[LARGE][LINK=/vividh/13578-2013-08-07-07-33-12.html]मुझे पूरा यकीन है कि कँवल भारती की गिरफ्तारी के बाबत टीपू भैया से पूछा तक नहीं गया होगा[/LINK] [/LARGE]
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Details Category: [LINK=/vividh.html]विविध[/LINK] Created on Wednesday, 07 August 2013 16:30 Written by शंभूनाथ शुक्ला
Shambhunath Shukla : सरकार टीपू भैया की नहीं है। उसमें 75 फीसदी दखल नेता जी का है और शेष 25 फीसदी दखल आजम खाँ साहब का। अब बेचारे टीपू भैया क्या करें? इसीलिए मायावती बहन जी की सरकार बेहतर थी। कुछ भी हो सारा दखल उनका ही था बाकी सब बौने थे।
कुछ थोड़ा बहुत शशांक शेखर सिंह उछलते जरूर थे पर बहन जी की शह पाकर ही। यहां तो आजम खाँ की अपनी स्वतंत्र सत्ता है। कई मामलों में तो वे टीपू भैया से पूछते तक नहीं। मुझे पूरा यकीन है कि कँवल भारती की गिरफ्तारी के बाबत टीपू भैया से पूछा तक नहीं गया होगा।
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उत्तर प्रदेश सरकार को यह बताना चाहिए कि कँवल भारती को गिरफ्तार किस धारा और किस अपराध के कारण किया गया? फेसबुक पर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के खिलाफ अथवा रामपुर में मदरसे की दीवार गिराए जाने के विरोध में खड़ा होना कोई अपराध नहीं है। क्या अब यूपी सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने साहित्यकार कँवल भारती को गिरफ्तार किया था?
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लोकतंत्र में भरोसा रखने वाले किसी भी राजनेता को अपनी आलोचना सुनने का भी साहस होना चाहिए। दुख है कि हमारी राजनीति में आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जाता रहा है। रामराज के समय भी और गांधीवाद के समय भी। लेकिन बड़प्पन इसी में है कि हम आलोचकों को माफ कर दें या अगर वे सही हैं तो वाजिब कदम उठाएं।
[B]वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ला के फेसबुक वॉल से.[/B]
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