---------- Forwarded message ----------
From: rihai manch <rihaimanchindia@gmail.com>
Date: 2012/11/12
Subject: press note on sp govt statement regarding release of innocents
To: "rajeev.pucl" <rajeev.pucl@gmail.com>
From: rihai manch <rihaimanchindia@gmail.com>
Date: 2012/11/12
Subject: press note on sp govt statement regarding release of innocents
To: "rajeev.pucl" <rajeev.pucl@gmail.com>
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
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मुकदमें वापस लेने के नाम पर गुमराह कर रही है सरकार- रिहाई मंच
बेगुनाहों की रिहाई के मुद्दे पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराना चाहती है सपा
लखनऊ 11 नवम्बर 2012/ रिहाई मंच ने प्रदेश की सपा सरकार द्वारा पिछले
दिनों जारी बयान कि सरकार आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को रिहा करने
वाली है को जनता को गुमराह करने वाला करार दिया है। संगठन का कहना है कि
यदि सरकार सचमुच इस मसले का समाधान करना चाहती तो आरडी निमेष जांच आयोग
को सार्वजनिक करती जो उसके पास लम्बे समय से पड़ी है और कचहरी विस्फोट
में पकडे़़ गये निर्दोषों को छोड़ चुकी होती और दूसरे अन्य मामलों पर भी
जांच आयोग गठित करती और निर्दोषों को छोड़ती और वास्तविक दोषियों को
पकड़ती। लेकिन ऐसा करने के बजाए वह सिर्फ अखबारों में बयानबाजी कर न्याय
के इस मसले को साम्प्रदायिक रूप देने पर तुली है।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के संयोजक मोहम्मद शुऐब
और प्रवक्ताओं राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि सपा प्रवक्ता
राजेंद्र चैधरी एक तरफ तो इन गिरफ्तारियांे को पिछली बसपा सरकार के मथ्थे
मढ़ कर इस पर ओछी राजनीति करना चाहते हैं, जबकि सपा की सरकार में ही
सीतापुर से शकील और आजमगढ़ के जामतुल फलाह के छात्रों वसीम बट्ट और
सज्जाद बट्ट को एटीएस ने आतंकवाद के नाम पर पकड़ा। यहां तक कि शकील
के भाई नदवा के मुलाजिम इसहाक को प्रदेश की एटीएस लगातार उत्पीडि़त करती
रही है। वहीं प्रतापगढ़ के शौकत को भी उठाने की भी कोशिश यूपी एटीएस ने
की थी जिसकी शिकायत शौकत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से की थी,
पर आज तक अखिलेश इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पाए और न ही उनकी इस
समाजवादी सरकार में जो एटीएस और खुफिया एजेंसियां सांप्रदायिक आधार पर
मुसलमानों को उत्पीडि़त कर रही हैं, उन पर कोई कार्यवाई करने की हिम्मत
कर पाए।
कचहरी विस्फोटों में बंद मडियाहूं, जौनपुर के खाालिद जिनकी गिरफ्तारी पर
उठे सवालों की जांच के लिये निमेष आयोग गठित हुआ था, के भाई की पत्नी का
एटीएस के गुंडे पीछा करते हुए धमकी देते हैं। जिस पर परिजनों को एफआईआर
दर्ज करानी पड़ती है। आतंकवादी घटनाओं के मुकदमें वापस लेने की बात करने
वाली सपा बताए की जिस रामपुर के फर्जी आतंकी घटना जो दरअसल सीआरपीएफ के
रंगरुटों द्वारा नए साल के जश्न में दारु के नशे में आपसी गोलीबारी का
नतीजा थी पर उन्होंने उस समय रामपुर में सम्मेलन करके क्यूं मारे गये
लोगों को शहीद बताया था जबकि आज वो उन मुकदमों को ही वापस लेने की बात कर
रही है।
दरअसल होना तो यह चाहिए था कि वो रामपुर समेत सभी कथित आतंकी घटनाओं की
न्यायिक जांच कराती और निर्दोषों को छोड़ती। क्योंकि निर्दोषों की रिहाई
के साथ ही इन कथित घटनाओं में मारे गए लोगों के इंसाफ का सवाल भी जुड़ा
है। ऐसे में सपा प्रवक्ता के बयान को सिवाय गुमराह करने की कोशिश के
अलावा कुछ नहीं समझा जा सकता है।
रिहाई मंच के नेताओं ने जारी बयान में यह भी कहा कि सरकार एक तरफ तो
उन्हें छोडने की बात कर रही है जबकि इसी सरकार के दौरान इन निर्दोषों का
सबसे ज्यादा उत्पीड़न जेलों में हो रहा है। जिसकी तस्दीक कचहरी विस्फोटों
में बंद तारिक कासमी के उस पत्र में होती है, जिसमें उन्होंने लखनऊ जेल
के अधिकारियों पर साम्प्रदायिक आधार पर गाली गलौज करने और मारने पीटने का
आरोप लगाया है। रमजान और ईद के दौरान और उसके बाद आज भी लगातार राजधानी
की लखनऊ जेल में हो रहे इस उत्पीड़न के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई
कार्यवाई नहीं हुई।
रिहाई मंच ने सपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो
सरकार मुकदमों को वापस लेने की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी
एटीएस के अधिकारी इस्लामाफोबिया से ग्रस्त और पूरे दुनिया के सबसे बड़े
आतंकवादी देश इसराइल और अमरीका ट्रेनिंग के लिए भेजे जाते हैं। पीलीभीत
में मुसलमानों को भाषण द्वारा धमकाने के आरोपी वरुण गांधी पर लगे मुकदमे
को हटाने की सिफारिश सपा सरकार करती है। दंगों के दौरान तो मुसलमानों का
हाल जानने मुख्यमंत्री के कुनबे का कोई नहीं आता लेकिन शिवपाल सात समन्दर
पार इसराइल चले जाते हैं। मुस्लिम वोटों के बदौलत यूपी की सत्ता पाए
अखिलेश फैजाबाद से सटे गोंडा में जाकर बाबरी विध्वंस में अहम भूमिका
निभाने वाले सपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह द्वारा आयोजित कुश्ती का
उद्घाटन कर सकते हैं, लेकिन फैजाबाद जाकर मुसलमानों से नहीं मिल सकते।
जिनके तीन सौ से ज्यादा घर और दुकानें प्रदेश पुलिस की साम्प्रदायिक
जेहनियत के चलते खाक हो चुके हैं।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
__________________________________________________________________
110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
Office - Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the
name of Terrorism
Email- rihaimanch@gmail.com
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मुकदमें वापस लेने के नाम पर गुमराह कर रही है सरकार- रिहाई मंच
बेगुनाहों की रिहाई के मुद्दे पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराना चाहती है सपा
लखनऊ 11 नवम्बर 2012/ रिहाई मंच ने प्रदेश की सपा सरकार द्वारा पिछले
दिनों जारी बयान कि सरकार आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को रिहा करने
वाली है को जनता को गुमराह करने वाला करार दिया है। संगठन का कहना है कि
यदि सरकार सचमुच इस मसले का समाधान करना चाहती तो आरडी निमेष जांच आयोग
को सार्वजनिक करती जो उसके पास लम्बे समय से पड़ी है और कचहरी विस्फोट
में पकडे़़ गये निर्दोषों को छोड़ चुकी होती और दूसरे अन्य मामलों पर भी
जांच आयोग गठित करती और निर्दोषों को छोड़ती और वास्तविक दोषियों को
पकड़ती। लेकिन ऐसा करने के बजाए वह सिर्फ अखबारों में बयानबाजी कर न्याय
के इस मसले को साम्प्रदायिक रूप देने पर तुली है।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के संयोजक मोहम्मद शुऐब
और प्रवक्ताओं राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि सपा प्रवक्ता
राजेंद्र चैधरी एक तरफ तो इन गिरफ्तारियांे को पिछली बसपा सरकार के मथ्थे
मढ़ कर इस पर ओछी राजनीति करना चाहते हैं, जबकि सपा की सरकार में ही
सीतापुर से शकील और आजमगढ़ के जामतुल फलाह के छात्रों वसीम बट्ट और
सज्जाद बट्ट को एटीएस ने आतंकवाद के नाम पर पकड़ा। यहां तक कि शकील
के भाई नदवा के मुलाजिम इसहाक को प्रदेश की एटीएस लगातार उत्पीडि़त करती
रही है। वहीं प्रतापगढ़ के शौकत को भी उठाने की भी कोशिश यूपी एटीएस ने
की थी जिसकी शिकायत शौकत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से की थी,
पर आज तक अखिलेश इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पाए और न ही उनकी इस
समाजवादी सरकार में जो एटीएस और खुफिया एजेंसियां सांप्रदायिक आधार पर
मुसलमानों को उत्पीडि़त कर रही हैं, उन पर कोई कार्यवाई करने की हिम्मत
कर पाए।
कचहरी विस्फोटों में बंद मडियाहूं, जौनपुर के खाालिद जिनकी गिरफ्तारी पर
उठे सवालों की जांच के लिये निमेष आयोग गठित हुआ था, के भाई की पत्नी का
एटीएस के गुंडे पीछा करते हुए धमकी देते हैं। जिस पर परिजनों को एफआईआर
दर्ज करानी पड़ती है। आतंकवादी घटनाओं के मुकदमें वापस लेने की बात करने
वाली सपा बताए की जिस रामपुर के फर्जी आतंकी घटना जो दरअसल सीआरपीएफ के
रंगरुटों द्वारा नए साल के जश्न में दारु के नशे में आपसी गोलीबारी का
नतीजा थी पर उन्होंने उस समय रामपुर में सम्मेलन करके क्यूं मारे गये
लोगों को शहीद बताया था जबकि आज वो उन मुकदमों को ही वापस लेने की बात कर
रही है।
दरअसल होना तो यह चाहिए था कि वो रामपुर समेत सभी कथित आतंकी घटनाओं की
न्यायिक जांच कराती और निर्दोषों को छोड़ती। क्योंकि निर्दोषों की रिहाई
के साथ ही इन कथित घटनाओं में मारे गए लोगों के इंसाफ का सवाल भी जुड़ा
है। ऐसे में सपा प्रवक्ता के बयान को सिवाय गुमराह करने की कोशिश के
अलावा कुछ नहीं समझा जा सकता है।
रिहाई मंच के नेताओं ने जारी बयान में यह भी कहा कि सरकार एक तरफ तो
उन्हें छोडने की बात कर रही है जबकि इसी सरकार के दौरान इन निर्दोषों का
सबसे ज्यादा उत्पीड़न जेलों में हो रहा है। जिसकी तस्दीक कचहरी विस्फोटों
में बंद तारिक कासमी के उस पत्र में होती है, जिसमें उन्होंने लखनऊ जेल
के अधिकारियों पर साम्प्रदायिक आधार पर गाली गलौज करने और मारने पीटने का
आरोप लगाया है। रमजान और ईद के दौरान और उसके बाद आज भी लगातार राजधानी
की लखनऊ जेल में हो रहे इस उत्पीड़न के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई
कार्यवाई नहीं हुई।
रिहाई मंच ने सपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो
सरकार मुकदमों को वापस लेने की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी
एटीएस के अधिकारी इस्लामाफोबिया से ग्रस्त और पूरे दुनिया के सबसे बड़े
आतंकवादी देश इसराइल और अमरीका ट्रेनिंग के लिए भेजे जाते हैं। पीलीभीत
में मुसलमानों को भाषण द्वारा धमकाने के आरोपी वरुण गांधी पर लगे मुकदमे
को हटाने की सिफारिश सपा सरकार करती है। दंगों के दौरान तो मुसलमानों का
हाल जानने मुख्यमंत्री के कुनबे का कोई नहीं आता लेकिन शिवपाल सात समन्दर
पार इसराइल चले जाते हैं। मुस्लिम वोटों के बदौलत यूपी की सत्ता पाए
अखिलेश फैजाबाद से सटे गोंडा में जाकर बाबरी विध्वंस में अहम भूमिका
निभाने वाले सपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह द्वारा आयोजित कुश्ती का
उद्घाटन कर सकते हैं, लेकिन फैजाबाद जाकर मुसलमानों से नहीं मिल सकते।
जिनके तीन सौ से ज्यादा घर और दुकानें प्रदेश पुलिस की साम्प्रदायिक
जेहनियत के चलते खाक हो चुके हैं।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
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110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
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name of Terrorism
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