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Wednesday, November 25, 2015

सहिष्णुता अरब वसंत का वज्रनिर्घोष! बाकीर आपरेशन ब्लू स्टार!या बंगाल की राजनीति की वैदिकी हिंसा,जो हिंसा न भवति। #Controversy Promo के धर्म अधर्म अपकर्म में काहे को फंसे हो भइया,सबसे बड़ा रुपइया सहिष्णुता अबाध पूंजी प्रवाह की। सहिष्णुता एफडीआई,सहिष्णुता बेरोजगारी,भुखमरी मंहगाई.मंहगाई की अखंड बा।संपूर्ण निजीकरण, संपूर्ण विनिवेश की सहिष्णुता ह।जहरीला हवा पानी,सहिष्णुता खुली लूट,बेदखली की।फिरभी असहिष्णुता पर बवंडर?काहे भइया? #ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# পাদিও না সহিষ্ণতার অখন্ড স্বর্গে,বিশুদ্ধ পন্জিকার নির্ঘন্ট লঙ্ঘিবে কোন হালার পো হালা! बोलते ही आंधियां और समुंदर में हलाहल,हम नहीं हैं शिव कि पी सकें यह जहर! ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# पादो नको नको ढेरों ढेर,# पाद आधिपात्य # विशुद्धता का # मनुस्मृति शासन बा # Real life Shambuk# बनि खातिर# Reel life से बाहिर य कौण# PROMO#मजहबी राजनीति जो हो सो हो,बाजार मा तुस्सी हिंदुत्वेर # E commerce Ambassador# Ambassador Incredible #सहिष्णु इंडिया के#आइकनवा,#स्टार सगरे#Promo Mode मा#बिजनेस फ्रेंडली #मार्केटिंग की जुबान बोले सगरे #बाकीर सगरे दे


सहिष्णुता अरब वसंत का वज्रनिर्घोष!

बाकीर आपरेशन ब्लू स्टार!या बंगाल की राजनीति की वैदिकी हिंसा,जो हिंसा न भवति।

#Controversy Promo के धर्म अधर्म अपकर्म में काहे को फंसे हो भइया,सबसे बड़ा रुपइया

सहिष्णुता अबाध पूंजी प्रवाह की। सहिष्णुता एफडीआई,सहिष्णुता बेरोजगारी,भुखमरी मंहगाई.मंहगाई की अखंड बा।संपूर्ण निजीकरण, संपूर्ण विनिवेश की सहिष्णुता ह।जहरीला हवा पानी,सहिष्णुता खुली लूट,बेदखली की।फिरभी असहिष्णुता पर बवंडर?काहे भइया?



#ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# পাদিও না সহিষ্ণতার অখন্ড স্বর্গে,বিশুদ্ধ পন্জিকার নির্ঘন্ট লঙ্ঘিবে কোন হালার পো হালা!


बोलते ही आंधियां और समुंदर में हलाहल,हम नहीं हैं शिव कि पी सकें यह जहर!




ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# पादो नको नको ढेरों ढेर,# पाद आधिपात्य # विशुद्धता का # मनुस्मृति शासन बा # Real life Shambuk# बनि खातिर# Reel life से बाहिर य कौण# PROMO#मजहबी राजनीति जो हो सो हो,बाजार मा तुस्सी हिंदुत्वेर # E commerce Ambassador# Ambassador Incredible #सहिष्णु इंडिया के#आइकनवा,#स्टार सगरे#Promo Mode मा#बिजनेस फ्रेंडली #मार्केटिंग की जुबान बोले सगरे  #बाकीर सगरे देश मा #सहिष्णुता# बहुलता बहार कि #जमींदारियां#रियासतें#वंश वर्चस्व #जाति व्यवस्था का अखंड#स्वर्गवास#लोक परलोक # कर्मफल# नियति अखंड!


जैसे बंगाल में अनंत #राजनीतिक हिंसा #वंश वर्चस्व के लिए,उसीतरह बाकीर# देश# महाभारत।बूझो तो बूझो वरना आपस में कर लो #नूरा कुश्ती।कर्मफल में मौत जिसकी मरेगा वहींच,जो मारेगा वहीं तो #देवता और #ईश्वर है,बाकीर #महिषासुर#वध्य!

https://youtu.be/tt5g_AlXVvU


मैं नास्तिक क्यों हूं? The Necessity

of Atheism!

Genetics of Bharat Teertha. Charvak School sustained in one blood Ancient India!


The controversy translated into Islamophobia just before the Gulf War with Satanic verses!

यावज्जीवेत्सुखं जीवेत् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत् ।

भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः ।।

त्रयोवेदस्य कर्तारौ भण्डधूर्तनिशाचराः ।


Denial of the hegemony of Divinity to do nothing with religion!Nothing against faith!It is science!



पलाश विश्वास

सबसे पहिले हमारे गुरुजी ताराचंद्र त्रिपाठी का यक्ष प्रश्नः

TaraChandra Tripathi

शिकायत व्यक्तिगत रूप से न मोदी से है न भा.ज.पा से. शिकायत केवल इस बात से है कि इतने प्रभावशाली पद होने के बावजूद हमारे मोदी जी देश के सौहार्द को बिगाड़्ने में लगे अपने दल के नौताड़ों को फटकार क्यों नहीं लगा रहे हैं?


दरअसल आज सुबोसुबो मैंने तय किया था कि विशुद्ध हिंदुत्व के इस राष्ट्रीय मुहूर्त पर बंगाल के सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष,निरंकुश  वंशवर्चस्व के अनंत केसरिया भावभूमि को पूर्वी बंगाल की भाषा में सोबोधित करुं।लिखा भी दिया होता लेकिन कंप्यू पर बैठने से पहिले सविता बाबू का अंलघ्य आदेश कि मुदिखाना जाओ,और जितने मेंढक हों वहां छलांगा मार रहे शून्य मुद्रास्फीति और चढ़ते शेयर बाजार की घनघोर विकास दर के मुकाबले,पकड कै ले आओ।

सिर्फ हेंडिगो लगा रहा हूं ताकि सनद रहे।क्योंकि मूदिखाना से लौटकर गुरुजी के इस यक्षप्रशन के चक्रव्यूह में फंसा हूं।


चक्रव्यूह में फंसने की हालत में राष्ट्रभाषा हिंदी का अनुशीलन बचाव खातिरे रामवाण क्योंकि बजरंगी हिंदी के अलावा ज्ञान विज्ञान की अंग्रेजी या देशज बहुजन समाज की भाखा समझे नाही और अपनी जान माल की खातिर उन्हें आत्मरक्षा के लिए बताना जरुरी है कि हम हर्गिज उनके हिंदू धर्म के खिलाफ नइखे अछूत शरणार्थी,विभाजन के शिकार हूं,फिरभी हमउ हिंदी बानी।हिंदू जो होवै,कमसकम हिंदू को तो नहीं मारै.चाहे म्लेच्छ मारे हजार लाख।


मौका लगेगा तो तान विस्तार करुंगा रेयाज के बाद।स्थाई भाव एकच।एकच रक्त।भाखा हर दु कदम पर बदले हो जइसन हर चेहरा का धर्म अलग जाति अलग भाखा अलग सूटबूट मौगा मौगी अलग।देश एकच।रक्त एकच।जिनेटिक्स वही भारत तीर्थ का।


गनीमत है कि मुहल्ले में जाने का आदेश हुआ है।


27 को घर में भतीजे की शादी है और हम बीच कुरुक्षेत्र लहूलुहान तमाम जमींदारियों और रियासतों से जूझ रहे हैं निःश्स्त्र महारथियों, महाबलियों के मुकाबले और मोर्चा छोड़कर इधर उधर जा नहीं सकता कि जबतक सीने में बारुद है,आग जलनी चाहिए।


हम बसंतीपुर जा नहीं रहे हैं।


न किसी जश्न में हम शामिल होंगे।


भाइयों के से कहा है कि सारा मामला सादगी से निपटाना है।

मंझले भाई पद्दो के इकलौते बेटे की शादी है और उसका आभार कि वह हमारा तर्क समझ गया और बाकी घरवालों ने शिकवा भी नहीं की कि हम घर क्यों नहीं जा रहे हैं।सिर्फ सविता बाबू उदास है।


उनकी उदासी दूर करने की खातिर जो भी संभव है,हम कर ही रहे हैं। छह महीने बाद सारा हिंदुस्तान हमारा होगा।


फिर दुनिया घूमने के लिए सहिष्णुता का यह स्वर्गवास तो है ही।


फिलहाल बंगाल में मूसलाधार राजनीतिक हिंसा मध्ये सत्ता समीकरण उबल रहे हैं और यहींच हम सहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता, प्रगतिशीलता और धर्म जाति के गृहयुद्ध का जायजा ले रहे हैं और आतंक के खिलाफ घोषित युद्ध की तपिश भी खूब महसूस रहे हैं।


इस्लामोफोबिया बहार है।खाड़ी युद्ध से पहले यह आमदनी।


वैसे बंगाल में सुधार आंदोलन के तमामो मसीहा ब्रह्मसमाजी थे,जो हिंदुत्व के लिए म्लेच्छ थे और तब भी समझा यहा जा रहा था कि नवजागरण में बहुविवाह निषेध,बाल विवाह निषेध,सती प्रथा निषेध,विधवा विवाह,स्त्री शिक्षा वगैरह वगैरह अंग्रेजी हुकूमत की गहरी साजिश है हिंदू धर्म के सर्वनाश के लिए।


इसीलिए ब्रहम समाज में शामिल पीराली ब्राह्मण रवींद्र अछूत माने गये और मंदिरों में उनका प्रवेश निषिद्ध रहा।

दलित आत्मकथा गीतांजलि।

जिसमें पिर भारत का जिनेटिक्स,भारत तीर्थ।


इन मसीहा वृंद में दो का अंत बहुत बुरा हुआ।


पहिले राजा रामहोन राय जो संस्कृति के अलावा हिंदी उर्दू फारसी और अंग्रेजी के विद्वान तो थे ही,साथ ही अपनी दलीलों के लिए जगत प्रसिद्ध थे।उन्हें दिल्ली के बादशाह ने लंदन में महारानी कके दरबार में अपना वकील बनाकर भेजा।


लंदन में राजासाहेब का खर्च पानी फटेहाल बादशाहत से उठाया नहीं गया।राम को खलनायक बनाकर रावण और मेघनाथ को महानायक बनाकर मेघनाथ वध महाकाव्य रचने वाले  म्लेच्छ माइकेल मधुसूदन दत्त की मदद जिनने की,उन्ही ईश्वर चंद्र अंत तक राजा राममोहन राय की मदद करते रहे।लाकिन राजा विदेशभूमि पर अपने कर्मफल के मारे बीमार असहाय़ अकेले मरे।


देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले पचासेक साल की दहलीज पर भी ग्रांडस्लैम जीतने वाले लिएंडर पेज और हाकी में ओलपिंक गोल्ड जीतने वाले उनके बाप उन्हीं मधुसूदन के वंशज हैं,जिनकी जड़ें फिर वहीं मेघनात वध काव्य है।


अब आशंका है कि उनके खिलाफ भी जिहाद होगा।टीपू सुल्तान के बाद किसका किसका नंबर है,कौन जाने।सानिया मिर्जा भी देश के लिए खेलती हैं तो वे मुसलमान की बेटी और बहू हैं और इसलिए हिंदुत्व के लिए खतरनाक।वैसे ही देश के लिए खेलने वाले ईसाई मधुसूदन के वंशज ईसाई हैं।तो राम ही जाने कि किसकी क्या मर्जी।


कौन जाने कि अगला नंबर किसका है।गान्ही बुड्ढा 30 जनवरी,1948 में मार दिये गये।


आउर शास्त्र सम्मत पंचत्व में विलीन भी हुई रहे।


उन्हें जब रोज रोज मारने के लिए गोडसे भगवान का अवतार है तो किसी की भी जान माल की खैर नहीं है।यही सहिष्णुता बहार ह।


#Controversy Promo के धर्म अधर्म अपकर्म में काहे को फंसे हो भइया,सबसे बड़ा रुपइया

सहिष्णुता अबाध पूंजी प्रवाह की। सहिष्णुता एफडीआई,सहिष्णुता बेरोजगारी,भुखमरी मंहगाई.मंहगाई की अखंड बा।संपूर्ण निजीकरण, संपूर्ण विनिवेश की सहिष्णुता ह।जहरीला हवा पानी,सहिष्णुता खुली लूट,बेदखली की।फिरभी असहिष्णुता पर बवंडर?काहे भइया?



#ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# পাদিও না সহিষ্ণতার অখন্ড স্বর্গে,বিশুদ্ধ পন্জিকার নির্ঘন্ট লঙ্ঘিবে কোন হালার পো হালা!


बोलते ही आंधियां और समुंदर में हलाहल,हम नहीं हैं शिव कि पी सकें यह जहर!




ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# पादो नको नको ढेरों ढेर,# पाद आधिपात्य # विशुद्धता का # मनुस्मृति शासन बा # Real life Shambuk# बनि खातिर# Reel life से बाहिर य कौण# PROMO#मजहबी राजनीति जो हो सो हो,बाजार मा तुस्सी हिंदुत्वेर # E commerce Ambassador# Ambassador Incredible #सहिष्णु इंडिया के#आइकनवा,#स्टार सगरे#Promo Mode मा#बिजनेस फ्रेंडली #मार्केटिंग की जुबान बोले सगरे  #बाकीर सगरे देश मा #सहिष्णुता# बहुलता बहार कि #जमींदारियां#रियासतें#वंश वर्चस्व #जाति व्यवस्था का अखंड#स्वर्गवास#लोक परलोक # कर्मफल# नियति अखंड!


जैसे बंगाल में अनंत #राजनीतिक हिंसा #वंश वर्चस्व के लिए,उसीतरह बाकीर# देश# महाभारत।बूझो तो बूझो वरना आपस में कर लो #नूरा कुश्ती।कर्मफल में मौत जिसकी मरेगा वहींच,जो मारेगा वहीं तो #देवता और #ईश्वर है,बाकीर #महिषासुर#वध्य!



यहींच भारतवर्ष की मौजूदा सहिष्णुता है और इस देश के लाखों लाख किसानों,मजदूरों,खुदरा कारोबारियों और यहां तक कि अडाणी अंबानी साम्राज्य के लिए भरत बने खड़ाउ इंडिया इंकारपोरेशन, बुड़बक फिक्की,बुड़बक सीआईआई  की तरह बेचारे पनसारे, दाभोलकर,कलबर्गी,वगैरह वगैरह ने हो न हो खुदकशी की है,जैसे खुदकशी पर फिलहाल आमिर खान म्लेच्छ आमादा हैं।


वे जिंदा है,मंत्री संतरी के सामने अपने एक्सप्रेस के समारोह में मीडिया के मुखमुखी असहिष्णुता पर बोल रहे हैं तो समझ लीजिये कि सबकुछ ठीकठाक है।कानून का विशुध राज है।मनुस्मृति सुरक्षित शासन ,अर्थव्यवस्था और सिनेमा सही सलामत है।


उनके पक्ष विपक्ष में बोलने वाले अपने अपने धंधे के मुताबिको बोल रहे हैं और बालीवुड दोफाड़ हजारों करोड़ का सिनेमाई प्रोमो है।



बाकी संविधान का किसी ने कुछ उखाडा़ नहीं है।


राजकाज बिजनेस फ्रेंडली है याफिर आतंक के खिलाफो युद्ध है।


तुम ससुरे आतंकवादी हो जाओगे और फिर नागरिक मनवाधिकार पर्यावरण पादोगे ,यह हिंदूराष्ट्र,हिंदुत्व और भापत के नागरिकों के साथ साथ अबाध पूंजी,संपूर्ण निजीकरण,संपूर्ण विनिवेश और विकास के खिलाफ गहरी साजिश है।


तुम ससुरे राष्ट्रद्रोही ,आतंकवादी, उग्रवादी, माओवादी वगैरह वगैरह आखेरे महिषासुर।तुम्हारा वध होगा।


इस वध के खिलाफ जो भी बोले,उस पाकिस्तान भेज दिया जायेगा और संत वाणी है कि इसीतरह जनसंख्या घट जायेगी भारत की।खुल्ला खेल।जनसंख्या घटाने का एजंडा,समझे नाहीं बुड़बक?


खाड़ी युद्ध से पहिले और बाद में अरब वसंत का वज्रनिर्घोष है यह इसीतरह जनसंख्या घट जायेगी भारत की।खुल्ला खेल।


जनसंख्या घटाने का एजंडा,समझे नाहीं बुड़बक?



नवजागरण का नेतृत्व करने के लिए ईश्वर चंद्र का भी कोलकाता के हिंदू समाज ने लगातार लगातार विरोध किया।


ईश्वर चंद्र के घर पर तब के बजरंगियों और शिवसैनिकों ने धावा बोला।बबर जंग प्रदर्शन हुई रहे।तबहुं सोशम मीडिया तमामो कीर्तनिया रहे,का का स्वांंग रचे।


राह चलते उनकी भी ऐसी की तैसी हुई रही।मीडिया खिलाफो रहे।


यहां तक कि संस्कृत कालेज में विशुद्ध ब्राह्मणों की भर्ती के एकाधिपात्य को तोड़ते हुए जब उनने बहिस्कृत म्लेच्छ समझी जाने वाली एक ब्राह्मण विधवा की संतान को संस्कृत कालेज में दाखिला दिया उसके अध्यक्ष के विशेषाधिकार के तहत तो बवंडर ऐसा हुआ कि पुणे का फिल्म संस्थान जैसा हाल हुआ ईश्वरचंद्र का वहींच हाल रहा क्योंकि जमींदारियों के वारिशान ने तब हिंदू कालेज की स्थापना कर दी ईश्वर चंद्र और राममोहन के नवजागरण के खिलाफ,जो बाद में कोलकाता विश्वविद्यालय बना।


राजा राममोहन राय और ईश्वरचंद्र विद्यासागर के पापकर्म की वजह से हिंदुत्व अमोघ जन्मजात रंगभेदी जाति के अभिशाप के बावजूद लोकतांत्रिक और आधुनिक धर्म के रुप में स्थापित हुआ और स्वामी विवेकानंद सीना ठोंककर शिकागो की धर्मस्भा में सनातन धर्म की महानता लोगों को समझा पाये।


उन विवेकानंद नें भी समाजिक न्याय के स्वर को हिंदुत्व के दर्शन के भीतर ही भीतर स्वर दिया और सामाजिक न्याय की गुहार लगाते हुए वैदिकी तंत्र मंत्र अनुष्ठान और मूर्ति पूजा के बदले नर को ही नारायण कहा और समााजिक न्याय की गुहार ज्योतिबा फूले और हरिचांद ठाकुर के तेवर में लगाते हुए,उनने जो कहा कि अगला जमाना शूद्रों को होगा,तो उन्हें भी कर्मफल भोगना पड़ा और किस हाल में उनकी मृत्यु हुई वह चैतन्य महाप्रभू की मृत्यु और नेताजी के अंतर्धान से कम बड़ी पहेली नहीं है।


बंगाल के अछूतों,बौद्ध धर्म के अनुयायियों को और आदिवासियों को इस्लाम के समानता के आकर्षण से धर्मांतरण की सुनामी से बचाने के लिए जो वैष्णव धर्म का प्रचार प्रसार प्रेम दर्शन  के स्थाई भाव से संगीतबद्ध तरीके से जिनने किया,उन चैतन्यमहाप्रभू का पुण्यफल यह हुआ कि वे पुरी के मंदिर में जयजगन्नाथ में समाहित हो गये।


संत तुकाराम का भी यही हाल हुआ और गुरु गोविंद सिंह का हिंदुत्व की रक्षा का जो पुरस्कार मिला ,इसका विवरण गुरु ग्रंथ साहेब में देख लें। बाकीर सिख धर्म को हिंदुत्व का रक्षक धर्म कहने वालों ने सिखों के चौदह गुरुओं के किये धरे की जो कीमत चुकायी,वह अस्सी का दशक है।


हम हिंदू उस पुण्यकर्म के लिए वैसे ही शर्मिंदा नहीं है,जैस हम बाबरी विध्वंस,गुजरात नरसंहार और सिखों का नरसंहार हिंदू राष्ट्र के लिए अनिवार्य मानते रहे हैं। गान्ही, कलबुर्गी,पानसारे ,दाभोलकर जैसे महिषासुर को जो रोवै,उन्हें दुर्गोत्सव का का हक बनता है।समझे कि नाही?बाकीर आपरेशन ब्लू स्टार!


कमल हसन जो कह रहे थे कि असहिष्णुता भारत विभाजन के समय से है और वह गलत भी नहीं बोल रहे थे।बजरंगी शिवसैनिक हिंदुत्व के रक्षक युग युग से करते रहे हैं।


जिस मुदिखाना आज सुबह हम तमामो उछलते मेंढकों की खोज में गये रहे.वहां एक वैष्णवी हरे राम हरे कृष्ण का कीर्तन करते हुए भीख मांगने चली आयीं।तो हमारे मूदी बाबू जो प्रकांड मुंहफंट हैं,और जिनकी जुबान पर लगाम उसी तरह नहीं है,जैसे देश में हिंदुत्व के राजकाज चलाने वाले दिल्ली के मूदीबाबू की नहीं है।


मजे की बात है कि हहमारे मूदी बाबू  कट्टर भाजपाई हैं और उनका पूरा कुनबा भाजपाई है।साथ ही वे दीदी के घनघोर समर्थक हैं। उनका फार्मूला है कि दिल्ली में मूदीखाना सही सलामत रहे कि हेइया हो,धान संभले कि ना संभले,रक्त बीज हो तो भी भला और रक्तनदियां हो तो और भला,लेकिन बंगाल में दीदी का राजकाज जारी रहना चाहिए।


वहींच हमारे मूदी बाबू धड़ाक से बोल दिहिस,राम नाम,कृष्ण नाम का जाप बंद करो!बंद करो यह अखंड जाप!


वहींच हमारे मूदी बाबू धड़ाक से बोल दिहिस,जयश्री राम कहकै भीख काहे मांगते हो?


वहींच हमारे मूदी बाबू धड़ाक से बोल दिहिस,कारोबर करना हो तो सीधे आम कारोबारी की तरह करो,धर्म को काहे फंसाते हैं?


वहींच हमारे मूदी बाबू धड़ाक से बोल दिहिस,सारे आफत की जड ये जयश्री राम हैै,रावण,मेघनाद,बलि सारे वीरों को मार दिया!


फिर उनका अचूक हथियार,माइकेल का मेघनाद काव्य पढ़ो

बेचारी वैष्णवी का जवाब देती,बिना भीक लिय़े भाग खड़ी हुई।



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