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Saturday, May 7, 2016

अबे ओ " मॉम " के बच्चे ! ये क्या सुबह से ही मिमिया रहा है । क्या मोमबत्ती की बात कर रहा है ? माँ , अम्मा , ईजा , बोई कहने में शर्म आती क्या ? फेस बुक न होता तो " लव यु मोम " कहाँ और किसे कहता । मोम वोम का चक्कर छोड़ । बूढी माँ अगर गांव में है , तो उसकी सुध ले लिया कर । साथ रहता है तो घरेलू काम में माँ का हाथ बंटा । हमेशा माँ को स्मृतियों में रख , सिर्फ आज नहीं ।

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna

अबे ओ " मॉम " के बच्चे ! ये क्या सुबह से ही मिमिया रहा है । क्या मोमबत्ती की बात कर रहा है ? माँ , अम्मा , ईजा , बोई कहने में शर्म आती क्या ? फेस बुक न होता तो " लव यु मोम " कहाँ और किसे कहता । मोम वोम का चक्कर छोड़ । बूढी माँ अगर गांव में है , तो उसकी सुध ले लिया कर । साथ रहता है तो घरेलू काम में माँ का हाथ बंटा । हमेशा माँ को स्मृतियों में रख , सिर्फ आज नहीं ।


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