क्या हम डाइनासोर की तरह विलुप्त हो जाएंगे?
पलाश विश्वास
डायनासोर 23 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर आए और साढ़े छह लाख साल पहले विलुप्त भी हो गए। मनुष्यों का इतिहास शुरू होने से पहले।बहुत पहले।मनुष्य का इतिहास सिर्फ 50 लाख साल पुराना है।
छनछन और उत्कर्ष से चर्चा हो रही थी।आजकल ये बच्चे सवाल बहुत करने लगे हैं। हमें बचपन में इतनी जानकारी होतो नहीं थी। न ही हमारे सवालों का जवाब देनेवाला कोई होता था।
दोनों ने एकसाथ पूछ लिया की डायनासोर क्यों विलुप्त हो गया?
छनछन दूसरी कक्षा में आई है तो उत्कर्ष सातवीं में। उनके साथ श्रेया अभी पहली में है।तीनो को एकसाथ जवाब देना होता है।
देवेन दा की तरह न मुझे विज्ञान आता है और न विज्ञान कथा सुनाना आता है। आज उत्कर्ष ने पूछा कि मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा कैसे काम करता है। बिना पढ़े ऐसे कठिन सवालों का सही जवाब देना मुज़हक़ील होता है।
हमने सामान्य ज्ञान पर भरोसा किया।
हमने उल्टे उनसे पूछा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान अगर 55 से 60 डिग्री सेल्सियस हो गया तो क्या होगा?
पूछा कि तापमान बढ़ने से समुद्र का जलस्तर बढ़ता चला गया तो क्या होगा?
तापमान और बदलते जलवायु के कारण ग्लेशियर सुख गए तो क्या होगा?
मनुष्य को हवा,पानी और भोजन नहीं मिले तो क्या होगा?
प्रदूषण से ओज़ोन की परत खत्म हो गयी तो क्या होगा?
बच्चों ने जवाब दिया,डायनासोर की तरह मनुष्य भी विलुप्त हो जाएगा।
हमने कहा कि प्रकृति में इस तरह के बदलाव से ही डायनासोर विलुप्त हो गए हैं।
वैज्ञानिक शोध और खोज के बारे में आप लोग खुद पढ़ लेना।
तीनो बच्चे उदास हो गए।
पृथ्वी नहीं बचेगी तो हम कैसे बचेंगे?
बचचो को जो बात इतनी आसानी से समझ में आती है,बड़ो को क्यों नहीं आती?
इसकी वजह कोई वैज्ञानिक खोज से मालूम करना होगा क्या?
बच्चे जैसे सोच सकते हैं क्या हम उस तरह भी सूचने के काबिल नही रह गए?
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