ऐसे 'अपराध' मैं आगे भी करता रहूंगा : कंवल भारती
रामपुर : दलित चिंतक व लेखक कंवल भारती ने कहा है कि अगर किसी मुद्दे को लेकर अपने विचार व्यक्त करना अपराध है, तो यह अपराध वो आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल मामले में उनकी टिप्पणी किसी जाति या धर्म को लेकर नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों में आ रही गिरावट को लेकर मैंने अपनी बात कही थी। अदालत से जमानत मिलने के बाद अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बात करते हुए भारती ने कहा कि वो राजा हैं, हम रंक हैं। रंक को लिखने की आजादी नहीं है, बोलने की आजादी नहीं है।
मंगलवार की सुबह पुलिस मुझे घर से उठाकर ले गई। मुझे कपड़े तक नहीं पहनने दिए गए। बनियान व पाजामा में मुझे छह घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया। दोपहर के वक्त पुलिस मेरे घर पर फिर आई और मेरा कंप्यूटर उठा ले गई, जो अभी तक उनके पास ही है। मुझ पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। क्या सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करने से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ जाता है? इसी रामपुर में रमजान के महीने के दौरान दो-दो मदरसे तोड़ दिए गए तब सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा? गेट तोड़ दिए, दुकानें तोड़ दी गईं, लोगों के घर तोड़ दिए गए, सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा? उल्लेखनीय है कि कंवल भारती को फेसबुक पर यूपी सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। भारती के खिलाफ एक व्यक्ति ने कोतवाली में फेसबुक पर की गई टिप्पणी में धार्मिक उन्माद और वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन मेरी टिप्पणी से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया। फेसबुक सोशल मीडिया है। इस पर तमाम तरह की टिप्पणी लोग दर्ज कराते हैं। कंवल भारती ने इस तरह की आशंका व्यक्त की है कि भविष्य में उनको किसी दूसरे मुकदमे में फंसाया जा सकता है, उनके घर को नजायज कब्जा बताकर गिराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं लेखक हूं भविष्य में भी अपनी बात कहता रहूंगा।
http://bhadas4media.com/state/up/13621-2013-08-08-07-37-46.html
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