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Sunday, August 23, 2015

अरे यहीं कहीं होगा। ढूँढो उसे। कहाँ जा सकता है वह हम सब को छोड़ कर ? उसने तो कहा ही था, ‘‘उधिन हम न्हिं हू लेकिन, हम लै उधीन हूँलो।’’ तो कहाँ आये जैंता के अच्छे दिन ? और जब तक जैंता कराहती रहेगी, गिरदा हमारे आसपास बना रहेगा। इसीलिये तो आज नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी, रुद्रपुर, दिनेशपुर, अगस्त्यमुनि और न जाने कहाँ-कहाँ उसकी उपस्थिति देखी जा रही है।

Rajiv Lochan Sah shared Narendra Singh Negi's video.

अरे यहीं कहीं होगा। ढूँढो उसे। कहाँ जा सकता है वह हम सब को छोड़ कर ? उसने तो कहा ही था, ''उधिन हम न्हिं हू लेकिन, हम लै उधीन हूँलो।'' तो कहाँ आये जैंता के अच्छे दिन ? और जब तक जैंता कराहती रहेगी, गिरदा हमारे आसपास बना रहेगा।
इसीलिये तो आज नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी, रुद्रपुर, दिनेशपुर, अगस्त्यमुनि और न जाने कहाँ-कहाँ उसकी उपस्थिति देखी जा रही है।

ीब, न कोई मुस्लिम था , न हिन्दू न सिख न ईसाई, न कोई बच्चा था न कोई बूढ़ा न आदमी और औरत का कोई भेद था ..... किसी ने सही कहा था दुनिया से जब भी जाओ तो कुछ इस तरह की तुम हसो जग रोये.....
उत्तराखंड का गौरव थे गिर्दा , उत्तराखंड के लोगों की आवाज थे, वो थे जो क्रांति की उम्मीद थी परिवर्तन की उम्मीद उत्तराखंड के अच्छे दिनों की उम्मीद थी.....
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