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Saturday, June 29, 2013

नेता बस श्रेय लेने की होड़ में, रामबाड़ा में 2000 लाशें

Status Update
By Jaspal Singh Negi
नेता बस श्रेय लेने की होड़ में, रामबाड़ा में 2000 लाशें

Posted: 28 Jun 2013 10:40 AM PDT

उत्त राखंड में कुदरत की तबाही के बाद जहां सेना के जवान जान जोखिम में डाल कर राहत के काम में जुटे हैं, वहीं नेता बस श्रेय लेने की होड़ में जुटे हैं।

उत्तजराखंड में आई आपदा को 11 दिन बीत गए हैं। अब भी करीब 2500 लोग बद्रीनाथ में फंसे हुए हैं। एक तरफ केदार घाटी में शवों की डीएनए सैंपलिंग के साथ ही उनका अंति‍म संस्काीर शुरू हो चुका है तो दूसरी तरफ रामबाड़ा से केदार घाटी के रास्तेस में दो हजार लाशें अभी भी बेतरतीब पड़ी हुई हैं। इतनी भारी मात्रा में लाशें देखकर बेस पर लौटी आईटीबीपी और उत्ताराखंड पुलि‍स की टीम के जेहन से अभी भी वह भयानक मंजर हट ही नहीं रहा है। टीम के मुताबि‍क रामबाड़ा से केदारघाटी की ओर हर कदम पर एक लाश पड़ी है। रामबाड़ा में टूटे होटलों और धर्मशालाओं के प्रत्येक कमरे में चार-पांच शव पड़े हैं।

मौसम साफ होने के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी आ गई है। शुक्रवार को 17 हेलिकॉप्टेरों ने उड़ान भरी है और पहाड़ों पर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थागन पर लाया जा रहा है। इस बीच, हर्षिल हेलिपैड पर पवनहंस के एक हेलिकॉप्टोर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है हालांकि कोई हताहत नहीं है। आईटीबीपी के पीआरओ दीपक पांडेय ने बताया कि केदारनाथ घाटी में ऑपरेशन पूरा हो गया है। अब वहां स्थाआनीय लोगों को राहत एवं मदद पहुंचाने का काम चल रहा है। ब्रदीनाथ में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने का काम चल रहा है।

सूबे में आई त्रासदी दि‍नों-दि‍न वीभत्सऑ होती जा रही है। उत्तार प्रदेश की वि‍भि‍न्न नदि‍यों से गुरुवार को दस लाशें और बरामद हुई हैं। छह लाशें इलाहाबाद में गंगा से, दो लाशें मुजफ्फरनगर और हापुड़ से बरामद हुई हैं। इसके साथ ही उत्तार प्रदेश से बरामद होने वाली लाशों की संख्या 26 हो गई हैं। उत्त।राखंड के कुमायूं अंचल में गुरुवार को भूकंप के हलके झटके महसूस कि‍ए गए। पि‍थौरागढ़ के धारचूला में 4.2 की क्षमता का भूकंप आया। भूकंप से कि‍सी की तरह की जान माल की हानि होने की सूचना अभी नहीं है। उधर, गढ़वाल के आपदाग्रस्तप इलाकों में जैसे-जैसे मलबे की खुदाई हो रही है, लाशों के ढेर बढ़ते जा रहे हैं। केदारनाथ में बुधवार को 18 शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अपनों को शायद यह पता भी नहीं कि उस भयावह रात को साथ छोड़ चुके मां-बाप, भाई या बहन को चिता नसीब हो गई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सत्यव्रत के मुताबिक सभी के डीएनए व शवों के पास से बरामद वस्तुओं को सुरक्षित रख लिया गया है। सभी शवों के फोटो भी लिए गए हैं। शवों के दाह-संस्कार तेजी से कि‍ए जा रहे हैं। गंगा से लाशें निकालने के लिए हरिद्वार में नेवी की तैनाती की गई है।

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