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Tuesday, December 11, 2012

Fwd: [The Maker Of The Universe:Dr.B.R.Ambedkar] नागवंशी प्रश्न ....(Corrolary ऑफ़ मिलिंद प्रश्न)...



---------- Forwarded message ----------
From: Dheeraj Khaparde <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2012/12/11
Subject: [The Maker Of The Universe:Dr.B.R.Ambedkar] नागवंशी प्रश्न ....(Corrolary ऑफ़ मिलिंद प्रश्न)...
To: "The Maker Of The Universe:Dr.B.R.Ambedkar" <TheMakerOfTheUniverse@groups.facebook.com>


नागवंशी प्रश्न ....(Corrolary ऑफ़ मिलिंद...
Dheeraj Khaparde 4:47pm Dec 11
नागवंशी प्रश्न ....(Corrolary ऑफ़ मिलिंद प्रश्न) ...........क्रमश: .................

इनका मिशन (धंदा) ऐसे चलता है ........................

नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : साहेब! इस आन्दोलन में कांशीराम से आपने क्या सबक लिया?
साहेब : अबे! आगे बढ़ने का सारा सबक उन्ही से तो लिया, मेरा अपना कुछ भी नहीं है!
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : वो कैसे, साहेब जी!
साहेब : मैं उन्ही के नक़्शे-कदम पर तो चल रहा हूँ! कांशीराम जी जब बामसेफ के प्रमुख थे - तो वह भाषण करते थे और कोई नहीं! मै भी आपने निजी बामसेफ संघठन में केवल मै ही भाषण करता हूँ और किसी को संघठन में उठने ही नहीं देता दो-चार चमचो को छोड़कर! पहले ऐसा करके कांशीराम ने बामसेफ में अपनी मसीहाई इमेज बनाई और लोग उनके कायल हो गए; अब मैं आपने निजी बामसेफ संघठन में वैसा ही करके अपनी मसीहाई छवि निर्माण कर ली है तथा लोग अब मेरे कायल हो गए हैं ! कांशीराम ने भी अपना एकाधिकार ज़माने के लिए आपने साथियों को धोका दिया और मैंने भी एक-एक करके आपने सम्पूर्ण महत्वपूर्ण साथियों को ब्राह्मणवादी, कांग्रेस-वादी कहकर संघठन से बहार का रास्ता दिखा दिया है ! उन्होंने भी अकेले ही BSP राजनैतिक पार्टी संघठन के लोगों के विरोध में जाकर बनायीं और मैंने भी JSP राजनैतिक पार्टी आपने संघठन के लोगों से बिना पूछे ही बनाई! कांशीराम ने भी अवसरवादी लोगों को अवसर देकर मौलिक कार्यकारों को गड्ढे में दाल दिया और मैं तो डाल ही रहा हूँ ! मैंने अन्कोदिया जज को जो हमारा कार्यकर भी नहीं है, केवल वक्ता है; उसको JSP (जन सत्ता पार्टी) का अध्यक्ष बना दिया! जो हमारे कार्यकर्ता ही नहीं हैं , उनको अभी-अभी मैं ब्रिटेन की हवाई सैर करा के लाया! और तुझको क्या-क्या बताऊँ ?.........
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : साहेब डी के खापर्डे साहेब से भी तो आपने कुछ सिखा होगा ?
साहेब : वो टायं-टायं करके मुझको बहुत सिखाता था लेकिन मैं सिखने का केवल नाटक करता था ! वो कहता था कि हम लोगों को बामसेफ को समाज की महान संस्था के तौर पर विकसित करना है, खुद फटीचर की तरह रहता था और हमको भी फटिचार की तरह ही रहने को कहता था! कहता था बामसेफ संस्था हमने यह लोगों की खून-पसीने की कमाई और उनके विस्वास पर खड़ी की हुई है इसलिए इसमें पारदर्शता, अनुशासन, नियंत्रण और निर्देशन का कठोरता से पालन करना होगा ! मैंने उनसे केवल भाषण करना सिखा, बाकी की बातों पर तवज्जो नहीं दिया ! क्योंकि हमारे लोग तो चूतिये भाषण सुन कर ही मसीहा समझने लगते हैं , लोगों के इस मनो-विज्ञानं को मैं भली-भांति जनता हूँ!
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : तब लोगों की आज़ादी की आशाएं जो आप के ऊपर है , उनका क्या होगा साहेब जी?
साहेब : हमारे लोगों को बहुत जल्दी भूलने की आदत है !
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : तब हम जैसे पूर्ण-कालीन कार्यकरों का क्या होगा साहेब जी?
साहेब : तेरे जैसे लोग अब JSP के लिए झंडा-बिल्ला लेकर प्रचार-प्रसार करते रहेंगे !
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : लेकिन साहेब अपने तो झांसा दिया था कि हम लोग ही वास्तविक नेता बनेंगे, आईएस, आईपीएस अधिकारीयों को निर्देश देने वालें बनेंगे !
साहेब : अबे! चुतिया जो मैं कहता हूँ वो करता थोड़े ही हूँ ! तुम साले फटीचर लोग कहाँ से नेता बन जावोगे, चुनाव लड़ने के लिए बहुत पैसा लगता है, जो पैसा देगा मुझे उसको मैं टिकेट दूंगा कांशीराम कि तरह!
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : और साहेब देश भर के कर्यकर्तावों का क्या होगा, जिन्होंने आपको बढाया ?
साहेब : साले कार्यकर्ता तो कार्य कर-कर के, पैसा इकट्ठा कर-कर के, अधिवेशनों में आ-आ कर पहले से ही कंगाल हो गए हैं, उनके पास कहाँ हैं पैसा चुनाव लड़ने के लिए ? जिन्होंने कभी समाज के नाम पर पैसा ही नहीं निकाला उनके पास पैसा है और उन्ही अवसरवादियों को मैं कांशीराम कि तरह टिकेट देकर पैसा लेकर जित्वाऊंगा !
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : साहेब ये तो आप इतिहास को दोहराने जा रहे हो !
साहेब : अबे! चूतिये लोगों को इतिहास ही कहाँ पता रहता है जो भूलेंगे ? सब सामान्य हो जाता है!
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : साहेब!....................
साहेब : अबे! चूतिये सब कुछ आज ही पूछ डालेगा क्या ? चल अम्बादे को फ़ोन पर पूछ कर आ कि जो मेरे पतले होने कि जो दवाई चल रही थी उसका ढाई लाख का बिल दिया कि नहीं ? और मगरे को मेरे से बात करने के लिए बोल! मुंबई से कोई खबर आयी क्या ?
नागवंशी (पूर्ण-कालीन कार्यकर) : जी साहेब!

नागवंशी प्रश्न ................क्रमश जारी है

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