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Wednesday, January 14, 2015

संविधान की पांचवी अनुसूचि के अनुसार देश के सभी आदिवासियों को संवैधानिक मान्यता की मांग

संविधान की पांचवी अनुसूचि के अनुसार देश के सभी आदिवासियों को संवैधानिक मान्यता की मांग
(संविधान के अनुसार आदिवासी मान्यता, आदिवासी इतिहास, भाषा, संस्कृति को पूर्ण सरकारी मान्यता)
एवं आदिवासी समाज को 
शिक्षा, संवैधानिक अधिकार एवं संस्कृति के लिए जागरुकता एवं एकजुट करने के लिए 
जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस)
द्वारा 'बस एक उम्मीद के लिए' सेमिनार
22 फरवरी 2014, 
कार्यक्रम स्थल : इस्पात क्लब, सेक्टर - 5, भिलाई, जिला- दुर्ग (छत्तीसगढ़)
अपने अधिकार मांगिए, देशभर से आदिवासी रैली में शामिल होकर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कीजिए
संपर्क - आशीष कुमार नेताम : 9074744002, अशोक सिदार : 9691563191
@अधिकार मांगोगे तो अधिकार मिलेगा@
निवेदक : दलित आदिवासी दुनिया
देश का प्रथम एवं एकमात्र राष्ट्रीय आदिवासी अखबार
https://www.facebook.com/DalitAdivasiDunia

संविधान की पांचवी अनुसूचि के अनुसार देश के सभी आदिवासियों को संवैधानिक मान्यता की मांग  (संविधान के अनुसार आदिवासी मान्यता, आदिवासी इतिहास, भाषा, संस्कृति को पूर्ण सरकारी मान्यता)  एवं आदिवासी समाज को   शिक्षा, संवैधानिक अधिकार एवं संस्कृति के लिए जागरुकता एवं एकजुट करने के लिए   जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस)  द्वारा 'बस एक उम्मीद के लिए' सेमिनार  22 फरवरी 2014,   कार्यक्रम स्थल : इस्पात क्लब, सेक्टर - 5, भिलाई, जिला- दुर्ग (छत्तीसगढ़)  अपने अधिकार मांगिए, देशभर से आदिवासी रैली में शामिल होकर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कीजिए  संपर्क - आशीष कुमार नेताम : 9074744002, अशोक सिदार : 9691563191  @अधिकार मांगोगे तो अधिकार मिलेगा@  निवेदक : दलित आदिवासी दुनिया  देश का प्रथम एवं एकमात्र राष्ट्रीय आदिवासी अखबार  https://www.facebook.com/DalitAdivasiDunia

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