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Sunday, August 4, 2013

मुकेश अंबानी ने बंगाल में फोर जी स्पेक्ट्रम परियोजना के लिए दीदी से लगायी गुहार

मुकेश अंबानी ने बंगाल में फोर जी स्पेक्ट्रम परियोजना के लिए दीदी से लगायी गुहार


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


मुंबई में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उद्योग जगत ने पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। उनकी अलग से मुकेश अंबनी के साथ बैठक हुई। इसके राजनीतिक मायने चाहे कुछ भी हो,अब खुलासा हो गया कि मुकेश ने बंगल में अपनी फोर जी परियोजना के लिए दीदी से गुहार लगायी है।गौरतलब है कि कोलकाता नगर निगम की अड़ंगे बाजी से यह परियोजना रुकी हुई थी। ममता मुकेश मुलाकात के बाद नगरनिगम ने तुरंत तेवर बदल दिये हैं ौर रिलायंस अधिकारियों के साथबातचीत ने सिरे से शुरु हो गयीहै।पूरे महानगर और उपनगरों में फोर जी के लिए केबिल नेटवर्क वास्ते जो जमीन चाहिए, उसे उपलब्ध कराने में नगर निगम का सहयोग नहीं मिल रहा था, रिलायंस की ऐसी शिकायत है। लेकिन अब कंपनी को उम्मीद है कि जमीन संबंधी समस्या सुलझ जायेगी और फोर जी सेवा बंगाल में बहुत ल्दी शुरु कर दी जायेगी।इस परियोजना की लागत अभी तीन हजार करोड़ रुपये की बतायी जाती है जो चार हजार करोड़ की भी हो सकती है।


रिलायंस फोर जी परियोजना क सर्वेसर्वा तरुण झुनझुनवाला के साथ राज्य सरकार और नगर निगम के अधिकारियों की बातचीत शुरु हो गयी है ौर उम्मीद है कि बहुत जल्दी बंगाल को फोर जी स्पेक्टाम सेवा हासिल हो जायेगी, जिसमें थ्री जी स्पेक्ट्राम के मुकाबले तथ्यों का स्थानांतरणज्यादा तेज और ज्यादा सुविधाजनक है।इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम क खास जिम्मेदारी सौंपी है। फिरहाद मुंबई में दीदी के साथ ही थे।फिरहाद के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को जल्दी लागू करने का निर्देश दिया है।


रिलायंस ने जमीन के लिए पिछले दिसंबर में आवेदन कर दिया था। लेकिन दीदी के मुंबई जाने से पहले इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो सकी।ठह महीने तक उस आवेदन पत्र को खटाई में डाले रखने के बाद नगरनिगम ने अब उसे निकाला है।


मालूम हो कि  इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने रिलायंस के फोर जी नेटवर्क के विस्तारीकरण का जो समझौता किया है, उसके तहत कंपनी चार प्रमुख पार्कों को गोद लेगी। फिलहाल नींबू पार्क व झंडे वाले पार्क को लेकर सहमति बन गई है। बाकी दो पार्कों को लेकर भी जल्द फैसला होगा।रिलायंस लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, रामपुर, आगरा, गाजियाबाद, इलाहाबाद, लोनी और वाराणसी में फोर जी नेटवर्क फैलाने जा रहा रही है। इसके लिए कंपनी को सड़कों पर रोड कटिंग करनी होगी। इस रोड कटिंग के एवज में सरकार कुछ नहीं लेगी, लेकिन इसके बदले कंपनी प्रदेश सरकार की स्मार्ट सिटी परिकल्पना को साकार करेगी। समझौते के तहत रिलायंस लखनऊ में 470 चौराहों पर अपने टावर भी लगाएगी। 30 फुट ऊंचे इन टावरों पर हाईमास्ट कैमरे लगेंगे। इन कैमरों के जरिए राजधानी की 24 घंटे निगरानी की जाएगी।रिलायंस की यह भी जिम्मेदारी होगी कि वह छह मंजिल से ऊपर की बिल्डिंगों में फायर अलार्म सिस्टम लगाए, जिसे पुलिस कंट्रोल रूम व अग्निशमन दफ्तर से जोड़ा जाएगा। इसका सबसे अधिक फायदा एलडीए व आवास विकास परिषद की ग्रुप हाउसिंग स्कीमों को होगा। जहां रोड कटिंग पर फायर अलार्म सिस्टम लगाया जाएगा।


उत्तर प्रदेश की उपलब्धि के मद्देनजर बंगाल में रिलायंस ऐसा ही कुछ करनेको तैयार है या नहीं या राज्य सरकार की इस सिलसिले में कोई बात हुई या नहीं, इस बारे में फिरहाद हकीम ने कुछ खुलासा नहीं किया है।


मुकेश अंबानी के लिे बंगाल की इस परियोजना का क्या महत्व है ,उसे इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और अनिल अम्बानी समूह ने २००५ के बाद फोर जी लंच करने को लेकर १२०० करोड़ के सहयोग से पहली बार मिले हैं | दोनों में टावर के इस्तोमाल को लेकर 12 हजार करोड़ का करार हुआ है। इस समझौते के तहत बड़े भाई मुकेश अंबानी अपने नए दूरसंचार उपक्रम के लिए छोटे भाई अनिल की कंपनी के आप्टिक फाइबर नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगे। इससे पहले भी मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं में 800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था।ये निवेश ज्यादातर सावधि जमा योजनाओं तथा अन्य रिण योजनाओं में किये गये थे। रिलायंस म्यूचुअल फंड अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह की वित्तीय सेवा इकाई रिलायंस कैपिटल लि. का हिस्सा है।


वायरलैस कंपनियों ने फोर जी तकनीक मुहैया कराने की बात कर बाजार में हलचल मचा दी है। वहीं चीन इस बात का दावा भी कर रहा है कि उसने फोर जी तकनीक को विकसित कर लिया है।


क्या है तकनीक


फोर जी वायरलैस सेवा की चौथी पीढ़ी है। थ्री जी तकनीक में ओएफडीएमए (आर्थोगोनल फ्रीक्वेंसी डिविजन मल्टीपल एक्सेस) की सहायता से नेटवर्क की सुविधा को और बेहतर बनाया जा सकेगा। फोर जी पूरी तरह से आईपी आधारित सेवा होगी। इसमें वॉयस, डाटा और मल्टीमीडिया को समान गति से भेज और रिसीव किया जा सकेगा।


थ्री जी से कैसे बेहतर


फोर जी की गति 100 एमबीपीएस होगी, जो कि थ्री जी के मुकाबले 50 गुना अधिक होगी। थ्री जी वायरलेस नेटवर्क में 384 केबीपीएस से 2 एमबीपीएस की गति से ही डाटा भेज ज सकता था। इसकी तकनीक की कीमत भी थ्री जी के मुकाबले कम होगी। थ्री जी के मुकाबले फोर जी का डाटा रेट ज्यादा है यानी डाटा का ट्रांसफर तेज गति से किया ज सकेगा। थ्री जी तकनीक जहां वाइड एरिया नेटवर्क कांसेप्ट पर काम करती है, जबकि फोर जी लोकल एरिया नेटवर्क (लेन) और बेस स्टेशन वाइड एरिया  नेटवर्क पर काम करती है।


फायदा


-यूजर को हाई क्वालिटी आडियो और वीडियो सुविधा उपलब्ध होगी

-ओएफडीएम के कारण बेहतर वीडियो क्वालिटी लोगों को मिल पाएगी

-स्पीड यूनीफॉर्म हो जाएगी। जितनी तेजी के साथ डाटा भेज जाएगा उतनी तेजी से रिसीव।










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