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महाराष्ट्र और कर्नाटक से चलकर लेखकों-कलाकारों पर दमन की आंच इतनी जल्दी हमारे बीच पहुंचेगी, शायद किसी ने नहीं सोचा होगा। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इत्यादि की गोद में बैठकर हैप्पी बड्डे मनाते हुए प्रो. कलबुर्गी की हत्या का विरोध करने वालों के लिए एक अहम सूचना।
उत्तर प्रदेश की पुलिस ने हाशिमपुरा हत्याकांड में बरी किए गए आरोपियों के खिलाफ़ लखनऊ में 27 अप्रैल को धरना देने वाले 16 लोगों पर मुकदमा कायम किया है। आरोप है बिना अनुमति के प्रदर्शन करने, दंगा भड़काने की कोशिश करने और शांति भंग करने का। इन पर IPC की धाराएं 147, 143, 186, 188, 341 और 187 लगायी गयी हैं। एफआइआर में शामिल नाम देखिए, हमारे ही बीच के लोग हैं:
कवि अजय सिंह, कौशल किशोर, सत्यम वर्मा, शाहनवाज़ आलम, राजीव यादव, मोहम्मद शोएब, कलाकार धर्मेंद्र कुमार, प्रोफेसर रमेश दीक्षित, शकील कुरैशी, एडवोकेट शमी, श्री रामकृष्ण, इमरान सिद्दीकी, फ़हीम, अहमद और रईस। यह एफआइआर 27 अप्रैल को अमीनाबाद थाने में दर्ज कर ली गयी थी लेकिन इसकी सूचना सिर्फ दो दिन पहले रिहाई मंच को दी गयी है।
मित्रों, राज्य के चरित्र को समझें। इस घटना का तत्काल विरोध करें। कोई लेखक-कलाकार अपने तरीके से विरोध करे तो उसमें पेंच न करें। और कोई चारा हो तो बताएं।
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