ये जो प्रबुद्ध लोग पुस्तक मेले के लेखक मंच पर बैठे दिख रहे हैं, ये मीडिया की विश्वसनीयता पर बहस कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के प्रायोजक हैं विंध्य न्यूज़ नेटवर्क, कैमूर टाइम्स, गुरुवार... जो भी नाम दें। सब सोनभद्र में अवैध खनन के प्रोडक्ट हैं। इनके मंच पर संघ के इकलौते लेखक प्रात: स्मरणीय नरेंद्र कोहली से लेकर तमाम पंथ के लोग बीते एक हफ्ते में आ चुके हैं।
मैंने शाम को जब सबको एक साथ देखा, तो एन.के. सिंह, प्रशांत टंडन और उर्मिलेशजी को एसएमएस कर के बताया कि आप ऐसे मंच पर बैठक कर विश्वसनीयता पर बात कर रहे हैं जिसकी विश्वसनीयता खुद संदिग्ध है। अकेले प्रशांतजी का सहमति भरा जवाब आया, और किसी का नहीं। लोकतंत्र और विमर्श के नाम पर भ्रष्ट दक्षिणपंथी मंचों पर जब कोई ईमानदार और विश्वसनीय आदमी जाता है, तो उस गलत मंच की विश्वसनीयता अपने आप बढ़ जाती है। भक्तगण लंबे समय से यह कारनामा कर रहे हैं और हमारे बीच ठीकठाक लोग इसका जाने-अनजाने में शिकार हो जा रहे हैं।
आप खुद ही बताइए, हेमन्त तिवारी के साथ उम्रिलेशजी, प्रशांतजी या एन.के. सिंह ही बैठे हुए कैसे लग रहे हैं? ये लोग अरुणा राय पर शारीरिक हमला कर रहे हैं, हम लोग इनके साथ बांह रगड़ रहे हैं। भ्रष्ट संघी मंचों का बहिष्कार अब नहीं तो कब?
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