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Sunday, November 11, 2012

अपने लोकतंत्र का चेहरा सार्वजनिक शौचालय जैसा हो रहा है। कालिख पुते चेहरों को धोने के लिए वेगमुक्त होने की कवायद हो रही है!

अपने लोकतंत्र का चेहरा सार्वजनिक शौचालय जैसा हो रहा है। कालिख पुते चेहरों को धोने के लिए वेगमुक्त होने की कवायद हो रही है!

क्यों चुनिदा लोगों के यहां छापे पड़ते हैं और खास लोगों के खिलाफ सुनवाई तक नहीं होती? क्या स्विस बैंक खातों की कोई सूची भारत सरकार के पास नहीं है? क्या प्रणव मुखर्जी ने कालाधन के मामले में आम माफी देने की पेशकश नहीं की थी? इतने सारे सवालों के जवाब देने के बजाय राजनीति को आइटम बनाने पर क्यों तुले हुए हैं नेता केजरीवील की तुलना राखी सावंत से क्या इसीलिए की जा रही है कि वह एक स्त्री है और उसपर विवाद खड़ा करके प्रधानमंत्री और वित्तमंत्रियों और यहां तक कि महामहिम राष्ट्रपति की कारपोरेट प्रतिबद्धता पर बहस की दिशा को बिग बास का अंजाम दे दिया जाये? विवेकानंद के आईक्यू को दाउद के समान​​ बताकर, राम पर विवाद खड़ा करके क्या विपक्ष की युगलबंदी संघ परिवार के कारपोरेट चेहरे को बेनकाब होने से बचाने की कवायद है! लोकतंत्र में सर्वोच्च सत्ता जनता की  अदालत है। अगर सिविल सोसाइटी, चाहे अरविंद केजरीवाल हो या अन्ना ब्रिगेड और राजनीति, वामपंथी​ ​ दक्षिणपंथी परिवर्तनपंथी बहुजनपंथी समाजवादी की जनता के सर्वोच्च अदालत में अगर तनिक आस्था है तो बेचारी राखी सावंत की इज्जतत उछालने के बजाय राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग और इस कारपोरेट सरकार के खिलाफ अनास्था प्रस्ताव लाने की पहल क्यों नहीं करनी चाहिए?

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

देश में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस के मौके पर स्त्रविरोधी राजनीतिक बयानों की इस बानगी से पता चलता है कि भारत में स्त्री को महालक्ष्मी बना देने का  असली एजंडा क्या है? भ्रष्ट नेताओं पर केजरीवाल के लगातार हमलों से बौखलाए काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि अरविंद राखी सावंत की तरह हरकतें कर रहे हैं। दोनों के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन लगातार कोशिश करते रहते हैं। हालांकि, दिग्विजय ने इस तरह की टिप्पणी पर राखी से माफी भी मागी है।अपने लोकतंत्र का चेहरा सार्वजनिक शौचालय जैसा हो रहा है। कालिख पुते चेहरों को धोने के लिए वेगमुक्त होने की कवायद हो रही है!कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने राखी सावंत की तुलना अरविंद केजरीवाल से क्या की राखी आग बबूला हो गईं। उनका कहना है कि हां मैं एक्सपोज करती हूं और मुझे किसी का डर नहीं है।राखी ने कहा मैंने किसी से टांगे उधार मांगी हैं क्या? और हां मैं एक बम हूं, जब फटूंगी तो सब फट जाएंगे।दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के सलवाजुड़ुम विशेषज्ञ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बढ़ते रोड एक्सीडेंट के लिए बाइक और गर्लफ्रेंड को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अच्छी बाइक हो, अच्छा मोबाइल हो और साथ में अच्छी गर्लफ्रेंड हो तो एक्सीडेंट तो होगा ही। राजनेता लगातार स्त्री विरोधी बयान क्यों दे रहे हैं? क्या इन्हें भारत में भी स्त्री शक्ति के नेतृत्व में अमेरिका की तरह बहुजनसमाज के निर्माण का डर सता रहा है?हालांकि  भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा राहुल गांधी की तुलना शादी में दूल्हे को ले जाने वाले घोड़े से किए जाने पर कांग्रेस ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया की और कहा कि भाजपा को नितिन गडकरी के बारे में चिंता करनी चाहिए जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद खाली हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार से शुरू करेगी जिसके जरिए उसे 40,000 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होने की उम्मीद है।फरवरी में उच्चतम न्यायालय ने 122 दूरसंचार लाइसेंस रद्द कर दिए थे जो मुख्य रूप से आठ कंपनियों से संबद्ध है। इसी स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार सुबह नौ बजे शुरू होगी।2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बहुचर्चित मामले में सुनवाई का आज एक साल पूरा हो गया। इस दौरान 100 से अधिक गवाहों के बयान हुए हैं और ये बयान 3,000 से अधिक पेजों में दर्ज किए गए। इस बहुप्रचारित मामले के आरोपियों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा तथा द्रमुक सांसद कणिमोई शामिल हैं।

केजरीवाल के आरोपों में दम नहीं है तो आवारा पूंजी,  पूंजी की आतंकवादी जड़ें कोजने के लिए पहल क्यों कर रही है भारत सरकार?कालाधन का कारोबार नहीं है तो श्वेत पत्र जारी करने का नाटक क्यों करना पड़ा क्यों गार लागू करते ही राष्ट्रपति चुनाव के समीकरण बदल​ ​ गये क्यों प्रदानमंत्री, वित्तमंत्री और तमाम विद्वतजन गार के प्रावधान बदलकर निवेशकों की आस्था बहाल करने के लिए सबकुछ दांव पर ​​लगाये हुए हैं? क्यों वित्तीय घाटा और विकास दर का हवाला दिखाते हुए आम आदमी पर करों का बोझ लादा जा रहा है और सब्सिडी खत्म की जा रही है?जबकि हर साल बजट में लाखों करोड़ की टैक्स छूट पूंजीपतियों को दे दी जाती है! क्यों चुनिदा लोगों के यहां छापे पड़ते हैं और खास लोगों के खिलाफ सुनवाई तक नहीं होती? क्या स्विस बैंक खातों की कोई सूची भारत सरकार के पास नहीं है? क्या प्रणव मुखर्जी ने कालाधन के मामले में आम माफी देने की पेशकश नहीं की थी? इतने सारे सवालों के जवाब देने के बजाय राजनीति को आइटम बनाने पर क्यों तुले हुए हैं नेता केजरीवील की तुलना राखी सावंत से क्या इसीलिए की जा रही है कि वह एक स्त्री है और उसपर विवाद खड़ा करके प्रधानमंत्री और वित्तमंत्रियों और यहां तक कि महामहिम राष्ट्रपति की कारपोरेट प्रतिबद्धता पर बहस की दिशा को बिग बास का अंजाम दे दिया जाये? विवेकानंद के आईक्यू को दाउद के समान​​ बताकर, राम पर विवाद खड़ा करके क्या विपक्ष की युगलबंदी संघ परिवार के कारपोरेट चेहरे को बेनकाब होने से बचाने की कवायद है! लोकतंत्र में सर्वोच्च सत्ता जनता की  अदालत है। अगर सिविल सोसाइटी, चाहे अरविंद केजरीवाल हो या अन्ना ब्रिगेड और राजनीति, वामपंथी​ ​ दक्षिणपंथी परिवर्तनपंथी बहुजनपंथी समाजवादी की जनता के सर्वोच्च अदालत में अगर तनिक आस्था है तो बेचारी राखी सावंत की इज्जतत उछालने के बजाय राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग और इस कारपोरेट सरकार के खिलाफ अनास्था प्रस्ताव लाने की पहल क्यों नहीं करनी चाहिए? राखी भी भारतीय नागरिक हैं। कानून के मुताबिक देश के प्रथम नागरिक की तुलना में उसके भी समान  अधिकार हैं! कहा जा सकता है  कि वह अपना हूनर बेचकर अपना जीवन चला रही है, राजनीति करके देश का सत्यानाश तो नहीं कर रही। राजनेता फालतू बात करके सनसनीखेज सुर्खिया बनाकर असली मुद्दे को रफा दफा करके कारपोरेट कालाधन हित ही साध रहे हैं!गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को कहा कि कम्युनिस्टों सहित किसी के साथ भी कोई राजनीतिक अस्पृश्यकता नहीं है। आडवाणी ने कहा,'इसमें यहां तक कि कम्युनिस्ट भी शामिल हैं, लेकिन हो सकता है उन्होंने इसके लिए कुछ दिशा निर्देश तय किए हों। वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता गुरुदास दासगुप्ता हाल में हमारे घर आए थे, और ऐसा उन्होंने पहली बार किया।' आडवाणी ने यह टिप्पणी तब की है, जब वह राष्ट्र निर्माण से सम्बंधित मुद्दों पर अनुसंधान करने वाली संस्था, भारतीय विचार केंद्रम की 30वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन करने तिरूवनंतपुरम आए हुए थे।

स्विस बैंक में नेताओं-उद्योगपतियों के खातों पर खुलासा करनेवाले आईएसी नेता अरविंद केजरीवाल ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछे हैं पांच सवाल।

पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा था कि भारत के लोगों के विदेशी बैंक खातों की जांच की जा रही है। जांच के बाद टैक्स चोरों पर कार्रवाई की जाएगी।

कालेधन पर बड़ा खुलासा करने के बाद कोई कार्रवाई होती न देख अब केजरीवाल देश के वित्त मंत्री से पूछ रहे हैं पांच सवाल।

सवाल नंबर: 1

खुलासे वाले लोग 700 की लिस्ट में हैं या नहीं? केजरीवाल ने शुक्रवार को कुछ नाम गिनाए थे जिसमें कहा गया था कि उनके स्विस बैंक में खाते हैं।

सवाल नंबर: 2

जांच के दौ पैमाने क्यों?

अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कालेधन पर खुलासा करते हुए आरोप लगाया था कि स्विट्ज़रलैंड की एचएसबीसी बैंक की जेनेवा ब्रांच में भारतीयों के कथित करोड़ों रुपये जमा हैं।केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी के अलावा जेट के नरेश गोयल, डाबर के बर्मन बंधुओं और कांग्रेस सांसद अनु टंडन के करोड़ों रुपये स्विस बैंक में जमा थे।

सवाल नंबर: 3

एचएसबीसी को क्यों बचा रही है सरकार?

केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि यूरोप का सबसे बड़ा इंटरनेशनल बैंक एचएसबीसी भारत में गड़बड़ी फैला रहा है।केजरीवाल ने ये भी दावा किया था कि एचएसबीसी बैंक देश में भ्रष्टाचार से लेकर आतंकवाद तक को बढ़ावा दे रहा है। आपको बता दें एचएसबीसी समेत उन सब ने आरोपों से इनकार कर दिया जिनपर केजरीवाल ने आरोप लगाए थे।

सवाल नंबर: 4

क्या सरकार ईमानदारी से जांच कर रही है?

सवाल नंबर: 5

सरकार विदेशों से खातों की लिस्ट क्यों नहीं मंगाती?

आपको बता दें केजरीवाल के आरोपों के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि भारत के लोगों के विदेशी बैंक खातों की जांच की जा रही है। इसके लिए विदेशों की इनकम टैक्स एजेंसियों की मदद ली जा रही है। जांच के बाद टैक्स चोरी करनेवालों पर कार्रवाई भी होगी।

लेकिन वित्त मंत्रालय के जवाब के बाद केजरीवाल ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सामने ये पांच सवाल रखे गए हैं।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि राखी खुद को एक्सपोज कर सुर्खियों में रहने की कोशिश करती हैं, जिसका कोई मतलब नहीं होता। ठीक उसी तरह अरविंद के खुलासों में कोई मतलब और दम नहीं है। केजरीवाल आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। उनके आरोपों में कुछ भी नया नहीं है। अगर वह कोई नया आरोप लगाते हैं, तो हम ध्यान देंगे। दिग्विजय ने ट्वीट में राखी का मजाक नहीं उड़ाने की मंशा जाहिर करते हुए लिखा है, 'इसके लिए मैं राखी सावंत से माफी चाहता हूं। मैं उनका पुराना फैन हूं।' इससे पहले विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक चैनल के शो में अरविंद पर निशाना साधा था।

खुर्शीद ने कहा था कि जैसे मच्छर के काटने के बाद खुजली होती है, उसी तरह अरविंद के बयानों से खुजली होती है, लेकिन उसका असर कुछ नहीं होता। सलमान के इस बयान के बाद अरविंद ने खुद को डेंगू वाला मच्छर बताया था।

केजरीवाल से तुलना किए जाने पर कंट्रोवर्सी क्वीन राखी सावंत भड़क गई हैं। राखी सावंत ने कहा है कि यदि नेता उन्हें छेड़ेंगे तो वो उन्हें छोड़ेंगी नहीं। पत्रकारों से बातचीत में राखी ने कहा, ' मैं दिग्विजय को नेता के रूप में अच्छा समझती हूं,   वो इतना अच्छा बोलते हैं। मैं उनको हमेशा स्मार्ट और दिमाग वाला समझी थी। लेकिन उन्होंने मेरे कंधे पर बंदूक रखके इस्तेमाल करना चाहा। मगर मेरा कंधा कोई इस्तेमाल के लिए नहीं है।'

राखी से जब कहा गया कि  पूरी कंट्रोवर्सी से आपको डर तो नहीं लग रहा है तो राखी अपने पुराने तेवरों में आ गईं। उन्होंने कहा,   'मुझे किसी के बाप का डर नहीं है, मेरी अपनी बॉडी है, मेरी फिल्म इंडस्ट्री है, मैं अपनी फिल्म इंडस्ट्री में खुश हूं। ये लोकसभा, विधानसभा में बैठकर लड़कियों के वीडियो क्यों देखते हैं, मेरे वीडियो भी देखते होंगे। वो सनी लियोनी से बात करे ना, उन्हें ज्यादा मजा चाहिए तो सनी लियोनी के पास जाएं, मैं उन्हें इतने मजे नहीं दे सकती।'

नेताओं के बारे में राखी ने कहा,  'मुझे लगता है कि नेताओं को काम नहीं है, देश की जनता नेताओं को गरीब लोगों के लिए काम करने के लिए चुनती है न कि अभिनेत्रियों को छेड़ने के लिए। मुझे छेड़ने के बजाए ये काम करे। भाषण बाजी के बजाए वो काम करें तो देशहित में होगा। अगर ये मुझे छेड़ेंगे तो मैं इन्हें नहीं छोड़ूंगी।'

राखी सावंत से जब कानूनी कार्वाई करने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा कि जो नेता देश का कानून बनाते हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती?

राखी ने केजरीवाल को भी नहीं छोड़ा उन्होंने कहा, 'केजरीवाल और मुझमें जमीन आसमान का फर्क है, वो नेता बनने के लिए देश की जनता का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये तो बिजली की तार निकालकर अपने घर जाकर छुप जाता हैं लेकिन डंडे जनता पर पड़ते हैं। पानी की फुहारें जनता पर पड़ती हैं। जब केजरीवाल अन्ना के साथ थे तब मैं खुश थी। लेकिन अन्ना ने जब चाय में मक्खी की तरह केजरीवाल को बाहर निकाला तो हमें पता चला कि केजरीवाल को गरीबी या लोगों से कोई मतलब नहीं है, वो तो बस अपनी पार्टी बनाकर नेता बनना चाहते हैं।'

चुनावी मौसम में बेतुकी बयानबाजी का दौर  जारी है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल की तुलना आइटम गर्ल राखी सावंत से की थी। इसी पर राखी का गुस्सा भड़का है। दिग्गी ने कहा था कि केजरीवाल और राखी सावंत दोनों ही 'एक्‍सपोज' करने की कोशिश करते हैं लेकिन उन्‍हें कुछ हासिल नहीं होता है।

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'केजरीवाल ने हाल में कई आरोप लगाए हैं लेकिन इनमें कुछ नया नहीं था। सारे आरोप घिसे पिटे थे। यदि कोई नया आरोप लगाएं तो हम उस पर जरूर गौर करेंगे।' (बीजेपी में सुगबुगाहट तेज, गडकरी की कुर्सी डोली!)

दिग्विजय ने हालांकि यह भी कहा कि वह राखी सावंत के बड़े फैन रहे हैं। आईएसी से जुड़े केजरीवाल के साथ कुमार विश्‍वास ने कहा है कि यह अश्‍लील टिप्‍पणी है और राखी सावंत का अपमान किया गया है। महिला संगठनों को दिग्विजय सिंह के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

कांग्रेस महासचिव रेणुका चौधरी ने नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। गुजरात में एक चुनावी सभा के दौरान कहा, 'जो आदमी अपनी जनानी को पहचान नहीं सकता है, वो आपकी परेशानियों का क्‍या खयाल रखेगा।'

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को 'नाकाम कारतूस' कहने वाले बीजेपी नेता यशवंत सिन्‍हा ने एक बार फिर उन पर निशाना साधा है। यशवंत सिन्‍हा ने राहुल गांधी की तुलना घोड़े से कर दी है। उन्‍होंने कहा, 'राहुल बारात के उस घोड़े की तरह हैं, जो आगे नहीं बढ़ता। कोई उनकी दुम हिलाता है तो कोई दूब खिलाता है लेकिन वह टस से मस नहीं होते। राहुल आगे नहीं बढ़ेंगे तो मनमोहन सिंह कैसे हटेंगे?'

भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा राहुल गांधी की तुलना शादी में दूल्हे को ले जाने वाले घोड़े से किए जाने पर कांग्रेस ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया की और कहा कि भाजपा को नितिन गडकरी के बारे में चिंता करनी चाहिए जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

सिन्हा ने शनिवार को झारखंड के बोकारो में कहा था,'राहुल गांधी घोड़े की तरह हैं जो शादी में दूल्हे को अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाता है।' भाजपा नेता ने कहा था, 'घोड़ा हमेशा एक स्थान पर अटक जाता है। यह आगे नहीं बढ़ता। उसी तरह, राहुल गांधी भी आगे नहीं बढ़ते। इस सिलसिले में बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं कि वह कुछ करें, लेकिन वह नहीं करते। कुछ उन्हें बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन वह फिर भी नहीं बढ़ते। अब तक वह तैयार नहीं हैं, मनमोहन सिंह कुछ कैसे कर सकते हैं ? आज यह संकट है।'

सिन्हा की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में कहा कि भाजपा नेता को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह गडकरी को अपनी पार्टी का प्रमुख मानते हैं या नहीं।

भाजपा नेता पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यदि सिन्हा अपनी पार्टी की समस्याओं पर ध्यान दें तो यह उनके और भाजपा के लिए बेहतर रहेगा।

तिवारी ने संभवत: पूर्ति समूह को संदिग्ध फंडिंग के मामले में गडकरी पर लगे आरोपों के मद्देनजर कहा,'सिन्हा का हम काफी सम्मान करते हैं लेकिन सिन्हा और भाजपा के लिए बेहतर रहेगा कि वह भाजपा के खुद के मुद्दों पर ध्यान दें।'
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि यदि सिन्हा गडकरी और भाजपा की दशा पर टिप्पणी करें तो उचित रहेगा।

शर्मा ने कहा,'मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री हैं और कांग्र्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। यशवंत सिन्हा को भाजपा के सामने आ रही स्थिति की चिंता करनी चाहिए। यदि वह गडकरी और भाजपा की दशा पर टिप्पणी करते हैं तो उचित रहेगा।'
कांग्रेस के एक और नेता तथा मानव संसाधन विकास राजय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सिन्हा को कांग्रेस पार्टी पर ध्यान देने की बजाय अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ध्यान देना चाहिए।

अब रमन सिंह का अजीब बयान, अच्छी बाइक और गर्लफ्रेंड से होते हैं सड़क हादसे

रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बढ़ते रोड एक्सीडेंट के लिए बाइक और गर्लफ्रेंड को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अच्छी बाइक हो, अच्छा मोबाइल हो और साथ में अच्छी गर्लफ्रेंड हो तो एक्सीडेंट तो होगा ही।

बढ़ते सड़क हादसों और बचाव के प्रभावी उपायों विषय पर एम्स परिसर में आयोजित गोष्ठी में रमन ने कहा कि वे पिछले तीन, चार और पांच महीनों के हादसों का अध्ययन कर रहे थे। जितने भी हादसे हुए हैं उनमें 55 प्रतिशत युवा चले गए। उसका सिर्फ एक कारण है-रफ्तार। सिर पर हेलमेट नहीं होता। युवा हेलमेट को फैशन के खिलाफ मानते हैं। लड़कियां चेहरा छिपाने के लिए स्कार्फ बांध लेती हैं। छत्तीसगढ़ में स्कार्फ बांधने से सनबर्न से बचने में मदद मिलती है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि बाइक चलाने वाला एक हाथ में मोबाइल पर बात किए जा रहा है और दूसरी ओर स्पीड बढ़ती जा रही है। झगड़ा होगा तो ब्रेक मारेगा और टकराएगा। असल में उसे कुछ दिखता नहीं है। दुर्घटना के कई कारण होते हैं, उनमें से एक यह भी है। हम तो यह सोच रहे थे कि हमने अच्छी सड़कें बना दी है और यह बहुत अच्छा है पर यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जहां अच्छी सड़कें हैं, वहां एक्सीडेंट अधिक हो रहे हैं।

भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा राहुल गांधी की तुलना शादी में दूल्हे को ले जाने वाले घोड़े से किए जाने पर कांग्रेस ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया की और कहा कि भाजपा को नितिन गडकरी के बारे में चिंता करनी चाहिए जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

सिन्हा ने शनिवार को झारखंड के बोकारो में कहा था,'राहुल गांधी घोड़े की तरह हैं जो शादी में दूल्हे को अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाता है।' भाजपा नेता ने कहा था, 'घोड़ा हमेशा एक स्थान पर अटक जाता है। यह आगे नहीं बढ़ता। उसी तरह, राहुल गांधी भी आगे नहीं बढ़ते। इस सिलसिले में बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं कि वह कुछ करें, लेकिन वह नहीं करते। कुछ उन्हें बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन वह फिर भी नहीं बढ़ते। अब तक वह तैयार नहीं हैं, मनमोहन सिंह कुछ कैसे कर सकते हैं ? आज यह संकट है।'

सिन्हा की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में कहा कि भाजपा नेता को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह गडकरी को अपनी पार्टी का प्रमुख मानते हैं या नहीं।

भाजपा नेता पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यदि सिन्हा अपनी पार्टी की समस्याओं पर ध्यान दें तो यह उनके और भाजपा के लिए बेहतर रहेगा।

तिवारी ने संभवत: पूर्ति समूह को संदिग्ध फंडिंग के मामले में गडकरी पर लगे आरोपों के मद्देनजर कहा,'सिन्हा का हम काफी सम्मान करते हैं लेकिन सिन्हा और भाजपा के लिए बेहतर रहेगा कि वह भाजपा के खुद के मुद्दों पर ध्यान दें।'
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि यदि सिन्हा गडकरी और भाजपा की दशा पर टिप्पणी करें तो उचित रहेगा।

शर्मा ने कहा,'मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री हैं और कांग्र्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। यशवंत सिन्हा को भाजपा के सामने आ रही स्थिति की चिंता करनी चाहिए। यदि वह गडकरी और भाजपा की दशा पर टिप्पणी करते हैं तो उचित रहेगा।'
कांग्रेस के एक और नेता तथा मानव संसाधन विकास राजय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सिन्हा को कांग्रेस पार्टी पर ध्यान देने की बजाय अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ध्यान देना चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह 26 नवंबर के बाद इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, 'अन्ना हमारे बहुत प्रिय हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। 26 नवंबर को अपनी पार्टी लॉन्च करने के बाद हम आईएसी नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे।'नई टीम बनाने वाले अन्ना हजारे ने कहा था कि संगठन का बैंक खाता किरन, सुनीता गोदरा और लेफ्टिनेंट कर्नल बृजेन्दर कोखर के नाम से होगा। ये सभी नई समन्वय समिति के सदस्य हैं। अन्ना की नई टीम की शनिवार को पहली बैठक के बाद संगठन ने जोर देकर कहा था कि वे आईएसी का नाम अपने पास रखेंगे।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर अन्ना हजारे उनसे कहें, तो वह 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वह हजारे को अपना गुरु मानते हैं और उनसे रोज बात करते हैं। उन्होंने कहा था, 'अगर अन्ना कहते हैं कि हम इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के नाम का इस्तेमाल बंद कर दें, तो मैं उसका इस्तेमाल नहीं करूंगा।' केजरीवाल से सवाल किया गया था कि हजारे और उनके सहयोगियों का दावा है कि इंडिया अगेन्स्ट करप्शन नाम उनके पास है।

शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता किरन बेदी ने कहा था कि आईएसी नाम हजारे के पास है। उन्होंने कहा था, 'हम आईएसी के नाम पर दान लेंगे। जनता आईएसी के नाम पर दान दे सकती है। अरविन्द का संगठन पीसीआरएफ है। अन्ना ने संगठन नहीं छोड़ा है, बल्कि बाकी लोग अलग हुए थे। वे (केजरीवाल) अब पार्टी के नए नाम का ऐलान करेंगे।'

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर जन लोकपाल विधेयक को लेकर `धोखा` करने का आरोप लगाते हुए रविवार को चेतावनी दी कि यदि विधेयक वर्ष 2014 के आम चुनाव से पहले पारित नहीं किया गया तो वह फिर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

दक्षिणी दिल्ली के सर्वोदय एनक्लेव में अपने नए दफ्तर का उद्घाटन करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, 'यदि जन लोकपाल विधेयक 2014 के आम चुनाव से पहले पारित नहीं होता है तो हम रामलीला मैदान में एक और रैली करेंगे।'

70 वर्षीय अन्ना हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक संसद में पारित कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अपना वादा पूरा नहीं कर उन्होंने उनके साथ धोखा किया।

अन्ना ने कहा,'जन लोकपाल विधेयक के लिए हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इसे पारित नहीं कर देती। मैं देशभर में अभियान चलाऊंगा और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की कोशिश करूंगा। मैं परिवर्तन लाने की कोशिश करूंगा।'

राजनेताओं पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा,'देश में नेतृत्व का अभाव है।'

अन्ना ने कहा,'समय आ गया है कि हम घर-घर जाकर भ्रष्टाचार के विरोध में लोगों को जागरूक करें। हमें देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए काम करना होगा।'

अन्ना हजारे ने शनिवार को अपनी 15 सदस्यीय नई टीम की घोषणा करते हुए 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने का वादा किया था।
स्पेक्ट्रम की नीलामी
सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे जिसके बाद पिछले साल 11 नवंबर को मामले की दैनिक आधार पर सुनवाई शुरू हुई। जिन 17 के खिलाफ आरोप तय किए गए उनमें तीन दूरसंचार कंपनियां भी हैं। पहले दो आरोप पत्रों में कहा गया कि इनके खिलाफ प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत मिले हैं।

बीते एक साल में अदालत राजा तथा 16 अन्य के साथ साथ एस्सार ग्रुप तथा लूप टेलीकाम के प्रवर्तकों की भी सुनवाई कर रही है। 2जी घोटाले से जुड़े मामले में इन्हें भी आरोपियों की श्रेणी में रखा गया है। अदालत ने उस मामले जिसमें राजा मुख्य आरोपी हैं, में आज तक सीबीआई के 77 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा एस्सार आयल तथा लूप टेलीकाम के प्र्वतकों के खिलाफ मामले में अभियोजन पक्ष के 28 गवाहों के बयान हुए हैं। अदालत के सूत्रों ने कहा कि जज ने अब तक लगभग 3,000 पेज साक्ष्य के रूप में दर्ज किए हैं।

मामला सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है जिसे 2जी स्पेक्ट्रम मामले के लिए गठित किया गया। मामले की निगरानी उच्चतम न्यायालय भी कर रहा है। राजा व कनिमोई के साथ साथ पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरिया, राजा का पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा तथा विनोद गोयनका, यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के तीन आला अफसर गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा तथा हरी नायर इस मामले में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।

मामले के आरोपियों में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेब्लस के निदेशक आसिफ बलवा तथा राजीव अग्रवाल, कलाइंगर टीवी के निदेशक शरद कुमार तथा बालीवुड निर्माता करीम मोरानी भी आरोपी हैं। मामले में तीन दूरसंचार कंपनियों स्वान टेलीकाम, रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड तथा यूनिटेक वायरलैस के खिलाफ भी आरोप हैं। अदालत ने 22 अक्तूबर 2011 को 17 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए।

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