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Tuesday, June 16, 2015

साॅफ्ट पॉर्न फिल्‍मस्‍टार और बलात्‍कारी आसाराम के भक्‍त गजेन्‍द्र चौहान की पुणे के प्रतिष्ठित फिल्‍म एंड टेलीविज़न इंस्‍टीट्यूट (‪#‎FTII‬) के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के ख़‍िलाफ़ पुणे में शुरू हुए आन्‍दोलन की गूँज अब दिल्‍ली में भी सुनाई देने लगी हैं।

साॅफ्ट पॉर्न फिल्‍मस्‍टार और बलात्‍कारी आसाराम के भक्‍त गजेन्‍द्र चौहान की पुणे के प्रतिष्ठित फिल्‍म एंड टेलीविज़न इंस्‍टीट्यूट (‪#‎FTII‬) के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के ख़‍िलाफ़ पुणे में शुरू हुए आन्‍दोलन की गूँज अब दिल्‍ली में भी सुनाई देने लगी हैं। आज 16 जून को नई दिल्‍ली के शास्‍त्री भवन के सामने FTII के छात्रों, पूर्व छात्रों एवं संस्‍कृतिकर्मियों के साथ ही साथ विभिन्‍न छात्र व युवा संगठनों ने गजेन्‍द्र चौहान की नियुक्ति के ख़‍िलाफ़ प्रदर्शन किया। FTII के छात्राें के इस न्‍यायपूर्ण संघर्ष के प्रति समर्थन जताने के मक़सद से इस प्रदर्शन में नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने भी हिस्‍सा लिया। प्रदर्शन में नौजवान भारत सभा की ओर से बात रखते हुए आनन्‍द सिंह ने कहा कि FTII में गजेन्‍द्र चौहान की नियुक्ति को देश में फ़ासीवादी उभार के सन्‍दर्भ में देखने की ज़रूरत है। फ़ासीवाद पैदा तो पूँजीवाद के आर्थिक संकट से होता है लेकिन वह संस्‍कृति के क्षेत्र को अपनी रणनीति का मुख्‍य हिस्‍सा बनाता है। यही वजह है कि मौजूदा सरकार विभिन्‍न शिक्षा संस्‍थानों एवं सांस्‍कृतिक संस्‍थाओं के मुख्‍य पदों पर खाकी निकरधारियों की नियुक्ति कर रही है। मिथक को यथार्थ बनाने की फ़ासिस्‍टों की रणनीति के तहत ही कहीं 'युधिष्ठिर' की नियुक्ति हो रही है तो कहीं 'भीष्‍म' को पद दिया जा रहा है। फ़ासीवादी उभार के इस दौर में प्रगतिशील नागरिकों के साथ ही साथ कलाकारों एवं संस्‍कृतिकर्मियों के सामने अब तटस्‍थ रहने का विकल्‍प नहीं बचा है, उन्‍हें अपना पक्ष चुनना ही होगा।




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