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Thursday, April 9, 2015

(मज़दूर बिगुल के मार्च 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

(मज़दूर बिगुल के मार्च 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

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सम्‍पादकीय

केन्द्रीय बजट 2015-2016: जनता की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने की जि‍‍म्मेदारी से पल्ला झाड़कर थैलीशाहों की थैलियाँ भरने का पूरा इंतज़ाम

विशेष लेख

समाजवादी चीन ने स्त्रियों की गुलामी की बेड़ियों को कैसे तोड़ा / श्‍वेता

पूँजीवादी व्यवस्था में न्याय सिर्फ़ अमीरों के लिए है! / रामबाबू

विरासत

भगतसिंह की बात सुनो ! स्मृति से प्रेरणा लो, विचारों से दिशा लो!

साहित्‍य

कॉमरेड: एक कहानी / मक्सिम गोर्की

पर्यावरण

दूसरा उत्तराखंड बनने की राह पर हैं हिमाचल प्रदेश / मनन

महान शिक्षकों की कलम से

पूँजी के और उजरती श्रम के हित हमेशा एक दूसरे के बिल्कुल विरोधी होते हैं – मार्क्स की प्रसिद्ध रचना 'उजरती श्रम और पूँजी' के अंश
कार्ल मार्क्स की समाधि पर फ्रेडरिक एंगेल्स का भाषण

आन्‍दोलन/जनकार्रवाइयां

हरियाणा के मनरेगा मज़दूरों का संघर्ष जारी! / बिगुल संवाददाता

मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने गये मेट्रो मज़दूरों पर बरसी पुलिस की लाठी / बिगुल संवाददाता

बोलते आँकड़े, चीखती सच्‍चाइयाँ

भारत में जन्म लेने वाले अधिकतर बच्चे और उन्हें जन्म देने वाली गर्भवती माँएँ कुपोषित / गीतिका

हर पाँच में चार लोग अपराध साबित हुए बिना ही भारतीय जेलों के नर्क के क़ैदी हैं / अमेन्‍द्र कुमार

कारखाना-बस्तियों से

काम के ज़्यादा दबाव की वजह से दिमागी संतुलन खोता म़जदूर / बलराम मौर्या, गुड़गांव

सलूजा धागा मिल में मशीन से कटकर एक मज़दूर की मौत / संदीप नैयर

मज़दूरों की समस्या का समाधान नग वाली अँगूठी से नहीं बल्कि संघर्ष से होगा / रामसेवक, लुधियाना

मज़दूर बिगुल पढ़कर एक क्लास पूरा हो जाता है / कालेश्‍वर, झारखण्‍ड

मज़दूर बिगुल' के पाठकों से एक जरूरी अपील
प्रिय पाठको, 
बहुत से सदस्यों को 'मज़दूर बिगुल' नियमित भेजा जा रहा है, लेकिन काफी समय से हमें उनकी ओर से न कोई जवाब नहीं मिला और न ही बकाया राशि। आपको बताने की ज़रूरत नहीं कि मज़दूरों का यह अख़बार लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको 'मज़दूर बिगुल' का प्रकाशन ज़रूरी लगता है और आप इसके अंक पाते रहना चाहते हैं तो हमारा अनुरोध है कि आप कृपया जल्द से जल्द अपनी सदस्यता राशि भेज दें। आप हमें मनीआर्डर भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। बहुत सारे पाठकों को ये अखबार ईमेल से भी नियमित तौर पर मिलता है। ऐसे सभी संजीदा पाठकों से भी अनुरोध है कि वो बिगुल की सदस्‍यता ले लें व अपने आसपास रिश्‍तेदारों, दोस्‍तों आदि को भी दिलायें। मनीआर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0076200 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ सदस्यताः (वार्षिक) 70 रुपये (डाकखर्च सहित) (आजीवन) 2000 रुपये मज़दूर बिगुल के बारे में किसी भी सूचना के लिए आप हमसे इन माध्यमों से सम्पर्क कर सकते हैं: फोनः 0522-2786782, 8853093555, 9936650658, ईमेलःbigulakhbar@gmail.com फेसबुकः www.facebook.com/MazdoorBigul

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