Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Monday, March 31, 2014

ये एक महीना जी गया तो जी जाउंगा : वीरेन डंगवाल

[LARGE][LINK=/article-comment/18724-2014-03-31-07-40-17.html]ये एक महीना जी गया तो जी जाउंगा : वीरेन डंगवाल[/LINK] [/LARGE]

[*] [LINK=/article-comment/18724-2014-03-31-07-40-17.html?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/gk_twn2/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK] [/*]
[*] [LINK=/component/mailto/?tmpl=component&template=gk_twn2&link=bc5b85944ff162819599a7393b80ecac4b95320b][IMG]/templates/gk_twn2/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK] [/*]
Details Category: [LINK=/article-comment.html]सुख-दुख...[/LINK] Created on Monday, 31 March 2014 13:10 Written by राहुल पांडेय
Rising Rahul : वीरेन दा, आपसे तो मुझे न जाने कि‍तने सालों पहले मि‍लना था, पर मैं खुद में बंद आदमी खुद से कभी इतना बाहर ही न आ पाया कि उस यायावरी से जुड़ सकूं, जि‍सने ताजिंदगी आपको बखूबी बरता। अभी भी मुझे खुद से बाहर आने में काफी दि‍क्‍कत है, पर दुख ये है कि अब आपके पास समय कम है...

अभी तक दि‍माग में आपके वो शब्‍द गूंज रहे हैं और शरीर का हर रोंया खड़ा हो जा रहा है कि 'ये एक महीना जी गया तो जी जाउंगा।'


आगे आपने न जोड़ा, न कहा, पर हमने समझ लि‍या और आपकी अनकही हम कभी स्‍वीकार भी न करेंगे वीरेन दा, बता दे रहे हैं अभी से। और हां, Yashwant को बोलने दीजि‍ए एलि‍यन एलि‍यन... मुझे आप बहुत खूबसूरत लगे... ठीक उतने, जि‍तने कि आप हैं।

[B]पत्रकार राहुल पांडेय के फेसबुक वॉल से.[/B]

[HR]

संबंधित पोस्ट...

[LARGE] [LINK=http://bhadas4media.com/article-comment/18673-2014-03-28-09-53-41.html]वीरेन डंगवाल का नया पता- इंदिरापुरम, गाजियाबाद (दो नई कविताएं और डायरी के कुछ अधूरे पन्ने)[/LINK][/LARGE]

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors