क्या सीआईए के एजंट हैं प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव?
By 31/05/2014 22:04:00
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र
प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ताकतवर पद पर पहुंचे नृपेन्द्र मिश्र क्या सीआईए के एजंट हैं? लखनऊ की एक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र के सीआईए एजेंट होने सम्बंधित आरोपों को व्यक्तिगत स्तर पर देखने का अनुरोध किया है.
सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने लखनऊ स्थित समाचारपत्र निष्पक्ष प्रतिदिन के हवाले से कहा है कि उस अखबार में विस्तार से बताया है कि किस प्रकार वर्ष 1992 में कल्याण सिंह के तत्कालीन प्रमुख सचिव श्री मिश्र ने अमेरिकी दूतावास में राजनीतिक मामलों की सलाहकार रोबिन राफेल के साथ कई अनधिकृत गैर-सरकारी यात्राएं की थीं. खबर के अनुसार श्री मिश्र सुश्री राफेल के साथ व्यक्तिगत खरीदारी के लिए 16 जनवरी 1992 को यूएस दूतावास के कार संख्या डीसी 77 से नयी दिल्ली से खुर्जा गए थे.
पुनः 07 और 09 अप्रैल को श्री मिश्र कथित रूप से एक अन्य अमेरिकी राजनयिक डॉन मोजेजो के साथ अयोध्या के विवादित स्थल पर गैर-सरकारी यात्रा पर गए और 10 से 12 अप्रैल के बीच वे सुश्री राफेल के साथ कालीन विक्रेता नन्हे खान की मर्सिडीज़ कार पर वाराणसी और भदोही की निजी यात्रा पर गए जहां वे दोनों वाराणसी सर्किट हाउस के सूत नंबर एस1 और भदोही में श्री खान के गेस्ट हाउस में ठहरे.
यह कहा गया है कि इसके बारे में गृह मंत्रालय द्वारा आईबी और सीबीआई की सहायता से जांच भी शुरू हुई थी जिसमे तत्कालीन सीबीआई निदेशक एस के दत्ता स्वयं लखनऊ आये थे, जिसमें यह बात प्रकाश में आई थी कि श्री मिश्र के अबुल फजल मार्ग के बंगाली मार्किट कॉलोनी स्थित मकान में अमेरिकी दूतावास के लोग नियमित रूप से आते रहते थे. कहा गया है कि बाद में श्री मिश्र से अपने प्रभाव से जांच बंद करा दी थी.
पुनः 07 और 09 अप्रैल को श्री मिश्र कथित रूप से एक अन्य अमेरिकी राजनयिक डॉन मोजेजो के साथ अयोध्या के विवादित स्थल पर गैर-सरकारी यात्रा पर गए और 10 से 12 अप्रैल के बीच वे सुश्री राफेल के साथ कालीन विक्रेता नन्हे खान की मर्सिडीज़ कार पर वाराणसी और भदोही की निजी यात्रा पर गए जहां वे दोनों वाराणसी सर्किट हाउस के सूत नंबर एस1 और भदोही में श्री खान के गेस्ट हाउस में ठहरे.
यह कहा गया है कि इसके बारे में गृह मंत्रालय द्वारा आईबी और सीबीआई की सहायता से जांच भी शुरू हुई थी जिसमे तत्कालीन सीबीआई निदेशक एस के दत्ता स्वयं लखनऊ आये थे, जिसमें यह बात प्रकाश में आई थी कि श्री मिश्र के अबुल फजल मार्ग के बंगाली मार्किट कॉलोनी स्थित मकान में अमेरिकी दूतावास के लोग नियमित रूप से आते रहते थे. कहा गया है कि बाद में श्री मिश्र से अपने प्रभाव से जांच बंद करा दी थी.
चूँकि सुश्री राफेल ने अपना कैरियर सीआईए के वित्त विश्लेषक के रूप में शुरू की थी और एक आईएएस अफसर के सुश्री राफेल जैसे विदेशी राजनयिक से कोई भी अनौपचारिक मेलमिलाप, निजी यात्राएं आदि उनकी सेवा नियमावली में पूर्णतया प्रतिबंधित हैं, अतः डॉ ठाकुर ने श्री मोदी को इन सभी तथ्यों को अपने स्तर पर सत्यापित करने और आवश्यकता पड़ने पर इसकी जांच करा कर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है.
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