शाह को तीन और वन सत्याग्रहियों के साथ 8 मई को महान जंगल को बचाने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था। इनमें से तीन सत्याग्रही 40 घंटे बाद ही रिहा हो गए लेकिन शाह को जमानत देने से इंकार कर दिया गया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ महान क्षेत्र के ग्रामीणों ने सिंगरौली क्षेत्र के दूसरे सामाजिक संगठनों के साथ 19 मई को जिला कलेक्टर के सामने शांतिपूर्ण धरना भी दिया था।
इससे पहले कल देर शाम बेचनलाल की रिहाई पचौर जेल से हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उन्हें लेने पहुंचे थे। आज स्वागत सभा में करीब 500 की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। इस सभा को संबोधित करते हुए बेचनलाल साह ने कहा कि, “भले जेल में डालकर कंपनी और प्रशासन के लोग हमें डराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हम जंगल बचाने की अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे। हमारी महान जंगल को बचाने की लड़ाई शांतिपूर्वक ढ़ंग से चलती रहेगी”।
इस अवसर पर चार वन सत्याग्रहियों अक्षय गुप्ता, विजयशंकर सिंह, बेचनलाल साह और विनित गुप्ता को ग्रामीणों ने सम्मानित किया। महान संघर्ष समिति के कार्यकर्ता विजय शंकर सिंह भी उन चार वन सत्याग्रहियों में शामिल थे जिन्हें पुलिस हिरासत में लिया गया था । उन्होंने कहा कि, “हमलोगों का अपराध बस इतना है कि हम अपनी आजीविका के साधन महान जंगल को बचाना चाहते हैं। चाहे हमें सैकड़ों बार जेल जाना पड़े लेकिन हम अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे। हमें जितना दबाया जाएगा हम और उत्साह से अपनी लड़ाई को तेजी से आगे बढ़ायेंगे”।
राज्य प्रशासन जाली ग्राम सभा के प्रस्ताव के बारे एमएसएस सदस्यों की लगातार शिकायतों पर अपने पैर खींच रहा है। इसी ग्राम सभा के आधार पर केन्द्रीय सरकार ने महान कोल ब्लॉक को दूसरे चरण की पर्यावरण मंजूरी दी है। हालांकि इसी महीने पुलिस ने आधी रात को नींद से जगाकर चार वन सत्याग्रहियों को गिरफ्तार करने में कोई देरी नहीं की। ग्रामीणों ने यह फैसला लिया कि आगे भी इस तरह की अनैतिक गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
इस अवसर पर ग्रीनपीस की सीनियर कैंपेनर प्रिया पिल्लई ने कहा कि, “हम पुलिस और जिला प्रशासन से फर्जी ग्राम सभा को लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवायी नहीं की गयी। अब हमलोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ताकि फर्जी ग्राम सभा में शामिल लोगों पर एफआईआर दर्ज हो सके”।
महान संघर्ष समिति ने कंपनी द्वारा पर्यावरण दिवस पर बच्चों के लिए आयोजित कार्यक्रम को औपचारिकता भर बताया और कहा कि कंपनी पर्यावरण के प्रति अपनी दिखावटी चिंता को बंद करे। अगर सच में कंपनी पर्यावरण को लेकर चिंतित है तो महान जंगल में खदान को रद्द करे तथा बिजली की आपूर्ती के लिए अक्षय ऊर्जा के दूसरे स्रोतों को अपनाए।
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