Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Monday, August 31, 2015

प्याज अब मुहावरा बदलणु च

         प्याज अब मुहावरा बदलणु च 

 -                   



                        चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती    

-

  जी हाँ पिछ्ला पंदरा सालुं से जब बिटेन प्याज हर रोक मैंगो हूंद तब से भारतीय समाज मा मुहावरा बि बदलेण मिसे गेन।  सभी भारीतय भाषाओं खासकर गढ़वळि भाषा कुण या शुभ सूचना च।  इन ना सै उन ऐ ही सही कुछ तो विकास हूणु च। 

अब क्वी बि नि बुल्दु कि फलणी राजनीतिक पार्टि का आँखूं मा खून का आंसू ऐन।  अब बुले जांद कॉंग्रेस या भाजपा का आंख्युं मा प्याज का आंसू आणा छन।  

प्याज सभ्यता , संस्कृति अर चुनावौ  आधार स्तम्भ च अर  प्याज चुनाव जितांद बि च अर हरांद बि च। 

मेहमान तै प्याज इलै खलाये जांद किलैकि भित्र प्याज इ बच्युं छौं। 

 सौकार -अमीर आदिम बरात्यूं स्वागत प्याजै माळा से करदो। 

प्याज वी दान करदो जैमा भौत कुछ ह्वावो या हौर कुछ नि हो। 

  

प्याज की सच्चे हृदय से स्तुति करिल तो अवश्य ही प्याज प्राप्ति होली। 

जू प्याज की प्रशंसा  नि कर सकदन वू कैकि बि प्रशंसा नि कर सकदन 

हे अर्जुन ! तू प्याज से मुख मोड़ ! अवश्य ही तू कौरव सेना तै जीत लेली 

तू एक प्याज देगा तो वो दस प्याज देगा 

प्याज पाणै  भावना सबसे बलवती भावना च या भावना हौर भावनाओं तै धराशायी कर दींदी 

यद्यपि मि गरीब छौं , निर्धन छौं , उपेक्षित छौं फिर बि भगवान का भोग मि प्याज से लगांदु 

अनेक गुण एक अभाव , प्याज का अभाव तै पूर्ति करणो काफी नि हूंदन 

अधिक प्याज की इच्छा ना करो कम प्याज पाने की इच्छा कारो।  यां से मन शांत रौंद 

हमम जथगा ज्यादा प्याज आंद तथगा इ रिस्तेदार दगड्या दूर ह्वे जांदन 

सब प्याज दगड्या छन।  जैदिन तीम प्याज नि रालो सब त्यार दगुड़ छोड़ि द्याला 

प्याज की कीमत स्थिर रखण तो भारत की जनसंख्या कम करण जरूरी च 

जु गरीबुं तै प्याज दींदु वु परमपिता तै बि ऋणी बणै दींदु 

राजनीति प्याज जन च।  एक छिलका /छुक्यल उतारो हैंक छुक्यलु भितर रौंद 

असली मित्र वी च जु बारबगत पर मित्र तै प्याज दे द्यावो 

यदि तुम लोगुं से लाभ उठाण चांदवां तो लोगुं तै प्याज द्यावो  

असली दार्शनिक प्याज प्रेमी हूंदन 

लेखनी प्याज से अधिक ताकतवर हूंदी 

प्याजौ कीमत अर नेताओं का आश्वासन का कुछ बि भरवस नि हूंद 

प्याज प्रदर्शन साहूकारी का अनुचित दिखावा  च। 


भाग्य मजाक नि करदो , बिना कारण आप तै प्याज नि मिल्दो। 

प्याज स्टॉक मार्किट तै बि प्रभावित कर सकुद। 

                             एक आधुनिक प्रार्थना का कुछ अंग -

हे भगवान ! 

मि तै तिनि टैम प्याज खाणो दे 

मि तै दान दीणो वास्ता प्याज दे 

मि मेहमानदारी मा जौं तो उख चर्री टैम  भरपूर प्याज मिल्दु रै  

होटलुं मा प्याज मुफ्त मा मिल्दो रै 

मि तै इन घरवळि दे जो प्याज नि खावो 

 





1 /9  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India 
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors