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Saturday, July 10, 2010

कब जागेंगे हम?

कब जागेंगे हम?

http://www.tehelkahindi.com/editorial/31.html

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जब पिछली बार हमने सत्ता के गलियारों को हिलाने की हिमाकत की थी तो हमें तीन साल तक दहकते अंगारों पर चलने का अभिशाप दिया गया. रक्षा सौदों में भष्टाचार की पोल खोलने वाला ऑपरेशन वेस्ट एंड मार्च 2001 में प्रसारित हुआ था. इसके फौरन बाद दो चीजें हुईं. पहला हमें लंबे समय तक लोगों की अपार सराहना और उनका प्यार मिला. दूसरा, हमारे काम और जिंदगी पर एक अनैतिक और असंवैधानिक हमला बोला गया. ये भी लंबे समय तक नहीं रूका—तब तक जब तक सरकार का सारा गोला-बारूद खत्म नहीं हो गया.

छह साल पहले उस वक्त हम पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए गए. कुछ ने कहा कि हम कांग्रेस के लिए काम करते हैं. कइयों के लिए हम दाऊद के आदमी थे. कुछ का कहना था कि हमारे पीछे हिंदुजा का पैसा लगा है. कोई हमें आईएसआई से जोड़ रहा था जिसका मकसद हमारे जरिये शेयर बाजार को औंधे मुंह गिराना था. कहा जा रहा था कि इस काम के लिए हमें करोड़ों रुपये मिले हैं. यही नरेंद्र मोदी उस समय बीजेपी के महासचिव हुआ करते थे. मुझे वह टीवी इंटरव्यू नहीं भूलता जिसमें मोदी और मैं दोनों फोन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे और मोदी चिल्लाचिल्लाकर हमारे खिलाफ झूठ उगल रहे थे. एक दिन बाद ही वह मेरे बारे में दस तथ्यों से भरा एक पर्चा भी छापने वाले थे. मुझे वह टीवी इंटरव्यू नहीं भूलता जिसमें मोदी और मैं दोनों फोन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे और मोदी चिल्लाचिल्लाकर हमारे खिलाफ झूठ उगल रहे थे. एक दिन बाद ही वह मेरे बारे में दस तथ्यों से भरा एक पर्चा छापने वाले थे.

इनमें पहला और सबसे अहम तथ्य ये था कि मैं एक कांट्रेक्टर का बेटा हूं जो कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के करीबी सहयोगी थे.

हमारे ख़िलाफ़ उछाला गया हर आरोप दिल्ली के संभ्रांत हलकों में न केवल चटखारे लगाकर सुना-सुनाया गया बल्कि एक कान से दूसरे कान तक जाने की प्रक्रिया में इसमें कई और स्वाद भी जोड़े गए. यहां तक कि दोस्तों और जानने वालों ने भी दबी जबान में बातें कीं. ये वे लोग थे जिन्होंने किसी को बिना फायदे के कभी कुछ करते हुए नहीं देखा था. उनके लिए ये मानना सही भी था कि हम भला उनसे क्योंकर अलग होंगे. और अब जब सरकार हमारे शिकार पर निकल ही चुकी थी तो सच का सामने आना बस कुछ वक्त का ही खेल था. इतना सब कहने के बाद मिलने पर हमारी तरफ एक जुमला उछाल दिया जाता कि आपने असाधारण काम किया...ऐसा काम जो न सिर्फ जरूरी था बल्कि बहुत साहसिक भी.

हकीकत ये है कि-

-मैं कभी भी किसी हिंदुजा से नहीं मिला था

-मैंने स्टॉक मार्केट में एक शेयर की भी खरीद-फरोख्त नहीं की थी.

-मेरा कांग्रेस से कभी भी कोई लेनादेना नहीं रहा. मैं तो राजनीति कवर करने वाला पत्रकार तक नहीं था. रिकार्ड के लिए बता दूं कि तहलका शायद भारत में अकेली ऐसी कंपनी होगी जिसके खिलाफ तीन सीबीआई केस चल रहे हैं. ये तीनों केस एनडीए सरकार के वक्त दर्ज किए गए थे और यूपीए के सत्ता में आने के बाद भी जारी हैं. हमें जमानत लेने के लिए नियमित रूप से कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं.

-हमारे पास कभी भी काले धन की एक पाई तक नहीं रही. अगर ऐसा होता तो हर घड़ी हमारे पीछे लगी रही एजेंसियां हमें कब का जेल में ठूंस देतीं. आखिर में ऐसा वक्त आया जब इस कंपनी में काम करने वाले लोग 120 से घटकर सिर्फ चार रह गए. साउथ एक्सटेंशन के पीछे एक किराए के कमरे में हमारा ऑफिस चल रहा था. कानूनी और जिंदगी के तमाम पचड़ों से लड़ने के लिए हम पर दसियों लाख रुपये उधार चढ़ चुके थे जो हम अब तक चुका रहे हैं. गंभीर आरोप लगने पर चिल्लाचोट की रणनीति भले ही चतुर लेकिन निंदनीय राजनीतिक दांव हो लेकिन भारतीय संभ्रांत वर्ग की साजिश ढूंढने का शगल समझ से परे है. इससे केवल खुद के बारे में सोचने वाली संस्कृति की बू आती है जहां कोई जनहित कोई मकसद ही नहीं होता.

-और हां, अंडरवर्ल्ड को झटका देने वाले क्रिकेट मैच फिक्सिंग के खुलासे के बावजूद हमसे से कोई दाऊद इब्राहिम या किसी और भाई से कभी नहीं मिला था.

मेरे पिता को तो छोड़िये मैं भी उस समय तक अर्जुन सिंह से कभी नहीं मिला था. कांट्रेक्टर होने की बजाय मेरे पिता की जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय सेना में गुजरा था. इस दौरान उन्होंने 1965 और 1971 में पाकिस्तान से हुए दोनों युद्ध भी लड़े. फिर भी मोदी ने सार्वजनिक मंच पर ये और ऐसे दूसरे कई सफेद झूठ बोलने से पहले कुछ नहीं सोचा और सेंसेक्स से भी ज्यादा चकरायमान मीडिया ने इसके पीछे के सच को बाहर लाने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं समझी.

झूठ के पीछे के सच को अगर बाहर न लाया जाए तो झूठ खतरनाक आकार ले लेता है. सच्चाई का चेहरा विकृत हो जाता है और अराजकता घर करने लगती है. पुरानी कहावत है कि झूठ को अगर लगातार और कई तरीकों से फैलाया जाता है तो वह सच बन जाता है या फ़िर कम से कम सच को डुबो तो देता ही है. इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब 1984 में सिक्खों की गर्दनें तलवारों पर रखी गईं. और हमने ऐसा होते 2002 में भी देखा जब गुजरात को दूषित भावनाओं के साथ गलत जानकारी की आड़ में आग के हवाले कर दिया गया. कुछ मौकों पर मीडिया ने सच की पड़ताल कर उसे दिखाया भी. लेकिन तब तक सच का महत्व ही खत्म हो चुका था. सच से बेनकाब होते लोगों की रणनीति इतना शोर मचाने की थी कि उसमें सब कुछ डूब जाए—अच्छा, बुरा, सच, झूठ सब कुछ. हमारी इस तहकीकात पर उनका शोर है कि आपने गोधरा के बारे में तो कुछ कहा ही नहीं. जबकि सच ये है कि इस अंक के 30 पन्ने गोधरा की तहकीकात को ही समर्पित हैं.

गंभीर आरोप लगने पर चिल्लाचोट की रणनीति भले ही चतुर लेकिन निंदनीय राजनीतिक दांव हो लेकिन भारतीय संभ्रांत वर्ग की साजिश ढूंढने का शगल समझ से परे है. इससे केवल खुद के बारे में सोचने वाली संस्कृति की बू आती है जहां कोई जनहित कोई मकसद ही नहीं होता. पिछले कुछ सालों में मुझे कई बार ये अजीब और कड़वा अनुभव हुआ है जब लोगों को मैंने मेधा पाटकर और अरुंधती रॉय जैसे जनता के लिए लड़ने वाले लोगों पर पैसे के लिए काम करने का आरोप लगाते देखा है. किसी की राय से सहमत न होना अलग बात है. लेकिन खुद ही ये मान लेना कि आम लोगों के मुद्दों को उठाने वाले लोग भष्ट्र हैं, हमारे बारे में कई गंभीर पहलुओं की पोल खोलता है. इस विकृति का कुछ लेना-देना हमारी गुलामी के समय से भी है--वह दौर जब हम ईर्ष्या, चालाकी, साजिश, चुगली या धोखा, किसी भी तरह से गोरे मालिकों को खुश करने के लिए बैचैन रहते थे.

इस बार जब हमने 2002 के गुजरात नरसंहार के पीछे छिपे सच का खुलासा किया तो साजिश ढूंढने वालों ने नई ऊंचाइयां नाप लीं. बीजेपी ने हम पर कांग्रेस के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए हमला किया. उधर, कांग्रेस का कहना था कि हम बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. इससे साफ था कि हम किसी सही काम को ही अंजाम दे रहे थे. इस सबके बीच भारत के विचार के लिए लड़ने का काम लालू यादव, मायावती और वामदलों पर छोड़ दिया गया. हालांकि आदर्श भारत का ये विचार कभी कांग्रेस के पुरोधाओं द्वारा रचा गया था लेकिन आज की कांग्रेस से जुड़े दिग्गज शायद इसका मतलब भी भूल चुके हैं. अगर सीआईआई को थोड़ी भी बदहजमी हो जाए तो प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर तुरंत स्पष्टीकरण जारी कर देता है. और अगर इस बदहजमी पर वह एक सेमिनार भी करना चाहे तो प्रधानमंत्री उसमें मुख्य वक्ता के रूप में फौरन पहुंच जाते हैं.

ये भी अपने आप में असाधारण बात है कि गुजरात नरसंहार के खुलासे को कई दिन होने को आए लेकिन अब तक इस पर न तो प्रधानमंत्री ने ही कोई बयान दिया और न ही गृहमंत्री ने. पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार सामूहिक हत्याकांड करने वाले कैमरे पर खुद बता रहे थे कि उन्होंने कैसे मारा, क्यों मारा और किसकी इजाजत से मारा. ये कोई छोटे-मोटे अपराधी नहीं थे. ये विचारधारा में अंधे वे उन्मादी लोग थे जो उस खतरनाक दरार की सच्चाई का खुलासा कर रहे थे जिसमें इस देश के टुकड़े करने की क्षमता है. लेकिन रेसकोर्स रोड में बैठे भद्रजनों के लिए ये काफी नहीं था. अगर सीआईआई को थोड़ी भी बदहजमी हो जाए तो प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर तुरंत स्पष्टीकरण जारी कर देता है. और अगर इस बदहजमी पर वह एक सेमिनार भी करना चाहे तो प्रधानमंत्री उसमें मुख्य वक्ता के रूप में फौरन पहुंच जाते हैं.

प्रधानमंत्री को भी कोसने का क्या फायदा. उनके पास जिम्मेदारी तो है पर शक्तियां नहीं. बेईमानी के पहाड़ की चोटी पर बैठा ईमानदार व्यक्ति. कांग्रेस के उन बड़े रणनीतिकारों पर नजर डालते हैं जो खुद तो कोई चुनाव नहीं जीत सकते मगर कईयों को चुनाव जितवाने के रहस्य जानते हैं. उनके हिसाब से देखा जाए तो हत्याओं और बलात्कारों में मोदी की भूमिका का पर्दाफाश इस तरह से डिजाइन किया गया था कि गुजराती हिंदू को ये यकीन हो जाए कि मोदी ही उनके लिए आदर्श नेतृत्व हैं. उन्हें यह नहीं सूझा कि हिंसा के इन सबूतों को वे मोदी के खिलाफ एक हिला देने वाली सार्थक बहस शुरू करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

वास्तविकता ये है कि कांग्रेस को आज कुछ ऐसे छुटभैये रणनीतिकार चला रहे हैं जो ये भूल चुके हैं कि सही कदम उठाना क्या होता है. उनके पास न तो इतिहास के अनुभवों का प्रकाश है और न ही भविष्य के लिए दृष्टि. वे यह देख पाने में असमर्थ हैं कि एक जमाने में महान विभूतियों ने धर्म, जाति, भाषा, नस्ल आदि जैसी खाइयों को पाटते हुए इस देश के विचार को शक्ल दी थी. मूर्खतापूर्ण तरीके से वे अब इन्हीं दरारों को फिर से उभार रहे हैं. वे उन संकटों को देख पाने में असमर्थ हैं जो इसके परिणामस्वरूप सामने आएंगे. उन्हें ये नहीं पता कि राजनीति में नैतिकता को हथियार कैसे बनाया जा सकता है और उनमें नैतिकता के रास्ते पर चलने की हिम्मत भी नहीं है. ये लोग और कुछ नहीं ज्यादा से ज्यादा बस चुनावों में वोटों की तिकड़म भिड़ाने वाले एकाउंटेंट हैं जो चुनावी लाभ और हानि के बीच झूला झूलते रहते हैं.

आज की कांग्रेस उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले उस भारतीय को निराश करती है जिसे भारत की आत्मा की रक्षा करने को एक राजनीतिक छाते की आवश्यकता है. सही बातें न कहकर, सही कदम न उठाकर ये उस उदार भारतीय को कमजोर करती है जिसकी विवादों में कोई रुचि नहीं और जो अपनी अच्छाई की स्वीकृति चाहता है. इससे पैदा हुए खाली स्थान पर जहरीली और विकृत विचारधाराएं काबिज हो जाती हैं.

और ये सब तब हो रहा है जब भारतीय कुलीन वर्ग ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसा कि 1920 में चमक-दमक और शैंपेन की खुमारी में डूबा अमेरिकी कुलीन वर्ग किया करता था जबकि पैरों के नीचे की जमीन बड़ी तेज़ी से दरकती जा रही है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि पांच मुख्य राज्यों में गरीबी से बदहाल लोगों की संख्या बढ़ रही है. भारत के 30 फीसदी जिलों में घनघोर दरिद्रता से उठता नक्सलवाद बढ़ता रहा है. आखिर कब तक आकंठ पैसे में डूबे हुए और भूख से मर रहे लोग बगैर टकराव के साथ-साथ रह सकते हैं. सच्चाई ये है कि भारत को सिर्फ आर्थिक सुधारों की नहीं बल्कि राजनीतिक दूरदृष्टि की भी जरूरत है जिसका कहीं अता-पता नहीं. गुजरात के प्रति हमारी बेपरवाही बताती है कि दुनिया के इस सबसे जटिल लोकतंत्र के सामने अब तक की सबसे पेचीदा चुनौती मुंह बाए खड़ी है.

तरुण तेजपाल

(कुछ ही दिनों में तहलका की हिंदी पत्रिका पाठकों के सामने होगी जिसमें तरुण तेजपाल सीधे आपसे संवाद करेंगे. यदि आपके मन में तरुण के लिए कोई सवाल हो तो आप इसे hindi@tehelka.com पर ई मेल कर सकते हैं या नीचे लिखे पते पर भेज सकते हैं. )

तहलका, एम-76, एम ब्लॉक मार्केट, ग्रेटर कैलाश-2, नई दिल्ली-110048

Comments (84 posted):

mohan bhatt on 24/07/08 05:42:42
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tarun ji namskar,
aap ki saahasik patrkarita ka main sammaan karta hu. khud bhi ese pese se juda hu or sacchi ujagar karne ki kimat diya huwa hu is liye aap ke dwara jhele jane wale tanav or paresaniyo ko jiyad sidat ke saat mahesus kar sakta hu..main ek baat saaf tor per manta hu ki kewal likh dene se akanth bhrastachar main dubi rajniti theek thak hone wali nahi.......... janta sayad is bhulawe main rahati hai ki sayad 5 saal bad ane wali dusri sarkar unke duk dard kam karegi bhrastrachariyo ko saja degi............ lekin hum to saaf saaf dek rahe hai................
muje lagta hai ki, ek aise pahel karne ki jarurat hai jismain un sawalo ka theek teek jabab mil sake, jo aaj sabse jiyad kachotate hai ......
shubhkamanao sahit
mohan bhatt.
neerja mishra on 25/07/08 06:54:08
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tarun ji kaya aapko yah nahi lagta hai ki hamare desh mai eak aaur kranti ki jarurat hai.yanha baat modi congress sapa,bspa bhajapa ki nahi hai har dal mai apne apne stter per kami hai aur yah kamiya aati hai janta ke jagruk n hone ke karan aur janta jagti hai achee leadership se ies loktantra mei vah aap bhi ho sakte hai maie bhi aapna dard kahne se aacha hai usko pala jai aur hathiyar bana kar naya rasta bnaya jaie - neerja mishra chief beuro upss lko(u.p0
chandu sharma on 26/07/08 03:12:12
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tarunji, dhara me murde bahte he...mery dhara ulti. sirji yadi aap dhara ke viprit chalenge to jahir he pareshaniya to aayengi hi. patrkarita aapka misson he na ki dhanda or misson kabhi assan nahi hota. aapko or hame yadi dhanda hi karna hota to hum khud ke saath dusro ko musibat me knyo daalte. jahir he maksad paisa nahi emandaaro ka jhoot ujager karna he. 18 ssal ki patrakarita me mene bhi sachai ko lekar kai ladaiya ladi.natija... 38 ki umra me akhbar ki nokari chodkar ghar baithna pada.... yah to tab he jab mere akhbar ko sachai or maliko ko emandari ke liye jana jata he....aap unse achi tarah vakif he... mera manna he ki jab es estar par hi imandari or sachai ki pahchan nahi ho rahi to fir us janta,jamane,tantra,vyavasta,systam,sarkar ya fir samaj se kya ummid kare jiske jyadatar hisse ki buniyad hi jhooth par tiki he.is jamane me emandari se kaam karna koi hansi -majak nahi. charo taraf brastachar he. log aakanth dube he. media me bhi mahol thik nahi he.koi badda blackmailar he to koi chota. sub nahi lekin jyadatar log sirf apne phayde ke liye kam karte he.unhe sidhanto se matlab he na maryada se...enme media wale shamil he... dekhiye ssab! hum to aapaki himmat ke kayal he or aapko aadarsh mante he. ab tak chale bhi aap hi ke nakshe kadam par. kya mila sivay jillat ke lekin toote to ab bhi nahi. tootenge bhi nahi knyoki imandari ka junoon abhi utara nahi he. sach ko sach likhne, kahne or bolne ki himmat he. musibate aati-jaati rahtihe. itna jaroor he ki esse kaam ki speed kum ho jaati he...dehiye sarji...imandari hamesha kimat mangti he... theek ussi tarah, jaise har galti ki kimat chukana chukana padti he. aap to poori shiddat se apne misson me jute rahiye kyonki sachai aakhir tak sachai hi rahti he...baithe raho kinare par kabhi to lahar aayegi.
Iqbal on 26/07/08 09:01:26
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is desh ko jagane ke liye halla bol bolne ki zarurat hai. logo ko pata nahin kaisee mohmaya ne jakad rakha hai unka dimag bahut hi simit sochta hai, in sab ka ek hi wajah hai insaan ke naitik charitra ka patan
santosh singh on 28/07/08 11:38:11
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gud evening sir !in very short, you r the real hero of real journalism.....sir main apshe delhi university k south campus me chuka hu....aapne kaha tha media me bhatkaw se bucho....sachmuch sir aaj samaaj me media k naam pur tamam dukane khul gayeehai.
अनिल कुमार, उज्जैन, मध्य प्रदेश on 29/07/08 07:47:11
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तरुण जी मैं आपके और तहलका के लिए कुछ करना चाहता हूं। संभव हो तो एक बार मौका दे के देखें।
Rameish sharma on 30/07/08 07:33:47
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I have never met you but I must say from my inner soul that you are and will be the greatest inspiration for the next generation entering into the journalism field. After spending 22 years in journalism, I had recently taken one step to follow the same path i.e. work with your ideology and if it is even 10%, I would be succeded.

Rameish sharma
pravin on 31/07/08 10:47:39
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kab tak purane sahash ki duhai denge?? kuchh naye stant karo tarun saheb...
Anand dwivedi on 02/08/08 07:36:55
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Tarun jee namaskar
We want do some new. Politician is bad man & Reporter is Freedom Fighter
Kalam ke sipahi jo kalam bech denge ye neta hamare vatan bech denge.
Atul Shrivastava on 02/08/08 06:14:17
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तेजपाल जी, आप जैसे हौसले रखने वाले कम ही हैं,
Kislaya on 03/08/08 06:50:42
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Bravo.. We have included your article at our site with a Link Back.. Thanks.
javed akhtar chholase on 04/08/08 05:04:50
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tarun jee adab aap jaisa logo ko desh ki zarurat hai
Ravinder Singh RAJA on 08/08/08 05:07:56
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Respected Tejpal Ji 'Mubarak' Aise Hi Jhooth Ka Parda Faash Karte Rahiye . Ham Aapke Saath Hain .SHUBHKAAMNA.
vinod d jain on 08/08/08 09:28:14
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tarun ji aap bahut hi shandar kama kar rahe shuru shuru me taklife aati bad me sab aapke divane ho jayag
manoj kumar singh on 10/08/08 05:04:19
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Tarun ji ap ne patrkarita ko ak nya tewar aur disha di hai. Tehelka ki hindi patrika patrkarita ka nya muhawara taiyar karegi.
Manoj Kumar Singh, Gorakhpur U p
RAJNESH KUMAR PADEY on 13/08/08 11:14:12
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tarun sir namaskar, sir main mahatama gandhi antarrashtriya hindi vishwavidalaya mein mass communication kaa student hoon .aapki himmat kabile tarif hai.
rahul on 13/08/08 01:00:59
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Hello Pakistani tarun tejpal ,India is our , hindu"s propertey , it do not belong to any funked ghaandi . and warning to all 18 crore pakistani muslim living in india , just wait for another gujarat .
aakash chauhan, MANDSAUR M.P. on 13/08/08 01:50:39
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AAPNE PATTHARO KAA SINAA CHIRKAR PAANI PIYAA HAI.....KISI SAMANDAR KAA AAP PAR AHSAAN NAHI.....
sach ghate ya bade ,to sachh na rahe ,,,jhoot ki koi imtehaa hi nahi....AAP SACCHE HAI,, SACH SUN NE WALE ,,SACH SAMAJHNE WALE,,AUR SACH CHAAHNE WAALE , AAP KE SAATH HAI .. GOOD LUCK.
tarun goyal on 14/08/08 03:13:14
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tarun ji I am a subscriber of your english edition. i and my friends will do welcome of hindi edition. pl keep this thing continious for the brighter democracy. our friends formed a vichar manch a plateform for the independent thinking we will surely invite you. thanks
manjul on 15/08/08 02:49:03
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Hi Tarun
You always mesmerize me with your writings. It is first time I am reading you in my language. It was great. Best wishes for your new venture.
ashokkumar bhatti on 18/08/08 08:25:26
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TARUN TEJPALJI.AAP JESE REPORTER KI VAJAHSE DESHME BHASTACHARI KUCHH KABU ME
HE.VARNA KABKA DESH PHIR SE GULAM BAN
JATA.AAP APNI MANJIL PAR AAGE BADHTE RAHE.HUM AAP KE SATH HE.
amar anand on 20/08/08 06:41:53
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tarun bhai, apka ek-ek lafj purani yadon ko jinda kar deta hai. aapke chahne walon ko majboot karta hai aur mujh jaise bhai ka ki housla afjai karta hai. mujhe aapke is housle par dushyant kumar ki wahi line yaad aati hai, jiske jariye tehlka weekly (fortnightly) shuroo hone par maine aapko badhai di thi.

JAB SE HAMNE PANKJ KHOLE HAIN UDANO KE LIYE.
HUM CHUNOUTI BAN GAYE HAIN AASMANON KE LIYE

AAG ME FEKON HUME YA ZAHAR DE DO HAME,
HUM TO TAIYAR HAIN SAB IMTIHANON KE LIYE

JHOOTH BOLKAR BHI AAKHIR HO GAYA KOI BARI
MIL GAYEE HUMKO SAZA SACHCHE BAYANON KE LIYE.
jigar vyas on 21/08/08 07:49:10
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Namaskar Tarunji ...aapne bahoot accche tarike se likha hai aur sabki samaj mein ayaa hai ...yahi ek akhbarnavish ka kaam hotah hai...mein bhi ek patrakar hu...jo gujarat se kaam karta hu local newspaper ke liye..mein bhi hamaesha aakramak abhigam se chalana wala insaan hu..aur mein chahta hu ek patrakar ke natein aap mujhe apne tehelka mein kaam karne ka moka de..to mein yaha gujarat se aap ko kuch tehelkabhari stories de pao....aap ek patrakar hai to patrakar ki bhavana samaj sakte hai ..ki mere under bhi kya junoon aur zazba hoga sacchai ke liye ladne ke liye...thank you and waiting for your reply sir!
Putul singh on 23/08/08 06:59:33
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Dear Tarunji, Namaskr.
Kaun kahta hai aasmaan me suraakh nahi hota, Ek patthar to dil se uchhaal k dekho yaaro. sir aapne wahi baat ko sach kiya hai. Aandhi me diye jalana hi sherdili hai.Aapke himmat aur dhairya ko salam karta hoon. You R a pioneer in journalism field. Meri shubhechha aur Shubhkamna. P. K. Singh
swayambara on 24/08/08 11:39:29
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ham deshwasi oos vakt bhi aapke sahas ke saamne nat,astak the jab aapne desh ke saamnne sachchaiyon ko oojagar kiya tha.aaj jana ki iski kitni kimat chookani padi aapko.i m a big fan of u people.hats off.
rajkumar singh on 26/08/08 06:59:05
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Tarunjee,
Tehelka aur aapka ka main purana mureed tha.Dhakka laga SIMI par sahi ki report padhkar.Seedhe seedhe Simi ko clean chit de rahe hain?jabki SIMI khud apnee ghoshna me BHARAT ke rashtra rajya ko nasht kar Islamee hukumat lane kee baat karatee hai?visfot.com par chapee TEJPAL KE NAAM KHULEE CHITTHEE ka jabab den.Kaheen TEHELKA bhee prayojit patrakarita to naheen?Main shocked hoon.Abhee tak apkee patrika par vishwas karta tha aur apko ek bahadur patrakar manata tha.kuch kahenge.Main chahata hoon ki aap SIMI ke bare me desh ko sachchyee batayen.Khash kar khud SIMI apne bare me kya kahatee hai aur uskaa itihas kya raha hai.Ya to aap woh naheen hain jispe hame yakeen tha ya khud meree jankaree galat hai.
nawal kishor kumar on 28/08/08 08:01:45
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आदरणीय तरुण जी,

आपकी बातें पढकर लगा जैसे भारतीय लोकतंत्र का दीपक अब बच पायेगा। आप युं ही सच दिख़ारे रहें और इस कार्य में मैं आपका सहयोगी बनने को तैयार हुं। मेरे पास बिहार के प्रमुख़ नेताओं के काते चिटठे हैं जिनका खुलासा करना चाहता हुं। कृपया अपना संपर्क सुत्र अवश्य भेजें।

आपका

नवल किशोर कुमार
ब्रह्म्पुर, फ़ुलवारी शरीफ़, पटना-801505,
मो0-09304295773
Bandy indian on 29/08/08 06:21:57
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Trun ji namaskar agar aap hindosatani hai to is desh ke namak haram musalmano ke bare mai bhi thodi JANKARI jroor rakhen "
Pankaj Tripathi on 30/08/08 07:02:05
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तरुण जी नमस्कार,
आपका लेख बेशक प्रेरणादायक है और आपका मिशन सच में दिलेरी भरा। कभी आपके इस मिशन का हिस्सा बन सकूं तो अपनी नज़रों में उठ सकूंगा। फ़िलहाल तो सिर्फ़ कलम और दिमाग़ चल रहे हैं, ख़ुद के लिए।

Pankaj Tripathi,
Sr. Producer,
Zoom, Mumbai.
+91 9870770741
manoj thakur on 31/08/08 05:45:24
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u r great sir
amit deshmukh on 01/09/08 07:01:25
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sir aapka artical wo sach batata hai jise jante to sab hai par koi manta nahi hai.main bhi ek journalist hu or bhopal me kam karta hu. yadi mere layak koi kaam ho mujhe jaror batei. mera number hai 9926004772
SHAILENDRA JHA on 02/09/08 04:59:27
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HI TARUN,
I M A REGULAR READER OF UR ENGLISH TEHELKA,BUT ITS THE FIRST TIME I HAVE GONE THROUGH THE ENGLISH 1.I ASSURE U NOBODY IN INDIA CAN CHALLENGEUR INTENTION.U PEOPLE R DOING GOOD JOB
kalim jamei on 02/09/08 10:05:22
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TRUN JI AADAB
apki is bebak sahafat pe ek shrer apki nazr kar rahaha hoon
sang me naher banane ka hunar mera hai rah sabki hai magar azme safar mera hai
trun ji aap akele nahin sara zamana aapke sath hai
Mansoor Ali on 03/09/08 07:52:12
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Dear Tarun,

Bahut Kam Logo Ke Pass Hota He, Es Tarah Ka Sahas; Desh Ke Liye Jine Ka Sahas, Desh Ke Liye Marne Ka Sahas.

Yeh Jitne Bhi Log Aap Ko Criticize Kar Rahe He, Pehle Woh Apne Aap Ko Dekhe, Phir Aap Ko Kuch Bolen. Yeh Ek Bahut Badi Baat He Ki Aap Itne Virodh Hone Ke Baad Bhi Sach Ke Sath Khade He.

Hamare Desh Ko Aap Ke Jaise Leaders Ki Sakht Zarrorat He, Jo Sachchai Ka Sath De, Imandari Se Desh Ko Chalaye, Vitamin M (Money) ka Lobhi Na Ho, Nish-Paksh Insaaf Kare etc.

Mein Aap Ko Salam Karta Hon.

Hum Sabhi Hindustani, Jo Apne Desh Se Prem Karte He, Aap Ko Salam Karte He.


Jai Hind
Arjun Sharma on 05/09/08 10:28:20
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Tarun ji,
apki himmat aor commitment per kisi shayar ke likhe do share arj hain.
Meri koshish ko saraho, mere hum-rah bano
Maine ik shamma jalai hai, hawaon ke khilaf

Kuch na karne se to chin jata hai aizaz-e-sukhan
Julm sehne se bhi Zalim ki madad hoti hai
vipin-choudhary on 10/09/08 10:45:49
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Tarun Ji, tehelka ko hindi mein nekalne ke leye badhai.
sanjeev sameer on 12/09/08 10:58:14
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तरुण जी,
तहलका हिन्दी मे कब से आ रहा है? प्रतीक्षा है.
Razia on 14/09/08 12:02:26
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भला क्या सुरज/चाँद पर धूल डालने से सुरज/चाँद अपनी रोशनी ख़ो देते है? नहिं ! बल्कि धूल उछालनेवाले पर ही धूल आ गिरती है। लिख़ते रहिये।तरुण जी सत्य आपके साथ है।
Ashok kumar on 18/09/08 11:59:55
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तरुण जी आपके हर लेख में कुछ खास होता है, यह लेख तो प्रेरणा दायक है ही साथ ही इससे यह भ़ी जग जाहीर होता है कि सच बोलना, दिखाना या सुनाना कितना कष्ट कारक है इसलिए तो आज लोग सब कुछ जानकर भी चुप रहना चाहता है और रहे भी क्यों नहीं किसमें इतनी हिम्मत है जो आपके तरह नेताओं से पंगा ले , लोकतंत्र के इस अभिशापित वर्ग से वैर करना सबके बस की बात कहां , आपने ऐसा किया यह हीम्मत दिखायी इसी तरह आप अपने लेखों के माध्यम से हमें सच्चाईयों से परिचित कराते रहें ताकि हममें भी थोडी शक्ती आ सकें .....
Kiran bhosle on 18/09/08 03:15:39
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Tarun Ji
I salute You,and Your struggle of honesty in india
Mohammad Ahsan on 22/09/08 10:52:23
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Dear Sir,
You and your words give us a hope to continue beleive in the values of our (Indian) sociaty, in abraod when we stand infront of other nationalitis, we do not have any thing left in our hand except for the works done by you and people like you.

God doesn't want to destroy this country, hence he time to time create people like you in our society.

Thanks,

M.A. Nadwi
rajendra das on 24/09/08 03:24:16
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TARUN JI NAMASKAR..
AAP NE BEBAKI KE SATH JITNE BHI KAAM KIYE HAI VEE SARE "DESHHIT" ME HAI SACHCHAI KO SAMNE LANA KOI GALAT BAAT NAHI HAI, LEKIN IS DESH KE SARE NETA BHRAST HI JO AAPNE SACH KO SAMNE DEKHA KE TILMILA JATE HAI.....

LEKIN PATRAKARITA KE PESE ME AAPNE BAHUT HI SAHI KAAM KIYA HAI........

AAPNE RISVAT LETE NETA OR BHI LOGO KA PARDA FAAS KIYA VO SAHI HAI......JANTA KE BECH SACH SAMNE ANA HI CHAHIYE....!

AAP KO PARESAN KARNE KE LIYE AAP KE UPAR CHAL RAHI CBI CHALA KE VE LOGE AAPKI KALAM KO NAHI ROK SAKTE HAI...."KYOKI SACH PARESAN HO SAKTA HAI...PARAJIT NAHI.........."


"RAJENDRA DAS MO.9425269676
CHIRIMIRI (CHHATTISGARH)"
Alok on 28/09/08 03:53:12
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Tarun ji
Aap logo ke bhoresh yeh desh chal raha hai . Aap log nahin hote to yahan minority ke jina haram ho jata . Lage raho aur kamate raho
Jabir on 06/10/08 12:01:52
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Tarunji adab Tarunji mai apse nivedan karta hun ke batla huose encounter par bhi apni report likhye Sach kya hai samne laiya. Mujhe ummeed hai ke ap Sahi Report denge thanks.
Yasser on 09/10/08 05:34:18
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Mr. Tarun Tejpal,
This is to congratulate on Starting Hindi Tehelka Weekly. Now I think this will make clear to Non-muslim people like "Abdul" in above commentors who take Veil like Muslims and do crime. I would like to thank you on your INVESTIGATION IN GODHRA TRAGEDY. Also, would like to request that you unveil Blasts of Nanded and Kanpur and then all other blasts which are handiworks of Non-muslims Fundamentalists and who demonise muslim persons.

Thanks.
Tanwir on 11/10/08 12:49:10
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Dear Tarunji

Heads off to u for ur courage and daring, I want to be like u and to do something daring, AAp lage rahiye sara zamana aapke saath hai, waise bhi hum youth chahte hain k koi halla bol bolnewala samne aaye aur mujhe aap wohi MANGAL PANDEY dikh rahe hain TARUN TEJPAL K ROOP MEIN, AAne wale dinon mein zamana aapka diwana rahega sir aur aap hum youth ke inspiration ho, Aur aapke kalam mein itni dum hai k kisi bhi satta ya neta(corrupt) ko hila kar rakh sakti hai q k ye democracy hai, so again heads off and wish u all the very best.
RAMESH SACHDEVA on 11/10/08 01:24:07
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TRAUN JI, NAMASKAR.
SACHAI AUR IMANDARI KEWAL BHUKH DETI H. AAPKI ATMA JISSE KHUSH HO WO THEEK H. AAP KO KYA LAGTA H KI YE LOG SUDHAR JAYENGE. JAHA GOLI KI JARURAT HO WAHA TEER NAHI KAAM AATA. BAKI LAGE RAHO MUNA BHAI. KAHNE KO AAP ACHHA HI KAR RAHE H. KISI KE BAAP KA KYA JA RAHA H.
HUM AAP KI BAAT KI PALNA KARTE .
pramodpal singh on 14/10/08 12:36:03
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aapki kalam ko padhkar aazadi ka waqt yad aata hai.main patrkarita course karte padha tha ki tab ke patrkar kitne Zanoni the.aapbhi misson bhav se patrkarita kar desh ko jagha rahe hai.aap mujh bhi aapne misson jode.
Naveen Kumar Meena on 16/10/08 11:11:53
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Sir,
Whatever I want to say will be very clear if you visit my blog. Please do visit it. I've given my blog adress in the space for 'your website'
ABDUL on 17/10/08 04:15:04
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TARUNJI, ADAB
AAP JAISE DOST HO TO HAME DUSHMANO KI KYA JARURAT. APP HME AAPAS ME LADANE ME JO MADAD KARTE HE IS KE LIYE SHUKRIYA. AAP KARTE RAHIYE. LIKHATE RAHIYE.
k.d.siddiqui on 18/10/08 03:04:48
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Tarun ji main international Human Rights Protection Association ka U.p.state Council ka Incharge hoon.main salam karta hoon aap ki dariya dili aur aap ki kalam ko aur apeel karta hoon Bharat ke yua varg se ki tarun ji jaise janbanj ke sath ayen. siddiqui.
delhi
09310521880
विनोद पाटील on 07/11/08 09:22:12
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तरूनजी आप को मेरी शुभकामनाए. आप की कलमसे मुझे प्रेरणा मिलती है. मै भी एक छोटा पत्रकार हूं.
ABDUL B on 18/11/08 08:19:56
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Maleganv Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Nander Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Makka Masjid Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Ajmer Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Samjhota Express Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Karta koi Aur Hai Bharte Muslims
राकेश on 20/11/08 12:53:53
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दुध के धुले तो तरुण तेजपाल जी आप भी नही है। आपकी सच्चाई तो हम सभी अपरेशन कलंक में देख ही चुके हैं कि किस तरह जनता द्वारा चुने हुये नरेन्द्र मोदी को किस तरह से आप और आपके रिपोर्टर ने झूठ का पुरा पुलिन्दा दिखा दिया था। और तो और जब सभी को आपका झूठ पता चल गया तो आपने माफि मागना भी वाजिब नही समझा अगर आप जनता से मांफी माग लेते तो शायद जनता आपको माफ कर देती। मुझे पता है सच्च से मुह तो रिपोर्टर चुराते हैं ये टिप्पणी आप प्रकाशीत नही करोगे।
तरुण गुप्ता on 23/11/08 10:21:53
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वाकई आपने इस विग्यापनोन्मुख पञकारिता के दौर में जिस साहसिक पञकारिता की नींव रखी है उसके लिए आपकी प्रशंसा करना भी मुझे कमतर जान पड़ता है आपने झूठ के इस दौर में सच की पैरवी की और साथ ही हम जैसे लोगों को (जो सच जानते तो हैं लेकिन इसे बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते ),को सच बोलने का साहस दिया। आपसे आगे भी इसी तरह की उम्मीद रहेगी ।
jak on 24/11/08 07:24:03
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Tarunji thanks for this outstanding work.
Let me tell you that BJP,VHP and all other parties want make INDIA a hindu rastra, are stupid. Because this will never happend and they throwing this country to the hell.
I hope, I Hope my hindu brothers understand that and think about it. Think what is good for our country.
We all are together (Hindu,Muslim, Shikh and Christ)can take this country to success.

Please, Please think before you vote for someone!!!
युवा on 25/11/08 08:40:12
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सारी पार्टीयां मिलकर देश को बरबाद करणे की ठान चुकी है शायद । देश का भाग्य है की अभी भी आप जैसे सच्चे तथा देशप्रेमसे भरे हुये व्यक्ती / पत्रकार इस देश में है ।

मै आप के कार्य को तथा आप को हमेशा सलाम करता रहुंगा ।

आप के लेख पढंना एक अलग अनुभव रहता है ।
धन्यवाद
SANJEEV on 02/12/08 08:58:20
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TARUN G,
MAI SACH NAI JANTA SHAYED SACH AAP HI LOGO KO JANNE KA HAQ HAI AUR AAP KE DWARA HAME SUCH BATAYA JATA HAI, KYA YEH SACH HOTA HAI, AAP NE GUJRAT KE SUCHAI TO LOGO KO DIKHA DI AAP KO KASMIR KI SACHHAI NI DIKHTI, AAP PICHLE 5-6 SALO MAI JAYE KITNE DANGEY HOTAY TEY AUR PAHAL KOWN KARTA THA POLICE PER HAMLA KAWN KARTA THA, SHAYED YEH SACCHAI BATANE LAYEK NAHI HAI, GUJRAT KAND HONE KE BAAD KITNE DANGE HUYE, KYO KI DANGE KARNE WALO KO LAGNE LAGA KI, PRATIKRYA HUMSE JADA UGRA HAI,GANDHI JI KA SAMAI AAB NAI RAHA, USKE BAD SE AAB DHANGE KAM HI HOTE HAI KYO KI USKA JIMMA KAYER ATANKWADIYO NE LIYA HUA HAI. PLEASE AGAR AAP SUCHE HAI TO HAR TARAF KI SACHHAI UJAGAR KARE PLEASE, JARA SOCHIAE HAMARA NAZARIA RESULT KO SAMAJH KAR ACHCHA BURA WALA HONA CHAHIA
ABDUL RASHID on 02/12/08 12:03:02
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Historical sunlight will be rise after dark night.So do your own job.
Abdul Rashid
(Journalist)
Singrauli
M.P.
nameesh on 03/12/08 08:25:18
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तरूण भाई कम्पनी के कार्य से अक्सर मुम्बई जाना होत रह्ता है। पिछले ६ महिनें मे कई बार आपको मुम्बई एअरपोर्ट पर देखा है कहाँ से पैसा आता है?आज के जमानें की पत्रकारिता क्या ईमानदारी से हो रही है?आप तो क्या एन डी टी वी, सी एन एन आएबीएन आदि चैनल कैसे चल रहे हैं?और तो और अखबार और तमाम पत्रिकाऎ कैसे छप रही है? क्या ब्लैक मेल राजनीतिक दलाली और दगाबाजी की कोई भूमिका नहीं है? लोकतंत्र के चौथे खम्भे के अन्दर के सच भी क्या बाहर लानॆं का साहस है,यदि जैसा ईमानदारी का राग आप अलाप रहे हैं तो यह पुरूषार्थ जरा कर के दिखाईये तो मेरे जैसों को कुछ भरोसा हो।हो सकता है कि मेरे जैसे आप को तब ज्यादा टिप्स दे सकें।
ajay kumar on 05/12/08 01:16:56
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badhiya hai log janne lage hai tarun tejpal ko.par tarun bhi samandar ki unhi machliyon me se ek hai yeh bhi log jantee hi hai.ajkal apne muh miya mithhu banana ya kamaklo se vah vah yahi faishan me hai.
Nityanand on 08/12/08 06:03:04
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tarun ji
ye to itahas gavah hai ki jab koi courrpt satta ke khilaph koi aawaj utaha hai to use kai museebato ka saamana karana padata hai.lekin aap apana kaam karte rahiye
best of luck

Nityanand
nityanandkhr.blogspot.com
Prabhat Sinha on 23/12/08 06:20:18
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Wish you the best.

Try to start a TV channel.

Thanks & regards.
on 26/12/08 07:07:56
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Tarun ji namaskar..
mujhe Tahalka kaafi accha lagta hai.
kuch log kahty hai ki aap hamesha BJP ki kami nikalty hai. kya log sahi katey hai..is bare me aap ka kya kahna hai
abhishek nigam on 10/01/09 07:32:34
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hello tarun sir i feel after reading ur article that the common people are blind simply in manner beacause now a time common people just were thinked that we hav to earn money for us they did not thinked anout nation.even though they know that the politicians are done bad things but they want to give votes only and both politics and common people commit there profits.i think after read ur this article i just promised you that im thinking of all whether others were thinked or not.im with u now to improve the scenario of the nation.
KAILASH on 12/02/09 01:25:19
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kab gajeje hum lekh patha ish ke last paregraph mai gujarat ke bare mai likha hai mai ish ka meaning nahi samjha jabki gujrat to shing ho raha hai yeh to gujrat baebrant mai pure hindushtan ne dekha
bharti on 23/02/09 02:55:23
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sir, please pay attention to the education status in cities.
government has totaly forgotten its responsibility to open schools in ew town ship. gone are the day when government schools been superior than private schools.
government is not even checking the quality of education in so called private shcools.
in andhra pradesh situation is worse.
private shcools charging very high fee in lieu of compatable aided orgovernment schools. middle class is deprive of compusory education.
government has not time to pay attention.
अरुण पालीवाल 09414621978 on 26/02/09 01:23:33
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तरुण जी , आपकी लेखनी को सलाम .
ajay walia on 24/03/09 01:11:21
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aap thi hi hai neta galat kar ke bhi galt nahi hai aap shi ho kar bhi galt hai Tarun g per aap thik ho in sote huye log ko jgana kafi muskil hai. bhai g
Kameshwar Sharma on 10/05/09 10:40:59
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Respected Tarunji
I remained subscriber of Tehelka through post about three years back but as luck would have it I also tried to do something for our mothe India and vowed to do sacha business and pay all our dues honestly to everybody and take care of my employees etc. But due to uncertain policies of Govt of India and state we had to shell heavy amount as tax though goods were exported out of india h forms obtained but on tecnical ground our industry hasto suffer and me as well and I had to pass and stilling passing through tremendus pressure my only question to GOD Almighty is ki usne Aapko or Hamein Isa kayon Banaya ya phir woh hamein takat de ki hum apne objects mein kamyaab hon.
NMy heartfelft sincere parnam salam and nastey to you or janab jindgi rahi to aap se jarur milunga kayonki aap mere adarsh hein sach ki ladai se bhagna nahi hai aap ka ashirwad ka abhilashi
THanks And Best regards
Kameshwar Sharma
Master Mind on 10/05/09 08:39:20
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Hello Tarun,
Akhbaar yah Magazine chalana koi assan kaam nahin hai Funds to chahiye hi hote hai. Maine saare comments padhe hai. Kuch ne to sarahna ki hai aur kuch khilaaf hai.
Chahe hi kuch khabbron main compromise ho jatta hoga paar likhne ki himmat to hai aap ke paas.
Main bhi ek media person hi hoon, samaj sakta hoon. Paar bhai Best of luck and good job. Remember you are on "MISSION TRUTH" . Koi baat nahin een logon ka gussa nahin mannha, nahin samaj payenge.

Regards
Master Mind
shariq on 18/05/09 08:44:03
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Mr. tejpal there r many few persons like u who supports truth. i m always with u.
i respect u and i m your fan.
keep it up.
DR.PUSHPENDRA PRATAP on 07/06/09 02:11:15
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duniya ka dastur hai sab apne ko sahi tatha dusare ko galat sabit karane me
apni urja khapate hai.
maninder singh bisht on 08/06/09 03:03:26
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mr tejpal g m always with u.....go ahed
niraj kumar on 30/06/09 04:41:37
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HALF TRUTH IS MORE DANGEROUS THAN MILLIONS OF LIES AND SINS.


YOU FINDED A LOT OF CURROPTION STORY...BUT ALL RELATED TO BJP/NDA RELATED GOVERNMENTS.
GOOD. THIS IS REALLY VERY GOOD EFFORT, I AM ALWAYS AGINST SUCH CORRUPT AND EVIL MINDED PERSONS.

BUT...

...ARE OTHER PARTIES LIKE CONGRESS AND LEFT etc. ARE NEAT AND CLEAN ???
UNBELIVABLE...???


ALL RELIGIOUS ORGANIZATIONS ARE POISNESS TO OUR SOCITY..

BUT...
ONLY SELECTED ORGANIZATION SHOULD BE TARGETED ????
IS THIS A PERMANENT CURE..OR THERE ARE SOME HIDDEN AGENDA...???

YOU HAVE PRESENTED YOUR STRUGGLE-FULL STORY. GOOD .. YOU HAVE REALLY DONE A LOT OF STRUGGLE.. I APPRECIATE IT. EVEN I AM YOUR FAN...(MAY BE LOOKING SLIGHTLY ANGRY.)

I AM ALWAYS WITH YOU (MEANS YOUR ALL EFFORTS TOWARDS FINDING COMPLETE TRUTH.. NOT HALF TRUTH).
aabhaypratapchaube on 22/08/09 09:04:58
avatar
to be contd. whole BHARAT wid u
sanjay on 11/09/09 06:37:23
avatar
Wo subah kabhi to aayegi...
pratibha on 20/10/09 02:09:16
avatar
tarun sir
Hame garv hai ki aapne apna kartavya pura kiya or to or hame ye bhi pata chal gaya ki hamare desh ki rajneeti ka kuch nhi ho sakta
vinod bishnoi on 15/02/10 12:58:33
avatar
बड़े भाई को सादर प्रमाण,
मैं हमेशा से ही आपका कद्रदान रहा हूं, लेकिन यह आलेख पढ़कर आपको और अधिक करीब से जान पाया। मैं चाहता हूं कि आप हिंदी में समाचार पत्र या ऐसी कोई पत्रिका शुरू करें, जो जन-जन तक पहुंच कर उनकी समस्याओं को तो उठाए ही साथ ही देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी उजागर करे। क्योंकि आज आप जैसे क्रांतिवीरों की देश को सख्त जरूरत है। वर्ष 1857 की तरह आज फिर से हमें क्रांति करनी होगी अन्यथा हम अपनों के हाथों ही गुलाम दर गुलाम होते चले जाएंगे। मैं भी लेखन के जरिए आपसे जुड़कर देश के लिए कुछ करना चाहता हूं।
जय हिंद - जय भारत
Dr. Vishwambhar Vyas on 19/02/10 01:29:24
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Tejpal ji, aapke saahas ka mai samman kar gaurvanvit hu. Aap isi prakar apna sahsik karya jari rakhein. Salam!
vishwambhar vyas
23,neemach mata scheme, udaipur
tejas on 22/03/10 01:41:12
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self boasting and elitist approach who has clear soft corner of one party no matter how good u try to portray. how many more issues in country but u always attracted by NDA or BJP. u blaming Modi for his part in Gujarat riot but u never looked other side of coin. agree what happen in gujarat was bad but what is happening in gujarat after 2002, have u ever tried to check ? have u ever asked what Gujarati people think? have u ever seen Modi without 2002 riots? well its easy to blame like i m doing but its hard to appreciat isnt it? there is no point writing anything to u as u have specs which has only narrow angle to world and sees the word which they mind want them to see. pls stop bashing Modi...what r u doing on price rise issue? what r u doin on RAJA'S TELECOM SCANDLE? WHY CANT U DO STING NOW? JUST stop ur nonsense of being secular? but what is ur view on when PM says muslims have first right on country;'s property?......i don't agree with u but i differ big time with u? to me ur one of the group funded and directed by (u know whom i am talkin about)
govind kumar on 14/05/10 10:22:51
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Tarunsir,
tarunjiaapane vahikiyahai joakdesh
premikokarana chahia pratyeksamayme saty
kemargpar chalanewaloko kastchelanahi pa
rata hai.chahegurugovindsingh hoyashivaj
ihosablogoko eskantakpathpar chalana hip
arega.tarun ji aasurisakti selaranekelia santprakriti kelogoka sangathanbahut jaruru hai.aapakeeskarya komaihardik dhanyavaddetahoo sath hisath
akbinati bhikarana chahata hoo ki mujhe ak aise vyakti ki talash hai ki jo corruption par khul ke kam karsake ya khul ke kam karsake.mai ak youth hoo or corruption ke against me kamkaranachahat
a hoo.es corruption me bhi pulice dvara
kiye gaye korruption ke lia kam karana chahata hoo.or eskamkokarane ke lia akbare meeting kaayojankaranachahatahoo kyoki harloges corruption se paresan hai absamay aagaya haiki aksarthak prayas kiya jai aapjaise logo dvara to samaj kisin kisi roop mejarur samane ayegi akhir kab tak bharat ki janata es atyachar ko sahan karati rahegi?kya koe dusare desh se aakar loghamaredesh kosudharane ka kam karege?ham sanvidhanik tariko se bhi to corruption ke viruddh karya ki suruat kiya ja sakata hai?agar aap satya hai to apani atma ki sakti ko pahchania or es karya ko age badhate rahe bharat ke sabhi deshpremio ka sath aapake sath rahega.
GOVIND KUMAR 9911941284
govindkumar2k@yahoo.co.in
atma
prashant on 26/05/10 09:43:10
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Tarun ji namste
mai bhi ek aam aadmi hu
muze bhi aap ki tarah Weekly News paper chalana hai (Nasik, Maharashtra)
aur jaldi hi mai kisi ki madad lekar shuru karne wala hu sirf paise ki bat hai isiliye kisi ki khoj me hu
shayd koi mil jayga pura project ready hai
prashant.bodke@gmail.com
Prashant Bodke on 26/05/10 09:44:10
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Mr. tejpal there r many few persons like u who supports truth. i m always with u.
i respect u and i m your fan.
keep it up.


--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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