Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Monday, June 25, 2012

अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के उपाय, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निवेश सीमा बढ़ी

अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के उपाय, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निवेश सीमा बढ़ी

Monday, 25 June 2012 16:20

मुंबई-नयी दिल्ली, 25 जून (एजेंसी) रुपये में गिरावट पर अंकुश के लिए आरबीआई ने आज सरकारी बांडों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निवेश सीमा को बढ़ाकर 20 अरब डालर कर दिया। इसके साथ ही भारतीय कंपनियों को विदेशों से 10 अरब डालर तक कर रिण ले सकेंगे और इसके एवज में कंपनियां रुपये में रिण का पुनर्वित्तीयकरण भी कर सकेंगी। 
रिजर्व बैंक की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ''दीर्घावधि के निवेशकों मसलन सावरेन वेल्थ फंड :एसडब्ल्यूएफ:, बहुपक्षीय एजेंसियों, एंडॉवमेंट फंड, बीमा कोष, पेंशन कोष और विदेशी केंद्रीय बैंकों को सरकारी रिण में 20 अरब डालर तक के निवेश की अनुमति होगी।''
रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये फैसले सरकार के साथ सलाह के बाद लिए गए हैं। इससे सरकारी प्रतिभूतियों :जी-सेक: में विदेशी निवेशकों का आधार बढ़ सकेगा। 

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि विनिर्माण तथा ढांचागत क्षेत्र की ऐसी कंपनियां जिन्हें विदेशी मुद्रा आमदनी होती है, वे रुपये के बकाया कर्ज के भुगतान या फिर मंजूरी मार्ग से ताजा पूंजीगत खर्च के लिए 10 अरब डालर तक की बाह्य वाणिज्यिक उधारी :ईसीबी: जुटा सकेंगी। 
इसमें कहा गया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए जी-सेक में निवेश की सीमा को 5 अरब डालर बढ़ाया गया है। इससे जी-सेक में एफआईआई की निवेश सीमा 15 से बढ़कर 20 अरब डालर हो जाएगी। ''10 अरब डालर की उप सीमा की बची हुई परिपक्वता अवधि तीन साल की होगी।''

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors