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Tuesday, May 20, 2014

Documentary on Industrial accidents - Maut aur Mayusi ke karkhane

 Documentary on Industrial accidents - Maut aur Mayusi ke karkhane
From: Arvindtrust  Sun, 30 Mar '14 1:51p
To: arvindmemorialtrust@lists.riseup.net
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अरविन्‍द स्‍मृति न्‍यास के ह्यूमन लैण्‍डस्‍कैप प्रोडक्‍शन द्वारा औद्योगिक दूर्घटनाओं पर एक वृत्‍तचित्र 
मौत और मायूसी के कारख़ाने
Factories of Death and Despair 

दूर बैठकर यह अन्दाज़ा लगाना भी कठिन है कि राजधानी के चमचमाते इलाक़ों के अगल-बगल ऐसे औद्योगिक क्षेत्र मौजूद हैं जहाँ मज़दूर आज भी सौ साल पहले जैसे हालात में काम कर रहे हैं। लाखों-लाख मज़दूर बस दो वक़्त की रोटी के लिए रोज़ मौत के साये में काम करते हैं।... कागज़ों पर मज़दूरों के लिए 250 से ज्यादा क़ानून बने हुए हैं लेकिन काम के घण्टेन्यूनतम मज़दूरीपीएफ़ईएसआई कार्डसुरक्षा इन्तज़ाम जैसी चीज़ें यहाँ किसी भद्दे मज़ाक से कम नहीं... आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं और मज़दूरों की मौतों की ख़बर या तो मज़दूर की मौत के साथ ही मर जाती है या फ़ि‍र इन कारख़ाना इलाक़ों की अदृश्य दीवारों में क़ैद होकर रह जाती है। दुर्घटनाएँ होती रहती हैंलोग मरते रहते हैंमगर ख़ामोशी के एक सर्द पर्दे के पीछे सबकुछ यूँ ही चलता रहता हैबदस्तूर...

फ़ैज़ के लफ़्ज़ों में:

कहीं नहीं हैकहीं भी नहीं लहू का सुराग़

न दस्त-ओ-नाख़ून-ए-क़ातिल न आस्तीं पे निशाँ

न सुर्ख़ी-ए-लब-ए-ख़ंज़रन रंग-ए-नोक-ए-सनाँ

न ख़ाक पे कोई धब्बा न बाम पे कोई दाग़

कहीं नहीं हैकहीं भी नहीं लहू का सुराग़ ...

यह डॉक्युमेण्ट्री फ़ि‍ल्म तरक़्क़ी की चकाचौंध के पीछे की अँधेरी दुनिया में दाखिल होकर स्वर्गलोक के तलघर के बाशिन्दों की ज़िन्दगी से रूबरू कराती हैतीखे सवाल उठाती है और उनके जवाब तलाशती है।

डॉक्युमेण्ट्री को YouTube  पर देखें - https://www.youtube.com/watch?v=iaZhQvg9YIA

निर्देशकः चारुचन्द्र पाठक
ह्यूमन लैण्‍डस्‍कैप प्रोडक्‍शंस (अरविन्‍द स्‍मृति न्‍यास)
डीवीडी प्राप्‍त करने के लिए सम्‍पर्क करें - info@arvindtrust.orgarvind.trust@gmail.com
फोन न. - 9910462009

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