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Sunday, June 17, 2012

राष्ट्रपति चुनाव पर राजग की बैठक बेनतीजा

राष्ट्रपति चुनाव पर राजग की बैठक बेनतीजा

Sunday, 17 June 2012 14:28

नयी दिल्ली, 17 जून (एजेंसी) राष्ट्रपति पद के संप्रग के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के विरूद्ध प्रत्याशी उतारने या नहीं उतारने को लेकर राजग में मतभेद कायम है। इस बारे आज विपक्ष के इस गठबंधन की बैठक में किसी निर्णय पर नहीं पंहुचा जा सका। प्रमुख घटक दल शिव सेना के बिना राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस गठबंधन के संयोजक और शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा, '' आज की बैठक में यह राय बनी कि इस मामले में कोई सही फैसला करने के लिए अभी और विचार करने और राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विचार विमर्श करने की जरूरत है।''
उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद राजग की फिर से बैठक करके अंतिम निर्णय किया जाएगा।
दो घंटे से अधिक तक चली इस बैठक के बाद यादव ने कहा कि यह राय भी बनी है कि राजग के बाहर के दलों से भी राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर चर्चा की जाए।
राजग संयोजक ने कहा, ''राष्ट्रपति चुनाव के सवाल पर जरूरी है कि व्यापक विचार विमर्श किया जाए। और इसके लिए लालकृष्ण आडवाणी को जिम्मदारी दी गई है कि वे सबसे बात करें।''
बताया जा रहा है कि राजग के प्रमुख घटक दल जदयू की राय है कि मुखर्जी के कद को देखते हुए उनके विरूद्ध उम्मीदवार उतारने की बजाए उनका समर्थन किया जाना चाहिए।

एक अन्य घटक दल शिवसेना ने आज बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला करके भाजपा नीत राजग की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना मुखर्जी विरूद्ध उम्मीदवार उतारे जाने के पक्ष में नहीं है, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, '' सेना प्रमुख बाल ठाकरे इस मुद्दे पर कोई निर्णय करेंगे। ''
शिवसेना ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत का समर्थन करने की बजाय मराठी होने के नाम पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था।
यह पूछे जाने पर कि उप राष्ट्रपति के चुनाव के बारे में क्या फैसला किया गया, यादव ने कहा कि इस पद को लेकर किसी तरह की चर्चा हुई ही नहीं।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शुक्रवार को हुई राजग की बैठक मेें भी कोई आम राय नहीं बन पाई थी।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस पक्ष में है कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत विपक्षी गठबंधन को राष्ट्रपति पद के संप्रग के उम्मीदवार को बिना चुनौती के नहीं छोड़ देना चाहिए ,भले ही राजग उम्मीदवार की जीतने की संभावना नहीं हो। लेकिन जदयू इस राय से सहमत नजर आ रही है।

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