारा कुल 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. कंपनी द्वार पहले चरण में 1.3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता का यूरिया प्लांट लगाया जायेगा. चीन के बाद पहली बार भारत में कोयला से यूरिया बनाने की तकनीक पर काम होगा.
 
इसके अलावा 3.3.मलियन टन प्रति वर्ष क्षमता के मेथनॉल प्लांट लगाया जायेगा, जहां कोयला से मिथेन गैस बनायी जायेगी. कंपनी द्वारा सब्सटीट्यूट नेचुरल गैस प्लांट भी लगाया जायेगा. इसके जरिये राज्य के प्रमुख शहरों में पाइप लाइन के जरिये घरेलू गैस की आपूर्ति की जायेगी, जो सुरक्षित और सस्ती होगी. कंपनी द्वारा 4000 मेगावाट का पावर प्लांट भी लगाया जायेगा, जिसमें 2500 बिजली कंपनी खुद इस्तेमाल करेगी और शेष बिजली झारखंड को देगी.
 
उद्योग निदेशक के रविकुमार ने कहा कि भारत में कोयला से यूरिया नहीं बनता. पहली बार झारखंड में इस तकनीक से यूरिया का उत्पादन होगा. कंपनी द्वारा एसएनजी भी बनायी जायेगी. अभी फस्र्ट फेज का एमओयू हुआ है. डीपीआर बनाने के बाद दूसरे चरण का एमओयू किया जायेगा.रांची 

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