राजनीति के खेल में आम आदमी का बेड़ा गर्क हो रहा है, जबकि पूंजीपति चांदी काट रहे हैं!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
मजदूरों से सत्तावर्ग की कोई सहानुभूति नहीं है। मनेसर प्रकरण में फिर यह साबित हो गया। प्रधानमंत्रित्व के दावेदार हरियाणा से मारुति कारखाने को गुजरात लाने की जुगत में है, यह कोई नयी बात नहीं है। पर मनेसर जाने के बजाय सुजुकी चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की,यह इस बात का संकेत और चेतावनी है कि सत्ता परिवर्तन होने की स्थिति में भी औद्योगिक माहौल और कामगारों की हालत में किसी सुधार की उम्मीद नहीं है।हालांकि कंपनी के अधिकारी सुजुकी के कार्यक्रम के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं, सुजूकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि उन्होंने सिर्फ प्रबंधन के साथ बैठक की और वह कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से नहीं मिले। मारुति सुजूकी का मानेसर कारखाना 21 अगस्त को फिर से खुल गया है। कंपनी ने 500 रेगुलर एंप्लॉयी को बर्खास्त करने का फरमान भी जारी किया है। इसके अलावा कंपनी 18 जुलाई की हिंसा में कथित तौर पर शामिल 500 ठेका एंप्लॉयी को भी हटाने की योजना बना रही है। इस हिंसा में एक जीएम(एचआर) की जान चली गई थी। करीब 100 अन्य घायल हुए थे। दूसरी ओर असम में हिंसा के बहाने हिंदुत्व के नये तूफान के बीच बाजार में तेजी से साफ जाहिर है कि यह सांप्रदायिक ध्रूवीकरण देश के खिलाफ भले ही हो, बाजार और आर्थिक सुधारों के लिहाज से काफी अनुकूल है। राजनीति के खेल में आम आदमी का बेड़ा गर्क हो रहा है, जबकि पूंजीपति चांदी काट रहे हैं।शेयर बाजारों में लगातार चौथे सप्ताह तेजी दर्ज की गई। प्रमुख संवेदी सूचकांकों सेंसेक्स में 92.13 अंकों यानी 0.52 फीसदी तेजी रही जबकि निफ्टी में 20.40 अंकों यानी 0.38 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। बम्बई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स इस सप्ताह 92.13 अंकों की वृद्धि के साथ 17783.21 पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टाक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित सूचकांक निफ्टी 20.40 अंकों की वृद्धि के साथ 5386.70 पर बंद हुआ।
जापानी कंपनी के प्रमुख ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि उनका भावी निवेश गुजरात पर फोकस होगा।मारुति सुजुकी की पैरेंट जापानी कंपनी सुजुकी मोटर कोर्प के चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में अपनी योजना का खुलासा किया। सुजुकी के साथ मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव और मैनेजिंग डायरेक्टर-सीईओ शिंजो नाकानिशी भी मोदी से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। सुजुकी चेयरमैन ने गुजरात के मोदी से मुलाकात की। मारुति गुजरात के हंसलपुर में प्लांट लगाने जा रही है और उम्मीद है कि गुजरात में 2015-16 तक प्लांट शुरू हो जाएगा।ओसामु सुजुकी के मुताबिक 2015 में गुजरात में उत्पादन शुरू होना बाजार के हालात पर निर्भर करेगा। ओसामु सुजुकी ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद खुशी जाहिर की। उन्होंने कई अहम घोषणाएं भी की।मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव के मुताबिक सुजूकी गुजरात में बेहतरीन टेक्नोलॉजी वाला प्लांट लगाना चाहती है। इस गुजरात प्लांट के लिए 4000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। गुजरात में स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा और ट्रेनिंग के लिए प्लांट के पास ही इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा।
बैठक के बाद सुजुकी ने कहा कि भारत में वे कंपनी की सालाना वार्षिक बैठक में भाग लेने आए थे। वे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहने आए हैं क्योंकि जापान में उन्होंने उनसे भेंट की थी। मोदी से मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने की कंपनी की योजना से उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है। इस सेंटर के 500 लोग सबसे पहले ट्रेनिंग के लिए जापान जाएंगे ताकि वे जापान के वर्किंग कल्चर को समझ सकें।इस मौके पर भार्गव ने कहा कि कोईभी औद्योगिक साम्राज्य खड़ा करने के लिए स्किल डेवलपमेंट की महत्वपूर्णभूमिका है। यहां प्रोडक्शन शुरू करने से पहले करीब 500 टेक्नीशियनों और सुपरवाइजर्स को जापान में प्रशिक्षण दिया जाएगा। गुजरात में एक इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा जिसमें औद्योगिक संस्कृति में काम करने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।गुजरात के मेहसाना में नए प्लांट से उत्पादन शुरू करने से पहले कंपनी यहां एक ट्रेनिंग सेंटर खोलेगी। गुजरात में मारुति सुजुकी के प्लांट का काम तेज हो गया है। काम शुरू हुए अभी कुछ ही दिन बीते हैं लेकिन इलाके में जमीन की कीमतें दोगुनी हो गई हैं।मारुति ने अपने नए प्लांट के लिए गुजरात के हंसलपुर में जगह तो 3 महीने पहले ही ले ली थी लेकिन अब तक वहां काम शुरू नहीं हुआ था। लेकिन मानेसर प्लांट में पिछले महीने की घटना के बाद मारुति ने नए प्लांट का काम जल्द शुरू कर दिया है। पिछले 15 दिन में हंसलपुर की 600 एकड़ जमीन पर जहां मारुति का प्लांट लगना है, वहां लेवलिंग और रोड बनाने का काम तेजी से शुरू हो गया है। जब मारुति के यहां आने की घोषणा हुई तब 5-7 लाख रुपये बीघा का भाव था। मारुति के आने तक इसकी कीमत 15 से 17 लाख रुपये हो गई थी। जब से ये लेवलिंग और कटिंग का काम शुरू हुआ है यहां जमीन की कीमतें 30 से 35 लाख रुपये बीघा हो गई हैं।
एक दिन पहले ही सुजुकी ने हरियाणा स्थित कंपनी के मानेसर प्लांट का दौरा किया था जहां पिछले महीने हिंसक घटना हुईथी।सुजुकी की इस घोषणा से यह संकेत भी साफ मिल गया कि भले ही कंपनी हरियाणा में अपने प्लांट जारी रखेगी, लेकिन नए निवेश के लिए उसकी प्राथमिकता गुजरात ही है।18 जुलाई को मानेसर प्लांट में श्रमिक हिंसा के मामले में सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन के चेयरमैन व सीईओ ओ सुजूकी ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। गुड़गांव प्लांट में कंपनी प्रबंधन के साथ बैठक के दौरान सुजूकी ने हिंसक घटना को लेकर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 18 जुलाई की हिंसक घटना केवल यूनियन और प्रबंधकों के बीच का मामला नहीं है। यह क्रिमिनल एक्ट के अंतर्गत आता है, जिसे किसी भी शर्त पर माफ नहीं किया जा सकता है। मारुति कर्मियों के लिए यह नकारात्मक संकेत है। माना जा रहा है कि अभी कुछ और श्रमिकों को प्लांट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। लॉक आउट समाप्त करने की घोषणा के दौरान 546 श्रमिकों को निकाले जाने के बाद भी सुजूकी ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर सभी कंपनियों में श्रमिक और प्रबंधन के बीच विवाद चलता रहता है, लेकिन किसी को जान लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कंपनी को सभी स्तर पर सहयोग करने का भरोसा दिया है।
गुड़गांव व रेवाड़ी की विभिन्न ट्रेड यूनियनों की संयुक्त बैठक शुक्रवार को सदर बाजार स्थित छोटेलाल धर्मशाला में हुई। बैठक में मारुति सुजुकी से बर्खास्त किए गए श्रमिकों की सभा 31 अगस्त को गुड़गांव में करने का निर्णय लिया गया। गुड़गांव-मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न कारखानों के कर्मचारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों से संबद्ध ट्रेड यूनियनों ने मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में 500 कर्मचारियों को हटाए जाने का विरोध किया व बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को तत्काल बहाल किए जाने की मांग की। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सीटू, भारतीय मजदूर संघ, हिंद मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू और मारुति उद्योग कामगार यूनियन ने मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ रैली निकाली।
अशोक यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मारुति सुजुकी एवं इस्टर्न मेडिकेट विवाद पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। यूनियन नेताओं ने एक सुर से मांग की कि मारुति प्रबंधन ने गैर कानूनी तरीके से 546 श्रमिकों को बर्खास्त किया है। थाने में श्रमिकों को बुलाकर तंग किया जा रहा है, जो गलत है। इस बारे में एक कमेटी 27 अगस्त को पुलिस आयुक्त एवं डीसी से मुलाकात करेगी। इस्टर्न मेडिकेट में तालाबंदी पर रोक के बाद भी काम शुरू नहीं किया जा रहा है। इससे जुड़े श्रमिकों के परिवार आर्थिक व मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। बैठक में एटक के जिला महासचिव अनिल कुमार, एचएमएस के जिला महासचिव जसपाल राणा, सीटू नेता सतबीर सिंह, मारुति उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू, रिको यूनियन के प्रधान नरेंद्र कुमार, सत्यम ऑटो यूनियन के महासचिव राजेश, रिको धारूहेड़ा से सतपाल, सतीश खटकड़, होंडा यूनियन के प्रधान अशोक यादव व महासचिव हरजीत ग्रोवर, हीरो होंडा यूनियन के महासचिव भीमराव व राज सिंह शामिल हुए।
गुड़गांव कारखाने की मारुति उद्योग कामगार यूनियन (एमयूकेयू) ने कहा कि वह मानेसर संयंत्र से कर्मचारियों को हटाने के विरोध में गुड़गांव-मानेसर औद्योगिक क्षेत्र के दूसरे कामगारों से भी मदद लेने की कोशिश करेगी।
एमयूकेयू के महासचिव कुलदीप जांगू ने कहा कि हम मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों को हटाए जाने का विरोध करते है। यह ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों को हटाने के विरोध और दूसरी मांगों को लेकर इस क्षेत्र के दूसरी यूनियनों के साथ एमयूकेयू आज दोपहर एक विरोध रैली का आयोजन कर रही है।
हटाए गए कर्मचारियों को वापस नहीं लिए जाने पर यूनियन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले बनायी गयी समन्वय समिति इस संबंध में निर्णय करेगी।इन कर्मचारियों को वापस नहीं लिए जाने पर यूनियन द्वारा हड़ताल करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई सीधा जवाब देने से मना कर दिया।
गौरतलब है कि मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष ने भरोसा नहीं रहने का हवाला देकर कल इन कर्मचारियों को हटाने की घोषणा की थी।
इधर सिविल सोसाइटी का नया तमाशा भी देखिये! भंग टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कोल ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने घोषणा की है कि इंडिया अगेंस्ट करप्सन (आईएसी) के कार्यकर्ता रविवार को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करेंगे। जबकि सूत्रों का कहना है कि किरण बेदी भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करने के खिलाफ हैं। बेदी चाहती हैं कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास का ही घेराव किया जाना चाहिए। इससे किरण बेदी के कल के घेराव कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर भी अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
`इंडिया अगेंस्ट करप्शन` के अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, `कांग्रेस और भाजपा ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में मिलकर 1.86 लाख करोड़ रुपए लूटे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी दोनों के आवासों का घेराव किया जाएगा। हम 26 अगस्त को सुबह 10 बजे जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे।` अरविंद केजरीवाल की यह घोषणा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मद्देनजर आई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2005-09 के दौरान नीलामी के बगैर कोल ब्लॉक आवंटन किए जाने से सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी है।
कोयला ब्लॉकों के आवंटन में अनियमितता पर एनडीए में मतभेद की खबरों के बाद अब बीजेपी के भीतर भी फूट पड़ती दिख रही है। वाजपेयी सरकार में टेलिकॉम मंत्री रहे और सीनियर नेता अरुण शौरी ने अब पार्टी अजेंडा से ठीक उलट बात की है। शौरी ने चेन्नै में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री को कोल ब्लॉक आवंटन पर संसद में सफाई का मौका मिलना चाहिए। सिर्फ संसद की कार्यवाही ठप करने से विपक्ष को कुछ हासिल नहीं होगा। गौरतलब है कि सीनियर बीजेपी नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने शनिवार को ही कहा है कि जब तक प्रधानमंत्री के इस्तीफे की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वह संसद चलने देने के मूड में नहीं हैं।चेन्नै में एक कार्यक्रम में शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री उस दौरान कोयला मंत्रालय संभाल रहे थे। उन्होंने तथ्यों को खुद देखा है, लिहाजा उन्हें सफाई पेश करने का अवसर जरूर दिया जाए। बीजेपी द्वारा संसद की कार्यवाही बाधित किए जाने पर शौरी ने कहा कि जहां तक मैं समझता हूं, विपक्ष को बहस से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। कई नेता ऐसे ही छोड़ दिए जाते हैं, यही उनकी शिकायत है। लेकिन, अगर सरकार कार्रवाई करने का मंसूबा बनाती है और उस पर आगे बढ़ेगी तो कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी।2जी मामले में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के इस्तीफे की मांग को लेकर बीजेपी की बहिष्कार की रणनीति की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद सब भूल गए और चिदंबरम ने संसद में बोलना जारी रखा। विपक्ष भी 4-5 दिनों के बाद संसद को ठप न रखने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेता है।
राजनीति का खेल देखिये कि बेसिक मुद्दों पर बहस तो क्या चर्चा तक नहीं हो रही है, लेकिन ट्विटर को लेकर बवंडर मचा हुआ है!ट्विटर पर फर्जी एकाउंट का शिकार सिर्फ भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय ही नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा समेत दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियों के नाम या उनसे मिलते-जुलते नाम वाले एकाउंट शामिल हैं। लोग कभी मजाक तो कभी सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा करते हैं। ट्विटर पर दुनिया भर में 10 करोड़ सदस्यों में 35 राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं।ट्विटर एकाउंट और फेसबुक के पन्नों को बंद करने की अफरा-तफरी के बीच संचार व आईटी विभाग के राज्यमंत्री मिलिंद देवड़ा का ट्विटर एकाउंट भी अस्थाई रुप से बंद हो गया है। इसके पहले आरएसएस के कई नेताओं के भी खाते बंद कर दिए गए। इस मसले पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी तक ने सांप्रदायिक घृणा का प्रसार रोकने के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के कई खातों को बंद करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है।यहां तक कि मोदी ने अपने एकाउंट पर काली तस्वीर लगा दी है। ट्विटर पर आपत्तिजनक एकाउंट बंद होने को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय राज्यमंत्री देवड़ा को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।देवड़ा से उनके ट्विटर पर संपर्क कर रहे लोगों को यह मैसेज मिला कि जिस प्रोफाइल को आप देखना चाहते हैं उसे फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। इस बारे में मीडिया के पूछने पर देवड़ा ने कहा, मेरा एकाउंट वेरिफाई किया जा रहा है इसलिए अस्थाई तौर पर इसे सस्पेंड किया गया है।पूर्वोत्तर के नागरिकों के खिलाफ फैल रही अफवाहों को रोकने की आड़ में सरकार ने संघ परिवार से जुड़े ट्विटर एकाउंट्स बंद कर दिए हैं। इनमें संघ परिवार के मुखपत्र 'पांचजन्य' और प्रवीण तोगडिय़ा के खाते भी शामिल हैं।बहुत सारे लोगों के ट्विटर एकाउंट बंद होने को लेकर भाजपा नेता नरेंद्र मोदी बेहद खफा हैं।
Saturday, August 25, 2012
राजनीति के खेल में आम आदमी का बेड़ा गर्क हो रहा है, जबकि पूंजीपति चांदी काट रहे हैं!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Followers
Blog Archive
-
▼
2012
(6784)
-
▼
August
(223)
- अपने वतन में पराए
- Fwd: [initiative-india] प्रेस नोट: भ्रष्टाचार जांच...
- Fwd: invitation for the programme of Seema Azad an...
- विकास कथा देश पर काबिज प्रोमोटर बिल्डर राज की सही ...
- Growth story breaks down as Dollar linked Indian e...
- Ritwik Ghatak
- Bengali Hindus
- Partition of Bengal (1947)
- SPECIAL MENTION : Problems Faced By Lakhs Of Benga...
- Governor Christie: The Anti-Minority Face Of Repub...
- Romney: Want To Be President? Release Your Tax Ret...
- Fwd: [All India Secular Forum] Modi’s Murderous Mi...
- Fwd: Today's Exclusives - Expense Ratio: Questiona...
- Will brand Biharis 'infiltrators': Raj Thackeray
- Naroda Patiya riots: BJP MLA Maya Kodnani sentence...
- अमेरिका की ओर से मध्यस्थ बने हैं मनमोहन, ईरान को म...
- Indian Politics: Power Play with Corporate Money
- I will prefer death than acquire land forcibly: Ma...
- India needs a formal refugee policy
- Noakhali genocide
- Hindu Genocide in East Bengal ’71
- Bengal’s sorrow A.G. NOORANI In Bengal, Partition ...
- Noakhali Hindu Killing 1946 East Bengal, India
- Partition Experiences of the East Bengali Refugee ...
- Protect rights of Bengalis from Bangladesh: CPI(M)
- 1950 East Pakistan genocide
- 1947-49 : THE PUSH BEGINS, GENTLY by Tathagat Roy
- PUSH COMES TO SHOVE : THE KILLINGS OF 1950, AND TH...
- एक अलग तरह की हिंसा, मुसलमानों का निशाना हिंदू नही...
- If Manmohan Singh being Pakistani refugee can beco...
- My Story Published in Kathabimb, April, 2012
- सांप्रदायिक हिंसा: असम की कत्लगाहें और भी... http:...
- पाकिस्तान से आए हिंदुओं के साथ होगी रियायत
- उत्तराखंड में फिर ठगे गए हिंदू शरणार्थी और भी... h...
- हम अब उत्पादक नहीं, सिर्फ उपभोक्ता हैं। मस्तिष्क...
- Land acquisition bill has been held up, not becaus...
- क्या हम हिंदू बंगाली शरणार्थियों को गले नहीं लगाएं...
- नाजुक मौकों पर नाकाम सियासत रामचन्द्र गुहा, प्रसिद...
- शरणार्थी समस्या पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और हिंदू बंग...
- Riot with Many Contrasts Ram Puniyani
- क्या यही स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की नियति है?
- फिल्में बनाता हूं और मुकदमें लड़ता हूं
- निर्गुट सम्मेलन के बहाने
- हंगल का निधन: इतना ‘सन्नाटा’ क्यों है, भाई
- उदासी में उत्तरकाशी
- अमिताभों-अभिषेकों के बॉलीवुड में चिटगांव एक प्रतिर...
- खदान एवं खनिज (नियमन एवं विकास) विधेयक 2011 संसद म...
- Lost confidence sought!Blind run on corporate grow...
- Presidential Primaries A Fraud By The Rich & Power...
- Fwd: “NATIONAL CONVENTION OF RURAL PEOPLE” on 28 A...
- Fwd: Engdahl: Obama's Geopolitical China 'Pivot' -...
- Fwd: Today's Exclusives - Election Games: Biting t...
- Mining group Vedanta Resources paid USD 5.69 milli...
- क्या स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की यही नियति ह...
- `इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि ये विस्थापित, जो...
- राजनीति के खेल में आम आदमी का बेड़ा गर्क हो रहा है...
- Congressional Elections Are Fixed In America
- The central government is all set to pass Border S...
- कोयले की कालिख ऐसे नहीं धुलने वाली!
- Fwd: Madhyam Papers
- Naya Path
- Fwd: Newsletter: Assam faces worst ever floods in ...
- Fwd: Today's Exclusives - Stock Manipulation
- Fwd: कमरौ सामानौ दगड़ छ्वीं
- Fwd: Today's Exclusives - Biting the bullet ballot I
- Fwd: Press Release: Day 3: Jan Morcha @ Jantar Man...
- Fwd: [গুরুচন্ডা৯ guruchandali] একটি প্রায় বিস্মৃত...
- Fwd: Eric Draitser: America's Long-standing Campai...
- Fwd: (हस्तक्षेप.कॉम) कोयले की कालिख का रिकॉर्ड उजा...
- बैंक हड़ताल के मध्य ही बीमा और पेंशन में प्रत्यक्ष...
- Fwd: US Economic Policies a recipe to kill INDIA'S...
- Decks clear for FDI in key sectors despite Mamata`...
- कैंसर के इलाज की कीमत दो लाख रुपये हर महीने!जिसके ...
- Fwd: (हस्तक्षेप.कॉम) दोनो ही देशो में अल्पसंख्यक प...
- Open Market Economy Kills opportunities in Trade a...
- Assam Riots: Musings over a Troubled Homeland
- Fwd: Today's Exclusives - Can Chidambaram play Kin...
- Fwd: [initiative-india] Janmorcha against proposed...
- Fwd: [New post] ब्रह्मांड की रचना और हिग्स बोसॉन य...
- Fwd: [Please vote Lenin Raghuvanshi as reconciliat...
- Fwd: [গুরুচন্ডা৯ guruchandali] পার্টির গপ্পো
- Fwd: [All India Secular Forum] BT Cotton child lab...
- Fwd: Today's Exclusives - MLMs now want to 'invest...
- शोरशराबे की संसदीय कार्यवाही में न बैंक हड़ताल की ...
- दूसरे चरण के आर्थिक सुधारों के लिए जरूरी है कि पूर...
- फिर इस याचिका की आड़ में क्यों केवल अनुसूचित जाति ...
- बाजार के सिवाय अर्थ व्यवस्था में बचता क्या है?कुछ ...
- Assam: Control over land key reason for clash betw...
- Aviation boom: New entrepreneurs betting big on sm...
- Fwd: आमंत्रण डाॅक्यूमेंटरी फिल्म ‘जय भीम कामरेड’ क...
- Fwd: Paul Craig Roberts: Is Washington Deaf As Wel...
- Fwd: [initiative-india] In Wake of CAG Report PM m...
- वित्त मंत्री का टोटका, विदेशी पूंजी से होगा हर समस...
- Scam Proof Black Money Hegemony bailed out Suresh ...
- Fwd: [Marxistindia] CAG Reports on UMPP & PPP for ...
- कोयला महाकाव्य के नायक भी हर महाकाव्य की तरह मर्या...
- Fwd: [New post] बहुगुणा की जीत या नैतिकता की हार
- Fwd: [Marxistindia] Coal Scam
- Fwd: Peter Phillips & Kimberly Soeiro: The Global ...
- [initiative-india] Aug 21-23, Janmorcha in Delhi i...
-
▼
August
(223)
No comments:
Post a Comment