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Saturday, April 16, 2016

गुड़ जल बताशा हथियार, बेपरवाह अनुव्रत फतह के लिए तैयार! आयोग को खुली चुनौती,उस्ताद की मार आखिरी मौके पर! बाकायदा चूहा और बिल्ली का खेल जारी है और चुनाव आयोग की साख दांव पर। वामदलों को भाजपाई रणनीति के मताबिक चुनाव आयोग के बंदोबस्त पर कोई भरोसा नहीं,मुकाबले के लिए तैयार! बंगाल में अब कितने भूत कहां कहां नाचेंगे और कितना खून,किसका खून कहां कहां बहेगा! एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

गुड़ जल बताशा हथियार, बेपरवाह अनुव्रत फतह के लिए तैयार!
आयोग को खुली चुनौती,उस्ताद की मार आखिरी मौके पर!
बाकायदा चूहा और बिल्ली का खेल जारी है और चुनाव आयोग की साख दांव पर।
वामदलों को भाजपाई रणनीति के मताबिक चुनाव आयोग के बंदोबस्त पर कोई भरोसा नहीं,मुकाबले के लिए तैयार!
बंगाल में अब कितने भूत कहां कहां नाचेंगे और कितना खून,किसका खून कहां कहां बहेगा!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
पहले चरण का मतदान जंगल महल में दो दिन हुआ तो अब उत्र बंगाल में दूसरे चरण का मतदान है।अब पश्चिम बंगाल में 56 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनावों के दूसरे चरण में मतदान रविवार (17 अप्रैल) होगा। दूसरे चरण का चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल चुनाव आयोग की निगरानी में हैं। उत्तरी बंगाल के छह जिलों- अलिपुरदुआर, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिणी दिनाजपुर और मालदा एवं दक्षिण बंगाल के बीरभूम में 1.2 करोड़ से अधिक मतदाता 383 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में 33 महिलाएं हैं।

दीदी का सिपाहसालार महाबलि बनकर बाजुओं को तौल रहा है और पूरे बंगाल में मच गयी है खलबली।चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में चार पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विपक्ष के 'शिकायतों के सिंडिकेट' के इशारे पर ऐसा कर रहा है।

शुक्रवार से उनकी सेवा में एक मजिस्ट्रेट हैं और वे केंद्रीय वाहिनी के जवानों से घिरे हैं।वीडियोग्राफी अलग हो रही है और तमाम टीवी कैमरे उन्हें घेरे हुए हैं ,इसके बावजूद आयोग के रोक के बावजूद उन्होंने बीरभूम के सभी 11 विधानसभा इलाकों का चप्पा चप्पा छानने के बाद उनकी गतिविधियां सिर्फ बोलपुर विधानसभा क्षेत्र तक सीमाबद्ध करने के चुनाव आयोग के आदेश के बाद,22 मई तक नजरबंद की मियाद तय होने के बाद भी अपने जाने पहचाने मिजाज में कह रहे हैं,उस्तादेर मार शेष राते।

ताजा शोकाज बुद्धदेव भट्टाचार्य,सूर्यकांत मिश्र,अधीर चौधरी, विमन बोस और बीरभूम में मयूरेश्वर से भाजपा की फिल्म स्टार प्रत्याशी के बारे में अनुब्रत की टिप्पणियों के मद्देनजर जारी किया गया।अब इस नोटिस के बाद उनने सीधे कहा कि इससे क्या फर्क पड़ेगा।आयोग अपना काम करेगा और अनुव्रत मंडल अपना काम।जाहिर है कि अनुब्रत की इस बेपरवाही से कांग्रेस,वामदलों और भाजपा में खलबली है।

यानी आखिरी वक्त वे पांसा पलट देंगे और फतह हासिल करेंगे।
चुनाव आयोग के ताजा शोकाज के जवाब में अनुव्रत का कहना है कि घर में बहुत कागज है,जवाब भी दे देंगे।उनका कहना है कि चुनाव नतीजे में उन्हेंं घेरने से कुछ फेरबदल नहीं होना है क्योंकि उन्होंने मैदान फतह करने के सारे इंतजाम कर लिये हैं और ऐसे शोकाज का उनकी सेहत पर कोई असर नहीं होने वाला है।

आज के कोलकाता के अखबारों में छपे समाचारों के मुताबिक सिपाहसालार ने भूत ब्रिगेड की तैनाती पहले ही कर दी है और उन्हींके नक्शे पर बीरभूम जीतने का अश्वमेध शुरु हो गया है।बांगला के सबसे बड़े अखबार में एक ग्राफिक में उन्हें रावण की तरह दशानन दिखाया गया है।

ये दस सर उनके खास सहयोगियों के हैं,जिनपर आयोग ने कोई रोक नहीं लगायी है और वे गुड़ जल बताशा लेकर चुनाव आयोग के सारे बंदोबस्त गुड़गोबर कर देने की पूरी तैयारी में हैं।


तीसरे चरण के 56 सीटों के लिए मतदान से पहले बंगाल में चर्चा सिर्फ बीरभूम में नजरबंद दीदी के खास सिपाहसालार की हो रही है जो चुनाव आयोग के तमाम निर्देशों और नोटिसों को कचरा पेटी में डालकर मजिस्ट्रेट और केंद्रीय वाहिनी की मौजूदगी में नजरबंदी के बावजूद कैमरे की नजर में बीरभूम में विपक्ष को वैनिश करने का जादू का खेल जारी रखे हुए हैं।

शायद यह रिकार्ड होगा भारतीय चुनाव के इतिहास में।चुनाव आयोग ने दीदी के खास सिपाहसालार को बंगाल में चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक 22 मई तक नजरबंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

सत्ता दल के खस सिपाहसालार की इसतरह नजरबंदी अभूतपूर्व है लेकिन चुनाव आयोग जिन्हे बोतल में बंद करके बंगाल में टुनावों में धांधली और हिसा रोकने की कवायद में लगा है,चुनाव आयोग के नोटिस के बावजूद उनकी सेहत पर कोई असर हुआ नहीं है।

बीरभूम के बोलपुर,नानुर और लाभपुर में इनसे निपटने के लिए समूचा विपक्ष एकजुट है लेकिन उन्हें रोक पाने में चुनाव आयोग की कसरत कितनी काम आयेगी,भूतों का नाच किस हद तक कम या जियादा होगा और कितना खून,किसका खून बहेग,इसका हिसाब किताब जोड़ा जा रहा है।

माहौल ऐसा है कि इस सिपाहसालार के अलावा बंगाल में जैसे कुरुक्षेत्र के मैदानमें कोई रथी महारथी हैं ही नहीं।

बाकायदा चूहा और बिल्ली का खेल जारी है और चुनाव आयोग की साख दांव पर है।

पहलीबार किसी चुनाव में एक जिले के सत्तादल के नेता मुख्यमंत्री और तमाम विपक्षी दलों के मुकाबले फोकस पर हैं।

चुनाव आयोग ने अपनी पूरी ताकत उन्हें बोतल हबंदी करने में झोंक दी है।

वहीं वाम कांग्रेस गठबंधन के नेता सूर्यकांत मिश्र ने चुनाव आयोग के एहतियाती बंदोबस्त पर भरोसा न करके हालात का मुकाबला करने के लिए रकार्यकर्ताओं को आगाह किया है।वाम मोर्चा चेयरमैन ने भी कार्यक्रताओं को अलग चेतावनी दी है।

वामदलों का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा की शिकायतों के आदार पर संघपरिवार की रणनीति के तहत सारे कदम उहा है और इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता।

कुल मिलाकर वाम,कांग्रेस और भाजपा नेताओं का आरोप है कि पहले चरण से पहले से चुनाव आयोग नानाविध कदम उठाने की कवायद कर रहा है लेकिन आयोग के निर्देशों पर मौके पर कहीं अमल नहीं हो रहा है और भूतों का खेल जारी है।

इसी बीच तृणमूलपंथी बुद्धिजीविययों न यह बयान जारी करके सनसनी फैला दी है कि जितनी हिंसा बंगाल में चुनाव के दौरान हो रही है उतनी तो स्कूलों में भी होती है।इससे पहले वामपंथी बुद्धिजीवियों ने चुनाव आयोग से मिलकर चुनावी हिंसा की शिकायत की थी और उनमें कुछ वैसे चेहरे भी हैं,जैसे नाटककार कौशिक सेन और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुजात भद्र।जिनकी अगुवाई मशहूर अभिनेता सौमित्र चटर्जी कर रहे थे।

इसके जवाब में कवि सुबोध सरकार और शास्त्रज्ञ नृसिंहप्रसाद भादुडी के नेतृत्व में तृणमूल पंथी बुद्धिजीवियों का यह उद्गार है।इनमें अमियचौधरी ने दावा किया कि तृणमूल के खिलाफ सारी शिकायतें निराधार है तो अभिरुप ने कहा कि चुनाव आयोग सिर्फ तृणमूल को निशाना बना रहा है।राज्य मानवाधिकार कमीशन के पूर्व चैयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक गंगोपाध्याय ने हैरत जतायी कि सत्ता का पक्षले रहे इन बुद्धिजीवियों को पूरे बंगाल में हो रही हिंसा बच्चों का खेल नजर आ रही है।

गौरतलब है कि  ममता बनर्जी ने आज पश्चिम बंगाल के प्रमुख विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे क दल विशेष के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रहे हैं। उन्होंने बीरभूम जिले में एक चुनावी सभा में कहा, ''सुबह से रात तक कांगे्रस, माकपा और भाजपा के नेता मेरे खिलाफ शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। मैं एक-एक इंच का जवाब मांगूंगी। यह मेरा बुनियादी अधिकार है। मुझे उनसे प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है। मुझे केवल जनता का प्रमाणपत्र चाहिए। जनता उन्हें मतदान के जरिए मुंहतोड़ जवाब देगी।''

वहीं,वाम कांग्रेस गठबंधन के नेता सूर्यकांत मिश्र ने कहा है कि चुनाव प्रचार के लिए आने पर ममता बनर्जी हेलीपैड से ही पुलिस अफसरों को अनेक तरह के निर्देश दे रही हैं। लेकिन बाद में वही अफसर हम लोगों को सुरक्षा के लिए सावधान रहने के लिए होशियार करते हैं। इसका मतलब है कि ममता सरकार के अफसर अब यह समझ गये हैं कि तृणमूल का पतन निकट है।
सूर्यकांत मिश्र ने कहा है कि ममता सरकार के समय में घूसकांड हुआ, वाम के समय में नहीं। मौजूदा सरकार ने राज्य के सम्मान को नुकसान पहुंचाया है। बीते पांच सालों में तृणमूल के नेता और मंत्री करोड़पति हो गयेहैं।

सूर्यकांत ने आरोप लगाया कि दीदी ने परदे के पीछे से मोदीभाई के साथ सांठ-गांठ कर रखी है इसलिए तृणमूल नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में मतदान के दौरान सूर्यकांत को उनके चुनाव क्षेत्र में ही नारायनगढ़ में बूथ में नहीं घुसने दिया गया था। आरोप है कि ममता बनर्जी ने उन्हें लक्ष्य करके गोबैक कहा था। इसी मामले को उठाते हुए सूर्यकांत ने कहा कि इसके बाद भी वह हालात का जायजा का लेने के लिए बूथ में जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई रोक नहीं पायेगा।
वाम कांग्रेस गठबंधन के नेता ने कहा कि चाय बागानों में श्रमिक भूख से मर रहे हैं और ममता दीदी प्रचार में यहां आने पर मां के आगे मौसी की कहानी सुनाते हुए गलत तथ्य पेश करती हैं। उन्होंने कोलकाता के फ्लाई ओवर हादसे का जिक्र करते हुए इसके लिए सत्तारूढ़ दल को जिम्मेदार ठहराया।


वैसे बीरभूम के अलावा कांटे की लड़ाई सिलीगुड़ी में भी हो रही है।गौरतलब है कि द्वितीय चरण के तहत रविवार 17 अप्रैल को सिलीगुड़ी महकमा की तीनों विधानसभा सीटों पर भी मतदान होंगे। कुल 664489 मतदाता विभिन्न दलों के 24 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे।

इन उम्मीदवारों में बड़े नामों में सिलीगुड़ी विधानसभा सीट पर राज्य के पूर्व मंत्री व माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान व तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया कांटे की टक्कर के साथ आमने-सामने हैं।

एहतियात के तौर पर  बिहार-बंगाल सीमा की चौकसी बढ़ा दी गई है। मात्र चार किमी एनएच 31 सड़क किशनगंज में पड़ता है। जिससे विधानसभा चुनाव को लेकर किशनगंज सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के कई विधानसभा क्षेत्र में चुनाव है। इसके लिए रामपुर चेकपोस्ट और बिहार के अंतिम छोड़ फ¨रगोला में बंगाल पुलिस द्वारा सघन वाहन जांच की जा रही है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया है। ताकि बिहार से जाकर लोग चुनाव को प्रभावित न कर सकें।

चुनावी सरगर्मी के साथ लू की कहर से भी बंगाल में हालात असामान्य हैं लेकिन देखना है कि लू के मध्य और आयोग के तमाम एहतियाती बंदोबस्त के बाद भूतों का खेल कितना जमता है या बिगड़ता है।कोलकाता महानगर सहित राज्य के ज्यादातर जिलों में अगले 72 घंटे तक लू का कहर जारी रहेगा और फिलहाल राज्यवासियों को गरमी से कोई राहत मिलनेवाली नहीं है.।यह जानकारी मौसम विभाग की ओर से दी गयी है। शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे के बाद से ही महानगर सहित पूरे दक्षिण बंगाल के 11 जिले में तापमान चरम पर रहा।

दक्षिण बंगाल के बांकुड़ा, पुरुलिया, बर्दवान, मुर्शिदाबाद, वीरभूम में तापमान अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक रहा। इसके साथ-साथ हावड़ा, हुगली, नदिया, उत्तर 24 परगना व दक्षिण 24 परगना जिलों में भी लोग गरमी से परेशान रहे। हालांकि इस गरमी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल, कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है।

मौसम विभाग के अनुसार काल बैसाखी बनने की संभावना काफी कम है। दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक लू का कहर देखने को मिलेगा, इसलिए मौसम विभाग से इस संबंध में लोगों को सतर्क किया है।



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