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Wednesday, December 19, 2012

सुधार के एजंडे को लागू करने में अंबेडरकरवादी बड़े काम के साबित हो रहे हैं!

सुधार के एजंडे को लागू करने में अंबेडरकरवादी बड़े काम के साबित हो रहे हैं!

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


आरक्षण की राजनीति ने खूब गुल खिलाये। राज्यसभा में अनुसूचियों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए विधेक पास कराने में अल्पमत ​​सरकार को भाजपा, तृणमूल कांग्रेस    और वामपंथियों के खुले समर्थन से कोई दिक्कत नहीं हुई। समाजवादियों ने वहां भी जोरदार विरोध​ ​ किया था। लेकिन बेहतर हालत में होने और भाजपा, वामपंथियों व तृणमूल के समर्थन के बावजूद लोकसभा में यह मामला अभूतपूर्व हंगामे की वजह से खटाई में पड़ गया। पर लंबे अरसे से लंबित कंपनी बिल और बैंकिंग बिल पारित करा लिये गये। अब बीमा और पेंशन विधेयक की बारी ​​है। सुधार के एजंडे को लागू करने में अंबेडरकरवादी बड़े काम के साबित हो रहे हैं।बैकिंग सुधार कानून संशोधन विधेयक के विरोध में बैकिंग उद्योग की अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों के आहवान पर कल बैंककर्मी हडताल पर रहेंगे। हालांकि यूपीए सरकार का महत्वाकांक्षी भूमि अधिग्रहण बिल लटक गया है।अब इस बिल पर संसद के अगले सत्र में बहस होगी. सांसदों ने वक्त नहीं होने की बात कही-जिसकी वजह से इस पर बहस टाल दी गई है।खास बात यह है कि इस विधेयक के मौजूदा प्रारुप का बाजार और उद्योग जगत की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है। जाहिर है कि राजनीतिक कारण नहीं, इस विधेयक के पीछे सीदे तौर पर कारपोरेट लाबिइंग है।

लोकसभा ने बैकिंग कानून विधेयक 2012 को ध्वनिमत से 18 दिसंबर 2012 को पारित किया. केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदम्बरम के अनुसार इस विधेयक के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ छोटे बैंकों को मिलाकर विश्वस्तर के दो-तीन बड़े बैंक बनाए जाने हैं। बैकिंग क्षेत्र हेतु भारतीय रिजर्व बैंक एक नियामक प्राधिकरण बना रहेगा और भारतीय स्पर्धा आयोग केवल प्रतिस्पर्धी पद्धतियों के मामलों को देखेगा। प्रत्येक वर्ष बैंकों की 6 हजार शाखाएं खोली जानी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने आज कहा कि नये बैंकिंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।लोकसभा ने मंगलवार को कंपनी विधेयक पारित कर दिया और सरकार ने कहा कि इसका लक्ष्य कंपनियों को इंस्पेक्टर राज के बजाय स्वेच्छा से समाज कल्याण के लिए उत्साहित करने तथा कर्मचारियों एवं छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।

आर्थिक सुधारों की ओर नए फैसले और मजबूत अंतर्राष्ट्रीय संकेतों के दम पर बाजार 0.5 फीसदी चढ़े। साथ ही, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में भी मजबूती आने से बाजार उछले।

सेंसेक्स 111 अंक चढ़कर 19476 और निफ्टी 33 अंक चढ़कर 5930 पर बंद हुए। दिग्गजों के साथ छोटे शेयरों में भी खरीदारी नजर आई।  हालांकि, निफ्टी मिडकैप सुस्ती पर बंद हुआ।

पदोन्नति में अनुसूचित जाति-जनजाति को आरक्षण देने से संबंधित विधेयक के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के कड़े विरोध से लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ी राहत मिल सकती है जहां उसके कई सांसद कथित तौर पर विधेयक के खिलाफ हैं। लोकसभा में समाजवादी पार्टी के भारी हंगामे और हाथापाई से विचलित हुए बिना सरकार ने प्रमोशन रिजर्वेशन बिल गुरुवार को सदन में पेश करने का ऐलान किया है। बिल को राज्यसभा की मंजूरी मिल चुकी है। उधर, राज्य सभा में बिल पर साथ देने वाली बीजेपी लोकसभा में सरकार को 'गुगली' दे सकती है। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की मानें तो बीजेपी इस बिल के विरोध में वोट करने जा रही है। स्वामी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी।अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा सदस्य विभाजित दिखे। सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

हालांकि सरकार ने कहा कि वह यह विधेयक लोकसभा में लाएगी लेकिन सपा ने स्पष्ट कर दिया कि वह इसका मुखर विरोध करेगी। केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी जब लोकसभा में यह विधेयक पेश कर रहे थे तब सपा सदस्य यशवीर सिंह ने उनके हाथसे आज यह विधेयक छीन लिया था।

सदन में उस समय नाटकीय स्थिति पैदा हो गयी जब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया और सिंह से विधेयक की प्रति लेने का प्रयास किया। सिंह ने उसे अपने पार्टी सहयोगी नीरज शेखर को फेंक दिया।

विपक्षी सदस्यों द्वारा सरकार पर जल्दीबाजी करने के आरोपों के बीच भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास विधेयक 2011 मंगलवार को संसद के बजट सत्र के लिए स्थगित कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राजनाथ सिंह ने कहा, "या तो वर्तमान सत्र का विस्तार कीजिए या फिर इसे अगले सत्र में लाइए। सरकार बिना बहस के विधेयक को लाने की जल्दी में है।"
संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "यह महत्वपूर्ण विधेयक है। हम इसे बजट सत्र में पहले पेश करेंगे।"

मंत्रिमंडल ने इस विधेयक पर पिछले हफ्ते ही स्वीकृति दी थी। विधेयक मंगलवार को विचार एवं पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया गया था।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भी लोकसभा अध्यक्ष से विधेयक को अगले वर्ष बजट सत्र तक के लिए स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कहा, "हमें अध्ययन के लिए समय चाहिए।"

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बासुदेव आचार्य ने कहा कि उनकी भी पार्टी को विधेयक को पढ़ने के लिए समय चाहिए।

उन्होंने कहा, "इसमें 155 संशोधन हैं। हमें इसके अध्ययन के लिए समय चाहिए।"

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने भी विधेयक को अगले सत्र में पेश करने की मांग की।

लोकसभा में कल दो प्रमुख विधेयक पारित होने के बाद योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज कहा कि इससे निवेशकों को अच्छा संकेत जाएगा और लोग यह समझेंगे कि देश में नीतियों को लेकर कोई राजनीतिक गतिरोध नहीं है। लोकसभा ने बैंकिंग (संशोधन) विधेयक तथा कंपनी विधेयक कल देर शाम पारित कर दिया। उद्योग मंडल सीआईआई के स्वास्थ्य सम्मेलन के दौरान अहलूवालिया ने कहा, ''वास्तविकता यह है कि ये महत्वपूर्ण विधेयक सकारात्मक संकेत देगा कि नीतियों को लेकर कोई राजनीतिक गतिरोध नहीं है..चीजों पर बहस हो सकती है और राय अलग-अलग हो सकते हैं और हम आगे बढ़ते हैं।'' जहां बैंकिंग विधेयक से क्षेत्र में नये लोग और निवेश आ सकेंगे वहीं कंपनी विधेयक पारदर्शी कंपनी कामकाज सुनिश्चित करने के साथ छोटे निवेशकों तथा कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेगा।

इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''मैं काफी खुश हूं। हम आगे बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे। मुझे लगता है कि दुनिया चाहती थी कि हम आगे बढ़ें।'' यह पूछे जाने पर कि क्या बीमा तथा पेंशन से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों पर संसद के अगामी बजट सत्र में विचार किया जाएगा, उन्होंने कहा, ''निश्चित रूप से।'' इससे पहले, स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण नहीं करेगा और उनके हित तथा निवेश की रक्षा की जाएगी।

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