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Thursday, July 2, 2015

बहुत शायद देर नहीं जब इस महादेश की हर चीज पर लगेगा ठप्पा रिलायंस का और शायद अगले प्रधानमंत्री भी वे ही होंगे क्योंकि फासिज्म राजकाज की लगाम अब भी उन्हीं के हाथों में है। डिजिटल हुआ आशियाना नींव में परमाणु बम भूकंप भूस्खलन महामारी जान बचाने को मारामारी बताइये कि क्या पहाड़ छोड़कर बसें तो सुरक्षित होंगे लोग या सुरक्षित है कोलकाता और दिल्ली भी क्या? दार्जिंलिंग ढहने लगा,नैनीताल में भी भूस्खलन और तराई भाबर में भी असर,और करो हिमालय से गुस्ताखियां! पलाश विश्वास

बहुत शायद देर नहीं जब इस महादेश की हर चीज पर लगेगा ठप्पा रिलायंस का और शायद अगले प्रधानमंत्री भी वे ही होंगे क्योंकि फासिज्म राजकाज की लगाम अब भी उन्हीं के हाथों में है।

डिजिटल हुआ आशियाना

नींव में परमाणु बम

भूकंप भूस्खलन महामारी

जान बचाने को मारामारी

बताइये कि क्या पहाड़ छोड़कर बसें तो सुरक्षित होंगे लोग या सुरक्षित है कोलकाता और दिल्ली भी क्या?

दार्जिंलिंग ढहने लगा,नैनीताल में भी भूस्खलन और तराई भाबर में भी असर,और करो हिमालय से गुस्ताखियां!

पलाश विश्वास


दार्जिलिंग के लिए चित्र परिणाम

दार्जिलिंग के लिए चित्र परिणाम

दार्जिलिंग के लिए चित्र परिणाम

दार्जिलिंग के लिए चित्र परिणाम

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শঙ্কা সত্যি করেই ফুঁসে উঠল অস্থির পাহাড়

বিজ্ঞানীরা পূর্বাভাস দিয়েই রেখেছিলেন। তা মিলে যেতেও দেরি হল না। প্রচণ্ড অস্থিরতা বুকে ধরে গুমরোতে থাকা দার্জিলিঙের পাহাড় আচমকা ফুঁসে উঠে নামিয়ে দিল প্রলয়ঙ্কর ধস! দু'মাস আগে নেপালে পরের পর দু'টো অতীব শক্তিশালী ভূকম্পের জেরে নেপাল-দার্জিলিং হিমালয়ের নানা জায়গায় অসংখ্য চিড় ধরেছে। এর পরে নেমেছে বর্ষা।

ঘুমন্ত পাহাড়ে ধসে মৃত ৩৬

2 Jul 2015, 0822 hrs IST,

  • ঘুমন্ত পাহাড়ে ধসে মৃত ৩৬

আবহাওয়াবিদদের মতে বজ্রগর্ভ মেঘ সঞ্চারের জেরেই এত বৃষ্টিপাত৷ গ্যাংটকের কেন্দ্রীয় আবহাও..


प्रधानमंत्री ने देखे हैं डिजिटल इंडिया के ये सपने

बुधवार को डिजिटल इंडिया को लांच करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की प्रशंसा तो की, लेकिन अंत में उन्‍होंने डिजिटल इंडिया अभियान से लगाई अपनी उम्‍मीदों के बारे में भी स्‍पष्‍ट कर दिया।

आखिर ग्रीस ने किया डिफॉल्ट, दुनिया पर और गहराए आर्थिक मंदी के


कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा बुधवार से शुरू हो गयी है। जहां श्रद्धालु आज से बाबा बर्फानी ने दर्शन करेंगे वहीं दूसरी ओर साध्‍वी प्राची ने एक विवादित बयान दे दिया है। साध्‍वी प्राची ने कहा कि हजयात्रियों को सब्सिडी दी जाती है और अमरनाथ यात्रियों से टैक्स वसूला जाता है। यह काफी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस बात का मुझे ज्यादा दुख नहीं हैं लेकिन अमरनाथ यात्रियों के उपर हमेशा खतरा बना रहता है। साध्‍वी प्राची ने कहा कि यदि अमरनाथ यात्रियों के उपर आतंकवादी खतरा होता है तो इसका खमियाजा हजयात्रियों को भुगतना पड़ेगा।

रिहाइशों और आबादी के हक हकूक के बारे में.देवभूमि की जनता की जान माल की सुरक्षा के खातिर किसी साधु साध्वी या संत की कोई चेतावनी नहीं है बहरहाल।


कैलास मनसरोवर का रास्ता नाथुला होकर है।बीच में दार्जिंलिंग और सिक्किम के पहाड़ रहे या नहीं,कोई फर्क न पैंदा।


कश्मीर घाटी जल रही है अमरनाथ यात्रा की फिक्र करें हम।

उत्तराखंड तबाही के कगार पर है तो क्या,हेलीकाप्टर से करें चार दामों की यात्रा।


ऐसा है डिजिटल देश हमारा।



I dream of a ‪#‎DigitalIndia‬ where the world looks to India for the next big idea, said Prime Minister Narendra Modi at the Digital India launch.


Top CEOs from India and abroad have committed to invest Rs 4.5 lakh crore for the Narendra Modi government's ambitious Digital Indiacampaign to provide telephony and fast internet for all, with more than half of the promised investments announced by Mukesh Ambani alone.

बहुत शायद देर नहीं जब इस महादेश की हर चीज पर लगेगा ठप्पा रिलायंस का और शायद अगले प्रधानमंत्री भी वे ही होंगे क्योंकि फासिज्म राजकाज की लगाम अब भी उन्हीं के हाथों में है।

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রাতেও শুনেছি গলা, সকালে তারা আর নেই

ঘুম ভেঙে ধড়মড় করে উঠে বসলাম। একটা বুকফাটা আর্তনাদ যেন আমার ঘরটার চারপাশে পাক খাচ্ছে। পাহাড়ের কোলে বাড়ি। মনে হল পাহাড়টাই যেন যন্ত্রণায় কাতরাচ্ছে। কিছুক্ষণ সব চুপ। ঘুটঘুটে অন্ধকার। বৃষ্টি পড়ছে ঝমঝম করে। তারপর আবার সেই আওয়াজ— গুমগুম, গুমগুম। একটা দৈত্যাকার হাতুড়ি পিটছে যেন কেউ। আওয়াজটা কমে আসতে এ বার মানুষের গলায় হইহল্লা শুনলাম।


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ধসে বন্ধ পাহাড়ের রাস্তা, নাজেহাল পর্যটকেরা

বর্ষার পাহাড়ে বেড়াতে গিয়ে ধসের কবলে পড়েছেন দেশ-বিদেশের পর্যটকদের অনেকেই। বুধবার হোটেল কিংবা অতিথি নিবাস থেকে বেরিয়ে কিছুটা গিয়েই থমকে যেতে হচ্ছে। কোথাও গাড়ি থাকলেও চালক মিলছে না। চালক মিললেও রাস্তায় বড় বড় গাছ-পাথর পড়ে থাকায় ঘণ্টার পর ঘণ্টা জনহীন এলাকায় বৃষ্টির মধ্যে দাঁড়িয়ে থাকতে হয়েছে।



राजनीति की औकात नहीं है कोई अब।

न जनपक्षधरता की औकात बची है।

मीडिया भी रिलायंस की जागीर।

महाजिन्न भी उन्हीं का गुलाम।

उन्हींके खातिरे यह डिजिटल देश ह।

तो तखाता पलटबे सकै वही।


लंदन से ट्वीटर प्रभु ने भी अब पालिटिकल पार्टी बना ली है और कहते हैं कि यूथ फार इक्वालिटी और समरसता वाले सामाजिक न्याय और समता के शत प्रतिशत विशुद्ध हिंदुत्व के वे ही होगे अब बाबी जिंदल।आईपीएल कैसिनो कार्निवाल में मुखौटे तो बदलेंगे ही।


मगर हम जिस धरती पर बसै हैं,जो कायनात की बरकतों नियामतों की वजह से हमारा वजूद है,उसका हो गया बंटादार समझो।


पत्ता कहीं न खड़के हैं और हमारे घरों,हमारे गांवों,हमारे नगरों,उपनगरों और महानगरों के सीने पर केबल की तरह बारुदी सुरंगें बिछा दी गयी है।


दार्जिलिंग से सुरक्षित जगह की तलाश जो शुरु हो गइलवा,वो गुहार अब उत्तराखंड के कोने कोने से गूंजने वाली है और धार पर गिरते दरख्तों की गूंज अब कोलकाता और नई दिल्ली में भी होने वाली है देर सवेर।भूकंप के सैकडो़ं झटकों ने जलस्रोतों की दबाये महानगरों की नींव से जमीन का रिश्ता खत्म कर दिया है।


मीडिया की खबरों के मुताबिक दार्जिलिंग जिले के तीन उपसंभागों में बचाव अभियान जारी हैं जहां भूस्खलन की घटनाओं में 38 लोगों की जान चली गई, राजमार्ग बह गए और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पश्चिम बंगाल आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दार्जिलिंग से करीब 56 किमी दूर गयाबारी में फिर से भूस्खलन होने की खबर है जिससे दार्जिलिंग और मिरिक के बीच सड़क संपर्क कट गया जहां कल आई इस प्राकृतिक आपदा में 21 लोगों की जान गई थी।


पहाड़ियों पर आज बारिश नहीं हुई तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नागरिक सुरक्षा कर्मी और स्थानीय स्वयंसेवकों ने प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य शुरू किया। सशस्त्र सीमा बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बचाव दल भी कार्य में लगाए गए हैं। दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कुर्सेओंग उप संभागों में भूस्खलन की घटनाओं की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 55 को गहरा नुकसान हुआ तथा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सड़क संपर्क कट गए हैं।

रास्तों की सफाई के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि पर्यटक मैदानी इलाकों में लौट सकें। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल मुर्शिदाबाद से सिलिगुड़ी पहुंचीं। उन्होंने बीती रात संवाददाताओं से कहा कि राज्य का आपदा प्रबंधन समूह अच्छा काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह प्राकृतिक आपदा प्रभावित स्थल के दौरे पर जाने का निर्णय तब ही करेंगी जब उनके जाने से वहां चल रहा बचाव अभियान बाधित न हो। उन्होंने भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवार वालों को चार . चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू को मौके पर भेजा। रिजिजू की अगुवाई वाले एक केंद्रीय दल ने कुर्सेओंग में कल भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बचाव तथा राहत अभियानों का जायजा लिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कुर्सेओंग उप संभाग के अंतर्गत तिंगलिंग में राहत शिविरों में गए जहां भूस्खलन के कारण बेघर हुए सैकड़ों लोग रह रहे हैं। उन्होंने अस्पतालों में इलाज करा रहे घायलों की खरियत भी पूछी।



आ रहा प्रलय प्रलयंकर।

दार्जिलिंग झांकी है,त्रासदियों का सिलसिला बाकी है।

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উত্তরবঙ্গ

ফের ধস, বিপর্যস্ত এলাকা ঘুরে দেখলেন রিজিজু


डिजिटल हुआ आशियाना

नींव में परमाणु बम

भूकंप भूस्खलन महामारी

जान बचानो को मारामारी

बताइये कि क्या पहाड़ छोड़कर बसें तो सुरक्षित होंगे लोग या सुरक्षित है कोलकाता और दिल्ली भी क्या?

दार्जिंलिंग ढहने लगा,नेनीताल में भी भूस्खलन और तराई भाबर में भी असर,और करो हिमालय से गुस्ताखियां!


डिजिटल नागरिकों,नागरिकाओं,माफ कीजिये।


पहली जुलाई से पीएफ बाजार में और पहली जुलाई को ही ग्रीक ट्रेजेडी का जलवा।दावा है उनका कि आंधियों को थाम लेंगे।


सांसदों की सैलरी दोगुनी करने और पूर्व सांसदों के पेंशन में 75% के इजाफे की सिफारिश कर दी है बगुला समिति ने फिर।संसद की एक समिति ने सांसदों की सैलरी और पूर्व सांसदों के पेंशन से लेकर सुविधाएं बढ़ाने की कई सिफारिशें सरकार से की हैं।


ये आपके नुमाइंदे हैं जिन्हें अपना घर भरने से फुरसत है ही नहीं।


बिलियनर मिलियनर इस प्रजाति का यह हुआ डिजिटल देश भइया।

बाप मरे कि मरे महतारी,सबसे बड़ा रुपइया।

इस प्रस्ताव में समिति ने सांसदों की सैलेरी दोगुनी करने की सिफारिश की है। समिति ने पूर्व सांसदों की पेंशन भी 75 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों की तरह सांसदों की सैलरी भी वक्त वक्त पर बढ़ाई जाए और ऐसा करने के लिए ऑटोमेटिक पे रिवीजन मैकेनिज्म बनाया जाए। गौरतलब है कि वर्तमान में सांसदों की सैलेरी 50 हजार रुपये प्रतिमाह है। यदि समिति की सिफारिशें मान ली जाती हैं तो सांसदों की सैलेरी दोगुनी हो जाएगी।


बोलो बिररिंची बाबा की जय।


बोलो लाखों की सूट में पल छिन पल छिन नंगा जो होय,ऐसे महाजिन्न नंगे बिररिंची बाबा की जयजयजय हो।


चुन चुन कर कुत्तों की तरह निशाने बांध बांधकर अंदर बाहर के दुश्मनों का हिसाब बराबर कर रहे महाजिन्न का चमत्कार देखते रहे डिजिटल,बायोमेट्रिक डिजिटल रोबोटिक क्लोन नागरिकों,नागरिकाओं कि कयामत का सिलसिला अभी शुरु ही हुआ है।


हम चीख रहे हैं न जाने कब से ,शायद तभी से सुंदरलाल बहुगुणाने शायद 1978 में नैनीताल समाचार में लिक्खा कि हिमालय एटम बम है,हमने रिलायंस का कारिंदा बनने के लिए पत्रकारिता शुरु नहीं की थी दोस्तों।धार की हर आवाज को गूंज बनाने की ख्वाहिशे रही हैं हमारी।विडंबना यह कि गला अब काठ है,आवाज पर पाथर है।


केदार जलसुनामी,सुनामी और नेपाल का भूकंप कोई आखिरी त्रासदी नहीं है।ग्रीक त्रासदी का सिलसिला हजारों साल से जइसन जारी बा,वइसन जारी बिररंची बाबाओं का महिमा अपरंपार जो सोनपुर मेलवा में नंगा नाचे हो सररेआम सारारा सारारा,हमउ हिलेला तो हिलेला,हिलत रहल बानी।अब हिमालय हमें हिलाने लगा है।


धरती की चूलें हिल गयी हैं।अबाध पूंजी निवेश है।मीडिया में भी अबाध पूंजी निवेश है।जलजंगलजमीन का ह्स्तांतरण जैसे अबाध,वैसे ही डिजिटल इंडिया का मायने समूचा सूचना तंत्र देशी विदेशी पूंजी के हवाले।मालिक कौन,चेयरमैन कौण,नी पत्ता।




हर औरत हर मर्द,हर बच्चे की जुबान पर,हर बूढ़े की गुहार रहने दो राहत,रहने दो मदद,हमें कहीं सुरक्षित जगह निकालो।


बहरहाल सत्तर किमी घूमकर मिरिक के भस्खलन शिकार लोगों के बीच पहुंच गयी हैं बंगाल की मुख्यमंत्री जिन्हें हराने के लिए कामरेड दागी मुकुल को भी गले लगाने को तैयार है और कामरेड महासचिव हैरत में।



नैनीताल से इसी बीच

शिरीष अनुनाद

ने लिखा हैः

कल से जो बारिश शुरू हुई अनथक जारी है। कल दोपहर का नैनीताल(भरी हुई झील) और आज भोर का बारिश में डूबा भवाली। उठते ही बाहर देखा तो बरसात के चलते लगभग अंधेरा ही था... तस्वीर में बस बरसात.... यह यों ही जारी रही तो भू-स्खलन होगा, होने भी लगा है कहीं-कहीं।

तो भाबर में रामनगर में भी हो रहा है भूस्खलन।


गौरतलब है कि बढ़त के साथ शुरुआत करने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में अब सुस्ती देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी की चाल सुस्त हो गई है। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी खरीदारी का माहौल दिख रहा है


गौर तलब है कि भारत में गरीबी दूर करने के लिए सालाना 8-10 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत पर बल देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश की मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर संतोषजनक नहीं है। जेटली ने यहां डिजिटल इंडिया हफ्ते की शुरुआत के अवसर पर कहा, भारत अब 6 से 8 फीसदी की वृद्धि दर से संतुष्ट नहीं है। अब वह वृद्धि के अगले स्तर पर जाना चाहता है और 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना चाहता है। हम तेजी से वृद्धि हासिल करना चाहते हैं क्योंकि हमारे समक्ष गरीबी उन्मूलन की बड़ी चुनौती है।

वित्तीय समावेशी कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल में व्यापक क्षमता है। उन्होंने कहा कि पांच माह से भी कम अरसे में हम 16 करोड़ जनधन खाते खोलने में सफल रहे है। 13 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कुछ माह के समय में ही हासिल कर लिया गया। उन्होंने कहा कि पांच सप्ताह से भी कम समय में 11 करोड़ बीमा पालिसियां शुरू की गई।

उन्होंने कहा कि यह अब सरकार का प्रयास होगा कि डिजिटल इंडिया को भारत में जीवन और राजकाज के संचालन के साथ जोड़ा जाये। वित्त मंत्री ने कहा, उन बदलावों को देखिये जो इसके जरिये दुनिया में आ रहे है। दुनिया के सबसे बड़े रिटेलरों का आज अपना कोई रिटेल स्टोर नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी परिवहन कंपनियों का अपना कोई वाहन नहीं है। यह प्रौद्योगिकी की ताकत है।

जेटली ने कहा कि अगले कुछ साल में हम देखेंगे कि ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग इंटरनेट के जरिये हो रही है। ज्यादातर काम भुगतान गेटवे के जरिये हो रहा है, बैंक शाखाओं के जरिये नही। उन्होंने कहा कि चेक भी बीते समय की बात हो जाएगा। यह प्रौद्योगिकी की ताकत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, मीडिया, न्याय देने की प्रणाली व स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी एक बड़ी भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा कि इस पहल से भारत प्रौद्योगिकी के अधिकतम इस्तेमाल के जरिये सशक्त होगा। \'मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यहां मौजूद दुनियाभर के उद्योग के नेता इस क्षेत्र में अरबों अरब डालर का निवेश करना चाहते है। नए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और इससे संभवत: भारत एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। जेटली ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल से अमीर व गरीब के बीच की खाई पाटने में मदद मिलेगी।


इसी बीच खबर है किः

देश के उत्तर से पूर्वी क्षेत्र की ओर माल ढुलाई को तेज और सक्षम बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक ने बुधवार को "ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर" बनाने के लिए 65 करोड़ डॉलर (करीब 3900 करोड़ रुपए) का लोन मंजूर किया। ईस्टर्न कॉरिडोर 1,840 किलोमीटर लंबा है, जो लुधियाना से कोलकाता के बीच तैयार हो रहा है। वर्ल्ड बैंक ने इस कॉरिडोर के लिए यह तीसरा लोन स्वीकृत किया है। लोन की रकम का इस्तेमाल यूपी, हरियाणा और पंजाब में लुधियाना-खुर्जा सेक्शन निर्माण पर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 97.5 करोड़ डॉलर का पहला लोन वर्ल्ड बैंक ने मई, 2011 में स्वीकृत किया था। इसके बाद 1.1 अरब डॉलर का दूसरा लोन अप्रैल, 2014 में मंजूर किया गया। बढ़ेंगे रोजगार के मौके वर्ल्ड बैंक कंट्री डायरेक्टर (भारत) ओन्नो रूहल के मुताबिक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्यक्रम लागू होने से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा फ्रेट ऑपरेशन संचालित होने लगेगा। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से गुजरेगा, जिससे वहां रोजगार के मौके बढ़ेंगे और विकास को रफ्तार मिलेगी।


स्वागत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समर्थकों से कहा है कि सोशल मीडिया, खासतौर से ट्विटर पर, 'सकारात्मक' रुख अपनाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि 'अमर्यादित भाषा' इस माध्यम को खत्म करके रख देगी।


सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी बुधवार को अपने घर पर करीब 100 लोगों से मिले, जो ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार सक्रिय रहते हैं। यहां बता दें कि पीएम खुद अपनी नीतियों के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारियां साझा करते रहे हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर सफल चुनावी अभियान भी चलाया है।


सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने कहा, अगर मेरे लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी अपशब्दों को छापा जाए, तो इतना कागज चाहिए होगा, जिससे पूरा ताजमहल ढका जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने कहा निगेटिव कमेंट्स के जवाब तीखे शब्दों में न दें।


पीएम नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर यह भी कहा कि उन्होंने अपने आलोचकों में से किसी को भी ब्लॉक नहीं किया है। बता दें कि मोदी के ट्विटर पर 13 मिलियन फॉलोअर हैं।


पीएम ने डिजिटल इंडिया योजना लॉन्च की है। जिसके तहत 2019 तक 250,000 गांवों को इंटरनेट से जोड़ने की योजना है। इस योजना के लॉन्च से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोगों से मिले। लॉन्च में अंबानी बंधुओं सहित देश के बड़े उद्योगपति भी शामिल हुए। डिजिटल इंडिया को लेकर उम्मीद की जा रही है कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार और निवेश आएगा।


Opindia.com के अनुसार, पीएम मोदी की तरफ से सोशल मीडिया से जुड़े शिष्टाचार के सुझाव उन लोगों को मिले, जो MyGov पर नियमित योगदान दे रहे हैं। MYGov सरकार के कामकाज पर जनता की राय जानने के लिए बनाई गई साइट है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े जोर शोर से डिजिटल इंडिया की शुरूआत कर दी है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया के जरिये हमारी-आपकी जिंदगी के साथ गवर्नेंस के तौर तरीकों में बड़े बदलाव का सपना दिखाया है। निजी क्षेत्र ने भी आगे बढ़कर बड़े निवेश का ऐलान किया है। डिजिटल इंडिया से देश कितना बदल सकता है। इस सपने को पूरा की राह में क्या-क्या चुनौतियां हैं, इस पर खास चर्चा के लिए सीएनबीसी-आवाज़ पर जुड़ा था विषेशज्ञों का बड़ा पैनल।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों के साथ इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया से 18 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार की डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में 4.5 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समय की मांग है कि हम इस बदलाव को समझें। उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में लोग वहीं बसेंगे जहां ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क होगा। पूरा बैंकिंग कारोबार मोबाइल फोन से चलेगा। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स के लिए सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।


इस मौके पर टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इंडिया भारत की तस्वीर बदलने वाली योजना साबित होगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मेक इन इंडिया के बिना डिजिटल इंडिया पूरा नहीं हो सकता। हर गांव में होगा इंटरनेट, हर सुविधा होगी ऑनलाइन क्योंकि अब डिजिटल बनेगा इंडिया। न हर जगह दस्तखत की टेंशन, न अस्पताल की लंबी लाइन क्योंकि अब डिजिटल बनेगा इंडिया। कुछ ही सालों में ये सारी बातें हकीकत बन जाएंगी और इस सपने को साकार करने की शुरुआत आज से हो रही है।


कार्यक्रम में बोलते हुए प्रमुख रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमारी प्रेरणा है। इसके साथ ही मुकेश अंबानी ने डिजिटल इंडिया क्षेत्र में 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। डिजिटल इंडिया से क्रांतिकारी बदलाव होंगे और युवाओं के जरिए डिजिटल इंडिया बेहद सफल होगा। ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे। मुकेश अंबानी ने इंडिया डिजिटल स्टार्टअप फंड बनाने की भी बात कही।


मुकेश अंबानी ने कहा कि पीएम के विजन में ताकत है कि वो भारत के लोगों का जीवन बदल सकते हैं। आज भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है जिसमें ये ताकत है कि वो अपने विजन को जमीन पर लाए। मुकेश अंबानी ने आगे कहा कि आमतौर पर उद्योग सरकार से तेज चलते हैं लेकिन यहां डिजिटल इंडिया के माध्यम से सरकार उद्योग से आगे है।


सायरस मिस्त्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ग्रोथ की ओर एक बड़ा कदम है और टीसीएस इस योजना में 60,000 लोगों को नौकरी देगी। डिजिटल इंडिया से सरकारी सेवाओं में तेजी आएगी। वहीं अजीम प्रेमजी ने कहा कि डिजिटल इंडिया का विजन काफी मजबूत है और इससे प्रत्येक व्यक्ति को सभी जानकारियां मिलेंगी।


कुमार मंगलम बिड़ला ने प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया बोल्ड विजन का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी कंपनी डिजिटल कारोबार में अगले 5 साल में 700 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। मुंबई के पास 100 एकड़ में डिजिटल टाउनशिप लाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही मोबाइल वॉलेट और पेमेंट बैंक लॉन्च करेंगे। सुनील मित्तल ने कहा कि पीएम मोदी तकनीक की ताकत को समझते हैं और उनका समूह डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा।


अनिल अग्रवाल ने डिजिटल इंडिया अभियान की पहल के लिए पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा कि वेदांता ग्रुप जम्मू-कश्मीर में बड़ा ऑप्टिकल नेटवर्क लगा रहा है। आंगनवाड़ी की तस्वीर बदलने के लिए ई-शिक्षा की पहल की और डिजिटल इंडिया के तहत 40000 करोड़ रुपये की लागत से एलसीडी पैनल बनाने की योजना है। अनिल अंबानी ने कहा कि डिजिटल इंडिया पूरे देश को जोड़ने में सक्षम है और इस साल अंत तक 5 नेक्स्ट जेनरेशन कंटेंट और क्लाउड नेटवर्क पूरा करेंगे। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है।


डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत डिजिटल लॉकर, ई-हॉस्पिटल, ई-साइन, डिजिटाइज इंडिया प्लेटफॉर्म और नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल जैसे ऐप लॉन्च किए गए हैं। साथ ही भारत नेट, वाई-फाई हॉटस्पॉट और नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क जैसी नई सेवाएं भी शुरू हुई हैं। डिजिटल इंडिया पोर्टल, डिजिटल इंडिया मोबाईल ऐप, मायगव मोबाइल ऐप, स्वच्छा भारत ऐप और आधार मोबाइल ऐप की भी शुरुआत की गई है।


सरकार की नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के तहत सभी सरकारी स्कॉलरशिप एक ही वेबसाइट पर ही उपलब्ध होंगी और scholarships.gov.in पर जानकारी मिलेगी। वहीं ई-बस्ता स्कीम के जरिए छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा और www.ebasta.in पर मदद मिलेगी। ई-बस्ता के जरिए स्कूल की किताबों का सफर ई-बुक्स की ओर चलेगा। साथ ही टैबलेट और लैपटॉप पर भी किताबें पढ़ने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वहीं डिजिटल लॉकर योजना के तहत आधार से जुड़ा पर्सनल स्टोरेज स्पेस होगा और digitallocker.gov.in पर मदद मिलेगी। डिजिटल लॉकर में ई-डॉक्यूमेंट स्टोर कर सकते हैं और सरकारी सेवाओं के लिए भी फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी।


डिजिटल इंडिया से साफ जाहिर होता है कि घर-घर में इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराना और इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों को भी इंटरनेट से जोड़ने की योजना है। सरकार का डिजिटल इंडिया के जरिए ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करने की योजना है और ई-गवर्नेंस पर भी जोर रहने वाला है। सरकार को इस महत्वाकांक्षी योजना को पटरी पर लाने के लिए कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। सरकार को डिजिटल इंडिया के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश करना पड़ेगा। वहीं ऑप्टिकल फाइबर का काम लक्ष्य से पीछे चल रहा है।


छोटे शहरों और गांवों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर दिक्कत हो सकती है। स्पेक्ट्रम महंगी कीमत भी सरकार के लिए एक समस्या हो सकती है। सरकार को साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाने के साथ नेट न्यूट्रलिटी सुनिश्चित करना होगा।


टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और बीजेपी के आईटी सेल के हेड अरविंद गुप्ता मानते हैं कि डिजिटल इंडिया टार्गेट चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन असंभव नहीं है। सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर इसे हकीकत में उतार सकते हैं। वहीं आई स्पिरिट के को-फाउंडर शरद शर्मा मानते हैं कि डिजिटल इंडिया की राह में अभी कई चुनौतियां हैं। देश को प्रोडक्ट इंडस्ट्री के रूप में उभरना जरूरी है।


मणिपाल यूनिवर्सल के चेयरमैन टी वी मोहनदास पई का कहना है कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम भारत में आईटी सेक्टर के लिए सबसे बड़ा प्रोग्राम है। वहीं रिलायंस जियो के 4जी सर्विस शुरू होने के बाद देश में डिजिटल स्पेस में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिलेगा। वहीं भारत की इकोनॉमी में होने वाले नए बदलाव में स्टार्टअप्स का योगदान ज्यादा होगा। अगले 10 साल के लिए स्टार्टअप्स भारत के लिए सबसे बड़ी क्रांति होगी।


वहीं डेलॉयट इंडिया के डायरेक्टर प्रकाश प्रभाकर का कहना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा सभी सेक्टरों को मिलेगा। डिजिटल इंडिया से भारत में काफी सारे नए सेक्टरों का सृजन होगा।



इसी बीच खबर हैः


150 देशों के लिए शुरू किए गए इलेक्‍ट्रॉनिक वीजा और अन्‍य कदमों की दम पर सरकार को पूरा भरोसा है कि भारत पर्यटकों और निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय डेस्‍टीनेशन बनेगा। पर्यटन सचिव ललित के पवार ने बुधवार को कहा कि पिछले सात माह के दौरान केंद्र सरकार ने चीन सहित 150 देशों के 1.5 लाख से अधिक लोगों को इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेवल वीजा जारी किया है, जो कि इससे पहले की किसी भी सरकार में नहीं हुआ है। इससे यह प्रदर्शित होता है कि सरकार विदेशी पयर्टकों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए इतनी इच्‍छुक है।


उन्‍होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं के केंद्र में टूरिज्‍म प्रमोशन है और इसके लिए स्‍मार्ट सिटी और मेक इन इंडिया सहित कई कदम भी उठाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट देश में पर्यटन को बहु-आयामी बढ़ावा देगा। सरकार चाहती है कि लोग भारत में पहले घूमने आएं और यहां विभिन्‍न सेक्‍टर की क्षमताओं को देखें और तब उसके बाद यहां निवेश का फैसला लें।


पवार ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार देश में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्‍वदेश दर्शन योजना भी लांच करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत हिमालय, तटीय और मरुस्‍थल राज्‍यों के अलावा जहां-जहां से गंगा नदी गुजरती है, उन्‍हें टूरिस्‍ट सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा।


पवार ने कहा कि उत्‍तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा लेकिन यह हिमालय की पारिस्थितिक की कीमत पर बिल्‍कुल नहीं होगा। केंद्र टेहरी बांध में वाटर स्‍पोर्ट्स को बढ़ावा देने की इच्‍छुक है और इसके लिए 50 करोड़ रुपए की राशि राज्‍य सरकार को आवंटित भी की जा चुकी है।

इसी बीच खबर हैः


हार्इवे सेक्टर में एक समय दम तोड़ रहे पीपीपी प्रोजेक्‍ट्स में केंद्र सरकार ने नई जान फूंकने की कवायद की है। सरकार ने चालू वित्‍त वर्ष 2015-16 में अबतक 13500 करोड़ रुपए के रोड प्रोजेक्‍ट सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत जारी किए गए। इनमें डेवपलर्स के हितों को भी ध्‍यान में रखा गया है। अधिकांश प्रोजेक्‍ट अपने अंतिम चरण में हैं। इससे पहले 2014-15 में 6300 करोड़ रुपए के प्रोजेक्‍ट जारी किए जा सके, जबकि 2013-14 में केवल दो प्रोजेक्‍ट ही अवार्ड हुए थे।


एक अधिकारी के अनुसार हाइवे एवं इंफ्रा प्रोजेक्‍ट्स में अधिक वित्‍तीय जरूरत, नकदी की कमी और सेक्‍टर के आधार पर लोन देने की निश्चित सीमा और अन्‍य नियामकीय बाधाओं डेवलपर्स पीपीपी प्रोजेक्‍ट से बाहर निकल रहे थे। लेकिन, अब इंफ्रा प्रोजेक्‍ट्स को प्रोत्‍साहन देने की संयुक्‍त कोशिशों के चलते डेवलपर्स में भरोसा दोबाना लौट रहा है।


उन्‍होंने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की तरफ से प्रोजेक्‍ट की अपर्याप्‍त तैयारी और भूमि अधिग्रहण में कमी के चलते बोलीदाता नए प्रोजेक्‍ट्स से कदम पीछे खींच रहे थे। इन समस्‍याओं को दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। इसमें भूमि अधिग्रहण व प्रोजेक्‍ट को लेकर पुख्‍ता तैयारियां, अप्रेजल की सामान्‍य प्रक्रिया, सरल एक्जिट पॉलिसी, विवादों को सौहार्दपूर्ण निपटान जैसे कदम शामिल हैं। हाइब्रिड एन्‍यूटी मॉडल जैसे नए मॉडल के अलावा वर्ल्‍ड बैंक और एडीबी जैसी एजेंसियों से कई स्‍तरीय फंडिंग से भी इन परियोजनाओं को रफ्तार मिली है।


पीपीपी हाईवे प्रोजेक्‍ट में दिख रही है रिकवरी

अधिकारी के मुताबिक सरकार की कोशिशों के चलते सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत हाईवे प्रोजेक्‍ट्स में रिकवरी दिखनी शुरू हो गई है। 2015-16 में एक टोल प्रोजेक्‍ट अवार्ड किया गया और पांच के लिए बोलियां प्राप्‍त हुई हैं, इन्‍हें अवार्ड करने की प्रक्रिया जारी है। इन छह प्रोजेक्‍ट की लंबाई करीब 665 और उनकी अनुमानित लागत 9200 करोड़ रुपए है। इनमें महाराष्‍ट्र में सोलपुर-‍बीजापुर प्रोजेक्‍ट, छत्‍तीसगढ़ में रायपुर-बिलासपुर, हरियाणा में मुकारबा चौक-पानीपत, उत्‍तर प्रदेश में आगरा-इटावा और मध्‍य प्रदेश में बियोरा-देवास व गुना बियोरा शामिल हैं। यह प्रोजेक्‍ट यूनिक्‍वेस्‍ट इंफ्रा, एसेल प्रोजेक्‍ट्स, एसेल इंफ्रा, आईआरबी इंफ्रा, ओरिएंटल स्‍ट्रक्‍चरल और दिलीप बायोकॉन जैसे बिल्‍डर्स को मिले हैं। इसके अलावा आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्‍स महाराष्‍ट्र में 4174 करोड़ रुपए के दो हाईवे प्रोजेक्‍ट्स के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में सामने आए। दोनों प्रोजेक्‍ट पहले एनएंडटी को दिए गए थे लेकिन एनएचएआई की तरफ से जमीन अधिग्रहण नहीं किए जाने से कंपनी प्रोजेक्‍ट से बाहर निकल गई।


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