विरान पड़ा पहाड़
Chandra Shekhar Joshi
जनता राहत और पुनर्वास तथा जीने का अधिकार के लिए सडकों पर उतर आई
उत्तराखंड में भागीरथी नदी के किनारे पर बना प्रसिद्ध मणिकर्णिका मंदिर शुक्रवार सुबह नदी की लहरों की चपेट में आकर बह गया। ऐसा नदी में बढ़ा पानी की वजह से हुआ है। उधर, रुदप्रयाग के एसडीएम अजय अरोड़ा का दो दिन बाद भी कोई पता नहीं चल सका है। वह शुक्रवार को मंदाकिनी नदी में बने अस्थाई पुल से बह गए थे। स्थानीय प्रशासन ने उनकी खोज का अभियान शुक्रवार से दोबारा से शुरू किया है। वहीं जनता राहत और पुनर्वास तथा जीने का अधिकार के लिए सडकों पर उतर आई है, हताश व निराश जनता के सडकों पर उतरने को माओवाद कहकर प्रचारित किया जा रहा है,
वहीं राजहठ से केदारनाथ में 17 जून को आई तबाही बाद से रुकी नियमित पूजा 11 सितंबर से दोबारा शुरु हो सकेगी। आपदा आने के बाद से ही केदारनाथ में पूजा नहीं हो सकी थी इसके बजाय केदारनाथ की विंटर सीट ऊखीमठ में केदार बाबा की पूजा की जा रही थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री और मंदिर समिति के साथ ही केदारनाथ मंदिर के रावल की मौजूदगी में केदारनाथ धाम में 11 सितंबर से पूजा अर्चना शुरु करने को लेकर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और मंदिर के रावल की बैठक में केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा शुरु करवाने को लेकर निर्णय लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि 11 सितंबर से केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा शुरू कर दी जाएगी।
जनता राहत और पुनर्वास तथा जीने का अधिकार के लिए सडकों पर उतर आई
उत्तराखंड में भागीरथी नदी के किनारे पर बना प्रसिद्ध मणिकर्णिका मंदिर शुक्रवार सुबह नदी की लहरों की चपेट में आकर बह गया। ऐसा नदी में बढ़ा पानी की वजह से हुआ है। उधर, रुदप्रयाग के एसडीएम अजय अरोड़ा का दो दिन बाद भी कोई पता नहीं चल सका है। वह शुक्रवार को मंदाकिनी नदी में बने अस्थाई पुल से बह गए थे। स्थानीय प्रशासन ने उनकी खोज का अभियान शुक्रवार से दोबारा से शुरू किया है। वहीं जनता राहत और पुनर्वास तथा जीने का अधिकार के लिए सडकों पर उतर आई है, हताश व निराश जनता के सडकों पर उतरने को माओवाद कहकर प्रचारित किया जा रहा है,
वहीं राजहठ से केदारनाथ में 17 जून को आई तबाही बाद से रुकी नियमित पूजा 11 सितंबर से दोबारा शुरु हो सकेगी। आपदा आने के बाद से ही केदारनाथ में पूजा नहीं हो सकी थी इसके बजाय केदारनाथ की विंटर सीट ऊखीमठ में केदार बाबा की पूजा की जा रही थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री और मंदिर समिति के साथ ही केदारनाथ मंदिर के रावल की मौजूदगी में केदारनाथ धाम में 11 सितंबर से पूजा अर्चना शुरु करने को लेकर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और मंदिर के रावल की बैठक में केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा शुरु करवाने को लेकर निर्णय लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि 11 सितंबर से केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा शुरू कर दी जाएगी।
तुम मांगते हो उत्तराखंड कहाँ से लाऊं ?
सूखने लगी गंगा, पिघलने लगा हिमालय !
उत्तरकाशी है जख्मी, पिथोरागढ़ है घायल !!
बागेश्वर को है बैचनी, पौड़ी में है बगावत !
कितना है दिल में दर्द, किस-किस को मैं दिखाऊ !
तुम मांग रहे हो उत्तराखंड कहाँ से लाऊं ? — with Rajendra Prsad.
रोतेली- अखोडी की याद म !!
!! रोतेली- अखोडी की याद म !!
मेरी सिय रोतेली कनि प्यारी अखोडी !!
नि सयेंदी खुद जब अंखियों म ओन्दा आंसू बोडी !!
जख छन सी नोऊ खम्बिया तिबारी,और सी बल्दू की जोड़ी !
जख छन बरोमास लेन्दि भेंसी और लेन्दि गोडी !!
कनि रोतियाली छ सिय ताल की धार !
जख डंडियों बिटिन ओंदी सुर सुरिया भार !!
स्वाणु लगदु थोऊ कुल्दै म कु मौयार !
बुगियला म पस्रिक मन नि करदू जान का घर !!
परदेश वाला जब ओन्दा ढुमका बाज़ार !
चौ तरफी मौलीयार देखि मन म येज्नादु उलार !!
धन- २ भाग इन्द्रमणि जी तुमुक !
अखोडी म जन्म लीनी उत्तराखंड छोड़ी चली गईं हमुक !!
प्रेना छन इन्द्रमणि जी जन सूरज सी सबूक !
भगियान ओये गईं सी बिचारा . विकास करिगैन चौमुक !!
वे वीर पुरुष का जान सी अखोडी म पड़ेगी रुमक !
सत् -२ परणाम ये वीर पुरुष तुमुक !!
!! रोतेली- अखोडी की याद म !!
मेरी सिय रोतेली कनि प्यारी अखोडी !!
नि सयेंदी खुद जब अंखियों म ओन्दा आंसू बोडी !!
जख छन सी नोऊ खम्बिया तिबारी,और सी बल्दू की जोड़ी !
जख छन बरोमास लेन्दि भेंसी और लेन्दि गोडी !!
कनि रोतियाली छ सिय ताल की धार !
जख डंडियों बिटिन ओंदी सुर सुरिया भार !!
स्वाणु लगदु थोऊ कुल्दै म कु मौयार !
बुगियला म पस्रिक मन नि करदू जान का घर !!
परदेश वाला जब ओन्दा ढुमका बाज़ार !
चौ तरफी मौलीयार देखि मन म येज्नादु उलार !!
धन- २ भाग इन्द्रमणि जी तुमुक !
अखोडी म जन्म लीनी उत्तराखंड छोड़ी चली गईं हमुक !!
प्रेना छन इन्द्रमणि जी जन सूरज सी सबूक !
भगियान ओये गईं सी बिचारा . विकास करिगैन चौमुक !!
वे वीर पुरुष का जान सी अखोडी म पड़ेगी रुमक !
सत् -२ परणाम ये वीर पुरुष तुमुक !!
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