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Friday, October 19, 2012

जेएनयू में महिषासुर शहादत दिवस 29 अक्‍टूबर आश्विन पूर्णिमा को

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[LARGE][LINK=/index.php/imotion/1728-mahishasur-shahadat-diwas]जेएनयू में महिषासुर शहादत दिवस 29 अक्‍टूबर आश्विन पूर्णिमा को             [/LINK]                    [/LARGE]
Written by जितेंद्र यादव                                                                                                     Category: [LINK=/index.php/imotion]पर्यटन-स्वास्थ्य-धर्म-अध्यात्म-संवेदना-सोच-विचार[/LINK]                                                                        Published on 19 October 2012                                                                                                 [LINK=/index.php/component/mailto/?tmpl=component&template=youmagazine&link=44ade22c6591ff7f67481cdab111ff75754e38d8][IMG]/templates/youmagazine/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK]                                      [LINK=/index.php/imotion/1728-mahishasur-shahadat-diwas?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/youmagazine/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK]
जेएनयू (दिल्ली) 19 अक्‍टुबर 2012 : राजधानी में स्थित जवाहरलाल विश्‍वविद्यालय में ऑल इंडिया बैकवर्ड स्‍टूडेंट्रस फोरम के बैनर तले 29 अक्‍टूबर 2012 आश्विन पूर्णिमा के दिन महिषासुर शहादत दिवस मनाने की तैयारी चल रही है. संगठन ने कैंपस में इस संबंध में एक पोस्‍टर जारी कर दिया गया है. पोस्‍टर में कहा गया है कि महिषासुर इस देश के बैकवर्ड समाज के नायक थे जिनकी हत्‍या आर्यों ने दुर्गा के माध्‍यम से की.

पोस्‍टर के पहले पेज पर झारखंड की एक आदिवासी कवियित्री सुषमा असुर का फोटो यह कहते हुए दिया गया है कि 'देखो मुझे, महाप्रतापी महिषासुर की वंशज हूं मैं'. पोस्‍टर के एक अंश में झारखंड के वरिष्‍ठ नेता शिबू सोरेन से बातचीत प्रकाशित है. उन्‍होंने महिषासुर को अपना पूर्वज वताते हुए कहा है कि 'मुझे असुर होने पर गर्व है'. अका‍दमिक पत्रिका फारवर्ड प्रेस में प्रकाशित इस आवरण कथा के लेखक अश्विनी कुमार पंकज दशहरा को असुर राजा महिषासुर और उसके अनुयायियों के आर्यों द्वारा वध और सामूहिक नरसंहार का अनुष्‍ठान बताते हुए झाररखंड के उस इलाके और जातियों से परिचय कराते हैं जहां के लोग महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हुए उनकी पूजा करते हैं.

एआईबीएसएफ के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जितेंद्र यादव का कहना है कि राजा महिषासुर की हत्‍या के बाद पूर्णिमा की रात को सारे असुर एकत्र होकर शोक सभा किये थे. इसलिए संगठन देश भर में आश्विन पूर्णिमा को शहादत दिवस के रूप में मनाएगा. गौरतलब है कि पिछले वर्ष जेएनयू में महिषासुर-दुर्गा पोस्‍टर के कारण बैकवर्ड फोरम और विद्यार्थी परिषद के छात्रों से हुई मार-पीट काफी चर्चा का विषय बना. इस संबंध में जेएनयू प्रशासन ने संगठन के प्रमुख जितेंद्र यादव को धार्मिक भावनाओं के आहत करने के कारण नोटिस जा‍री किया था जिसके कारण यह मामला और तुल पकड लिया.

परंतु अंततः विश्‍वविद्यालय प्रशासन को  इस मामले में माफी मांगनी पडी थी. एआईबीएसएफ के जेएनयू अध्‍यक्ष विनय कुमार ने जानकारी दी कि शहादत दिवस के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस अवसर पर बैकवर्ड समाज के जाने-माने बुध्दिजीवियों और पत्रकार उपस्थित रहेंगे. उनका कहना है कि संगठन विजयादशमी को राष्‍ट्रीय शर्म दिन के रूप में घोषित करने के लिए आंदोलन करेगा क्‍योंकि यह हमारे पूर्वजों के हत्‍याओं का जश्‍न है. हत्‍या का जश्‍न किसी सभ्‍य समाज में नहीं होता.

संपर्क

[B]जितेंद्र यादव[/B]

राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एआईबीएसएफ

345, सतलज जेएनयू

9716839326, 4859439496

[B]विनय कुमार[/B]

जेएनयू अध्‍यक्ष एआईबीएसएफ

158, साबरतमी जेएनयू

9871387326

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