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Saturday, November 17, 2012

ईंधन संकट बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था का क्या होगा, सत्तावर्ग और राजनीति को इसकी खास परवाह तो है ही नहीं।

ईंधन संकट बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था का क्या होगा, सत्तावर्ग और राजनीति को इसकी खास परवाह तो है ही नहीं।

सीरियाई चौकी पर १९७३ के​ ​ बाद पहली बार गोलाबारी करके बेंजामिन नेतान्याहू  ने अपने इरादे बता दिये। अब गाजा में जो हो रहा है, वह किसी तेल युद्ध के हालात से कम नहीं है। ईंधन संकट बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था का क्या होगा, सत्तावर्ग और राजनीति को इसकी खास परवाह तो है ही नहीं। कैग की चेतावनी नजरअंदाज करके जिस तरह केजी बेसिन डी ६ में तेल निकालने का तीन साल से लंबित मामला जयपाल रेड्डी के हटाये जाने के बाद मोइली ने तुरत फुरत निपटा दिया और इजाजत दे दी, जिस तरह स्पेक्ट्र्म नीलामी को जानबूझकर नाकाम करके कैग रपट को रफा दफा करने की कोशिश हो रही है और बोली लगाने वालों को को तीन साल तक पैसे न देने की छूट दी जा रही है, उससे साफ जाहिर है कि हमारी सरकार और हमारी राजनय, राजनीति की प्रथमिकताएं क्या हैं। लोकसभा में भले ही भारत अमेरिका परमाणु संधि के खिलाफ पेश अनास्था प्रस्ताव का नाटक दोहराया जाये, विदेशी निवेश का सिलसिला बढ़ने के बजाय घटने वाला नहीं है।वालमार्ट मामले में घूसखोरी ने असली तंत्र की तस्वीर साफ कर दी। पर अमेरिकी सरकार राष्ट्रीय हितों के ​​मद्देनजर जो सक्रियता दिखाती है, अपने पूंजीपतियों के हित साधने के सिवाय वैसी सक्रियता भारतीय राजनय की आप देख रहे हों तो बतायें!अपने  अल्पसंख्यक समुदायों के वोटोंकी जितनी परवाह की जाती है, उतनी उनकी हालत, नागरिकता और भावनाओ के साथ उनके ्धिकारों की बी परवाह की जाती, तो बाकी दुनिया के विपरीत यहां दक्षिणपंथ की ऐसी जयजयकार नहीं होती।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

भारतीय राजनय को बालिग बताते थकते नहीं लोग। पर अमेरिकी  चुनाव में बाराकक ओबामा की लगातार दूसरी जीत और चीन में नेतृत्व परिवर्तन के मद्देनजर भारत की कारपोरेट सरकार की राजनय ने क्या गुल खिलाये, इसका पता नहीं चला। अपने उम्मीदवार रोमनी को अमेरिका ​​का राष्ट्रपति बनाने में नाकाम का ईरान पर अमेरिकी हमले करवाने का मंशा भला ही कामयाब नहीं हुआ। पर सीरियाई चौकी पर १९७३ के​ ​ बाद पहली बार गोलाबारी करके बेंजामिन नेतान्याहू  ने अपने इरादे बता दिये। अब गाजा में जो हो रहा है, वह किसी तेल युद्ध के हालात से कम नहीं है। ईंधन संकट बढ़ने से देश की अर्थ व्यवस्था का क्या होगा, सत्तावर्ग और राजनीति को इसकी खास परवाह तो है ही नहीं। कैग की चेतावनी नजरअंदाज करके जिस तरह केजी बेसिन डी ६ में तेल निकालने का तीन साल से लंबित मामला जयपाल रेड्डी के हटाये जाने के बाद मोइली ने तुरत फुरत निपटा दिया और इजाजत दे दी, जिस तरह स्पेक्ट्र्म नीलामी को जानबूझकर नाकाम करके कैग रपट को रफा दफा करने की कोशिश हो रही है और बोली लगाने वालों को को तीन साल तक पैसे न देने की छूट दी जा रही है, उससे साफ जाहिर है कि हमारी सरकार और हमारी राजनय, राजनीति की प्रथमिकताएं क्या हैं। राजनीति की साख का आलम यह है कि चुनाव आयोग ने सत्तावर्ग के नजरिये से देश के भविष्य और भावी कर्णधार व कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा शपथ पत्र में अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देने के आरोपों की जांच के आदेश दे दिए हैं। ये आरोप सुब्रह्मण्यम स्वामी ने लगाए थे। उनका कहना था कि 2009 के चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त राहुल ने गलत जानकारी दी थी। जांच के आदेश अमेठी लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को दिए गए हैं। हालांकि, इसके लिए लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को 15 नवंबर को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि शपथ पत्र चुनाव अधिकारी के समक्ष दाखिल किया जाता है।

कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना को आज तवज्जो नहीं दी और कहा कि वह सदन में शक्ति परीक्षण को तैयार है क्योंकि लोकसभा में इसके पास बहुमत है।पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, 'कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है । हमारे पास बहुमत है।' खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर सितम्बर में संप्रग से अलग होने वाली बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी शीत सत्र के पहले दिन सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। साथ ही अल्वी ने सुझाव दिया कि तृणमूल 'सांप्रदायिक ताकतों' के समर्थन के बिना ऐसा प्रस्ताव लाने में सफल नहीं होगी। उनका इशारा भाजपा की तरफ था।एफडीआई को लेकर सरकार सहयोगियों को लामबंद कर रही है, लेकिन विपक्ष को एक नया मुद्दा मिल गया है।  दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वालमार्ट के भारत में निवेश पर सवाल उठ गया है।  सवाल ये है कि क्या भारत में निवेश के लिए वालमार्ट ने रिश्वत दी थी। प्रवर्तन निदेशालय फेमा के उल्लंघन के तहत इस मामले की जांच कर रहा है।  सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय के बैंगलोर ऑफिस से वालमार्ट को नोटिस भेजने की तैयारी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय से वालमार्ट के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी।

लोकसभा में भले ही भारत अमेरिका परमाणु संधि के खिलाफ पेश अनास्था प्रस्ताव का नाटक दोहराया जाये, विदेशी निवेश का सिलसिला बढ़ने के बजाय घटने वाला नहीं है।वालमार्ट मामले में घूसखोरी ने असली तंत्र की तस्वीर साफ कर दी। पर अमेरिकी सरकार राष्ट्रीय हितों के ​​मद्देनजर जो सक्रियता दिखाती है, अपने पूंजीपतियों के हित साधने के सिवाय वैसी सक्रियता भारतीय राजनय की आप देख रहे हों तो बतायें!अपने  अल्पसंख्यक समुदायों के वोटोंकी जितनी परवाह की जाती है, उतनी उनकी हालत, नागरिकता और भावनाओ के साथ उनके अधिकारों की बी परवाह की जाती, तो बाकी दुनिया के विपरीत यहां दक्षिणपंथ की ऐसी जयजयकार नहीं होती।इसके विपरीत बहुसंख्यकों की भावनाओं का कितना ख्याल किया जाता है, बालासाहेब की भूमिका के सम्मान और उनके प्रयान पर शोक ​​के परिवेश के प्रति सम्मान के साथ राजनीतिक परिदृश्य में इसकी खुली अभिव्यकित देखी जा सकती है। जबकि गाजा संकट पर बारत सरकार का रवैया निर्गुट युग के विपरीतत एकदम तटस्थ है। यह राजनीतिक तटस्थता भारतीय राजनय और राजनीति के बालिग होने की निशानी है क्या?

शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे के निधन को देखते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के अनुरोध पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज आज रद्द कर दिया।प्रधानमंत्री ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए भाजपा नेताओं को रात्रिभोज पर बुलाया था।ठाकरे के निधन की खबर आने के बाद स्वराज ने प्रधानमंत्री को फोन किया और कहा कि ठाकरे के निधन से भाजपा दुखी है और वह आज रात आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं हो सकती। उन्होंने रात्रिभोज रद्द करने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक वरिष्ठ नेता खो दिया, जिसने आम आदमी की मदद के लिए काम किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शनिवार को शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन पर शोक प्रकट किया। मनमोहन सिंह ने बाल ठाकरे के पुत्र उद्धव को फोन किया। उन्होंने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील भी की। देश के जाने-माने उद्यमियों ने बाल ठाकरे को उद्योग जगत का बड़ा मित्र बताते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख के निधन से वे दुखी हैं। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा, वह अपने जीवनकाल में ही एक किवंदती बन गए थे और उन्होंने अपने करिश्माई व्यक्तित्व और वाकपटुता की बदौलत हर तरह की सोच रखने वालों से सम्मान पाया। पारेख ने बाला साहब के साथ बिताई गई अपनी कई शामों को याद करते हुए कहा कि महाराष्ट्र का एक बुजुर्ग उससे बिछुड़ गया है।शिवसेना प्रमुख को 'साहस' और 'दृढ़ विश्वास' से भरा बताते हुए लता मंगेश्कर, अमिताभ बच्चन और अजय देवगन जैसी फिल्मी हस्तियों ने बाला साहब ठाकरे के निधन पर शोक जताया। बीमारी के दौरान हाल ही में ठाकरे के निवास पर उनसे मुलाकात करने वाले अमिताभ और लता मंगेशकर ने कहा कि इस बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि बाला साहब नहीं रहे। अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर लिखा है, मैं हाल के दिनों में घंटों उनके बिस्तर के पास बैठा रहा, दिल में उनके लिए प्रार्थना करता रहा, उन्हें सांस लेने के लिए संघर्ष करते, लेकिन लड़ते हुए देखता रहा। प्रति दिन वह साहस के साथ लड़ते रहे।

इस बीच खबर है कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार में दस लाख से अधिक लोग आ सकते हैं। ऐसा अनुमान मुंबई पुलिस और खुफिया एजेंसियों का है। दूसरी ओर, ठाकरे के निधन के साथ ही मुंबई में तनाव की स्थिति बन गई है। महानगर के कई इलाकों में शिवसैनिक जबरन रेस्टारेंट, होटल व दुकानें बंद करवा रहे हैं। जबकि, कई जगहों पर लोगों ने खुद ही दुकानें बंद कर दी हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, पूरे शहर में बीस हजार से अधिक पुलिसवालों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए लगा दिया गया है। रविवार सुबह सात बजे के करीब बाला साहब की अंतिम यात्रा उनके घर मातोश्री से शुरू होगी।राजनीति में हिंदू राष्ट्रवाद और क्षेत्रीयता की अपनी हनक के लिए चर्चित शिवसेना प्रमुख बाल केशव ठाकरे का शनिवार को यहां निधन हो गया। उन्होंने अपने निवास मातोश्री में अपराह्न् 3.30 बजे अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे। ठाकरे के चिकित्सक जलील पार्कर ने अपराह्न् 4.55 बजे मातोश्री के बाहर ठाकरे के निधन की घोषणा की। मातोश्री दशकों से महाराष्ट्र में शिव सैनिकों के लिए तीर्थ की तरह रहा है।ठाकरे की तबियत पिछले कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। मुम्बई के उपनगर बांद्रा स्थित मातोश्री के बाहर उनके समर्थक बड़ी संख्या में पिछले 72 घंटों से जमे हुए थे। ठाकरे के परिवार में उनके दो पुत्र उद्धव ठाकरे व जयदेव ठाकरे हैं। उद्धव शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और जयदेव फिल्म निर्माण से जुड़े हुए हैं। ठाकरे की पत्नी मीना और उनके सबसे बड़े पुत्र बिंदुमाधव का 1996 में ही निधन हो गया था। किसी समय ठाकरे के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके भतीजे राज ठाकरे ने कुछ वर्ष पूर्व उनसे अलग होकर अपनी खुद की क्षेत्रीय पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) बना ली थी।


मध्य पूर्व में स्थिति १९७३ की तरह विस्फोटक हो गयी है, क्या भारत सरकार को इसकी सूचना नही है? बुधवार से इजरायली विमानों के हमले में 29 गाजा वासियों की मौत हो गई जिससे पूरे अरब और इस्लामी जगत में गहरी नाराजगी है।एक रॉकेट हमले में तीन इजरायली भी मारे गए।अब इजरायल ने शुक्रवार को गाजा पट्टी में हवाई हमले तेज कर दिए। इन हमलों में चार फिलिस्तीनियों की मौत हो गई।हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कद्र ने बताया कि केंद्रीय गाजा पट्टी में कई हमले किए गए।अशरफ अल-कद्र ने बताया कि मघाजी में किए गए हमले में तीन नागरिक मारे गए. इसी तरह के एक और हमले में चौथे व्यक्ति की मौत हो गई।उन्होंने बताया कि यह हमला एक घर को निशाना बनाकर किया गया था और मारे गए लोगों में दो भाई शामिल हैं. हालांकि यह दोनों नागरिक हैं या आतंकवादी यह स्पष्ट नहीं हो सका है।एक एजेंसी के मुताबिक बुधवार से हो रहे इजरायली हमलों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 29 हो गई है। मारे गए लोगों में आठ बच्चों समेत ज्यादातर निर्दोष नागरिक शामिल हैं।दक्षिण अफ्रीका के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आर्कबिशप डेसमंड टूटू ने इजरायल और गाजा पट्टी में फिर से हो रही हिंसा तत्काल रोकने का आह्वान किया है.टूटू ने यह शत्रुता रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल का भी आह्वान किया है.उन्होंने कहा है कि एक स्थायी समाधान में गैरकानूनी तरीके से अधिकृत की गई भूमि की वापसी और दो देशों का निर्माण शामिल होना चाहिए और यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों की निगरानी में होनी चाहिए।इजरायली मंत्रिमंडल ने इन संकतों के बीच 75,000 सैनिकों की भर्ती के लिए अनुमति दे दी है कि इजरायल गाजा पर जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। एक चैनल की खबर में यह जानकारी दी गई है।खबर के अनुसार, यह निर्णय शुक्रवार रात फोन से मतदान के जरिये किया गया। इससे पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने तेल अवीव में अपने करीबियों के साथ रक्षा मंत्रालय में एक बैठक की थी।व्यावहारिक तौर पर इसका मतलब होगा कि 75,000 सैनिकों को रिजर्व में रखा जाएगा और सेना कभी भी इनका उपयोग कर सकती है। प्रतीत होता है कि इजरायल गाजा के उग्रवादियों के खिलाफ अपने लगातार चल रहे हवाई अभियान को विस्तृत करना चाहता है।

मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी ने शुक्रवार को इजरायल को गाजा में सैन्य अभियान जारी रखने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इसके लिए उसे भारी कीमत चुकानी होगी.

मोरसी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'गाजा अकेला नहीं रहेगा, जैसा वह पहले था.' उन्होंने यह भी कहा, 'आक्रमणकारी जानते हैं कि अगर वे आक्रमण जारी रखते हैं, तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.'

खबरों के अनुसार मोरसी ने इजरायल को गाजा पर उसके द्वारा किए जा रहे हमलों के परिणामों के बारे में आगाह करते हुए कहा, 'मैं कोई असामान्य कदम नहीं उठाना चाहता, लेकिन अगर मुझे लगा कि मेरी जन्मभूमि खतरे में हैं, तो मैं ऐसा करने में कोई संकोच नहीं करूंगा.' उन्होंने कहा, 'वहां खून बहाने से शांति नहीं आएगी और यह उन पर एक अभिशाप के रूप में काम करेगा. यह क्षेत्र के सभी लोगों को उनके खिलाफ उकसाएगा.'



और भी... http://aajtak.intoday.in/story/Egypt-president-toughens-rhetoric-on-Israel--1-713443.html


अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गाजा क्षेत्र में तनाव को समाप्त करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी ईसा अल अय्यात से बात की। इजरायल और हमास के बीच तनाव बढ़ने के बाद ओबामा ने इस सप्ताह दोनों नेताओं से दूसरी बार टेलीफोन पर बात की।

ओबामा ने कल नेतान्याहू को टेलीफोन कर इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और इस्राइल और फलस्तीनी नागरिक के जानमाल के नुकसान पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, 'दोनों नेताओं ने स्थिति को सामान्य बनाने के विकल्पों पर चर्चा की।' स्थिति को सामान्य बनाने के मिस्र के प्रयासों की सराहना करते हुए ओबामा ने मोर्सी से बातचीत में उम्मीद जाहिर की कि ये प्रयास सफल होंगे।

व्हाइट हाउस ने कहा, 'राष्ट्रपति ने इजरायल और फलस्तीन के नागरिकों की मौत पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया और स्थिति को सामान्य बनाने की जरूरत बताई।' व्हाइट हाउस ने कहा, 'राष्ट्रपति ओबामा ने इलाके में तेजी से सामान्य स्थिति बहाल किये जाने और जानमाल के नुकसान को रोकने की जरूरत बतायी।' ओबामा ने तुर्की के प्रधानमंत्री तायीफ इरडोगन से भी इजरायल और गाजा पट्टी में हिंसा भड़कने के मुद्दे पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने नागरिक आबादी पर उत्पन्न खतरे पर चिंता व्यक्त की और हिंसा समाप्त करने की इच्छा जाहिर की।

अमेरिका की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैण्ड ने संवाददाताओं से कहा, 'सभी स्थितियों में उनका संदेश एक ही है कि हम संघर्ष को बढ़ने से रोकने का आग्रह करते हैं। हम उन सभी देशों से जिनका हमास पर प्रभाव है, उनसे आग्रह करते हैं कि तनाव को रोकने के लिए वे अपने प्रभाव का उपयोग करें।'

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा है कि 17 नवम्बर से शुरू हो रहा राष्ट्रपति बराक ओबामा का दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंध बढ़ाकर एशिया केंद्रित नीति को बढ़ावा देने पर लक्षित है.  

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, थाईलैंड, म्यांमार और कम्बोडिया के 17 से 20 नवम्बर के दौरे के बारे में गुरुवार को संवाददाताओं को जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा उपसलाहकार बेन रोड्स ने कहा कि ओबामा के दूसरे कार्यकाल के एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है एशिया में अपना आधार लगातार बनाए रखना, जो कि अंतत: उनकी विदेश नीति की विरासत होगी.

रोड्स ने कहा, 'हम इसे अमेरिकी निर्यात में आश्चर्यजनक वृद्धि, दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ रहे हिस्से में अमेरिकी नेतृत्व की पहुंच बढ़ाने के एक अवसर के रूप में देखते हैं.'

रोड्स ने कहा, 'हमने प्रशासन के प्रथम कार्यकाल के दौरान एशिया पर ध्यान देने में और एशिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में काफी समय दिया है, आर्थिक, राजनीतिक रूप से और अपने सुरक्षा सम्बंधों के जरिए भी.' ओबामा, पिछले सप्ताह फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद अपने पहले विदेशी दौरे के रूप में शनिवार को एशियाई देश थाईलैंड के लिए रवाना हो रहे हैं.  वहां वह थाईलैंड नरेश भूमिबोल अब्दुलयादेज और प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के साथ बातचीत करेंगे. उसके बाद 19 नवम्बर को वह म्यांमार जाएंगे. दौरे के अंतिम पड़ाव के रूप में वह कम्बोडिया जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ बातचीत करेंगे.
http://aajtak.intoday.in/story/President-Obama-Goes-to-Asia-1-713403.html


असम के कोकराझार में मृतकों की संख्या 10 हुई

निचले असम के जिले में बोडो और मुस्लिमों के बीच फिर से भड़की हिंसा के बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच कोकराझार में चार लोग मारे गए। इसके साथ ही हिंसा में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हथियारबंद हमलावरों ने जियागुड़ी में चार लोगों को मार डाला। गत रात उन्होंने लोगों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके बाद गश्ती बढ़ा दी गई और अवैध हाथियारों को जब्त करने के लिए गहन छापेमारी अभियान चलाया गया।

कोकराझार के उपायुक्त जयंत नार्लीकर ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और हिंसा को और भड़कने से रोकने के लिए सेना फ्लैग मार्च कर रही है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा बल जल्द पहुंचेंगे और कोकराझार जिले में तीन दिनों से लगे कर्फ्यू में ढील देने पर आज शाम निर्णय किया जाएगा।

आईजीपी (बीटीएडी) जी.पी. सिंह ने कहा कि बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद् (बीटीसी) के एक कार्यकारी मोनोकुमार ब्रह्मा उर्फ जलजा को अवैध हथियार रखने के लिए उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। ब्रह्मा के शयनकक्ष से दो एके-47 राइफल, एके-47 राइफल के मैगजीन और 60 चक्र गोलियां बरामद की गई हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि कल की हत्याओं में उनकी संलिप्तता है या नहीं।

केंद्र सरकार ने कल असम सरकार से कहा कि हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना सहित पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर तुरंत अवैध हथियारों को जब्त किया जाए और बोडो और मुस्लिमों के बीच संघर्ष में जो लोग शामिल हैं, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

कैग ने कहा- रिलायंस को केजी डी6 गैस क्षेत्र में न करने दे निवेश

कैग ने पेट्रोलियम मंत्रालय से कहा है कि जब तक रिलायंस इंडस्ट्रीज केजी-डी 6 गैस क्षेत्र में अपने खर्च का ऑडिट नहीं कराती है तब तक उसकी निवेश योजना को मंजूरी न दी जाए। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मंत्रालय को भेजे पत्र में कड़े शब्दों में निवेश योजना को मंजूरी न देने की हिदायत दी है।कैग ने यह पत्र मीडिया में आई उस खबर के बाद भेजा है जिसमें कहा गया था कि मंत्रालय केजी-डी 6 गैस क्षेत्र में तीन साल से लटके सालाना पूंजीगत व्यय को मंजूरी देने जा रहा है। कैग ने पेट्रोलियम सचिव को यह पत्र 9 नवंबर को लिखा है। इसमें आकस्मिक प्रकृति वाले निवेश को छोड़कर किसी प्रकार के निवेश को मंजूरी नहीं देने की सलाह दी गई है।

स्पेक्ट्रम नीलामी

केंद्र सरकार और कांग्रेस ने स्पेक्ट्रम की ताजा नीलामी में मिली नाकामी को 2जी घोटाले में अनुमानित नुकसान के आंकड़ों का जवाब देने के लिए सियासी ढाल बना लिया है।

टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने 1.76 लाख करोड़ के नुकसान के कैग के दावे पर फिर से सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर सोने के अंडे देने वाली मुर्गी का क्या हुआ? कपिल सिब्बल ने कहा, इस बार नीलामी में 2जी, 3जी, 4जी सब कुछ, एक साथ शामिल था, फिर भी करीब 9 हजार करोड़ रुपए ही हासिल हुए। दरअसल लगातार घोटालों के आरोप से घिरी सरकार शीतकालीन सत्र के पहले अब इस मुद्दे के बहाने विपक्षी हमले की धार कुंद करने की रणनीति बनाने में जुटी है। शुक्रवार को सरकार की ओर से तीन मंत्रियों ने एक साथ स्पेक्ट्रम मुद्दे पर सरकार का बचाव किया।

केंद्रीय सूचना व संचार प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, सनसनी फैलाकर आंकड़े पेश किए गए लेकिन अब साबित हो गया है कि सरकार की नीति सही थी। उन्होंने सवाल किया कि नीलामी से आम लोगों को क्या लाभ हुआ? उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं को अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए। सरकार का हक है कि वह जनता के हित में नीति बनाए, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिले। लेकिन कुछ आंकड़े पेश करके जिस तरह से प्रतिकूल माहौल बनाया गया उसका बुरा असर देश में दूरसंचार क्षेत्र की वृद्धि पर पड़ा है।

उधर, कैग के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री वी. नारायण सामी ने कहा कि शीर्ष ऑडिटर को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से खजाने को 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए के अनुमानित नुकसान के अपने आकलन पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। सामी ने कहा कि हमने कहा था कि कैग का आकलन गलत है। नीलामी के बाद यह साबित हो गया है। कैग को इस बारे में बताना चाहिए।

सूचना-प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पूछा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी में कैग के आकलन के अनुरूप राशि क्यों नहीं प्राप्त हुई। तिवारी ने गुरुवार को भी कहा था कि मिस्टर कैग कहां हैं। लाख 76 हजार करोड़ रुपए? उन्होंने कहा था कि मैं समझता हूं कि यह गंभीर आत्ममंथन का विषय है। समय आ गया है कि जब कैग अपनी प्रक्रियाओं के बारे में आत्ममंथन करे और इस मामले में दो वर्षों से राजनीति करने वाली भाजपा और कुछ विपक्षी दलों को माफी मांगना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने मैदान में उतरते हुए कहा कि गलत आंकड़े पेश करके सनसनी फैलाई गई। अब स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद विपक्ष फिर से गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगा रहा है।


2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में कम राजस्व मिलने के बाद कैग और विपक्षी दलों पर केंद्रीय मंत्रियों की तल्ख टिप्पणी पर भाजपा ने पलटवार किया है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा है कि यह सरकार अपनी नाकामियों का आत्मावलोकन करने की जगह उसका जश्न मना रही है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि २जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में सिर्फ 9407 करोड़ रुपए मिलने को सरकार अपनी जीत बता रही है। कम राजस्व मिलने के बाद सरकार के मंत्री पूछ रहे हैं कि कैग ने जिस 1 लाख 76 हजार करोड़ के नुकसान की बात की थी, वह कहां है। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार कैग, सीवीसी और सुप्रीम कोर्ट तक पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि 9407 करोड़ रुपए सिर्फ 22 लाइसेंसों की नीलामी से आए हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 122 लाइसेंस रद्द किए थे।


ंतरिक व्यापार सुधारों पर समिति का गठन इसी महीने : थॉमस

कोच्चि : उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस ने कहा है कि मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के निर्णय के मद्देनजर आंतरिक व्यापार सुधारों पर एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति इस महीने गठित की जाएगी।27वें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद की कल यहां हुई बैठक में थॉमस ने संवाददाताओं से कहा, 'हम समिति गठित करने की प्रक्रिया में है। समिति एफडीआई से प्रभावित आंतरिक व्यापार से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करेगी' समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने जा रहे थॉमस ने कहा, 'हमें बाधाओं, परिवहन मुद्दों तथा अन्य बुनियादी ढांचा से संबद्ध बाधाओं को दूर करने के लिये अंतर विभागीय समन्वय पर विचार करना होगा।'' उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों के बारे में अभी निर्णय नहीं हुआ है।

इस्पात पर दृष्टिपत्र तैयार करेगी सरकार
जमशेदपुर : केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा है कि सरकार राष्ट्रीय इस्पात दृष्टिपत्र तैयार कर रही है। उन्होंने कल यहां इस्पात उद्योग पर अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, `भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और शीघ्र ही दूसरे नंबर पर पहुंच सकता है।` उन्होंने कहा कि देश की इस्पात उत्पादन क्षमता 2009 में 6.6 करोड़ टन से बढ़कर 2012 में लगभग 9.0 करोड़ टन हो गई। सरकार इस वृद्धि का समर्थन करने का प्रयास कर रही है। मंत्री ने कहा कि यह सब नए राष्ट्रीय इस्पात दृष्टिपत्र (नेशनल स्टील विजन) में होगा। इस्पात मंत्रालय ने अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी पर एक खाका तैयार किया है।

स्विस बैंकों में कालाधन की जानकारी नहीं: CBDT

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि स्विस बैंकों में कथित रूप से कालाधन जमा करने वाले भारतीयों के नाम एवं पतों को बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है। वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग की इकाई सीबीडीटी ने यह जानकारी सीआईसी के समक्ष दी। यहां सूचना आयुक्त राजीव माथुर उत्तर प्रदेश के आरटीआई आवेदक राजकुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। सिंह ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों के नाम एवं उनके पते की जानकारी मांगी है। अपने जवाब में सीबीडीटी ने दावा किया कि ऐसे भारतीय जिन्होंने स्विस बैंकों में राशि जमा किया है, उनके बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है।

शी जिनपिंग ने चीन के सेना प्रमुख का पद संभाला

चीन में शी जिनपिंग ने देश के सैन्य ढांचे की सबसे बड़ी इकाई 11 सदस्यीय सेना आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के साथ ही शनिवार को औपचारिक तौर पर देश के सेना प्रमुख का पद संभाल लिया।

गुरुवार को सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के 18वें सम्मेलन के अंत में 59 वर्षीय शी को पार्टी का नया महासचिव चुना गया और उन्हें सेना आयोग का भी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

गौरतलब है कि इससे पहले निवर्तमान राष्ट्रपति हू जिंताओ आयोग के अध्यक्ष और शी इसके उपाध्यक्ष थे।

नए बदलाव के तहत शी इस आयोग के एकमात्र असैन्य सदस्य होंगे, जबकि बाकी 10 सदस्य 23 लाख की संख्या वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के थलसेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़े हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पहले की तरह आयोग में किसी अन्य असैन्य सदस्य को शामिल किए जाने की संभावना नहीं है। शी मार्च में राष्ट्रपति का पद संभालेंगे।

राजधानी बीजिंग में आज हुई नई सेना आयोग की बैठक में हू जिंताओ भी शामिल हुए। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार हू और शी ने सेना से पूरी तरह से वफादार बने रहने एवं ऐतिहासिक अभियानों को पूरा करने का आग्रह किया।

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