Virendra Yadav shared Navbharat Times Online's photo.
"निसार मैं तेरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँ
चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले
जो कोई चाहनेवाला तवाफ़ को निकले
नज़र चुरा के चले, जिस्म-ओ-जाँ बचा के चले"
---फैज़
चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले
जो कोई चाहनेवाला तवाफ़ को निकले
नज़र चुरा के चले, जिस्म-ओ-जाँ बचा के चले"
---फैज़
लोकप्रिय गायक शुभा मुद्गल के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं था। एक शो के लिए अमेरिका गईं मुद्गल को एक एनआरआई ने इसलिए धमकाया क्योंकि...
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