सात साल से कोई काम नहीं हुआ, हाथ से निकलने वाला है कुल्टी कोयला ब्लाक!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
सात साल पहले मिले कुल्टी कोयला ब्लाक पर राज्य खनिज व विपणन निगम ने कोई का नहीं किया और अब कोयला मंत्रालय ने इस मामले में सत्तर लाख की बैंक गारंटी की चिट्ठी थमा दी है। सत्ता में आने के दो साल बीतने के बाद भी नई सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया है और अब यह कोयला ब्लाक हाथ से निकलने वाला है।निगम को 2 अगस्त, 2006 में कुल्टी कोल ब्लाक आबंटित किया था कोयला मंत्रालय ने,जिसमें 21 लाख टन कोयला है। यह कोयला निकाल लिया जाता तो बिजली की किल्लत काफी हद तक कम हो सकती थी और जनता को बढ़ी हुई दरों पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ता।बैंक गारंटी जमा देने के लिए कोयला मंत्रालय ने तीन महीने की मोहलत दी है। राज्य की खस्ती हाल माली हालत के लिए यह नयी समस्या उठ खड़ी हुई है।
कोई काम नहीं हुआ, इसके बावजूद इस कोयला ब्लाकका आबंटन रद्द नहीं किया जा रहा है, बशर्ते की राज्य सरकार केंद्र को मिलने वाली एक साल की रायल्टी के बराबर सत्तर लाख की बैंक गारंटी जमा कर दे। कोयला मंत्रालय ने अपने खत में निगम को यह हिदायत दी है।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक कोयला ब्लाक आबंटन के बाद ओपन कास्ट माइनिंग के लिए संबद्ध ब्लाक का विकास 36 महीने के अंदर हो जाना चाहिए। वनक्षेत्र में यह अवधि 42 महीने की है। तीन महीन के भीतर प्रगति की रपट देने की बाध्यता भी है।भूगर्भीय खान होने की स्थिति में कोयला ब्लाक के विकास के लिए 48 महीने और वनक्षेत्र में 54 महीने की अवधि तय की गयी है। निगम ने इन शर्तों का पालन नहीं किया है।
इससे पहले पिछले साल 4 मई को निगम को कोयला मंत्रालय की ओर से नोटिस भी जारी की गयी थी, लेकिन इसके बावजूद निगम ने कुछ नहीं किया। अभी इस परियोजना के लिए वन विभाग की अनुमति नहीं ली गयी है ौर न भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरु की गयी है।
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