राहुल की ताजपोशी से क्या देश में आम आदमी की किस्मत बदल जायेगी?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
राहुल गांधी को कांग्रेसी वंसवादी विरासत के मुताबिक पार्टी और सरकार की कमान सौंपने का काम पूरा कर दिया बहुप्रचारित कांग्रेस चिंतन शिविर ने। जाहिर है समुद्र मंथन से अमृत तो मिला ही होगा और देवताओं और देवियों को भोग भी लग गया होगा। वैसे भी इलाहाबाद में इसवक्त अमृत कुंभ की खोज में उमड़ पड़ा है असली भारत जिसके पास बतौर पूंजी आस्था के अलावा कुछ नहीं है।धर्मराज्य में सत्तवर्ग को स्थांतरित है जाने वाली यही आस्था बड़े काम की होती है।ग्लोबल वार्मिंग के तहत सर्दी तो झेल लिया, अब गरमी तो आ ही गयी समझो। बदलते जलवायु चक्र और खुले बाजार के दोहरे दबाव में बचेंगे कैसे भारतीय मैंगो लोग? इस देव संस्कृति से बाहर जो बहिष्कृत बहुसंख्यक आम जनता है, उसे क्या मिला? एक मिसाल, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने डीजल कीमतों में बढ़ोतरी वापस लेने की संभावना से इन्कार किया है। सरकार ने बीते गुरुवार को तेल मार्केटिंग कंपनियों को हर महीने डीजल के दाम 50 पैसे तक बढ़ाने की इजाजत दी है। इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने उसी रात डीजल को 45 पैसे महंगा कर दिया था। डीजल कीमतों को आंशिक रूप से नियंत्रण मुक्त करने के सरकार के इस फैसले की समूचे विपक्ष और सरकार के सहयोगी दलों ने भी आलोचना की है। मोइली ने शनिवार को कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां डीजल की कीमतें नियंत्रित हैं। कच्चे तेल का आयात किया जाता है।वाह! आज हाकी और क्रिकेट में भारत की जयजयकार है तो युवराज के नाम पर जयकारा हो जाये! मौसम के रुखे मिजाज ने उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों खासकर हिमाचल प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में अपेक्षाकृत राहत महसूस की गई। हिमाचल प्रदेश में बीते 48 घंटे के दौरान हुई बर्फबारी के कारण जहां पहाड़ों पर बर्फ की चादर बिछ गई है, वही मैदानों में भारी बारिश से धरती तर हो गई है। पहाड़ों की रानी शिमला में हिमपात ने आठ सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारी हिमपात के कारण शिमला सहित ऊपरी इलाकों में सभी सड़कें बंद रहने से यातायात ठप रहा। यह रिकार्ड सर्दी दरअसल खतरे की घंटी है। जिससे निपटने की कोई रणनीति सत्तावर्ग के वातानुकूलित मनमानस में है ही नहीं। आपदायें तो सदियों से जनसंख्या नियंत्रण करती हैं। सत्तावर्ग के हिसाब से सारी समस्याओं की जड़ में तो जनसंख्या है।विकासगाथा जारी रखते हुए बहुसंख्य जनसंख्या का अगर नैसर्गिक सफाया है जाये तो आंतरिक सुरक्षा पर खर्च घटेगा और मारे जाने वाले लोग इहलोक में चाहे जैसे जी रहे हों,परलोक में मजे मारेंगे।
उपभोक्ता संस्कृति में निष्णात खुल्ला बाजार उदित भारत और उदारीकरण के समर्थक युवाजनों के लिए सनसनी का नया मसाला हाजिर है।अपनी आने वाली फिल्म नशा की सफलता को लेकर किंगफिशर मॉडल पूनम पांडेय भगवान शिव की नगरी इलाहाबाद में लग रहे महाकुंभ में पहुंची। पूनम पांडेय से पहले इस महाकुंभ में बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी भी पहुंची। अभी तक अपनी बोल्ड छवि के कारण सुर्खियों में रहने के कारण पूनम अपने फिल्म को हिट कराने के लिए हर फंडा अपना रही है। कुछ समय पहले खबर आई थी कि फिल्म के लिए ही पूनम पांडेय ने अपना छह किलो वजन भी बढ़ाया है। पूनम की यह फिल्म इस साल मई में सिनेमाघरों में आने वाली है।उन्होंने संगम में डुबकी लाकर पूजन-अर्चना किया। इसके बाद जूना अखाड़ा के शिविर पहुंचीं। वहां महंतों का आशीर्वाद लेकर उनसे धर्म-अध्यात्म पर विस्तार से चर्चा की। फिर मेला क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद शाम को वापस लौटीं।कुंभनगरी प्रयाग की पावन भूमि संत-महात्मा, आम श्रद्धालुओं के साथ फिल्मी सितारों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मकर संक्रांति पर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने संगम में डुबकी लगाई थी। गुरुवार को मॉडल पूनम पांडेय शांति व मोक्ष की आस में प्रयाग पहुंचीं। उन्होंने संगम में डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्घ दिया, फिर गंगा मइया का विधिवत पूजन किया। इसके बाद सेक्टर चार स्थित जूना अखाड़ा के शिविर पहुंचीं। वहां महंत राजेंद्रानंद गिरि की कुटिया में जाकर उनका आशीर्वाद लिया। वह लगभग आधा घंटा उनके साथ रहीं, महंत राजेंद्रानंद ने उन्हें धर्म-अध्यात्म पर प्रवचन देते हुए कहा कि संगम में डुबकी लगाने से मानव का पिछला सारा पाप नष्ट हो जाता है। पूनम पांडेय ने कहा कि प्रयाग का कुंभ उन्हें बचपन से अपनी ओर आकर्षित करता रहा है, यहां आकर उन्हें काफी शांति मिली है। वह यहां बार-बार आना चाहेंगी।
बलात्कारविरोधी क्रांति के बीच अपनी नई फिल्म के प्रमोशन के लिए शर्लिन चोपड़ा ने सारी हदें लांघ दी हैं। उन्होंने नई फिल्म कामसूत्र 3D के प्रमोशन के लिए एक विडियो शूट किया है, जिसमें वह न्यूड दिखाई दे रही हैं।
शर्लिन ने इस विडियों में कई न्यूड पोज़ दिए हैं। कामसूत्र 3D फिल्म वात्स्यायन के कामसूत्र पर आधारित है और इसके डाइरेक्टर रूपेश पॉल हैं। शर्लिन ने यह विडियो शनिवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया, जिस पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है। कोई शर्लिन की इस बोल्डनेस का कायल है तो कोई उन्हें कोस रहा है। देखिए कुछ ट्वीट...
@Bong_Soldier:
OMG! विडियो देखकर मुंह खुला का खुला रह गया। आपने सेन्शुअलिटी का नया स्टैंडर्ड कायम किया है। आपको सलाम।
@KTSIKKA
यू ट्यूब पर कामसूत्र फोटोशूट विडियो ने तहलका मचा दिया है।
@TheRaviKeshri
शर्लिन चोपड़ा ने अपने दौर की सारी हिरोइनों को पीछे छोड़ दिया... बधाई हो शर्लिन
@_mahesh99
KS3D फोटोशूट विडियो यूट्यूब पर इतिहास रचेगा। यह गंगनम स्टाइल से भी ज्यादा हिट होगा। इंतजार करें और देखें
राजनीति अब इस धर्म कर्म से अलग नहीं है बल्कि धर्म कर्म ही राजनीति है।गुलाबी चिंतन से यह अमृत निकला कि तैंतालिस वर्षीय राहुल को आज कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन पर पार्टी के नंबर दो के तौर पर काबिज किया गया है। राजनीति में भी ग्लेमर और शोबिज का बोलबाला है। एक अनंत रियेल्टी रियल्टी शो में तब्दील है राजकाज , जिसका देश की जनता से कोई सरोकार नहीं है। उधर वाइब्रेंट गुजरात संपन्न हो गया तो लीजिये चिंतन समावेळश बी संपन्न है गया। धर्म निरपेक्ष हिंदुत्व चाहिए तो युवराज राहुल गांधी हैं , संघी हिंदुत्व चाहिए तो विकास पुरुष नरंद्र मोदी है। कोई तीसरा विकल्प है ही नहीं। बहुजन समाज के नेता रामविलास पासवान ने तो साफ साफ बता दिया है। अब सवाल है कि सुशासनबाबू किसे चुनते हैं और दीदी समेत तमाम क्षत्रप कहां जुड़ते हैं और कहां से टूटते हैं। आम जनता को तो सुधारों के अश्वमेध में अबाध पूंजी प्रवाह के लिए आत्मबलिदान करना है। और आत्म बलिदान के लिए धर्म राष्ट्रवाद से बढ़िया अफीम क्या है पसंद के मुताबिक अपना अपना अफीम चुन लीजिये। कोई नहीं पूछेगा कि इस चिंतन शिविर को सरकार और प्रशासन की राजधानी में, युवराज के राज्याभिषेक में तब्दील करने का पैसा कहां से आया!देश के शेयर बाजारों का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को समाप्त कारोबारी सप्ताह के आखिर में 20 हजार की मनोवैज्ञानिक सीमा के ऊपर बंद हुआ। इस अवधि में बीएसई के तेल एवं गैस सेक्टर में लगभग नौ फीसदी और रियल्टी में लगभग आठ फीसदी तेजी देखी गई।देश के शेयर बाजारों का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को समाप्त कारोबारी सप्ताह के आखिर में 20 हजार की मनोवैज्ञानिक सीमा के ऊपर बंद हुआ। इस अवधि में बीएसई के तेल एवं गैस सेक्टर में लगभग नौ फीसदी और रियल्टी में लगभग आठ फीसदी तेजी देखी गई।सरकार ने सोमवार को विवादास्पद सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) को लागू करने की तारीख दो सालों के लिए टाल दी। अब यह एक अप्रैल 2016 से लागू होगी। इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) में अनिवासी भारतीयों को इसके दायरे से मुक्त कर दिया गया है।केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि अध्याय 10ए का प्रावधान एक अप्रैल 2014 की जगह एक अप्रैल 2016 से लागू होगा।वित्त मंत्रालय ने पहले कहा था कि वह गार को अप्रैल 2014 से लागू करेगा। वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अगस्त 2010 से पहले किए गए निवेश पर यह लागू नहीं होगा। संसद में वित्त विधेयक के पारित होने के बाद गार कानून बन चुका है।मंगलवार को सेंसेक्स करीब दो सालों तक 20 हजार के स्तर से नीचे रहने के बाद पहली बार इस स्तर को पार कर गया। हालांकि यह मनोवैज्ञानिक सीमा से नीचे 19,986.82 पर बंद हुआ।गुरुवार देर शाम देश की सरकारी तेल विपणन कम्पनियों ने डीजल की कीमत में 45 पैसे प्रति लीटर वृद्धि कर दी, जबकि पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 25 पैसे घटा दी। फैसला गुरुवार मध्य रात से लागू हुआ।दिल्ली में डीजल की ताजा कीमत 47.65 रुपये प्रति लीटर, मुम्बई में 53.17 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 51.51 रुपये और चेन्नई में 50.68 रुपये प्रति लीटर हो गई। पेट्रोल की ताजा दर दिल्ली में 67.26 रुपये प्रति लीटर, मुम्बई में 74.00 रुपये, कोलकाता में 74.72 रुपये और चेन्नई में 70.26 रुपये प्रति लीटर हो गई।
युवराज की ताजपोशी के लिए इससे उपयुक्त माहौल हो ही क्या सकता है जबकि निर्विवाद कारपोरेट राज का वर्स्व सर्वव्यापी है? कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 सितंबर, 2007 को राहुल को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे करीब तीन साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था और वह अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। इस सीट से पहले राजीव गांधी भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे।राहुल को पार्टी में बड़ी भूमिका दिए जाने की मांग कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पहले से ही की जा रही थीं। उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्हें पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने को लेकर भी मांग तेज हो गई हैं।कांग्रेस ने शनिवार को पार्टी महासचिव राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। जयपुर में पार्टी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शुरू होते ही वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि कार्यवाही शुरू होने से पहले वह एक प्रस्ताव रखना चाहते हैं।कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी और महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि एंटनी ने प्रस्ताव रखा कि जनता की आकांक्षाओं को देखते हुए राहुल को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया जाए। द्विवेदी के अनुसार पूरी कार्यसमिति ने मेजें थपथपाकर इस प्रस्ताव का स्वागत किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रस्ताव पर हामी भरी और राहुल गांधी ने भी इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पार्टी और मजबूत होगी।कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद राहुल गांधी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी का आभार जताया और कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार के अनुसार राहुल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम कांग्रेस में बदलाव ला सकते हैं।राहुल ने कार्यसमिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके लिए महान अनुभव है। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले आठ साल से पार्टी के लिए काम किया है। हम देश को बदल सकते हैं। यह एक महान पार्टी है। कांग्रेस ने आज राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्हें लोकसभा चुनाव से करीब 16 महीने पहले ऐसे समय में पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब भाजपा में प्रधानमंत्री पद को लेकर नरेंद्र मोदी के नाम पर चर्चा जोर शोर से चल रही है।कांग्रेस में कुल 10 महासचिव हैं। अब राहुल का ओहदा इन महासचिवों से ऊपर हो गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सबसे पहले राहुल को गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी। इसके बाद कई अन्य नेताओं ने फूलमाला पहनाकर उन्हें बधाई दी।
चिंतन शिविर में जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टीजनों को एकजुट रहने की सीख दी, वहीं पार्टी के नेताओं ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की। इस बीच, रिपोर्टों में शुक्रवार को दावा किया गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव-प्रचार का नेतृत्व कर सकते हैं। राजनीतिक घटनाक्रमों को देखने से जाहिर है कि 2014 का आम चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी होने की संभावना है।
कांग्रेस नेतृत्व की शीर्ष पंक्ति में पहुंचने वाले पार्टी के यूथ आइकन एवं भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे राहुल गांधी के समक्ष पार्टी का जनाधार बढ़ाने और युवा मतदाताओं की बढ़ती संख्या को पार्टी के पक्ष में करने का चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।देश के राजनीतिक रूप से शक्तिशाली नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के वंशज 42 वर्षीय राहुल को पार्टी नेतृत्व में स्थान देना इस बात को रेखांकित करता है कि पार्टी के पास विकल्पों का अभाव है और वह नेतृत्व और दिशानिर्देश के लिए प्रथम राजनीतिक परिवार पर ही निर्भर है।कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए जाने से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल ने वर्ष 2009 में संप्रग को सत्ता में लाने और उत्तर प्रदेश में पार्टी के पुनएत्थान में मदद करने लिए अपने अभिभावकों की छत्रछाया से उबरते हुए अपने राजनीतिक कद में बढ़ोतरी की थी।उन्होंने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे अप्रत्याशित खुशी दिलाई और पार्टी केंद्र में तीसरी बार सत्ता में लौटने के लिए अब उनकी ओर देखेगी।
राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बनाए जाने पर बीजेपी ने कटाक्ष किया है। बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी तो पहले से ही कांग्रेस में नंबर 2 हैं, फिर इसमें नई बात क्या है। साथ ही बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी को एक और जिम्मेदारी देने से देश या कांग्रेस का कोई भला नहीं होने वाला है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी का दर्जा बढ़ाकर उन्हें दूसरे स्थान पर लाए जाने से उसके लिए कोई चुनौती उत्पन्न नहीं होगी।जयपुर में जारी कांग्रेस के चिंतन शिविर पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि इस बैठक में चिंतन कम चिंता ज्यादा दिखाई देती है। एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नौ साल बाद मध्यम वर्ग और युवाओं की याद क्यों आई। प्रसाद ने जानना चाहा कि अब एक साल में सरकार युवाओं की उम्मीदों को कैसे पूरा करेगी।भाजपा प्रवक्ता ने निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए के शासन में बेरोजगारी लगातार बढ़ी है और यूपीए सरकार हम मोर्चे विफल हो गई है।
एंटनी के प्रस्ताव में कहा गया था कि बहुत लंबे अरसे से कांग्रेस के सदस्य हैं और देश की जनता को राहुल गांधी से बहुत अपेक्षाएं हैं। वे उन्हें एक बड़ी भूमिका में देखना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में होने वाला लोकसभा चुनाव किस के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह बाद में तय किया जाएगा। 43 वर्षीय राहुल को 2007 में पार्टी का महासचिव बनाया गया था।
राहुल को उपाध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक घोषणा होने से एक घंटे पहले ही बिड़ला ऑडिटोरियम के बाहर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगने लगा था। कार्यकर्ता रथ लेकर सभागार के बाहर पहुंच गए और राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। देश का नेता कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो जैसे नारे लगाये जा रहे थे। राहुल को उपाध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा होने के बाद कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए तथा आतिशबाजी भी शुरू कर दी।इससे पहले आज कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया था कि चिंतन शिविर में राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की औपचारिक घोषणा कल तक हो सकती है। पार्टी के युवा नेता और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना था कि राहुल पहले ही बड़े बड़े कदम उठा रहे हैं और कई बड़े फैसले करते आ रहे हैं। यहां चल रहे चिन्तन शिविर में भी लगभग 60 प्रतिशत युवाओं की भागीदारी उन्हीं की पहल का नतीजा है।
जब कहा गया कि राहुल अनौपचारिक रूप से पार्टी में नंबर दो हैं और अधिकतर बडे फैसलों में वह शामिल होते हैं लेकिन औपचारिक रूप से उनके द्वारा पार्टी की अगुवाई करने की घोषणा कब होगी तो सिंधिया का जवाब था, कल तक इंतजार कीजिए। एक अन्य वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि यह लगभग निश्चित है कि 2014 के लोकसभा चुनाव की अगुवाई राहुल ही करेंगे। इस सवाल पर कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है, शुक्ला ने कहा कि ये सब बातें बाद में देखने की हैं और पार्टी अध्यक्ष इस बारे में फैसला करेंगी लेकिन यह तय है कि वह आने वाले दिनों में बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं।
एक अन्य युवा नेता एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि हम सबकी भावना है कि राहुल को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाए और हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस की इस तीन दिवसीय बैठक में ऐसा कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।
चिंतन शिविर के दूसरे दिन चर्चा शुरू होने से पहले, पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा 'राहुल पहले से ही हमारे नेता हैं। हमारे पास एक स्थिर नेतृत्व है, जिसका हमें गर्व है।'
उन्होंने कहा 'कांग्रेस में हमेशा से स्थिर नेतृत्व रहा है। और अगर पार्टी तथा जनता के बीच संवाद में कोई कमी आई है तो उसे दूर किया जाएगा।'
मणिशंकर अय्यर ने कहा 'पार्टी पूरी तरह से राहुल के साथ है। लेकिन पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने को लेकर वह खुद ही फैसला करेंगे। हमारे लिए जनता का सशक्तिकरण प्राथमिकता है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।' अय्यर ने कहा 'जहां तक भाजपा का सवाल है तो वह इस तरह के चिंतन शिविर आयोजित नहीं कर सकती है क्योंकि वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कठपुतली है। '
चिंतन शिविर में शुक्रवार को 'उभरती राजनीतिक चुनौतियां' विषय पर गठित चर्चा समूह में राज बब्बर सहित कई सदस्यों ने राहुल को लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की।
दूसरी ओर, गुजरात के मुख्यनमंत्री नरेंद मोदी के अब दिल्लीई आने की जमीन पुख्ता् तौर पर तैयार हो रही है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को दावा किया गया कि बीजेपी के कद्दावर नेता नरेंद्र मोदी 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुनावी अभियान का नेृतत्वम करने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस बात की पूरी संभावना है कि मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के चुनाव अभियान कमेटी का प्रभारी बनाया जा सकता है। यदि मोदी बीजेपी के चुनाव अभियान का नेतृत्वच करेंगे तो जाहिर है कि वह पार्टी का मुख्य चेहरा बन जाएंगे। जिससे उनकी प्रधानमंत्री पद की उम्मी्दवारी को बल मिलेगा और संभवत: उनकी पीएम उम्मीवदवारी की महत्वा कांक्षा भी पूरी होगी।
बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी अभियान का प्रभारी बनाए जाने के निर्णय का राष्ट्री य स्वदयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी समर्थन प्राप्तट है। सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में कोई घोषणा फरवरी माह में की जा सकती है। इस घोषणा को वित्तीाय अनियमितताओं में घिरे नितिन गडकरी को बतौर पार्टी अध्यहक्ष दूसरा कार्यकाल मिलने से भी जोड़कर देखा जाएगा।
सूत्रों ने यह भी दावा किया कि कद्दावर नेता मोदी पार्टी में इस अहम जिम्मेददारी को संभालने के साथ-साथ गुजरात के मुख्यममंत्री भी बने रहेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि आरएसएस इस संबंध में चीजों का आकलन कर रहा है और साथ ही राजनीतिक मोर्चे पर संतुलन के साथ जमीन भी तैयार कर रहा है। ऐसा इस परिप्रेक्ष्यथ में किया जा रहा है कि यदि पार्टी का राजनीतिक विंग आगामी लोकसभा चुनाव में स्प ष्टर बहुमत या सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याप जुटाने में विफल रहता है।
गौर हो कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्वर में गुजरात में दमदार तरीके से बीजेपी की लगातार तीसरी बार सरकार बनी। अब पार्टी के अंदर इस बात को लेकर सुगबुगाहट बढ़ी है कि अगले साल आम चुनाव को ध्या न में रखते हुए नेतृत्व मसले को शीघ्र ही सुलझाया जाना चाहिए। ऐसी मांगों के दृष्टिगत मोदी को ही अब बीजेपी में प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्तो व दमदार उम्मीमदवार समझा जाने लगा है।
अगले कुछ महीनों में फिर बढ़ सकता है रेल किराया
असर - डीजल महंगा होने से रेलवे पर बढ़ा 3,000 करोड़ रुपये का बोझ
नफा-नुकसान
रेलवे जैसे बड़े खरीदारों के लिए डीजल की कीमतों में 10.80 रुपये की बढ़ोतरी
पिछले साल रेलवे में 25 लाख किलो लीटर डीजल की खपत, हर साल 10 फीसदी वृद्धि
तंगी से फंसी रेलवे यदि नुकसान से बचना चाहेगी तो किराया बढ़ाना ही विकल्प
हाल में बढ़ा रेल किराया 22 जनवरी से लागू होगा, तत्काल दुबारा बढ़ोतरी मुश्किल
सरकारी तेल विपणन कंपनियों की ओर से डीजल के बल्क कस्टमर्स (बड़े खरीदारों) के लिए कीमत में प्रति लीटर 10.80 रुपये की वृद्धि करने से रेलवे पर अचानक 3,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ गया है।
हालांकि रेलवे ने अचानक बढ़े खर्च के लिए किराये में वृद्धि संबंधी कोई नियम तो नहीं बनाया है लेकिन रेल मंत्री पवन कुमार बंसल इस तरह का बोझ झेलने की भी प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।
रेलवे के अधिकारी किराया बढ़ाने के सवाल पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अभी नहीं तो कुछ महीने के बाद रेलवे का किराया फिर बढ़ सकता है। रेलवे ने करीब एक दशक बाद हाल ही में रेल किराए में बढ़ोतरी की है जो 22 जनवरी से प्रभावी होने वाला है। सरकार ने गुरुवार को डीजल की कीमतों को एक तरह से नियंत्रण मुक्त कर दिया है।
इसी के साथ बल्क कस्टमरों को भी कोई सब्सिडी नहीं देने का निर्णय लिया। तेल कंपनियों के बल्क कस्टमरों में रेलवे का नाम नंबर वन पर है। पिछले साल रेलवे में 25 लाख किलो लीटर डीजल की खपत हुई थी। इसमें हर साल करीब 10 फीसदी की वृद्धि होती है।
रेलवे को डीजल का मूल्य हर राज्य में अलग-अलग चुकाना होगा क्योंकि वैट में कुछ कुछ अंतर है। एक अधिकारी के मुताबिक अब डीजल का औसत मूल्य करीब 11 रुपये प्रति लीटर पड़ेगा क्योंकि 16 जनवरी को समाप्त हुए पखवाड़े में डीजल में 9.60 रुपये प्रति लीटर की अंडर रिकवरी हो रही थी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो फिलहाल किराया नहीं बढ़ सकता है, क्योंकि पिछले दिनों किराये में वृद्धि का जो फैसला लिया गया था, वह तो 22 जनवरी से लागू हो रहा है। यदि तुरंत किराया बढ़ाया गया तो इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हो सकती है।
हालांकि रेल मंत्री ने आगामी बजट में किराये में वृद्धि करने से मना किया है लेकिन अचानक मूल्य बढऩे की ओट में कुछ वृद्धि तो हो ही सकती है। यदि अप्रैल से भी किराया बढ़ा तो भी राहत है।
उनके मुताबिक माल भाड़े में वृद्धि की गुंजाइश नहीं है क्योंकि भारत में माल भाड़ा कुछ ज्यादा ही है। इसे ठीक करने की बात हो रही है। ऐसा हो सकता है कि कुछ कमोडिटी पर फ्यूल सरचार्ज लगा दिया जाए।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्री पवन कुमार बंसल इस तरह की बढ़ोतरी खुद झेलने की प्रवृति का समर्थन नहीं करते हैं।
पत्रकारों के साथ बातचीत में भी वह कह चुके हैं कि जब जब रेलवे पर अधिभार बढ़ा, उस समय यदि किराये-भाड़े में बढ़ोतरी हुई होती तो अभी ऐसी स्थिति नहीं आती।
जल्द घोषित होगी सेल के एफपीओ की तारीख
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को लांच करने की तारीख की घोषणा जल्द ही करने जा रही है।
इस एफपीओ के जरिए कंपनी की 10.82 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश किया जाना है। इस विनिवेश प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सरकार ने विदेशी निवेशकों को लुभाने की कवायद भी तेज कर दी है।
इस्पात सचिव डी. आर. एस. चौधरी ने भारतीय स्टील इंडस्ट्री की संभावनाओं को लेकर यहां आयोजित निवेशकों की एक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि सेल की 10 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश की तारीख पर वित्त मंत्रालय जल्द ही फैसला करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सेल का विनिवेश निकट भविष्य में ही होने जा रहा है। ऐसे में, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि निवेशकों को देश के स्टील सेक्टर की पूरी तस्वीर के बारे में बताया जाए और उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ा जाए।
बढ़ते राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने की कवायद के तहत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के विनिवेश का दांव खेला है और इसके लिए निवेशकों को आकर्षित करने के नए-नए तरीके आजमाए जा रहे हैं। सेल के विनिवेश से सरकार की झोली में तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये तक की राशि आ सकती है।
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने जुलाई, 2012 में ही सेल में सरकार की 10.82' हिस्सेदारी के विनिवेश की योजना को मंजूरी दे दी थी। यह विनिवेश ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) रूट के जरिए किया जाना है। मौजूदा समय में सेल में सरकार की हिस्सेदारी 85.82 फीसदी के स्तर पर है।
हालांकि, बाजार की खराब परिस्थितियों के चलते सेल के विनिवेश को अच्छा समय आने तक के लिए होल्ड पर रख लिया गया था। लेकिन, अब बाजारों में अच्छी रैली देखी जा रही है और सरकार अपने 30,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेल की शेयर सेल को जल्द ही अंजाम दे सकती है।भारत की स्टील उत्पादन क्षमता इस समय नौ करोड़ टन सालाना के करीब है। वर्ष 2020 तक इसके बढ़कर 20 करोड़ टन पर पहुंच जाने की संभावना है। इसके लिए 110 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।
चौधरी ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर इंडस्ट्री में हुई 1.2-1.4 फीसदी की ग्रोथ की तुलना में बीते साल के दौरान भारतीय स्टील इंडस्ट्री की ग्रोथ पांच फीसदी की रही है।सिंगापुर में चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में तीन दिनों तक निवेशकों को आकर्षित करने की कवायद की। इसी तरह के प्रतिनिधिमंडल हांगकांग, यूरोप व अमेरिका में भी भेजे जाने की योजना है।
निवेश के लिए सोनिया ने दिया व्यावहारिकता पर जोर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को आर्थिक सुधारों की जोरदार तरीके से वकालत करते हुए कहा कि देश के रोजगार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश को आकर्षित करने के मोर्चे पर 'व्यावहारिक' बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देशभर में भूमि, वन, पानी, जीवनस्तर, आदिवासी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कई आंदोलन चल रहे हैं। सोनिया ने पार्टीजनों का आह्वान किया कि वे इन मुद्दों पर आगे बढ़कर काम करें। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2004 से 'वास्तविक तौर पर कई क्रांतिकारी कार्यक्रम पेश किए हैं और पार्टी के घोषणापत्र के अनुरूप ऐतिहासिक कानून लागू कर रही है।
सोनिया ने कहा कि रोजगार न होने से व्यक्ति की आंकक्षाएं मरती हैं और इस स्थिति से निराशा, अपराध और हिंसा को बढ़ावा मिलता है।' उन्होंने कहा कि देश को दक्ष रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश को विशेषकर अर्ध शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल वाले रोजगार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सोनिया ने पार्टी के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कहा, 'इसके लिए हमें निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यावहारिक होने की जरूरत है और सिर्फ यही रास्ता है जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य हासिल हो सकता है।'
सोनिया का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर काफी हो हल्ला मच रहा है। अपने संबोधन में सोनिया ने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता साबित की है।
संप्रग की अध्यक्ष ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों पर जोर देते हुए कि पिछले एक दशक में आर्थिक वृद्धि दर प्रभावशाली रही है। उन्होंने कहा,'इसका गरीबी को खत्म करने में प्रमुख असर है, लेकिन असमानता तथा गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।' उन्होंने कहा कि यही वजह है कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को टिकाऊ बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि विकास के विस्तार के बावजूद देश में कई हिस्से अभी भी पिछड़े हैं और पार्टी को इन क्षेत्रों में सुधार में आगे रहना होगा।
सोनिया ने इस बात पर क्षोभ जताया कि कई राज्यों में पार्टी इसे राजनीतिक समर्थन में तब्दील नहीं कर पाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चिंतन शिविर में विचार-विमर्श तथा पुख्ता सुझाव उभरकर सामने आएंगे।
गुजरात: महंगे पीएनसी-सीएनजी से परेशान लोग
गुजरात में सभी लोग पीएनजी और सीएनजी के बढ़ते दाम से परेशान है। बढ़ोतरी ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले 1 साल में पीएनजी और सीएनजी की कीमतों में 25-50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। कंपनियों का कहना है की कीमत बढाना उनकी मजबूरी है।
अहमदाबाद के सुमित सोनी अपने माता पिता और भाइयो के साथ सुयंक्त्त परिवार में रहते है और उनके घर में एक छोटी सी कार भी है। पेट्रोल की बढती कीमतों से परेशान हो कर उन्होंने अपनी गाडी में 1.5 साल पहले सीएनजी किट लगवाया था। मगर अब शहर में सीएनजी भी सस्ती नहीं रही है। अभी कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद में सीएनजी पंप चलाने वाली अदानी गैस ने इसके दाम में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब सुमित अपनी कार बेचने की सोच रहे हैं।
गुजरात में अदानी के अलावा जीएसपीसी, साबरमती गैस और गुजरात गैस जैसी कंपनियां भी सीएनजी पंप चलाती हैं। इसमें से जीएसपीएल और अदानी ने 15 जनवरी को सीएनजी, पीएनजी और कमर्शियल गैस की कीमतों में 15-25 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
हालात ये है कि जो सीएनजी दिसंबर 2011 को 46.5 रुपये पर थी, वो आज 60 रुपये के पार चली गई है। इसी तरह पीएनजी की कीमत 24.25 रुपये से बढ़कर करीब-करीब 34 रुपये हो गई है। इस बेतहाशा बढ़ोतरी के चलते न ही केवल गाड़ी चलाने वाले बल्कि, घर में पाइप गैस से खाने बनाने वाली भी खासे परेशान हैं।
'GST से आर्थिक वृद्धि और राजस्व में होगा सुधार'
देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को शीघ्राति शीघ्र राजनीतिक सहमति की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि इसके लागू होने से मौजूदा आर्थिक सुस्ती दूर करने में मदद मिलेगी सरकारों के राजस्व में भी सुधार होगा।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) की नवनियुक्त अध्यक्ष नैना लाल किदवई का मानना है कि जीएसटी अच्छी तरह लागू हो जाए तो सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रति की वृद्धि हो सकती है।
फिक्की अध्यक्ष ने कहा,'सभी दलों को सहमति से बढचढ कर जीएसटी लागू कराना चाहिए। यह देशहित में है, इससे जनता पर कर बोझ नहीं बढ़ेगा बल्कि कर अपवंचना पर अंकुश लगेगा और राजस्व वसूली में सुधार होगा।'
किदवई ने कहा कि जीएसटी आने से सकल घरेलू उत्पाद में डेढ़ से लेकर दो प्रतिशत तक वृद्धि होगी और सभी को इसका फायदा होगा। उन्होंने जीएसटी लगने से जनता पर कर का बोझ बढेने की आशंका को खारिज किया और कहा कि इससे राजस्व वसूली में सुधार होगा तथा राजकोषीय संतुलन कायम करने के प्रयासों में मदद मिलेगी।
वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 5.3 प्रतिशत के दायरे में रखने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष के दौरान देश दुनिया में सुस्त गतिविधियों के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर छह प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। अप्रैल-मार्च 2011.12 में आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत थी।
किंगफिशर एयरलाइंस से बैंकों ने मांगे 1000 करोड़ रुपये
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों ने उससे तुरंत 800-1000 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। साथ ही एयरलाइन से ये भी पूछा गया है कि कंपनी में पूंजी कब तक डाली जाएगी। शुक्रवार को किंगफिशर एयरलाइंस की कर्ज देने वाले बैंकों के साथ बैठक थी जिसमें किंगफिशर को अपना रिवाइवल प्लान सौंपना था लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई।हालांकि बैठक में किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल और सीएफओ राजीव मौजूद थे और उन्होंने बैंकों पर पूंजी देने का काफी दबाव भी बनाया लेकिन बैंकों ने तुरंत कोई कर्ज देने से साफ इनकार कर दिया। बैठक में बैंकों ने एयरलाइन से आधा कर्ज चुकाने को कहा जिसमें कर्मचारियों की बकाया सैलरी, एयरपोर्ट्स और तेल कंपनियों का बकाया भी शामिल है।अब इस महीने के आखिर में किंगफिशर और बैंकों की एक और बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। किंगफिशर पर बैंकों का करीब 7500 करोड़ रुपये बकाया है।
गरीबी को समझना जरूरीः आरबीआई गवर्नर
पुणे।। मौद्रिक नीति की 29 जनवरी को आने वाली तिमाही समीक्षा से पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को एक प्रकार से खारिज कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने शनिवार को गरीबी तथा ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति की बात की, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना खत्म होने के नजरिए से देखा जा रहा है।
सुब्बाराव ने कहा कि समाज का निचला वर्ग अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च करता है। यह वर्ग ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति को लेकर अधिक चिंतित है। सुब्बाराव ने यहां सुरेश तेंदुलकर स्मृति व्याख्यान में कहा, 'हम गरीब तथा गरीबी के बारे में अपनी समझ में सुधार करना होगा।'
रिजर्व बैंक ने अप्रैल, 2012 से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने इस माह पेश होने वाली समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि सभी जिंसों विशेष रूप से फूड और कपड़ों के दाम बढ़ चुके हैं। महंगाई का समाज के सभी तबकों विशेष रूप से गरीबों पर अधिक असर दिखाई दे रहा है।
Saturday, January 19, 2013
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