नई नक्सल विरोधी रणनीति तैयार कर रही है सरकार
Saturday, 07 June 2014 11:50 |
नई दिल्ली। सरकार नक्सल समस्या से निपटने के लिए एक नयी रणनीति तैयार कर रही है। इसके तहत माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में काम करने वाले नौकरशाहों और सुरक्षाकर्मियों को अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद विशेष आर्थिक लाभ, आउट ऑफ टर्न प्रमोशन और पसंद की पोस्टिंग आदि दिये जा सकते हैं।
देश में नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों को ‘सबसे खतरनाक इलाके’ मानते हुए सरकार इन इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों का ‘हार्डशिप भत्ता’ बढाएगी । ये भत्ता जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में कार्य करने के दौरान मिलने वाले भत्ते से अधिक होगा।
फिलहाल जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में कार्य करने वाले अर्धसैनिक बल के एक कांस्टेबल को इस समय सामान्य वेतन और भत्तों के अलावा लगभग 8000 रूपये मासिक अतिरिक्त मिलते हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि माओवादी हिंसा की समस्या को रोकने के लिए उठाये जा रहे कदमों की समीक्षा के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलायी गयी बैठक के दौरान इस बारे में चर्चा की गयी। इन प्रोत्साहनों का मकसद प्रतिभाशाली आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने के लिए तैयार करना है।
एक अन्य कदम के तहत नयी सरकार ने गृह मंत्रालय में अपने नक्सल प्रबंधन संभाग का नाम बदलकर वामपंथी उग्रवाद संभाग करने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि नक्सल बेहद सीमित शब्द है इसलिए नयी सरकार इसे काफी बड़ा नाम देना चाहती है।
|
No comments:
Post a Comment