कौन नहीं हैं हमारे शिक्षक?
पलाश विश्वास
शिक्षक दिवस पर समस्त शिक्षकों को प्रणाम।प्राइमरी स्कूल हरिदासपुर के पीताम्बर पन्त, हाई स्कूल दिनेशपुर के पीएम बुधलाकोटी, सुरेशचंद्र शर्मा,महेश चंद्र वर्मा,केएल साह, शक्तिफार्म हाइस्कूल के हैदर अली, प्रसादजी,जीआईसी के जगदीश चन्द्र पन्त,ताराचन्द्र त्रिपाठी,रमेशचन्द्र सती और हरीश सती ने बचपन से मेरी दिशा तय कर दी थी। फिट डीएसबी कालेज के सभी विभागों के प्राध्यापक हमारे दिग्दर्शक रहे।
जीवन में गिर्दा,राजीव लोचन साह, पवन राकेश,शमशेसर बिष्ट,सुंदरलाल बहुगुणा,ब्रह्मदेव सिंह शर्मा,कामरेड एके राय, विनोद बिहारी महतो,शेखर जोशी, शेखर पाठक,महाश्वेता देवी, आनन्द तेलतुंबड़े, नबारून भट्टाचार्य जैसे हमारे असंख्य सजोक्षक हैं।
हमारे पुरखे और उनके इतिहास से भी हमें शिक्षा मिलती है।गौतम बुद्ध,बाबासाहेब अम्बेडकर,बिरसा मुंडा,रामदयाल मुंडा,तांत्या भील, सिधो कान्हो,महात्मा ज्योतिबा फुले,सावित्री बाई फुले, हरिचांद गुरुचाँद ठाकुर,कार्ल मार्क्स, सुकरात,अरस्तू,प्लेटो, आइंस्टीन,स्टीफन हॉकिंग, हाब्स लॉक रूसो,लेनिन,शेक्सपीयर, टैगोर,मदर टेरेसा जैसे पुरखे हर देश के हर मनुष्य के शिक्षक हैं।
हमारे सबसे बड़े शिक्षक बच्चे हैं।जिनसे सवाल करने और सवाल के जवाब खोजने के अलग अलग यरीक़े रोज़ सीखता हूँ।
उनसे बड़े शिक्षक आम मेहनतकश लोग हैं,जिनसे जीवन जीने के तरीके और जीवन संघर्ष,जिजीविषा की ऊर्जा मिलती है।
प्रकृति,मौसम और जलवायु से भी सीखता हूँ।
शिक्षक दिवस पट इन सभी को प्रणाम।
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