हवा और पानी की नीलामी नहीं होगी, यूं ही बेच दी जायेगी!
पॉप स्टार मैडोना ने हाल ही में अपने एक कंसर्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को 'अश्वेत मुस्लिम' कहते हुए कहा कि अगर ओबामा फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो वह स्टेज पर कपड़े उतार देंगी।सत्ता की राजनीति क्या है और कैसे जनता और देश तबाह है, इसकी फिक्र जिन्हें नहीं है वे बल्कि कांग्रेस या भाजपा की जीत हार पर अपनी मशहूर सुंदरियों के कपड़े उतारने का इंतजार करें!ये आर्थिक सुधार किसके लिए हो रहे हैं, तनिक गौर भी करें।मैडोना की घोषणा का संदर्भ अमेरिकी राष्ट्रपित चुनाव है, जिसके मद्देनजर ओबामा की कुर्सी बचाने के लिए तुरत फुरत भारत में मार काट मचाने की फौरी जरुरत हो गयी। इसीतरह अमेरिकी चुनाव से पहले ही यूपीए दो ने भारत अमेरिका परमाणु संधि पर दस्तखत कर दिये थे।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
सत्ता वर्ग जिस बेहयाई से बाजार की शह पर तमाम कायदा कानून बदलकर विदेशी पूंजी के लिए प्रकृति और मनुष्य के चौतरफा सत्यानाश में जुटा है, उससे तो यही लगता है कि हवा और पानी की नीलामी नहीं होगी, यूं ही बेच दी जायेगी!काला धन और विदेशी पूंजी के वर्चस्व में राजनीति अब आदमी के विरुद्ध है। उसकी बोटी बोटी काटकर हवाओं में बिखेरी जा रही है औरउसे आह तक करने की इजाजत नहीं है।जल जंगल जमीन से वह बेदखल है।बेरोजगार और विस्थापित है। बजट घाटा और आर्थिक सुधारों की दो तरफा मार उसी पर। कारपोरेट मर्जी से सरकार चलती है, नीतियां बनती और अमल में लायी जाती हैं, पार्टियां कारपोरेट चंदे से चुनाव लड़ती हैं और उसीकी गुलाम। समता और न्याय दूर की कौड़ी है। नागरिक और मानव अधिकार भी निलंबित है।आम आदमी की बलि का उत्सव रच रहा है विकास गाथा। अब न्यायपालिका भी प्रकृति और मनुष्य के विरुद्ध राजनीति के साथ खड़ी है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कापड़िया और भावी मुख्न्याय न्यायाधीश कबीर दोनों आर्थिक सुधारों के हक में बोल रहे हैं। अब निहत्था आम आदमी क्या करेगा, यक्ष प्रश्न यही है।कहीं कोई युधिष्ठिर हों तो बतायें।अमेरिका ने भारत द्वारा हाल में बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई के लिए खोलने तथा अन्य सुधारों का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में इस तरह के और कदम उठाए जा सकते हैं।बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्राकृतिक संपदाओं के आवंटन के लिए नीलामी ही एक मात्र विकल्प नहीं है। सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए नीति निर्धारित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से सरकार और बाजार, दोनों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि कोर्ट ने ये भी चेताया है कि प्राकृतिक संपदा को कौड़ियों के भाव नहीं बांटा जा सकता।पौने दो लाख करोड़ रुपये के टेलीकॉम घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी से ही होना चाहिए था। कोर्ट के मुताबिक सरकार की पहले आओ पहले पाओ की नीति का दुरुपयोग हो सकता है। फैसले से घबराई सरकार ने राष्ट्रपति परामर्श के जरिए सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को और साफ करने का आग्रह किया था। पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को फैसले पर अपना स्पष्टीकरण दिया।दूसरी ओर, कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को 1993 के बाद से प्रारम्भिक जांच दर्ज की। सीबीआई के जानकार सूत्र ने कहा, ''प्रारम्भिक जांच अज्ञात लोकसेवकों और कुछ निजी कम्पनियों के खिलाफ है।'' सीबीआई इस मामले में 2006 से 2009 के बीच की अवधि के लिए पहले से जांच कर रही है। उसने केंद्रीय सतर्कता आयोग के रेफरेंस पर 1993 से 2004 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता की जांच के लिए नई प्रारम्भिक जांच दर्ज की।
पॉप स्टार मैडोना ने हाल ही में अपने एक कंसर्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को 'अश्वेत मुस्लिम' कहते हुए कहा कि अगर ओबामा फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो वह स्टेज पर कपड़े उतार देंगी।फाक्स न्यूज की खबर के अनुसार कि 54 साल की मैडोना ने सोमवार रात को अपने कंसर्ट में प्रशंसकों से कहा है कि वे ओबामा के पक्ष में मतदान करें। मैडोना ने कहा कि बेहतर होगा कि आप ओबामा के लिए वोट करें। मैडोना ने कहां कि ये आश्चर्यजनक है कि हमारे यहां व्हाइट हाउस में एक अश्वेत मुस्लिम है।सत्ता की राजनीति क्या है और कैसे जनता और देश तबाह है, इसकी फिक्र जिन्हें नहीं है वे बल्कि कांग्रेस या भाजपा की जीत हार पर अपनी मशहूर सुंदरियों के कपड़े उतारने का इंतजार करें!फैसला जनता को करना है और देश के 6 महानगरों की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। IBN7 के लिए GFK मोड ने दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद, कोलकाता और चेन्नई से देश के सबसे ज्वलंत सवालों पर लोगों की राय ली।ये आर्थिक सुधार किसके लिए हो रहे हैं, तनिक गौर भी करें।मैडोना की घोषणा का संदर्भ अमेरिकी राष्ट्रपित चुनाव है, जिसके मद्देनजर ओबामा की कुर्सी बचाने के लिए तुरत फुरत भारत में मार काट मचाने की फौरी जरुरत हो गयी। इसीतरह अमेरिकी चुनाव से पहले ही यूपीए दो ने भारत अमेरिका परमाणु संधि पर दस्तखत कर दिये थे।
यात्री रेल किराया नहीं बढ़ाने पर अडिग रही टीएमसी के सरकार से बाहर चले जाने पर वित्त मंत्रालय ने वातानुकूलित रेल यात्री और माल सेवाओं के किराए पर सेवाकर लगाने का निर्णय किया है। एक अक्टूबर से किराए में आगामी 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।वित्त मंत्री पी चिदंबरम और रेल मंत्री सीपी जोशी के बीच बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया जिसकी जानकारी गुरुवारो को रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल कुमार सक्सेना ने दी। उन्होंने बताया कि वातानुकूलित श्रेणियों, माल और संबंधित सेवाओं में यह वृद्धि 3.7 प्रतिशत होगी और यह आगामी एक अक्टूबर से प्रभावी होगी।रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि सेवाकर उन टिकटों पर लगेगा जो उपरोक्त निर्णय के लागू होने वाली तिथि अथवा उसके बाद की तिथि पर यात्रा करने के लिये पहले ही खरीदे गए हो। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जो लोग रेल टिकट खरीदे चुके हैं उनसे सेवाकर की वसूली या तो ट्रेन में टीटीई वसूल करें या फिर यात्रा शुरू होने के पहले बुकिंग कार्यालय द्वारा यह वसूली की जाए।यात्रियों द्वारा टिकट रद्द कराए जाने पर रेलवे सेवाकर वापस नहीं करेगा। सक्सेना ने बताया कि रियायती टिकटों पर सेवाकर कुल भाड़े का 30 प्रतिशत लगेगा। गौरतलब है कि इस साल एक जुलाई को वातानुकूलित श्रेणियों और माल भाड़ो पर सेवाकर लगाया गया था जैसा कि वित्त विधेयक 2012 में प्रावधान किया गया था पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा भारी विरोध किए जाने पर कर लागू नहीं किया गया था।उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर से माल भाड़े में भी 3.708 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। इससे रेलवे स्टेशनों पर खानपान और पार्किंग जैसी संबंधित सेवाओं पर 12.36 प्रतिशत का भार पड़ेगा क्योंकि इन सेवाओं में कोई वृद्धि नहीं होगी। सक्सेना ने बताया कि कामर्शियल इंसपेक्टरों और टीआईए को निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अचानक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि एक अक्टूबर से लगाए गए सेवाकर की वसूली अवश्य हो।उन्होंने बताया कि यात्रियों से वसूले गए सेवाकर की राशि वित्त मंत्रालय में जमा कराई जाएगी। मंडल रेलवे के वित्त विभागों को निर्देशित किया गया है कि सेवाकर की इस राशि का पूरा हिसाब किताब रखें। उन्होंने कहा कि अगर कोई यात्री अपने भाड़े के साथ ही सेवाकर की वापसी का भी दावा करता है तो उस मामले में रेलवे कोई वापसी नहीं करेगा।रेलवे मंडल का कामर्शियल मैनेजर यात्री को एक सर्टिफिकेट देगा जिसमें वापस की जाने वाली राशि की विस्तृत जानकारी होगी और उस पर मुख्य कामर्शियल मैनेजर द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी और उप मुख्य लेखाधिकारी अथवा उनके द्वारा इसके लिए अधिकृत किसी अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे।
सालों तक फैसले लटकाने वाली सरकार, अब बड़े-बड़े फैसले ले रही है। इसी सिलसिले में मंत्रियों के समूह ने फार्मा पॉलिसी को मंजूरी दे दी है।जीईएम के अध्यक्ष कृषि मंत्री शरद पवार के मुताबिक फार्मा प्राइसिंग पर सिफारिशें जल्द ही कैबिनेट को भेजी जाएंगी। पॉलिसी के तहत 348 जीवन रक्षक दवाओं की अधिकतम कीमत सरकार तय करेगी।इसके अलावा डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखना जरूरी किया जाएगा। 1 फीसदी मार्केट शेयर वाली दवाओं की औसत कीमत तय की जाएगी।
तो जनाब, मुलाहिजा फरमायें कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में जोरदार तेजी आएगी और ऐसे में अमेरिकी कंपनियों और अन्य निवेशकों के लिए वहां काफी अवसर हैं। योजना आयोग के सदस्य बीके चतुर्वेदी ने यह बात कही है। शिकागो में चतुर्वेदी ने अमेरिकी निवेशकों से कहा कि वे भारत और उसके बाजार के प्रति भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 1,000 अरब डॉलर के निवेश की संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र काफी क्षमता वाला है, लेकिन इसमें उंचा जोखिम नहीं है।चतुर्वेदी ने शिकागो में महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए चेताया कि इस तरह की क्षमता का आकलन मध्यम से दीर्घावधि के आधार पर किया जाना चाहिए। सिर्फ एक या दो निवेश या लघु अवधि में इसका सही आकलन करना संभव नहीं है। इसका आयोजन फिक्की, अमेरिका-भारत व्यापार परिषद तथा वैश्विक मामलों की शिकागो परिषद ने किया था।
आईडीएफसी लि के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव लाल ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कहानी यह नहीं है कि अभी तक वह क्या हासिल करने में सफल नहीं रहा। बल्कि अभी तक की उपलब्धियां हैं।
इस क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग की संभावनाओं का जिक्र करते हुए अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने कहा कि फिलहाल सार्वजनिक निजी भागीदारी, पीपीपी पर जोर दिया जा रहा है। इससे 12वीं योजना में इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा, जो 11वीं योजना में 40 फीसदी था।
अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण एवं मध्य एशिया) रॉबर्ट ब्लेक ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि खासकर बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र को खोलने का फैसला हमारी कंपनियों को काफी भाया है।उन्होंने कहा कि हमने इस तरह की खबरें पढ़ी हैं कि वॉल-मार्ट ने वहां बहु ब्रांड खुदरा स्टोर खोलने की इच्छा जताई है। साथ ही उसने एकल ब्रांड दुकानों की संख्या बढ़ाने की भी तैयारी की है। ऐसे में यह निश्चित तौर पर एक स्वागत योग्य कदम है।
ब्लेक ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने इसके अलावा विमानन क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण बातों की घोषणा की है और साथ ही डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं।यह एक सकारात्मक रफ्तार देगा। इससे न केवल विदेशी निवेश बढ़ेगा, बल्कि आर्थिक वृद्धि को भी प्रोत्साहित किया जा सकेगा। ऐसे में ये दोनों ही कदम हमारे उद्योग के लिए फायदेमंद होंगे।
ब्लेक ने कहा कि हमें पता है कि आगे इस तरह के और उपाय किए जा रहे हैं। हम उनका इंतजार कर रहे हैं।
क्या हैं वे उपाय?
लोगों को नाराज किए बगैर सब्सिडी में कटौती करने के लिए सरकार अब खास पहचान पत्र आधार नंबर के इस्तेमाल को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देगी।आम लोगों तक सस्ते में अनाज देना। रसोई गैस आधी कीमत पर पहुंचाना। पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप और बुढ़ापे में पेंशन के जरिये मदद करना। गरीबों के लिए सरकार ये सारी स्कीमें तो जारी रखेगी। लेकिन सब्सिडी होने वाला भारी भरकम खर्च अब बर्दाश्त नहीं करना चाहती है।ऐसे में सरकार के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल ही एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है। क्योंकि अगर सिर्फ राशन की मिसाल लें तो आधार नंबर के इस्तेमाल से सब्सिडी में 15 फीसदी की कमी देखी गई है। इसलिए इसे बढ़ावा देने की हर कोशिश में सरकार जुट गई है।वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने डीजल के भाव बाजार पर छोड़ने की वकालत की है। रघुराम राजन के मुताबिक गरीबों के फायदे के लिए कैश सब्सिडी सबसे सही तरीका है।रघुराम राजन के मुताबिक सरकार को वित्तीय घाटा कम करने का भरोसा दिलाना चाहिए। टैक्स कलेक्शन बढ़ाकर वित्तीय घाटा कम किया जा सकता है। वित्तीय घाटा कम करने के लिए सरकार के पास काफी उपाय हैं। हालांकि इस साल वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो सकता है। बाजार में पिछले कुछ दिनों से तेजी जारी है। 4800 से 5700 तक निफ्टी में करीब 900 अंकों की तेजी देखी जा चुकी है। बाजार के जानकारों का मानना है कि ये तेजी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए कदमों के असर से आई है।आर्थिक सुधारों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर बाजार में लंबे समय में देखा जाएगा।सभी पक्ष सहमत है कि देश का वित्तीय घाटा काफी बढ़ रहा है जो चिंता का विषय है। एफआईआई के निवेश से ही वित्तीय घाटे को कम किया जा सकता है।मद्रास स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के इतर मौके पर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने कहा कि हमारा अनुमान था कि विकास दर लगभग 6.7 फीसदी रहेगी, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ी बेहतर है। मुझे लगता है कि दूसरी छमाही में विकास दर में तेजी आएगी और इसके संकेत मिल रहे हैं।उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की विकास दर पहले जताए अनुमान से बेहतर रहेगी, क्योंकि मॉनसून उम्मीद से बेहतर रहा है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत में कम बारिश होने और यूरोपीय संकट के जारी रहने व अमेरिका में उम्मीद से कम आर्थिक तेजी रहने के कारण सोमवार को भारत की विकास दर का पूर्वानुमान एक प्रतिशतांक घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया।
प्रेसीडेंशियल रेफरेंस का जवाब देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन का एकमात्र तरीका नीलामी नहीं है।प्रेसीडेंशियल रेफरेंस में अदालत की राय मांगी गई थी कि क्या सभी प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन का एकमात्र तरीका नीलामी है।
मुख्य न्यायाधीश एस.एच. कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि जहां राजस्व को अधिक से अधिक बढ़ाने की बात हो, वहां नीलामी एक बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी के अलावा प्रत्येक तरीके को बंद नहीं किया जा सकता है।
इस पर अगले चुनावों में सत्ता की प्रबल दावेदार भाजपा की प्रतिक्रिया दिलचस्प है।नीलामी पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा कि पार्टी की सोच भी यही है कि पानी और हवा की तरह सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी नहीं हो सकती है।पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''हम भी मानते हैं कि सभी प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी नहीं हो सकती है.. हवा और पानी की नीलामी नहीं हो सकती है।''भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जानबूझकर कोयला ब्लॉक के आवंटन में आठ सालों से देरी की।
प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय की सराहना करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायालय ने इस मुद्दे पर संवैधानिक व्यवस्था स्पष्ट कर दी है।उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सरकार के रुख को सही ठहराया है। न्यायालय का मानना है कि प्राकृतिक संसाधनों का आबंटन करने के लिए हर मामले में नीलामी ही एकमात्र रास्ता नहीं हो सकती।
सिब्बल ने कहा कि कैग जैसी संस्थाओं ने 2जी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का संभवत: गलती से या अनजाने में ऐसा अर्थ निकाल लिया कि हर प्राकृतिक संभावना का आबंटन नीलामी के जरिए ही करना अनिवार्य है।
उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि यह निर्णय सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण का समर्थन करता है।उन्होंने कहा कि जब कोई सरकार निर्णय करती है तो यह देखना होता है कि लोकहित क्या ठीक है, उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक हित को महत्वपूर्ण और राजस्व बढ़ाने के पहलू को गौण मना है, न कि इसका उल्टा़ सभी राष्ट्रीय संसाधन नीलामी के लिए नहीं होते हैं।
शर्मा ने कहा कि लोगों में काफी भ्रम की स्थिति है कुछ जानबूझकर पैदा की गई है तो कुछ सियासी ताकतों द्वारा पैदा की गई है जो सरकार के विरोधी हैं।उन्होंने कहा कि उनके या सरकार के उनके सहयोगियों के मन में इस बात को ले कर कोई भ्रम नहीं था कि संविधान के अनुसार नीलामी अनिवार्य नहीं है।
हाल में आए केंद्र सरकार के आर्थिक फैसलों को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की समन्वय समिति ने 'आवश्यक व अपरिहार्य' बताते हुए गुरुवार को इनका समर्थन किया और आगामी सुधारों की जरूरत पर चर्चा की।
तृणमूल कांग्रेस के संप्रग से समर्थन वापसी के बाद इस समिति की पहली बार बैठक गुरुवार को हुई जिसमें बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति सहित सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि 10 दिन पूर्व घोषित फैसलों पर सरकार में कांग्रेस के सहयोगी दलों के बीच चर्चा हुई थी।उन्होंने कहा, ''सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से हालांकि लोगों पर कुछ बोझ बढ़ेगा फिर भी संतोष इस बात का है कि इन्हें आवश्यक और अपरिहार्य बताते हुए साझेदारों ने इन फैसलों का स्वागत किया है।''
चिदम्बरम ने कहा कि और भी सुधार लाने की जरूरत पर चर्चा की गई और लोगों के बीच सुधार के इन उपायों को आवश्यक समझा जाने लगा है।
चिदम्बरम ने कहा कि बैठक में बीमा क्षेत्र और पेंशन में एफडीआई जैसे सुधार के उपायों पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने संकेत दिया कि सुधार के प्रयास जारी रहेंगे।
बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव न होना सुनिश्चित करने के लिए सुधार के उपाय जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि भारत में निवेश का प्रवाह जारी रहेगा तथा घरेलू निवेशकों को देश की अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए प्रेरित किया गया है।
समन्वय समिति की बैठक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के कई दिन बाद आयोजित की गई। कांग्रेस कार्यसमिति ने भी आर्थिक सुधार के सरकार के फैसलों का समर्थन किया था।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एफडीआई की अनुमति के अलावा विनिवेश पर फैसला लिया गया। इसके अलावा डीजल के दाम बढ़ाए गए और रियायती दर पर रसोई गैस सिलेंडरों की उपलब्धता प्रति परिवार सालाना छह तक सीमित कर दी गई है।
समझा जाता है कि आर्थिक सुधारों पर समन्वय समिति का समर्थन मिलने से सरकार को विपक्ष को जवाब देने में मदद मिलेगी। विपक्ष का कहना है कि बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति का फैसला लेते समय सरकार अल्पमत में थी।
Thursday, September 27, 2012
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